मम्मी-पापा आदाब! मैं कल शाम बखैरियत यहाँ हॉस्टल पहुँच गया हूँ और आज सुबह आप लोगों को यह खत लिख रहा हूँ। मेरा सफर बहुत अच्छा कटा। मम्मी के दिए हुए पराठे मैंने रास्ते में खाए। सच, बहुत मजा आया, मगर हर निवाले पर मम्मी की याद आती रही। रास्ते में राजू बराबर मेरी हिम्मत […]
