बच्चों में होने वाली मौसमी बीमारियां और बचाव: Seasonal Disease
Seasonal Disease

Seasonal Disease: बच्चों की इम्युनिटी पावर बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है और वह बहुत जल्द बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। अगर उचित सावधानी रखी जाए तो ज्यादातर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है…

गर्मियों में बच्चों की छुट्टिïयां हो जाती हैं लेकिन उन्हें कोर्स आदि करने के लिए घर से बाहर जाना ही पड़ता है। ऐसे में अकसर बच्चे गर्मी का शिकार हो जाते हैं। वैसे भी बच्चों की इम्युनिटी पावर बड़ों के मुकाबले कमजोर होती है और वह बहुत जल्द बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन अगर उचित सावधानी रखी जाए तो ज्यादातर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है, आइए जानें कैसे-

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आमतौर पर गर्मियों में बच्चों को सनस्ट्रोक की समस्या हो जाती है क्योंकि इस मौसम में शरीर की खुद को ठंडा रखने की क्षमता कम हो जाती है। ब्रेन में एक पार्ट हाइपोथैलेमस होता है, जो बॉडी के टेंपरेचर को 95 से 98.6 फारनहाइट बीच में कंट्रोल करता है लेकिन जब हीट की वजह से हाइपोथैलेमस एबनॉर्मली काम करने लगता है, तो बॉडी का टेंपरेचर बढ़ने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में सन स्ट्रोक कहते हैं। इससे बच्चे में तेज बुखार, उलटी, दस्त, सिरदर्द, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो जाती है।

1. अगर बच्चे को सन स्ट्रोक हो गया हो तो उसे आम का पन्ना पिलाएं। यह डिहाइडेशन और लू से बचाव करता है। इसे बनाने के लिए तीन चार कच्चे आमों को उबाल लें और फिर छीलकर उसके गूदे को पोदीने की पत्तियों के साथ पीस लें। इसे छानकर प्लेन पानी में मिक्स कर लें और उसमें हींग, जीरा पाउडर, काला नमक, चीनी स्वादानुसार मिलाएं।
2. गर्मी से घबराहट होने पर या जी मिचलाने पर एक चम्मच सूखे पोदीने की पत्तियां और आधा चम्मच इलाइची का चूर्ण एक गिलास पानी में उबालकर ठंडा होने के बाद पीने से आराम मिलता है।
3. प्याज और नींबू का रस पुदीना के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से बहुत जल्द आराम मिलता है।
4. गर्मी में चक्कर आने पर एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर उसमें आधा चम्मच सफेद नमक मिलाकर देने से गर्मी कम होती है।
5. गर्मी से बचने के लिए बेल को फोड़कर चीनी के साथ थोड़ा पानी डालकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। उसका गूदा अलग कर लें और थोड़े से पानी के साथ मिक्सी में चला लें। बच्चे को ठंडे 1 गिलास पानी में 3-4 चम्मच मिलाकर दें।
6. धनिए को पानी में भिगो कर अच्छी तरह से मसल लें और छानकर उसमें थेाड़ी सी शकर मिला लें। इसे पीने से गर्मियों में राहत मिलेगी।
7. पैरों के तलुवों में प्याज का जूस लगाने से लू उतर जाती है।

इन पर भी ध्यान दें

1. बच्चों को लू में बाहर खेलने ना जाने दें और बच्चों को ढीले कपड़े पहनाएं।
2. अपने भोजन में फलों और सब्जियों को खूब शामिल करें। लिक्विड डाइट भी खूब लें।
3. शरीर पर ठंडा कपड़ा रखें, आइस की पट्टी रखें और शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करें।

मौसम बदलने का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होता है। वे इसकी चपेट में सबसे पहले आते हैं। नाक बहना, थकान होना, गले में खराश, हल्का बुखार आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।

1. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद गुनगुना पानी पिलाएं। इससे बंद नाक व गले में होने वाली खराश से राहत मिलेगी।
2. आधा चम्मच शहद में 3-4 बूंदे अदरक का रस मिलाकर पिलाने से गले में आराम पहुंचेगा।
3. 3-4 चम्मच राई में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें और फिर इस लेप को बच्चे की छाती पर लगाएं इससे जमे हुए कफ में राहत मिलती है और नाक भी खुल जाती है।
4. लहसुन की दो कलिया और 1 टेबलस्पून अजवाइन को तवे पर भूनें। ठंडा होने पर कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इस पोटली को सोते समय बच्चे के सिरहाने रखें। इससे बंद नाक और छाती में जमा कफ में आराम मिलता है।
5. रात को सोने से पहले बच्चे को हल्दी का दूध दें, इससे जुकाम में फायदा होगा। अगर बच्चे को हल्दी की स्मैल आती है तो घी में हल्दी को हल्का सा चलाकर फिर दूध में डालने पर हल्दी की स्मैल नहीं आएगी।

इस बदलते मौसम में गर्मी से आकर एकदम फ्रिज का पानी न पियें, क्योंकि यही सर्दी-जुकाम की असली वजह बनता है।

