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हैप्पी होली, दाग अच्छे हैं! – व्यंग्य

Hindi Vyangya: वे अब किसी की नहीं सुनते। प्रभु बहरे होते हैं। उनके दर्शन भी दुर्लभ हो गये हैं। प्रभु अंतर्यामी होते हैं। कभी मिल गये तो ऐसे देखते हैं मानो हम किसी दूसरे ग्रह से उतरे हुए प्राणी हैं। उन्होंने मुझे घूरा और जैसे मेरी गरेबान पकड़ ली, ‘तो क्या करूं? होली आपसी बुराई […]

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