बच्चे हों या बड़े मोमोज़ सभी की पसंद होते हैं और इसके साथ खाई जाने वाली चटपटी चटनी की तो बात ही कुछ अलग है। लेकिन मोमोज़ का ज्यादा सेवन और रोड साइड से लिए गए मोमोज़ स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालते हैं। जानें कैसे –
पाचन तंत्र पर असर
मोमोज़ मैदे से बनाए जाते हैं और जिसकी वजह से ये बहुत जल्दी डाइजेस्ट नहीं होते हैं और इनके ज्यादा सेवन से पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा मोमोज में कैलोरी की मात्रा बहुत आधिक होती है और पोषक तत्व न के बराबर होते हैं।
चटनी बहुत स्पाइसी होती है
मोमोज़ के साथ खाई जाने वाली चटनी बहुत ज्यादा मसालेदार होती है और इसे खाने से एसिडिटी ,कब्ज ,सीने में जलन और बवासीर जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
ब्लीचिंग मैदे से बने होते हैं
मोमोज में ब्लीचिंग मैदे का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से बॉडी का इंसुलिन लेवल भी खराब हो सकता है।मैदे में फाइबर नहीं होता, इसे सफेद तथा चमकदार बनाने के लिए बेंजोईल पेरोक्साइड से ब्लीच किया जाता है जो शरीर को बेहद नुकसानदेह है। मैदे में मिलाए जाने वाले रसायन अग्नाशय को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे इसकी इंसुलिन-उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है।
इसकी सामग्री बासी होती है
मोमोज के अंदर इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियां और चिकन बासी या बहुत खराब मानक के होते हैं। ये खराब चिकन उत्पाद ई. कोलाई बैक्टीरिया को जन्म देते हैं जो कि गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
स्टफिंग भी है खतरनाक
वेज मोमोज की स्टफिंग में पत्तागोभी का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए पत्तागोभी को बिना पकाए ही इस्तेमाल में लाया जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति के पेट में कृमि हो सकते हैं। इसके अलावा मोमोज़ खाने की वजह से लोगों के पेट में इंफेक्शन भी हो सकता है।
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