Summary: कई असफलताएं देखी विशाल ने
कई जगह फेल होने के बाद विशाल के करियर में बड़ा मोड़ तब आया जब वो छह साल के लिए हार्पिक के ब्रांड एम्बेसडर बने...
Vishal Malhotra Career: ‘इश्क-विश्क’ में शाहिद कपूर और अमृता राव के साथ दिखे एक्टर विशाल मल्होत्रा ने हाल ही में अपने करियर की उथल-पुथल भरी जर्नी के बारे में खुलकर बताया। एक TEDx टॉक में उन्होंने कहा कि उनकी ज़िंदगी एक रोलर कोस्टर जैसी रही। कभी ज़बरदस्त ऊंचाइयां, तो कभी अचानक नीचे गिरते पल। हर पल को याद करते हुए उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि शुरुआती दिनों में उन्हें लगता था कि वो दुनिया के टॉप पर हैं और कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन वे मानते हैं कि हर चढ़ाई के बाद फिसलन भी आती है, और नीचे जाते वक्त इंसान किसी न किसी चीज़ को पकड़कर संभलने की कोशिश करता है।
उन्होंने बताया कि कैसे धीरे-धीरे उन्हें एक तय छवि में बांध दिया गया। लोग उन्हें एक्टर से ज़्यादा ‘एंकर टाइप’ मानने लगे थे। उन्हें लगा कि फिर से वही पुरानी दीवार खड़ी हो गई है, लेकिन इस बार उन्होंने ठान लिया कि वो इसे खुद पर हावी नहीं होने देंगे। पैसे और भविष्य को लेकर उनकी समझ मां की सीख से आई थी। वो बताते हैं कि जब उन्हें पहला चेक मिला तो मां ने उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के शेयर ख़रीदने को कहा था…715 रुपए वाले। आगे चलकर यही निवेश उनके काम आया और उन्हें अपना रास्ता बदलने की हिम्मत मिली।
एड एजेंसी भी शुरू की विशाल ने
पहले उन्होंने एक एड एजेंसी शुरू की और फिर पेपर प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूटर बन गए। जरूरत पड़ी तो टॉयलेट रोल तक बेचे। उनके करियर में बड़ा मोड़ तब आया जब वो छह साल के लिए हार्पिक के ब्रांड एम्बेसडर बने। वो कहते हैं कि इन छह सालों ने उन्हें एक ब्रांड बनाया और उनकी पहचान बदली। फिर लॉकडाउन आया और जब पूरी इंडस्ट्री रुक गई थी, तो विशाल एनएफटी की दुनिया में चले गए। और यह कोई ऊपर-ऊपर का सेलिब्रिटी प्रयोग नहीं था, बल्कि असली दिल से किया गया काम था।
पहला काम लाखों में बिका

उनका एक एनएफटी आर्टवर्क 4.13 लाख रुपये में बिका, जो खुद उनके लिए भी हैरान करने वाला था। विशाल कहते हैं कि जिन कामों में उन्होंने एक्टिंग की, उनमें से ज़्यादातर का अधिकार कभी उनके पास नहीं था। एनएफटी ने उन्हें पहली बार अपने काम का मालिक होने का एहसास दिया। उन्होंने अपनी एनएफटी सीरीज़ बनाई, बेची और उसी पैसों से अपनी पहली फिल्म ‘आईआईएम’ बनाई, जिसे वो दुनिया की पहली 100% एनएफटी से फंड हुई फिल्म बताते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपना पॉडकास्ट ‘द विशाल आवर’ भी शुरू किया, जिसकी शुरुआत तो बस दोस्तों के साथ हुई एक कच्ची-सी रिकॉर्डिंग से हुई थी। आज वह 20 से ज़्यादा एपिसोड कर चुके हैं और कई कॉमेडियन, एक्टर्स और बिज़नेस लीडर्स को बुला चुके हैं।
ईमानदारी से काम करते रहो, सफल हो जाओगे
अंत में, अपने पूरे सफर को याद करते हुए वे कहते हैं कि उनके भीतर अब भी वही 17 साल का लड़का बैठा है जो बस लोगों को एंटरटेन करना चाहता है…चाहे टीवी हो, फिल्में हों, पॉडकास्ट हो या फिर बिज़नेस। उनकी सलाह भी इसी से निकली है कि ईमानदारी से काम करो, सच्चाई से काम करो और अपने सपने पर लगातार मेहनत करते रहो, क्योंकि असल में इंसान वही होता है जो उसका सपना होता है।
