Summary:क्या है प्रिंसेस सिंड्रोम और क्यों यह रिश्तों में खतरनाक साबित होता है?
लाड़-प्यार में पली महिलाएं जब हर जगह प्रिंसेस ट्रीटमेंट की उम्मीद करती हैं, तो यह उनके रिश्तों पर नकारात्मक असर डालता है। यही आदत धीरे-धीरे प्रिंसेस सिंड्रोम बन जाती है।
What is Princess Syndrome: आपने अक्सर कई लोगों के मुंह से सुना होगा ‘यह तो पापा की परी है, मैं तो अपने पापा की परी हूँ या पापा की परी ऐसा नहीं करती हैं।“ यहाँ तक कि लड़कियां भी खुद को पापा की परी बताने में घमंड महसूस करती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि अगर वे सबके सामने खुद को प्रिंसेस जैसा दिखाएंगी तो लोग उनसे जल्दी आकर्षित होंगे और उन्हें ज्यादा प्यार करेंगे। पर क्या कभी आपने सोचा है कि अगर यह प्रिंसेस ट्रीटमेंट हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो यह एक मानसिक अवस्था बन सकती है जिसे आज की भाषा में “प्रिंसेस सिंड्रोम” कहा जाता है। यह सिंड्रोम काफी खतरनाक होता है और व्यक्ति को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
क्या होता है प्रिंसेस सिंड्रोम?

प्रिंसेस सिंड्रोम का शिकार खासतौर पर महिलाएं होती हैं। ये ऐसी महिलाएं होती हैं जो खुद को विशेष समझती हैं और हमेशा ही दूसरों से खास ट्रीटमेंट की उम्मीद रखती हैं। अपनी तरफ से उनके लिए कुछ भी अच्छा नहीं करती हैं, लेकिन वे खुद से उम्मीद करती हैं कि सामने वाले उन्हें प्यार से रखें। यह आदत महिलाओं में ज्यादातर बचपन में बहुत ज्यादा लाड़-प्यार और जिम्मेदारियों से दूर रहने की वजह से होती है।
प्रिंसेस सिंड्रोम कैसे प्रभावित करती है असल जिंदगी को?

एडल्टिंग में चुनौती का सामना
प्रिंसेस सिंड्रोम की महिलाएं मानसिक रूप से कभी बड़ी नहीं हो पाती हैं, जिसकी वजह से वे खुद के फैसले लेने में असमर्थ रहती हैं। वे हमेशा अपनी आलोचना से डरती हैं और उनके अंदर इमोशनल समझदारी की कमी होती है। वे हर समय दूसरों से मदद की उम्मीद रखती हैं।
रिश्ते पर पड़ता है असर

प्रिसेंस सिंड्रोम की शिकार महिलाएं दूसरों से जल्दी दोस्ती नहीं कर पाती हैं और उन्हें रिश्ते निभाने में परेशानी आती है। अगर वे किसी रिश्ते में जुड़ती भी हैं तो पार्टनर के साथ बात-बात पर विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर देती हैं, छोटी-छोटी बात पर रोना शुरू कर देती हैं।
लोगों के साथ घुलने-मिलने में परेशानी आती है
प्रिंसेस सिंड्रोम वाली महिलाओं को दूसरों के साथ घुलने-मिलने में काफी परेशानी होती है। यहाँ तक कि वे ऑफिस में भी काम नहीं कर पाती हैं। वे अपने बॉस या सहकर्मियों से विशेष ट्रीटमेंट की उम्मीद करती हैं और थोड़ी सी भी काम में कमी निकालने पर रोना शुरू कर देती हैं।
प्रिंसेस सिंड्रोम की आदत को कैसे खत्म करें
दूसरों को आभार जताना सीखें

अगर आप अपने अंदर के प्रिंसेस सिंड्रोम को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती हैं तो आप सबसे पहले दूसरों की कद्र करना सीखें और दूसरों को आभार जरूर व्यक्त करें।
आलोचना स्वीकार करना सीखें
आपको यह बात समझनी होगी कि कोई भी इन्सान परफेक्ट नहीं होता है। हर इंसान में कुछ ना कुछ कमी जरूर होती है, इसलिए अगर कोई कभी आपकी आलोचना करे या आपको कुछ कहे तो उस बात का बुरा ना मानें और उस इंसान से बात करना बंद ना कर दें।
दूसरों की मदद करना सीखें

किसी भी रिश्ते में सिर्फ लेना ही नहीं होता है, बल्कि देना भी जरूरी होता है। इसलिए आप भी अपने अन्दर देने की प्रवृत्ति विकसित करें और सभी के साथ मिलकर रहने की आदत डालें।
