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अब और नहीं – 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां जम्मू

सुमन शनीचर और इतवार के दिन घर के काम में माँ का हाथ बटाती थी। घर के सारे काम जो बाहर जा कर करने पड़ते थे, उसी के जिम्मे थे। पशुओं के लिए चारा लाना, ईंधन बटोरना, चक्की पर आटा पिसवाना आदि वही देख लेती थी। उस दिन भी कम्मो और राधा के साथ वह […]

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