किशोरावस्था में शारीरिक बदलाव के साथ हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं, जिसका असर चेहरे की त्वचा और बालों पर भी पड़ता है। इस समय हार्मोनल बदलाओं का सबसे अधिक असर ग्लैंड्स पर पड़ता है, क्योंकि इस समय ऑयल ग्लैंड्स की उत्तेजना बढ़ जाती है, जिसके कारण इन ग्लैंड्स में से ऑयल का स्राव बढ़ जाता है। इसी के चलते युवाओं के चेहरे पर ऑयल की एक लेयर नज़र आती है और उन्हें इससे संबंधित समस्यायें जैसे- ब्लैक हेड्स, एक्ने, स्पॉट्स और पिम्पल्स होने लगते हैं। इस समय एक्ने से सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि यह त्वचा पर से तो चले जाते हैं लेकिन इसके धब्बे और निशान चेहरे पर रह जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि अगर समय रहते टीनेजर थोड़ी सी सावधानी और सजगता बरतें तो इन सब समस्याओं से निजात पाई जा सकती है जैसे-
  • ऑयली त्वचा के लिए सबसे अच्छा उपाय होता है क्लींजिंग। एक्ने से बचने के लिए आपको सही उत्पादों का इस्तेमाल करके अपने चेहरे को अच्छे से क्लीन करना चाहिए।
  • आप अपने चेहरे को किसी मेडिकेटिड क्लींज़र से साफ कर सकते हैं और इस क्लींज़र को चेहरे पर से हटाने के लिए पानी का इस्तेमाल करें।
  •  चेहरे को दिन में दो या तीन बार से ज़्यादा ना धोयें। पर इस बात का ध्यान रखें कि साबुन से चेहरा बिलकुल न धोएं, क्योंकि बार-बार साबुन से चेहरा धोने से एसिड और एल्कलाइन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे बैक्टीरिया त्वचा पर आसानी से अटैक कर पाते हैं। 
  •  क्लीन करने के बाद रुई पर एक एस्ट्रिजेंट क्लीनर डालें और अपने चेहरे को इससे पोछें। गुलाब का टॉनिक इसके लिए बहुत अच्छा रहेगा। 
  •  स्क्रब्स डीप क्लीनिंग कर ब्लैक हेड्स को कंट्रोल में रखता है लेकिन पिम्पल्स, एक्ने या रैश पर स्क्रब्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 
  • त्वचा पर ऑयली मॉइश्चराइजर या नरिशिंग क्रीम के इस्तेमाल से बचें। अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि आपकी त्वचा बहुत सख्त हो गई है तो आप इस पर कोई लिक्विड मॉइश्चराइजर का उपयोग करें। 
  •  अगर आपके चेहरे पर एक्ने या पिम्पल निकल आये हैं तो आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। इस समस्या के लिए आपको बाजार में बहुत से उत्पाद मिलेंगे जिन्हें आप डेली क्लीनिंग रूटीन में शामिल कर सकते हैं। 
  •  हार्मोनल बदलाव से ना केवल त्वचा पर बल्कि सिर की त्वचा पर भी इसका असर पड़ता है, क्योंकि हमारे सिर की त्वचा में भी ऑयल ग्लैंड्स होते हैं, जिससे टीनएजर के बाल चिकने होते हैं और इसी ऑयल के कारण हेयर शैफ्टिंग होने लगती है। सिर्फ इतना ही नहीं इससे डैंड्रफ और अन्य त्वचा संबंधित समस्यायें होने लगती हैं। इसलिए टीनएजर को चाहिए कि वो अपने सिर की त्वचा हर समय साफ रखे, नहीं तो इससे चेहरे, कमर और कंधों पर एक्ने हो सकती है।
  • जिनके बाल बहुत ऑयली हो जाते हैं उन्हें हफ्ते में कम से कम तीन बार, किसी माइल्ड शैंपू से अपने बालों धोएं।आप चाहे तो अपने बालों को रोज़ भी धो सकते हैं क्योंकि बालों को रोज़ धोने से हानि नहीं होती है बल्कि आप किस प्रकार के उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनसे आपके बाल खराब होते हैं।अगर आपको बहुत अधिक डैंड्रफ है तो आपको अपने तकिये के कवर, कंघियों और ब्रशेज़ को गर्म पानी से रोज़ धोएं। आप इस गर्म पानी में थोड़ा सा एंटीसेप्टिक भी डाल सकते हैं।
  • अगर आप घर पर डैंड्रफ का इलाज करना चाहते हैं तो गर्म तेल से बेहतर कोई और इलाज नहीं हो सकता। थोड़े से ऑलिव ऑयल या तिल के तेल को गर्म करके रुई से इसे अपने सिर पर लगाएं। डैंड्रफ के फ्लैक्स को हटाने के लिए इसे हल्के से सिर पर रब करें और रातभर इसे अपने सिर पर लगाकर छोड़ दें। सुबह उठने के बाद अपने बालों पर नींबू का रस लगाएं और आधे घंटे बाद अपने बालों को धो दें। आप यह चीज़ हफ्ते में एक या दो बार कर सकते हैं। 
  •  बालों और त्वचा की केयर में आपकी डाइट का बहुत बड़ा रोल होता है। अपनी डेली डाइट में बहुत सारा सलाद, सब्जि़यां और फल शामिल करें।  खूब सारा पानी पियें और जूस को पानी से थोड़ा डाइल्यूट करके पियें। सिर्फ इतना ही नहीं रोज़ सुबह पानी को हल्का गर्म करके उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें डाल कर पियें। 

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