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Lord Ganesha: विघ्रहर्ता हैं भगवान गणेश

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और दु:खहर्ता भी कहा जाता है। सितंबर से आरंभ होने वाले गणेश चतुर्थी पर्व की धूम महाराष्ट्र में 10 दिनों तक देखते ही बनती है। आइए जानें विस्तार से इस पर्व की महत्ता।

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वाल्मीकि रामायण: राम और जनमानस के बीच सेतु हैं वाल्मीकि

अश्विन मास की शरद पूर्णिमा को महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। वाल्मीकि रामायण को अक्सर लोगों की पसंदीदा रामायण कथा में दर्जा दिया गया है। सुप्रसिद्घ महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना कर आदिकवि वाल्मीकि ने श्री राम के उज्ज्वल चरित्र को जन-जन तक पंहुचाया। महर्षि वाल्मीकि ने सुप्रसिद्घ महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना की। ये संस्कृत […]

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संकट हरण है अनंत चतुर्दर्शी व्रत

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान अनंत की पूजा की जाती है। व्रत का संकल्प लेकर अनंत सूत्र बांधा जाता है। इस व्रत को करने से संकटों का नाश और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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सौभाग्य प्राप्ति का पर्व- हरतालिका तीज

ऐसी मान्यता है कि सर्वप्रथम मां पार्वती ने शिव जी को प्रसन्न कर उन्हें इच्छित वर के रूप में पाने हेतु हरतालिका तीज का व्रत रखा था। इस व्रत की महिमा को जानते हैं लेख से।

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जन-जन के प्रिय तुलसीदास

श्रावण मास की अमावस्या के सातवें दिन तुलसीदास की जयंती मनाई जाती है। ‘रामचरितमानसÓ उनकी अमर कृति है। तुलसीदास को जन-जन का कवि भी माना जाता है। आइए लेख से जानें उनकी जीवन यात्रा को।

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