मकान मालिक के साथ रिश्ता बनाना सबसे अधिक मुश्किल काम है। यह रिश्ता माता-पिता, जीवनसाथी, दोस्त, भाई-बहन, बॉस या बच्चे के साथ वाला रिश्ता नहीं, जो बन जाए। बल्कि यह रिश्ता सबसे कठिन है, जिसे निभाना उतना ही जरूरी भी है। इतना पहेली भरा कि इसको सुलटाने में पूरा दिन भी लगा दिया तो कम ही है। यह ऐसा रिश्ता है, जिसे आपको ना चाहते हुए भी बांटना पड़ता है।

ज्यादा शेयरिंग से बचिए

मकान मालिक के साथ रिश्ते निभाने और अपनी मर्जी अनुसार जीवन जीने के लिए आपको कुछ समझौता तो करना ही पड़ेगा। आखिर आप उनके घर में बतौर किरायेदार जो रह रहे हैं। आपको सबसे पहले तो यह ध्यान में रखना पड़ेगा कि आपकी कुछ जिम्मेदारी बनती है। यही नहीं, फालतू की बातचीत से बचना भी जरूरी है। अपना किराया सही समय पर दीजिए। बीच-बीच मे थोड़ी बातचीत करते रहिए, ज्यादा शेयरिंग से बचिए। 

मकान मालिक की मनोदशा

यदि आपको समझ में आ जाए कि आपका मकान मालिक किस तरह का है तो आपको उनके साथ बातचीत में कम ही दिक्कत आएगी।सबसे जरूरी बात तो यह कि एग्रीमेंट (किराएदार का दस्तावेज) अवश्य बनवाइए। और इस दौरान भी खास ख्याल रखिए। संभव हो तो किसी जानकार की मदद लीजिए। जैसे ही एग्रीमेंट की तारीख खत्म होने का समय आए, उससे पहले ही नया करवा लें ताकि अंतिम समय में कहीं शिफ्ट होने के झंझट से मुक्ति मिल सके।

दखल करने वाले

ऐसे लोग आपकी निजता को समझते नहीं। वे कभी भी आपके कमरे का दरवाजा खटखटाकर अंदर आ सकते हैं और आपकी जीवनशैली को समझे बिना आप पर टिप्पणी करना कर देते हैं। ये नहीं समझते हैं कि आप व्यस्त हैं और उन्हें समय नहीं दे सकते। संभव है कि इस तरह के लोग यह देखना चाह रहे हों कि आप घर को ठीक से रख रहे हैं या नहीं। आप उनके नियम-कानून मान रहे हैं या नहीं। कहीं आप पड़ोसियों के लिए सिरदर्द तो नहीं हैं।

क्या करें- कोशिश करें कि आपकी जानकारी के बिना वह आपके घर नहीं आ रहा। उसके आने से पहले घर को जरूर ठीक-ठाक कर लें। उनके आने पर एक कप चाय जरूर पूछें।

 दखल न करने वाले

ऐसे लोग बेहद व्यस्त रहते हैं। इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि घर को आप कैसे रख रहे हैं। सफाई करते भी हैं या नहीं। इन्हें बस अपने किराये से मतलब होता है। इनका एक ही लक्ष्य होता है निवेश करना और घर किराये पर देना। उनके ना रहने से संभव है कि आपको ही सारी टूट-फूट संभालनी पड़ती हो, जो ठीक नहीं है। समय तो देना ही पड़ेगा, ठीक करने वाले को ढूंढने की मगजमारी और रुपये खर्च होंगे सो अलग।

क्या करें- एग्रीमेंट में यह जरूर लिखवा लें कि घर की सारी टूट-फूट का जिम्मा उन पर ही होगा। चाहें तो सोसायटी या आस-पास के लोगों से अच्छे रिश्ते बनाकर रखें, जो ऐन वक्त पर आपकी मदद कर सकते हैं।

संकीर्ण मानसिकता वाले

आप देर से घर आते हैं, आपके दोस्त आते हैं तो उन्हें ये सब गंवारा नहीं। वे आपकी चहलकदमी पर रोक लगाते हैं। आपको भाषण देने में लग जाते हैं। बताते हैं कि यदि आपके मम्मी-पापा को यह सब पता चलेगा तो वे कितने दुखी होंगे। क्या करें- पड़ोसियों से बनाकर रखें। इस तरह की खबरें वे भी पहुंचाते हैं उन तक। आस-पास में लो प्रोफाइल मेंटेन करके रखें।

लालची मानसिकता वाले

इस तरह के मकान मालिक सबसे ज्यादा मुसीबत के सबब होते हैं। हर समय किराया बढ़ाने के बारे में सोचते रहते हैं। या यह सोचते हैं कि किस तरह आपसे रुपये ऐंठे जाएं। आपको अचानक शिफ्ट होने को कह देंगे कि उनका फलां रिश्तेदार आ रहा है। यानी कि किराया बढ़ाने का समय आ गया है। क्या करें- एग्रीमेंट बनवाते समय विशेष ध्यान रखें। उनकी हर मांग को पूरी न करें। यदि शिफ्ट होने के लिए कह ही दिया है तो समुचित समय जरूर लें।

कैसे रहें ठीक

मकान मालिक के साथ आपका रिश्ता अच्छा रहे, इसके लिए कुछ टिप्स पर गौर करना चाहिए-

1-अपना किराया समय पर देते रहें।

2-अनावश्यक झगड़े से दूर रहें।

3-उनसे हल्की बातचीत करते रहें।

4-घर में बच्चे हों या किसी बुजुर्ग के साथ रह रहे हों तो चॉकलेट -मिठाई लाते रहें।

5-उनके आराम का भी ख्याल रखें।

6-एक-दो महीने उन पर ध्यान दें कि वे किस तरह के हैं। यदि लगे कि वे ठीक नहीं हैं तो दूरी बनाकर ही रखना बेहतर है।

7-यदि आपको मददगार और समझदार मकानमालिक मिले हैं तो उनसे बनाकर रखिए। ऐसे लोग कम ही मिलते हैं।

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