Posted inलघु कहानी - Short Stories in Hindi, हिंदी कहानियाँ

आखिरी फैसला-गृहलक्ष्मी की कहानियां

“तो फिर ये आपका आखिरी फैसला है?”विस्मय से भरे नेत्रों से मैंने उससे पूछा तो वो साधारण रूप रंग वाली, डेढ़ पसली की महिला जिसके चेहरे पर चट्टान सी दृढ़ता थी,वो सपाट, भाव विहीन आंखें से मुझे देखते बोली… “मैम!जहां आत्म सम्मान नहीं,खुद अपनी निगाहों में गिर जाएं उस संबंध को खींचना बेमानी हो जाता […]

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मायाजाल-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahani: यकीन नहीं होता अपनी आंखों पर!आंखें मलते हुए उसने देखा था,सामने से आती वो महिला बिलकुल उसकी सखी वान्या सी ही दिख रही थी पर उसे हुआ क्या?वो तो बहुत खूबसूरत, स्मार्ट और मॉडर्न तरीके से रहती थी, अचानक ये कायापलट हुआ कैसे? ये तो कितनी बूढ़ी लग रही है, अंदर को धंसी […]

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“ये बचपना क्यों”-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Kahaniya: आज बहुत उमस थी। पेड़ पर एक पत्ता भी नही हिल रहा था।ऐसा लग रहा था, तेज़ बारिश होने से पहले का गुबार भरा हो माहौल में।सारिका अभी अभी दफ्तर से लौटी थी। सारा दिन काम की व्यस्ताओं में डूबी रही और अब मौसम की मार,ऐसे में सिर्फ एसी ही कुछ राहत दे […]

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