Reconnect with Relatives on Diwali: कुछ रिश्तेदार ऐसे होते हैं जिन्हें बात-बात पर मुंह फुलाने की आदत होती है, ऐसे रिश्तेदारों को खुश का एक ही तरीका है- दिवाली। इस दिन आप उन्हें खास तरीकों से मना सकते हैं और अपने गिले-शिकवे दूर कर सकते हैं।
साल का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली दिलों में आशा, खुशियां और उमंग की नई लहर लेकर आता है। पांच दिन के दीपोत्सव का हर दिन खास होता है। सपनों का घर सजाना, नये कपड़े खरीदने का चाव, मिठाइयों की खुशबू, दीयों की रोशनी, लाइटों की जगमगाहट न सिर्फ आपको खुशियां देते हैं, बल्कि आपको सकारात्मक भी बनाते हैं। यही वो समय है जब आप अपने नाराज रिश्तेदारों और दोस्तों से फिर से अपने संबंध मजबूत कर सकते हैं। घर और ऑफिस के थका देने वाले शेड्यूल के
बीच दीपावली रिश्तों को रोशन करने का मौका देती है।
जिंदगी में जरूरी हैं रिश्ते
आज के समय में लोगों के पास खुद के लिए भी भरपूर समय नहीं है। ऐसे में रिश्तेदार और दोस्त कहीं पीछे छूटते जा रहे हैं। वहीं अगर कोई नाराज है तो उसे मनाना भी लोग जरूरी नहीं समझते। लेकिन असल में रिश्तों में दूरी कहीं न कहीं आपको मानसिक और भावनात्मक कष्ट देता है।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन और द मेंटल हेल्थ फाउंडेशन के अध्ययन बताते हैं कि लंबे समय तक किसी से गुस्सा रहना कई मानसिक समस्याओं की जड़ बन सकता है। इससे डिप्रेशन और एंग्जायटी होने की आशंका भी रहती है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की
एक रिपोर्ट के अनुसार गुस्सा या शत्रुता कोरोनरी हृदय रोगों का कारण भी बन सकते हैं।
बच्चों की सोच पर असर
रिश्तेदार और दोस्त सिर्फ बड़ों की मानसिक और भावनात्मक सेहत के लिए ही जरूरी नहीं हैं। बल्कि बच्चों की सोच और विचार पर भी इनका गहरा असर पड़ता है। गुइयांग मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पता चला कि परिवार के अच्छे रिश्तों का बच्चों के मानसिक और भावनात्मक दोनों रिश्तों पर असर पड़ता है। जिस परिवार में रिश्तेदारों के बीच संबंध अच्छे होते हैं, उन बच्चों के
पारिवारिक जीवन की गुणवत्ता अन्य बच्चों के मुकाबले अच्छी होती है। उनके रिश्तों की नींव हमेशा मजबूत रहती है। वो रिश्तों को ज्यादा महत्व देते हैं। साथ ही वे ज्यादा व्यवहारिक भी होते हैं। ऐसे में रिश्तेदार और दोस्त सिर्फ आपके लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए भी जरूरी हैं।
रूठे रिश्तों में फिर से भरें नई उमंग
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्ययन के अनुसार बच्चों के लिए त्यौहार परंपराओं और सांस्कृतिक ज्ञान को आगे बढ़ाने का बेहतरीन तरीका है। इससे दो पीढ़ियों के बीच सांस्कृतिक पहचान संरक्षित रहती है। ऐसे में इस दीपावली पर आप अपने रूठे रिश्तों में फिर से जान भरने की कोशिश करें, जिससे बच्चे भी इन रिश्तों के महत्व को अच्छे से समझ सकें।
1.पहल करने की झिझक छोड़ें
रिश्तों में स्वार्थ और अहम की कोई जगह नहीं होती। अगर आपका कोई रिश्तेदार या दोस्त आपसे नाराज है तो आप रिश्तों को सुधारने के लिए खुद कोशिश करें। पहला कदम बढ़ना भले ही मुश्किल हो सकता है, लेकिन रिश्तों के लिए यह जरूरी है। इसलिए पहल करने में संकोच न करें। शुभ दीपावली के एक प्यारे से मैसेज या फिर एक कॉल से आप यह शुरुआत कर सकते हैं। रिश्तों को फिर से जोड़ने के लिए इस छोटी सी पहल में झिझक महसूस न करें।
2.दूसरों का नजरिया भी सोचें
कई बार छोटी-छोटी सी बातें भी रिश्तों की नाजुक डोर को तोड़ देती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि आपकी और रिश्तेदारों व दोस्तों की सोच किसी मुद्दे पर एक सी हो। इसलिए किसी भी बात के हर पहलू पर गौर करने की कोशिश करें। सामने वाले के नजरिए से भी बात को समझने का प्रयास करें। जब आप खुद को उसकी जगह रखेंगे, तब आप सच्चाई का आईना देख सकेंगे। इसके बाद बात करने में देरी न करें।
3.मिठाई से भरें मिठास

