Hindi Love Story: रोहित ने आज ऑफिस ज्वाइन किया था,उसके बॉस सबसे उसका इंट्रोडक्शन करवा रहे थे नेहा को देखकर बोले..ये हैं मिस नेहा..रोहित ने जैसे ही नेहा की तरफ हाथ बढ़ाया तो नेहा चहकते हुए बोली – “रोहित तुम,कैसे हो पहचाना मुझे?”
नेहा की बात सुनकर रोहित पहले तो चौका फिर ध्यान से नेहा को देखा और बोला -“ओह येस नेहा,कैसी हो ?”
“आई एम फाइन।” नेहा ने बस इतना ही कहा क्योंकि रोहित बॉस के साथ आगे बड़ गया था।रोहन के जाने के बाद नेहा कुछ पलों के लिए अतीत की यादों में खो गई …
नेहा और रोहित बचपन से एक ही स्कूल में पढ़े थे।रोहित शुरू से पढ़ाई में बहुत होशियार था और दिखने में भी सुंदर था इसलिए नेहा को रोहित बहुत पसंद था।बचपन में वो रोहित के साथ ही क्लास में बैठती थी।लंच में रोहन क्लास में अकेला टिफिन खाता था वो सबके साथ कम ही बात करता था..जबकि नेहा चुलबुली थी दिनभर क्लास में मस्ती करती रहती थी।रोहन को क्लास में अकेला बैठे देख एक दिन नेहा बोली – “रोहन तू क्यों क्लास में बैठकर अकेले टिफिन खाता है..बाहर गार्डन में क्यों नहीं आता सबके साथ।”
“मुझे अकेले रहना अच्छा लगता है।”रोहित इतना ही बोला।
उस दिन के बाद नेहा रोहित के साथ ही क्लास में बैठकर टिफिन खाने लगी।अब धीरे धीरे रोहित को भी नेहा का साथ अच्छा लगने लगा वो उसके साथ रहकर खुलने लगा।दसवीं तक आते आते तो बचपन का वो साथ प्यार में बदल गया।दोनों एक साथ पढ़ाई करते और एक साथ ही स्कूल में घूमते फिरते थे। नेहा और रोहित की दोस्ती पूरे सकूल में प्रसिद्ध हो गई। क्लास में तो लड़के लड़कियां नेहा और रोहित को छेड़ते भी रहते थे।इससे पहले,कि दोनों एक दूसरे से अपनी मोहब्बत का इजहार करते रोहित के पिता का दूसरे शहर में ट्रांसफर हो गया।नेहा की तबियत खराब होने से वो कुछ दिनों तक स्कूल नहीं आई।और जब स्कूल आई तो पता चला रोहित शहर छोड़कर चला गया है।नेहा ये सुनकर बहुत दुखी हुई पर अपने मन की बात किससे कहती? जैसे तैसे उसने आपने आप को संभाल तो लिया पर रोहित की याद उसे हर पल सताती रहती थी.. इसका असर उसके दसवीं के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ा।उसके बहुत कम अंक आए थे।वैसे नेहा पढ़ाई में अच्छी थी और इंजिनियर बनना चाहती इसलिए उसने सब कुछ भुलाकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और एक दिन वो इंजिनियर बन गई और उसे दूसरे शहर में अच्छी कंपनी में नौकरी मिल गई।उसने तो रोहित से दुबारा मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी मगर आज अपने बचपन के प्यार को यूं सामने खड़ा देख नेहा कि आंखों में एक पल को चमक उठीं..पर अगले ही पल उसने अपने मन पर काबू पा लिया ये सोचकर.. कि कहीं रोहित की शादी हो गई होगी या उसके जीवन में कोई और लड़की होगी।
रोहित ऑफिस ज्वाइन करते ही काम में बिजी हो गया इसलिए उसकी नेहा से ज्यादा बात नहीं हो पाती थी नेहा भी जब रोहित को देखती तो झिझक के मारे बस हेलो हाय तक ही रह जाती।
एक दिन ऑफिस के लगभग सभी लोग जा चुके थे,बस नेहा अभी तक काम कर रही थी तभी रोहित उधर से गुजरा तो बोला- “अरे नेहा,तुम अभी तक बैठी हो घर नहीं जाना आठ बज गए हैं।”
“हां रोहित,थोड़ा काम ज्यादा था इसलिए लेट हो गई बस अभी निकलती हूं।”
“मैं भी लेट हो गया हूं चलो तुम्हें गाड़ी से छोड़ दूंगा।” नेहा ने अपना काम बंद किया और रोहित के साथ चल दी।रास्ते में नेहा चुपचाप बैठी रही तो रोहित ही मौन तोड़ते हुए बोला ही –“कभी सोचा नहीं था,कि हम दोनों ऐसे मिलेंगे।”
“हां रोहित मैंने तो तुमसे मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।”
बातों ही बातों में नेहा और रोहित को पता चला कि दोनों ने अभी तक शादी नहीं की है।”
रोहित ने नेहा को उसके घर तक छोड़ दिया।
एक दिन ऑफिस में रोहित की तबियत खराब हो गई,नेहा को पता चला तो वो उसके पास गई।रोहित का शरीर तेज बुखार से तप रहा था।नेहा ने तुरंत अपना काम बंद किया और कैब बुक की।फिर रोहित को कैब में बिठाया और डॉक्टर के पास ले गई।डॉक्टर ने जाँच करके दवा दी और कुछ टेस्ट लिख दिए।
नेहा रोहित को लेकर उसके घर आ गई।उसे चाय पिलाई फिर दवा दी।दवा खाने के बाद रोहित थोड़ा ठीक महसूस करने लगा।नेहा से बोला-“नेहा बहुत देर हो गई है अब तुम भी अपने घर जाओ।मैं अभी ठीक हूँ।” रोहित अकेला रहता था इसलिए नेहा को चिंता हुई कि वो अकेले कैसे सब करेगा?”रोहित तुम अकेले कैसे मैनेज करोगे?”