हम सभी जानते हें कि बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां और एलर्जी लेकर आता है। यह एलर्जी बहुत परेशान करने वाली होती है और अगर इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। खासतौर पर बच्चे इसकी चपेट में जल्द ही आ जाते हैं। एलर्जी में आंखों में जलन, त्वचा पर छोटे-छोटे दाने, नाक में एलर्जी, छींक, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाना आदि शामिल है।

1. अगर बच्चे को त्वचा की एलर्जी है और खुजली हो रही है तो नारियल तेल में कपूर डालकर खुजली वाली जगह पर लगाएं।
2. एक कप पानी में एक चम्मच कटा अदरक, एक दालचीनी का टुकड़ा और 1 लौंग मिलाकर उबालें, ठंडा होने के बाद 1 चम्मच शहद मिलाकर बच्चे को दिन में एक बार थोड़ा सा दें।
3. नीम के कुछ पत्तों को रात में भिगोकर और सुबह पीसकर दानों वाली जगह लगाएं।
4. 1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नमक और 1 चुटकी सोडा मिलाकर बच्चे को कुल्ले या गरारे कराएं इससे गले की एलर्जी में राहत मिलेगी।
5. किसी भी प्रकार की एलर्जी से बचाने के लिए बच्चे को खीरा, चुकंदर और गाजर का जूस सुबह-सुबह पिलाने से फायदा होगा।
6. एलर्जी से बचने के लिए अपने खाने में फ्लैक्सीड का सेवन करें। यह पर्याप्त मात्रा में फैटी एसिड देगा जो अच्छा है।

1. गर्मी में घर से बाहर निकलने पर पसीना आता है जो कई तरह के फोड़ों फुंसियों और घमोरियों को जन्म देता है। ऐसे में डाक्टर की सलाह लें।
2. बच्चे में एलर्जी के लक्षण बहुत जल्दी दिखने लगते हैं इसलिए अगर आपको लगता है कि बच्चे की आंखों में पिछले कुछ दिनों से पानी आ रहा है तो ठंडे पानी से दिन में कई बार उसकी आंखें धोएं और डाक्टर को दिखाएं।
3. बच्चे के कमरे में उसके सोने व खेलने की जगह बिल्कुल साफ होनी चाहिए। ठ्ठ

गर्मी में न केवल बड़े लोगों को खुद पर ध्यान देने की जरूरत होती है बल्कि बच्चे के ऊपर भी विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि इन दिनों बच्चों में पेट खराब और दस्त होना आम समस्या है। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। इसमें बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो जाती है और उसे उल्टी व दस्त लग जाते हैं।

1. साढ़े चार कप पानी में 2 टेबलस्पून जीरा मिलाकर 5 मिनट तक उबाल लें। ठंडा होने पर छानकर रख लें और बच्चे को थोड़ा-थोड़ा पिलाती रहें। इससे आराम मिलेगा।
2. पानी पानी में 1 टीस्पून सौंफ डालकर 8-10 मिनट तक उबालें। छानकर रख लें। इस सौंफ को दिन में 3 बार पिलाएं। इससे पेट में मरोड़ और दर्द में राहत मिलती है।
3. दो चुटकी काला नमक, 2 चुटकी अजवाइन और 1 चुटकी हींग को मिलाकर आधा कप गुनगुने पानी के साथ पीने से भी राहत मिलती है।
4. दस्त होने पर आधा आधा टीस्पून सौंफ और जीरे को तवे पर भूनकर पीस लें। इस पाउडर को दिन में 3-4 बार बच्चों को खिलाएं।
5. बच्चे को ओआरएस का घोल पिलाएं।
6. बिना छिले हुए तीन से चार कच्चे केले उबाल लें, अब एक चम्मच घी किसी बर्तन में गरम करें और उसमें उबले हुए केले छील कर डालें और साथ ही तीन से चार लौंग भी डालें। इसके बाद एक बर्तन में आधा चम्मच धनिया, कटोरी दही और थोड़ा सेंधा नमक डालें और अच्छे से मिला लें। अब केलो को इस दही में डाल दें और थोड़ा पानी मिलाकर धीमी आंच पर कुछ देर पकाएं। ठंडा होने पर इस मिश्रण को बच्चे को खिलाएं। दस्त रोकने की यह दवा काफी फायदेमंद है।
7. दस्त लगने पर ईसबगोल दही में डालकर खाने से राहत मिलती है।
8. छोटी इलाइची को पानी में पकाएं और जब वह पानी आधा रह जाएं तो उसे एक बोटल में भरकर रख लें और दिन में कई बार पिलाएं।
9 संतरे के छिलके सुखा लें और पीसकर इनका चूर्ण बना लें। इसके साथ ही मुनक्का के सूखे बीजों को पीसकर भी चूर्ण बना लें। अब इन दोनों को समान मात्रा में पानी में घोलकर लें। इससे दस्त ठीक होने लगेंगे।

इन पर भी ध्यान दें

1. दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिससे डीहाईडेशन हो जाता है इसलिए बच्चे को उबाल कर पानी पिलाती रहें और बच्चे को बाहर की कोई चीज खाने के लिए ना दें।
2. कटे हुए फल व सब्जियों को इस मौसम में ढककर रखें और बहुत देर पहले कटे हुए फल ना खाएं इससे भी पेट गड़बड़ हो सकता है।
3. अपने आप एंटीबायोटिक ना दें।