दीपावली साल का सबसे बड़ा त्यौहार ही नहीं, यह वो सबसे बड़ा मौका भी है जब आप नाराज रिश्तों में फिर से पहले जैसी मिठास और अपनापन भर सकते हैं। दीपावली का छोटा-सा तोहफा, मिठाई,
चॉकलेट के साथ आप इसकी पहल कर सकते हैं। जब आप खुद हाथ में खुशियों की मिठाई लेकर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर पहुंचेंगे तो यकीन मानिए रिश्ते फिर से जी उठेंगे। कोशिश करें कि उनकी पसंद की मिठाई और गिफ्ट आप लेकर जाएं।
4.दीपावली पार्टी का न्योता

रिश्तों में नई ताजगी भरने का बेहतरीन तरीका है दीपावली पार्टी। इस दीपावली पर आप खासतौर पर अपने नाराज रिश्तों को फिर से जिंदा करने की कोशिश के लिए यह पहल करें। त्यौहारों की सकारात्मकता, आपका अपनापन और साथ सब मिलकर सारी नाराजगी दूर कर देंगे। साथ ही रिश्तों में फिर से नई उमंग भर देंगे।
5.रिश्तों के आगे छोटी सी ‘सॉरी’
कभी-कभी एक सॉरी सारी दूरियां मिटा सकती है। ध्यान रखें रिश्तों के आगे ‘सॉरी’ एक बहुत छोटा शब्द है। अगर आपको लगता है कि रिश्ते को बिगाड़ने के लिए आप भी जिम्मेदार हैं तो ईमानदारी से माफी मांगें। इससे न सिर्फ रिश्ते को नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि आपको भी मानसिक शांति महसूस होगी। पुरानी बातों को पीछे छोड़ने के लिए दीपावली का समय सबसे अच्छा हो सकता है। बीती बातों के सॉरी बोलना दूरियां को कम कर सकता है।
6.बड़ों की मदद लेना न भूलें
रिश्तेदार और पुराने दोस्त सिर्फ आपसे ही नहीं जुड़े होते, बल्कि आपके पूरे परिवार से भी उनका एक बॉन्ड होता है। ऐसे में इस दीपावली पर आप अपने बुजुर्गों की मदद से नाराज रिश्तों को फिर से संवार
सकते हैं। यकीन मानिए त्यौहार पर घर के बड़ों का एक फोन जख्मी रिश्तों पर मरहम जैसा होता है।
7.तकनीक का लें सहारा

कई बार जो बातें आप खुद नहीं बोल पाते हैं, वो एक तस्वीर, वीडियो, पोस्ट या रील आसानी से बोल देती है। नाराज रिश्तों को फिर से पहला जैसा करने में तकनीक आपके काम आ सकती है। दोस्तों के साथ पुरानी तस्वीरों का एक वीडियो, कॉलार्ज या रील सारी अच्छी यादों को रिकॉल करने जैसा हो सकता है। सोशल मीडिया पर एक प्यारी सी पोस्ट में रिश्तेदारों और दोस्तों को टैग करना एक
अच्छा विकल्प हो सकता है।
8.पुरानी बातों को न दोहराएं
अगर आपने रिश्तों को सुधारने का मन बना ही लिया है तो दिल से सारी बुरी यादें और अनुभव को भुलाना बहुत जरूरी है। जब आप किसी को मना रहे हैं तो कभी भी पुरानी बातों को न दोहराएं। नई शुरुआत की बातें करें। ढेर सारी खुशियां बांटने की योजनाएं बनाएं। इससे सामने वाले को भी यह
महसूस होगा कि वह आपके लिए जरूरी है।
“रिश्तों के आगे ‘सॉरी’ एक बहुत छोटा शब्द है। अगर आपको लगता है कि रिश्ते को बिगाड़ने के लिए
आप भी जिम्मेदार हैं तो ईमानदारी से माफी मांगें।”
