Posted inहिंदी कहानियाँ

कैक्टस – 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां छत्तीसगढ़

उस दिन पूजा के लिए फूल तोड़ते समय मेरे हाथ अचानक जहां के तहां रुक गए थे, एक चिरपरिचित मधुर आवाज अचानक मेरे कानों में गूंजी थी, “दीदी” ई ई ई…… मैनें पलट कर देखा तो देखती ही रह गई थी। कुछ क्षण रुक कर, फूलों की टोकरी वहीं रख मैं दौड़ पड़ी थी, “अरे, […]

Gift this article