“रात रात की बात है,सुबह मेरी मेड आ जाएगी।वो नाश्ता,खाना सब बना देगी।”
“ठीक है,अभी क्या खाओगे? मैं बनाकर दे जाती हूँ।”
“नेहा,तुमने अभी चाय बिस्कुट खिला दिया है और भूख नहीं है।ज्यादा होगा तो रात को दूध पी लूंगा तुम चिंता नहीं करो।रोहित नेहा को समझाते हुए बोला।
“और टेस्ट कराने कैसे जाओगे?”
“पैथोलॉजी वाले को फोन कर दूँगा वो घर आकर ब्लड का सैंपल ले जाएंगे।”
नेहा भी अकेले ही रह रही थी सो उसे घर जाने की इतनी चिंता नहीं थी जितनी रोहित की थी।डॉक्टर ने भी बोला था जब तक टेस्ट की रिपोर्ट्स नहीं आ जाती इनका बहुत ध्यान रखना।
बड़ी असमंजस की स्थिति में थी।क्या करे क्या ना करे?वो ये भी समझती थी कि एक रात किसी लड़के के घर में रहने पर दुनिया वाले क्या सोचेंगे?रोहित के पास पानी दवाइयाँ सब रखकर और उसे ये हिदायत देकर कि कोई भी दिक्कत हो तो वो उसे फोन कर देगा नेहा अपने घर चली गई।
घर आकर भी नेहा को रोहित की ही चिंता सताती रही थी..बेचारा कितना अकेला महसूस कर रहा होगा अपने को?घर वालों को मिस कर रहा होगा?दूसरे दिन भी वो रोहित को मिलकर ही ऑफिस गई।ऑफिस जाकर उसने बॉस को रोहित के बारे में बताया तो वो बोले-“अरे,इतना सब हो गया और रोहित ने मुझे फोन नहीं किया।”
“क्या बताऊँ सर रोहित की कल ऐसी हालत हो गई थी,कि वो बात ही नहीं कर पा रहा था।दवा खाने के बाद थोड़ा बोलने लायक हुआ।”
शाम को रोहित ने नेहा को फोन किया-“हेलो नेहा,रिपोर्ट आ गई है सब कुछ नार्मल है बस मलेरिया है।सच तुम न होतीं तो मेरा क्या होता?तुमने मुझे संभाल लिया।” नेहा के चेहरे पर एक मुस्कुराहट सी दौड़ पड़ी।वो बोली-“रोहित हम दोस्त हैं इतना भी नहीं करूँगी तो फिर दोस्त किस बात की।”
ऑफिस से निकलने के बाद नेहा रोहित से मिलने उसके घर गई।जब तक रोहित ठीक नहीं हो गया नेहा उसे रोज मिलते हुए ही घर जाती थी।इन पाँच छः दिनों में नेहा का रोहित के प्रति ऐसा लगाव हो गया था,कि वो उससे मिले बिना रह नहीं पाती थी।रोहित ठीक हो गया और ऑफिस आने लगा नेहा बहुत खुश थी।रोहित भी रोज उससे मिलता और बाते भी करता था।नेहा रोहित के लिए कभी कुछ बनाकर लाती तो कभी उसे जबरदस्ती केंटीन में चाय पिलाने ले जाती।वो उसके प्यार में इस कदर पागल थी,कि ऑफिस के लोग भी इस बात को समझने लगे थे।
संयोग से वेलेंटाइन डे था।नेहा गुलाबी सूट पहनकर ऑफिस आई थी।वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। रोहित ने मन में ठान लिया था, कि वो आज नेहा को प्रपोज कर ही देगा।
लंच के समय रोहित नेहा के पास आया और बोला-“नेहा आज शाम ऑफिस के बाद हम किसी रेस्टोरेंट में चलेंगे कॉफी पीने के लिए तैयार रहना।तुम से कुछ जरूरी बात करनी हैं।”
अंधा क्या मांगें दो आंखें..नेहा तो कब से तरस रही थी रोहित का साथ पाने को…उसने खुशी खुशी हामी भर दी।ऑफिस के बाद रोहित नेहा को रेस्टोरेंट में ले गया और बातों ही बातों में उसे अपने प्यार का इजहार कर दिया।नेहा तो पहले से ही रोहित के प्यार में पागल थी आज उसकी स्वीकृति मिली तो खुशी से झूम उठी।रोहित से लिपटकर गुनगुनाने लगी..बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम..!!
रोहित भी प्यार से नेहा के गालों को चूमकर बोला – “हम दोनों अब कभी जुदा नहीं होंगे।”
और इस तरह बचपन का अधूरा प्यार पूरा हुआ
नेहा और रोहित शादी के बंधन में बंधकर हमेशा के लिए एक दूजे के हो गए
