सनातन धर्म यानि कि हिंदू धर्म में हर कार्य के लिए कुछ विशेष नियम और विधि बनाए गए हैं, खासकर किसी भी कार्य का आरम्भ विधिवत पूजन के साथ किया जाता है। जैसे कि गृह निमार्ण कार्य का आरम्भ भूमि पूजन कार्यक्रम के साथ होता है। भूमि पूजन के साथ ही मकान का नींव रखी जाती है, जिसके लिए कुछ चली आ रही परम्पराओं का पालन किया जाता है। जैसे कि आपने देखा होगा कि मकान की नींव रखते वक्त समय ज़मीन में चांदी का सर्प और कलश भी रखा जाता है। लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं, अगर नहीं तो चलिए आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।
दरअसल, मकान के नींव में सर्प और कलश रखने के पीछे एक पौराणिक मान्यता चली आ रही है, जैसी कि मान्यता है कि जमीन के नीचे पाताल लोक है और इस पाताल लोक के स्वामी शेषनाग हैं और शेषनाग ने ही अपने फन पर पूरी पृथ्वी को भार उठाया हुआ है। ऐसे में मकान के नींव में प्रतिकात्मक तौर पर सर्प और कलश रखकर ये कामना की जाती है, जिस तरह से शेषनाग ने अपनी शक्ति और सामर्थ्य के दम पर ही पृथ्वी का भार उठाया हुआ है, उसी तरह से नींव में रखा प्रतिकात्मक सांप भी मकान को स्थायित्व दे।
गौरतलब है कि मकान का नींव रखते वक्त पूजन के समय में विष्णुरूपी कलश में दूध, दही, घी और लक्ष्मी स्वरूप सिक्का डालकर चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही मंत्रोंच्चार कर शेषनाग का आह्वान किया जाता है। ताकि शेषनाग भूमि पर बने घर को सहारा और सुरक्षा दें।
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