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ब्रेस्टफीडिंग आपने आप में एक कठिन प्रक्रिया है। कई बार नई मां निप्पल में ड्राईनेस, क्रेक, खून आना जैसी समस्याओं का सामना करती है। लेकिन शर्म और लिहाज में किसी से खुलकर इस बारे में बात नहीं कर पाती है।
Nipple Care for Breastfeeding: मां बनना कोई आसान काम नहीं है। एक बच्चे को जन्म देने के दौरान और उसके बाद एक महिला कई दौर से गुजरती है। इनमें से कई परेशानियों के बारे में सब जानते हैं। लेकिन कई दिक्कतें ऐसी भी होती हैं, जिनके विषय में नई मां चाहकर भी किसी को नहीं बता पाती हैं। इन्हीं में से एक है निप्पल केयर। जी हां, ब्रेस्टफीडिंग आपने आप में एक कठिन प्रक्रिया है। कई बार नई मां निप्पल में ड्राईनेस, क्रेक, खून आना जैसी समस्याओं का सामना करती है। लेकिन शर्म और लिहाज में किसी से खुलकर इस बारे में बात नहीं कर पाती है। दरअसल, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल केयर करना बहुत जरूरी होता है। हर नई मां को इसपर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए कुछ आसान से स्टेप्स फॉलो किए जा सकते हैं।
इसलिए जरूरी है सावधानी

मां का दूध बच्चों की सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। जन्म से लेकर 6 माह तक की उम्र तक शिशुओं को सारा पोषण इसी से मिलता है। मां के दूध में वे सभी पोषक तत्व होते हैं, जिससे बच्चा सेहतमंद रहता है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक दोनों ही विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि सही तरीके से ब्रेस्टफीडिंग करवाना जरूरी है। इस दौरान हाइजीन का खास ध्यान रखना हर मां की जिम्मेदारी है। क्योंकि लापरवाही से बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है। हाल ही में फर्टिलिटी डॉक्टर तनुश्री पांडे पडगांवकर ने निप्पल केयर के 6 आसान तरीके अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किए हैं। ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली नई मां के लिए ये काफी जरूरी हैं।
ब्रेस्टमिल्क से करें मॉइश्चराइज
डॉ. तनुश्री के अनुसार शिशुओं को ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली नई मां को अपने ब्रेस्ट मिल्क से ब्रेस्ट को मॉइस्चराइज करना चाहिए। इससे निप्पल के आसपास के हिस्से में ड्राईनेस नहीं आएगी। यह हिस्सा हाइड्रेट रहेगा और क्रेक्स, रूखेपन जैसी समस्याओं से बचाव होगा।
पोजीशन का रखें ध्यान
कई बार मां को ब्रेस्टफीडिंग करवाने के दौरान या बाद में ब्रेस्ट में काफी दर्द होता है। इसका मुख्य कारण है गलत पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग करवाना। इसलिए शिशु को दूध पिलाते समय हमेशा पोजीशन सही रखें। शिशु को करवट के साथ गोद में लें और फिर उसे ब्रेस्टफीडिंग करवाएं।
मसाज करना है जरूरी
अक्सर ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को निप्पल में क्रेक्स की परेशानी हो जाती है। कई बार बच्चे के काटने से यह समस्या और बढ़ जाती है। खून तक आने लगते हैं। ऐसे में आप नियमित रूप से नारियल के तेल से ब्रेस्ट और निप्पल की मसाज करें। इससे आपकी स्किन हाइड्रेट रहेगी।
संक्रमण से बचाएगी सावधानी
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हर मां को अपनी हाइजीन का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसलिए बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाने के बाद ब्रेस्ट को एक साफ कपड़े से सुखाएं। इससे न सिर्फ आप इंफेक्शन से बचेंगी, बल्कि अनचाहे गीलेपन से भी आपका बचाव होगा।
चुनें सही ब्रा
ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं को पॉलिएस्टर ब्रा का उपयोग नहीं करना चाहिए। बल्कि हमेशा कॉटन ब्रा पहननी चाहिए। यह आरामदायक होने के साथ ही आपको गीलेपन से भी बचाएंगी।
निप्पल शील्ड करें यूज
मां और बच्चे दोनों के लिए ब्रेस्टफीडिंग को आसान बनाने के लिए निप्पल शील्ड का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है। इससे बच्चा आसानी से दूध पी पाता है, साथ ही मां की हाईजीन भी बनी रहती है। निप्पल शील्ड सिलिकॉन का डिवाइस होता है। यह निप्पल और ब्रेस्ट में फिट हो जाता है। इसके उपयोग के बाद आप इसे वॉश करके रख सकती हैं।
