बच्चों के लिए ज्यादा होमवर्क है नुकसानदायक
होमवर्क के प्रेशर के कारण बच्चे को आराम करने का समय नहीं मिलता हैI वह धीरे-धीरे मानसिक रूप से बीमार होता चला जाता हैI
Student Homework Effects: आज के समय में बच्चों के ऊपर पढ़ाई का सबसे ज्यादा भार हैI स्कूल हो या घर बच्चों को होमवर्क करने के लिए सबसे ज्यादा प्रेशर दिया जाता हैI यहाँ तक कि पेरेंट्स हर समय बच्चे को यही कहते हुए नज़र आते हैं कि पहले अपना होमवर्क कर लो, फिर टीवी देखनाI होमवर्क कर लो, फिर खेलने जानाI ट्यूशन टीचर को भी बार-बार यही कहते हैं कि वे बच्चे को ज्यादा होमवर्क दे, ताकि बच्चा सारा समय होमवर्क करने में ही व्यस्त रहे और उसे शैतानी करने का समय ही ना मिलेI लेकिन ऐसा करके पेरेंट्स बच्चों को खुद ही बीमार करने और डिप्रेशन में डालने का काम करते हैंI
दरअसल होमवर्क के प्रेशर के कारण बच्चे को आराम करने का समय नहीं मिलता हैI बच्चा डांट खाने के डर से टेंशन में होमवर्क पूरा करता है, जिसकी वजह से बच्चे को अक्सर सिर में दर्द, मायूसी, अकेलापन महसूस होता है और वह धीरे-धीरे मानसिक रूप से बीमार होता चला जाता हैI
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ज्यादा होमवर्क से बच्चे होते हैं बीमार

शोधकर्ताओं की मानें तो ज्यादा होमवर्क के कारण बच्चों में सिरदर्द ,पेट दर्द, वजन कम होना और नींद न आने जैसी कई तरह की समस्याएं होती हैंI शोधकर्ताओं ने अपने शोध में यह भी पाया है कि होमवर्क करने में बच्चे ज्यादा समय बिताते हैं, जिसकी वजह से वे अपने टैलेंट को निखार नहीं पाते हैं और उसे कहीं खो देते हैंI ऐसे बच्चे अक्सर अपने परिवार व दोस्तों से भी दूर हो जाते हैंI
इन देशों में दिया जाता है कम होमवर्क पर फोकस

कम होमवर्क देने वाले सफल देशों की सूची में फिनलैंड सबसे पहले नंबर पर हैI फिनलैंड एक यूरोपीय देश है, जो बच्चों को प्रति सप्ताह 2.8 घंटे का असाइनमेंट देता हैI इसके अलावा, यहाँ सात साल की उम्र तक बच्चे घर पर ही पढ़ाई करते हैंI इसके बाद स्कूल जाना शुरू करते हैंI
फिनलैंड की तरह ही दक्षिण कोरिया में भी बच्चों को प्रति सप्ताह औसतन 2.9 घंटे का असाइनमेंट दिया जाता हैI दक्षिण कोरियाई स्कूल में अधिक होमवर्क असाइनमेंट के बजाय, निरंतर परीक्षण पर ज्यादा ध्यान दिया जाता हैI
होमवर्क के बजाए प्रैक्टिकल नॉलेज है जरूरी

पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि अगर बच्चा ज्यादा होमवर्क करेगा, तो वह पढ़ाई में अच्छा बनेगा और स्कूल में ज्यादा नंबर लेकर आएगाI पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है, बच्चा ज्यादा होमवर्क कर रहा है इसका यह मतलब नहीं है कि वह चीजों को समझ रहा हैI पेरेंट्स को होमवर्क पर ज्यादा फोकस करने के बजाए बच्चे के प्रैक्टिकल नॉलेज पर जोर देना चाहिए, ताकि वह चीजों को अच्छे से समझ सकेI
शारीरिक और मानसिक विकास पर जोर देना है जरूरी

बच्चों में बहुत कम उम्र से ही होमवर्क और पढ़ाई का प्रेशर बनाने से उनका विकास अच्छे से नहीं होता हैI वे मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और एक समय ऐसा भी आता है, जब वे पढ़ाई से दूर भागने लगते हैंI इसलिए पेरेंट्स को छोटे बच्चों को होमवर्क का बहुत ज्यादा प्रेशर बनाने से बचना चाहिए और उनकी शारीरिक गतिविधिओं पर जोर देना चाहिएI साथ ही उनके टैलेंट को पहचाने की भी कोशिश करनी चाहिएI
