Ahmedabad Air India crash-khushbu rajpurohit
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Khushboo Rajpurohit: गुरुवार, 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा विमान हादसा हुआ. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस भयानक त्रासदी में राजस्थान के बालोतरा जिले के अरबा गांव की खुशबू राजपुरोहित की भी जान चली गई, जो इस विमान में सवार थीं.

नवविवाहिता खुशबू के अधूरे सपने

खुशबू राजपुरोहित की शादी इसी साल जनवरी में जोधपुर के खरबेरा निवासी मनफूल सिंह उर्फ विपुल सिंह से हुई थी. विपुल लंदन में एक डॉक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे हैंl शादी के बाद विपुल लंदन लौट गए थे, और खुशबू पहली बार अपने पति से मिलने के लिए लंदन जा रही थीं. उन्हें क्या पता था कि यह उनकी जिंदगी की आखिरी उड़ान साबित होगी.

परिवार में खुशी का माहौल

परिवार में खुशबू के लंदन जाने को लेकर काफी उत्साह और खुशी का माहौल था. पिता और परिवार के अन्य सदस्य उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने गए थे, जहां उन्होंने साथ में तस्वीरें भी खिंचवाई थीं.

पिता का दिल छू लेने वाला आखिरी व्हाट्सएप मैसेज

खुशबू के पिता, मदन सिंह राजपुरोहित, उन्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट पर छोड़कर वापस लौट रहे थे. अपनी बेटी को विदा करने के बाद, उन्होंने अपनी बेटी को आशीर्वाद देते हुए एक व्हाट्सएप मैसेज लिखा था. इस मैसेज में उन्होंने लिखा था: “आशीर्वाद खुशबू बेटा, गोइंन टू लंदन।”

यह छोटा सा मैसेज एक पिता के प्यार और बेटी के लिए खुशी को दर्शाता है. लेकिन कुछ ही घंटों बाद जब उन्हें विमान हादसे की खबर मिली, तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. जिस बेटी को उन्होंने कुछ देर पहले ही मुस्कुराते हुए विदा किया था, वह अब कभी वापस नहीं आएगी. यह मैसेज अब उनके लिए अपनी बेटी की आखिरी याद और एक दर्दनाक निशानी बन गया है.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

खुशबू के निधन की खबर मिलने के बाद से उनके मायके (बाड़मेर के अरबा गांव) और ससुराल (जोधपुर के खरबेरा) दोनों जगहों पर मातम पसरा हुआ है. परिवार के लोग सदमे में हैं और उनके आंसू रुक नहीं रहे हैं. कई परिवार वाले अभी भी इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि खुशबू अब इस दुनिया में नहीं हैं. खुशबू के एयरपोर्ट में प्रवेश करते हुए के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जो इस त्रासदी को और भी मार्मिक बना रहे हैंl

अंतिम संस्कार और रस्में

आमतौर पर, ऐसी घटनाओं में शवों की पहचान और उन्हें परिवार को सौंपने में समय लगता है. फॉरेंसिक जांच के बाद ही शव परिवार को मिल पाते हैंl इसके बाद ही खुशबू का अंतम संस्कार उनके पैतृक गांव या ससुराल में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा. परिवार को इस पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा, जो उनके दुख को और बढ़ाएगी.

यह दुर्घटना उन सभी परिवारों के लिए एक असहनीय दुख है, जिन्होंने अपनों को खोया है, और खुशबू राजपुरोहित की कहानी इस मानवीय त्रासदी का एक जीता-जागता उदाहरण है.

मैं रिचा मिश्रा तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट...