Overview: परिवार संग पहुंचे काजोल और अजय देवगन, बेटे युग का मासूम अंदाज़ बना आकर्षण का केंद्र
काजोल के बेटे युग देवगन का दुर्गा पूजा समारोह में झिझकते हुए भी ‘दुर्गा माता की जय’ कहना न केवल वहां मौजूद लोगों के लिए भावुक पल बना, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया। उनकी मासूमियत, आस्था और परिवार का साथ – यह सब मिलकर इस मौके को और भी खास बना गए।
Yug Devgan Chants Durga Mata Ki Jai: बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल हर साल धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाती हैं। इस बार भी मुंबई के दुर्गा पूजा पंडाल में उनका पूरा परिवार मौजूद रहा। जहां सबकी नज़रें उनकी ग्रेस और परिवार की मौजूदगी पर थीं, वहीं इस बार सुर्खियों में रहे उनके बेटे युग देवगन। थोड़े शर्मीले और झिझकते हुए अंदाज़ में युग ने मंच पर जाकर ‘दुर्गा माता की जय’ का उद्घोष किया, जिसे सुनकर वहां मौजूद हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचा देवगन परिवार
हर साल की तरह इस बार भी काजोल ने अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा समारोह में शिरकत की। पंडाल का माहौल भक्तिमय और उल्लास से भरा हुआ था। इस मौके पर काजोल और तनीषा मुखर्जी ने भी पूजा में सक्रिय भाग लिया।
युग की मासूम झिझक
मंच पर बुलाए जाने पर युग देवगन पहले थोड़ा शर्माए और संकोच से पीछे हटते दिखे। लेकिन परिवार और आयोजकों के प्रोत्साहन से उन्होंने माइक संभाला। उनकी झिझक भरी मुस्कान ने वहां मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया।
गूंजा ‘दुर्गा माता की जय’
जैसे ही युग ने ज़ोर से ‘दुर्गा माता की जय’ कहा, पूरा पंडाल गूंज उठा। वहां मौजूद भक्तों ने तालियों और जयकारों से उनका हौसला बढ़ाया। उस पल ने पूजा के माहौल को और भी पावन और यादगार बना दिया।
काजोल की खुशी और गर्व
मंच के सामने खड़ी काजोल अपने बेटे को देख गर्व से मुस्कुराती रहीं। उनकी आंखों में साफ झलक रहा था कि यह पल उनके लिए बेहद खास है। काजोल ने हमेशा से पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को अहमियत दी है, और युग का यह कदम उसी का प्रतीक था।
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
पंडाल से युग का यह वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। फैन्स ने कमेंट कर लिखा – “इतना प्यारा और संस्कारी बच्चा है”, वहीं कुछ ने कहा – “काजोल ने सच में अच्छी परवरिश दी है”।
परंपरा और नई पीढ़ी का संगम
यह दृश्य केवल एक बच्चा मंच पर जाकर जयकारा लगाने का नहीं था, बल्कि यह परंपरा और नई पीढ़ी के बीच एक खूबसूरत जुड़ाव का प्रतीक था। युग की मासूम आस्था ने यह दिखा दिया कि संस्कृति और विश्वास अगली पीढ़ी तक कितनी सहजता से पहुंचाए जा सकते हैं।
