Kids Room Design: स्वभाविक रूप से बच्चों को सुरक्षा एवं अपनापन महसूस होना चाहिए। बच्चे के कमरे में रुचि एवं प्रयत्न दर्शाकर आप बच्चों के सामने दर्शाते हैं कि आप उनकी जगह का ध्यान रखते हैं और इसीलिए आपके बच्चे, आपके लिए महत्त्वपूर्ण हैं। यहां जो सुझाव दिए जा रहे हैं वे बच्चों के शयन कक्ष के
लिए फेंग-शुई के बुनियादी सुझाव हैं:
- बच्चों के कमरे में माता-पिता की खुशहाल तस्वीर लगानी चाहिए। यह तस्वीर माता-पिता के रुतबे और प्राथमिकता को परिवार के प्रमुख के रूप में दर्शाती है। किसी बिगडै़ल स्वभाव के बच्चे को सुधारने का यह प्रभावशाली और कारगर तरीका है।
- बच्चों के बिस्तर को कमरे के सबसे चौड़े हिस्से में रखें। सुनिश्चित कर लें कि बच्चे बिस्तर से दरवाजे को आसानी से देख पाएं, लेकिन यह दरवाजे के ठीक सामने नहीं होना चाहिए। बच्चे का बिस्तर शौचालय वाली दीवार से जुड़ा नहीं होना चाहिए या उसे शौचालय या स्नानगृह बिस्तर से नजर नहीं
आना चाहिए। इस तरह स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो सकती है। - संभव हो तो प्रत्येक बच्चे का अलग शयन कक्ष बनाना चाहिए। अगर ऐसा संभव न हो तो एक कमरे को सजावट के विभिन्न तरीके से बांटा जा सकता है और ‘प्राइवेसी’ तैयार की जा सकती है।
- अध्ययन एवं गुणसंपन्नता के लिए स्थान बनाएं। निर्धारित स्थान बनाकर, जिनमें एक डेस्क और लैंप भी हो, जहां आपके बच्चे अध्ययन कर सकें, आप बच्चों के समक्ष शिक्षा की अहमियत का प्रदर्शन कर सकते हैं और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों को महत्त्व दे सकते हैं। अगर ऐसा करने में परेशानी हो, पढ़ाई का प्रबंध शयन कक्ष के पूर्वोत्तर कोने में करें। दक्षिणी दीवार में संभव हो तो एक जगह बनाएं, यह जगह आपके बच्चों की गुणसंपन्नता के लिए होगी। ऐसा करते हुए आप जताएं कि आपको बच्चों के प्रयत्नों पर गर्व है, हस्तशिल्प, पुरस्कार पदक, रिबन या दूसरी विशेष चीजें, जैसे शिक्षकों से प्राप्त अच्छे अंक प्रदर्शित करें। ऐसी चीजें यहां शामिल करें जो विशेष मान्यता के रूप में मिली हों।
- बच्चे के कमरे को स्वस्थ स्थल बनाएं। जल चित्र, मछलीघर या शयन कक्ष से आने वाली पानी की आवाजें रुग्ण परिवेश तैयार कर सकती हैं। अगर बच्चे को दमा जैसी समस्या हो तब इस बात की अहमियत और बढ़ जाती है।
- जगह साफ रखें ताकि आपके बच्चे आराम कर सकें और रचनात्मक बन सकें। भरे हुए क्लोजेट और ड्राअर, बिस्तर के बॉक्स, नीचे रखे जूते व अन्य सामग्रियों की छपाई होनी चाहिए। जगह बनाकर और
खुलेपन का दृश्य तैयार कर बच्चों पर दबाव घटाया जा सकता है और उन्हें कल्पनाशील तथा सृजनशील बनाया जा सकता है। जब बच्चों का मामला हो तो ‘अधिक’ का मतलब अधिक नहीं होता। उन्हें दृश्यात्मक रूप से आराम दें और जिन चीजों के साथ उन्होंने एक महीने या अधिक समय से नहीं खेला है, उन्हें कमरे से निकाल दें। - सुखी परिवेश बनाने के लिए प्रकाश, रंग एवं कलाकृति का कमरे में प्रयोग करें। बच्चों का कमरा उत्साहवर्धक होना चाहिए। बच्चों के उत्साह को मंद करने वाला परिवेश नहीं होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि डेस्क पर पर्याप्त रोशनी है या नहीं। बिस्तर के पास मेज पर प्रकाश का इंतजाम है या नहीं और खिड़कियों को प्राइवेसी के लिए बंद किया जा सकता है या नहीं।
8.कमरों में नीले रंग (अगर वह हल्का शेड या चमकीला न हो) या अन्य गहरे रंग से पुताई करना अवसाद पैदा करता है और इससे निराशाजनक ऊर्जा उत्पन्न होती है। चमकीले रंग जैसे पीला, हल्का हरा, गुलाबी और बैंगनी का प्रयोग हो सकता है, जिसमें पीला सबसे बेहतर होता है।
- आपके बच्चे जिन चित्रों को देखते हैं उनकी तरफ गौर करें, हिंसक या खतरनाक पशुओं या हिंसा के चित्र ठीक नहीं हैं। शयन कक्ष में बच्चों को सुरक्षा का एहसास करवाने के लिए ये कमजोर प्रतीक हैं।
कमरे के लिए ऐसी चीजें चुनें जो बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें एवं उनमें सुरक्षा
के भाव को बढ़ाएं।
- बच्चों को सटीक शयन कक्ष में सुलाएं। अगर संभव हो, लड़के को हमेशा पूर्व या उत्तरी दिशा के शयन कक्ष में सुलाना चाहिए और लड़कियों को दक्षिण या दक्षिण-पूर्व या पश्चिमी दिशा के शयन
कक्ष में सुलाना चाहिए।
