उस छोटे-से स्टेशन पर रेल रुकी। समीर उतरा। प्लेटफार्म खचाखच भरा हआ था। उसे पता था कि यह गरुवार के कारण है। इस गांव-नमा कस्बे में मंदिर जो है, वह इस वार को भीड़-भरा होता है। फिर आज तो गजाधर महाराज, जिनके नाम पर मंदिर है, उनकी जन्म-तिथि भी थी। वह धीरे-धीरे चलता हुआ स्टेशन […]
