Hindi Poem: सुनो सखी ! तुम कैसी हो ?जैसी पहले थी क्या अब भी वैसी हो ?या मेरी तरह आंसू झुर्रियों में छिपा लेती हो ,कोई हाल पूछता है तो मुस्कुरा लेती हो ।मैं नहीं देख पाती दीवार के उस पार तुम्हें ,मगर मैं हर रोज सुनती हूं ,तुम पर कसते हुए उन तानों को […]
