Kala-Gora Nahi, Pyaar ka Ek hi Rang
Kala-Gora Nahi, Pyaar ka Ek hi Rang

Summary: :तानों के पार… प्रेम की जीत- गौरी और अरुण की अनसुनी दास्तान

गौरी और अरुण की प्रेम कहानी समाज के तानों, ट्रोलिंग और रंगभेद के बीच भी अडिग रही। 14 साल की इस यात्रा ने साबित कर दिया कि प्यार सिर्फ दिल की बातें समझता है, रंग की नहीं।

Hindi Love Story: एक दुबली-पतली, गोरी-सी लड़की जिसे देखकर कोई भी कह दे कि इसका जीवन किसी परियों की कहानी जैसा होगा और दूसरी ओर अरुण..गहरा रंग, शांत स्वभाव, और आंखों में समंदर जितनी गहराई। जब दोनों साथ चलते थे, लोग अक्सर गौरी के गोरेपन और अरुण के कालेपन की तुलना करते। ताने उड़ते थे, हंसी उड़ाई जाती थी, सोशल मीडिया पर तस्वीरें तक ट्रोल होती थीं। लेकिन ये लोग क्या जानते थे कि इनके रंग अलग हो सकते हैं, पर दिलों का रंग बिल्कुल एक सा था प्यार का।

14 साल पहले, कॉलेज की लाइब्रेरी में हुई पहली मुलाकात बहुत साधारण थी, लेकिन दोनों के लिए बहुत खास। गौरी उस दिन अपनी फेवरेट किताब ‘The Alchemist’ ढूंढ रही थी और ऊपर की शेल्फ तक नहीं पहुंच पा रही थी। अरुण पास ही था, और बिना कुछ कहे उसने किताब निकालकर उसे दे दी।

गौरी ने धन्यवाद कहा और अरुण ने हल्की-सी मुस्कान दी। कोई बड़ी बात नहीं थी, पर उस एक मुस्कान में जितनी सच्चाई थी, उतनी शायद किसी बड़े-से बड़े डायलॉग में भी नहीं होती।

लाइब्रेरी में शुरू हुई बातचीत कैंटीन तक पहुंची, फिर कैंटीन से कॉलेज के लंबे वॉकवे तक। गौरी को अरुण की बातों में गहराई पसंद थी वह कम बोलता था, लेकिन जो भी कहता था, दिल में उतर जाता था। और अरुण? उसे गौरी की खिलखिलाहट पसंद थी, जो उसकी खामोशी में रंग भर देती थी।

दोनों के बीच न कोई फिल्मी इजहार हुआ, न कोई प्लान्ड प्रपोजल। बस एक दिन गौरी ने कहा,  “तुम मेरे साथ हो तो सब आसान लगता है।”
अरुण ने सिर हिलाकर कहा, “और तुम साथ हो तो मैं खुद को बेहतर इंसान बनना चाहता हूं।” शब्द कम थे, लेकिन इकरार पूरा था।

जैसे-जैसे दोनों का रिश्ता खुला, ताने भी शुरू हो गए। इतनी गोरी लड़की और इतना काला लड़का?..लव स्टोरी या कॉन्ट्रास्ट फोटोग्राफी?..कुछ ढंग का नहीं मिला क्या?

दोस्तों ने हंसी उड़ाई, रिश्तेदारों ने सवाल उठाए, और सोशल मीडिया पर तो किसी ने उनकी फोटो पर ये तक लिख दिया, Beauty and the Beast Version 2.”
गौरी बहुत रोई। अरुण ने चुपचाप उसका हाथ पकड़कर कहा, “अगर मैं तुम्हारे रंग का नहीं, तुम्हारी दुनिया का नहीं हूं… तो छोड़ दो। लेकिन अगर मैं तुम्हारे दिल का हिस्सा हूं, तो दुनिया आपको रोक नहीं सकती।”

उस रात गौरी ने तय कर लिया, प्यार रंग से नहीं, रिश्ते की मजबूती से टिकता है।”

दोनों साथ बढ़ते गए। नौकरियां बदलीं, शहर बदले, कई बार दूरियां भी आईं। गौरी कभी बेवजह नाराज़ हो जाती, अरुण कभी जरूरत से ज़्यादा चुप। कभी पैसे कम पड़ते, कभी थकान जज़्बातों पर भारी पड़ती। पर दोनों ने एक-दूसरे को कभी छोड़ा नहीं।

अरुण हमेशा कहता, “हमारा रंग अलग हो सकता है, लेकिन हमारा संघर्ष एक है।”
गौरी हमेशा जवाब देती, “और जहाँ संघर्ष एक होता है, वहाँ प्यार जीतता है।”

जब शादी की बात उठी, सोशल मीडिया ने फिर मज़ाक उड़ाया। उनकी तस्वीरें मीम्स बनकर वायरल होने लगीं। लेकिन इस बार गौरी मुस्कुराई, “लोग हमारी फोटो पर कमेंट कर सकते हैं, हमारी जिंदगी पर नहीं।”

दोनों ने बहुत सादगी से, अपने करीबी लोगों के बीच शादी की। गौरी ने अरुण का हाथ पकड़ा तो उनकी आंखों में वही पुरानी, लाइब्रेरी वाली मुस्कान थी, “मैंने कहा था ना… तुम साथ हो तो मैं बेहतर इंसान बनना चाहता हूं।”
गौरी ने जवाब दिया, “और मैं तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी चलना चाहती हूं… चाहे दुनिया हमें कितना भी काला-गोरा कहे।”

आज 14 साल बाद भी गौरी कहती है, “अगर मैंने दुनिया की सुनी होती, तो आज मैं अपने सबसे खूबसूरत रिश्ते से दूर होती।”
अरुण कहता है, “मेरी कोई भी कमी गौरी के प्यार से हमेशा बड़ी पड़ गई।”

और ये दोनों साबित करते हैं..रंग बदल जाते हैं, चेहरे बदल जाते हैं, लोग बदल जाते हैं…
लेकिन जो रिश्ता सच्चाई, सम्मान और भरोसे पर खड़ा हो, उसे दुनिया का कोई ताना हिला नहीं सकता।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...