इस बारे में डॉक्टर मालती सक्सेना कहती हैं कि यौन रोग शरीर के अंदरूनी अंगों में होने वाली बिमारियों को कहा जाता है। कभी-कभी यौन रोग इतना मामूली होता है कि उसके लक्षण नजर नहीं आते हैं, पर बाद में जब पता चलता है तो इसके परिणाम खतरनाक होते हैं। इसलिए यौन रोग के मामूली लक्षण को भी अनदेखा ना करें, क्योंकि यौन रोग कई तरह के होते हैं और महिलाओं में यौन रोग पुरुषों की तुलना में अधिक होने की संभावना होती है, इसलिए इनके बारे में पूरी जानकारी महिलाओं को होने चाहिए ताकि इनका इलाज आसानी से हो सके।

यौन रोग का कारण

यौन रोग का मुख्य कारण असुरक्षित यौनसंपर्क और जानकारी का अभाव, इंजेक्शन व स्तनपान आदि हैं। इसके अलावा सेक्स से संबंधित कई बातें हैं, जो इन रोगों को जन्म देती है। आइए जानते हैं वे कौन-कौन सी बिमारियां हैं-

1. क्लैमाइडिया

महिलाओं में क्लैमाइडिया रोग, क्लैमाइडिया ट्रैकोमेटिस नामक जीवाणु से होता है। इसके लक्षण हैं-

  • दर्दनाक संभोग
  • निचले पेट में दर्द
  • पेशाब के दौरान दर्द
  • वैजाइना डिस्चार्ज
  • मासिक धर्म चक्रों के बीच रक्तस्राव

2. गनेरिया

यह रोग बैक्टीरिया से होता है, जोकि शरीर में बहुत तेजी से फैलता है, जिसकी वजह से गला, यूरिनल ट्रैक, वैजाइना आदि संक्रमित हो जाते हैं। इसके मुख्य लक्षण हैं-

  • लंबे समय तक रक्तस्राव
  • वैजाइना से ब्लड डिस्चार्ज
  • यूरिनेशन में दर्द
  • वैजाइना और एनस में खुजली

3. स्कैबीज

यह रोग यौन संबंधों या एक-दूसरे के संपर्क के कारण या संक्रमित व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर का प्रयोग करने से भी फैलता है। इसके मुख्य लक्षण हैं-

  • कलाइयों, उंगलियों के बीच दाने और खुजली
  • गुप्तांगों के आस-पास मुंहासे जैसे खुजली वाले दाने।

4. सिफलिस

इस संक्रमण का कारण ट्रेपेनेमा पैलिडम सिफलिस वायरस है। महिलाओं में यह संक्रमण जननांग के बाहरी हिस्से, सर्विक्स और गुदा पर होता हैं। इसके लक्षण हैं-

  • मुंह, एनस या वैजाइना में सूजन
  • चकत्ते
  • बाद के चरणों में, यह नर्वज़ और अंगों को हानि।

5. जेनिटल वार्ट्स

महिलाओं में आमतौर पर पाए जाने वाला यह रोग एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस है। इस रोग में महिला के जननांगों पर मस्से हो जाते हैं, जो कि त्‍वचा के रंग के ही होते हैं। इनमें खुजली रहती है लेकिन छूने पर दर्द नहीं होता। एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का रूप ले सकता है। इनके लक्षण हैं-

  • खुजली
  • वैजाइना के ऊपरी या अंदर, सर्विक्स और एनस पर दाने
  • या पीरियड के समय दर्द
  • सेक्स के समय रक्तस्राव

6. जेनिटल हर्पीज़

इस रोग में संक्रमण छालों या फफोलों की तरह दिखता है। इस संक्रमण से ग्रसित महिला को बुखार, थकान, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, सूजन होता है। इनके लक्षण हैं-

  • जननांग क्षेत्र, जांघों और नितंबों के आसपास खुजली या दर्द।
  • गुदा, जननांग और अन्य क्षेत्रों में छोटे लाल दाने या छाले

7. बैक्टीरियल वेजिनोसिस

जब महिला के वैजाइना में जीवाणु बढऩे लगते हैं तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस की समस्या होती है। आमतौर पर इस रोग से ग्रसित महिला में कोई लक्षण नज़र नहीं आते, क्योंकि इस तरह के जीवाणुओं के बढऩे से कोई नुकसान नहीं होता। इसके लक्षण हैं-

  • यूरीनेशन में दर्द,
  • योनि से सफेद या पीला स्राव
  • तेज बदबू,
  • वैजाइना के बाहरी भाग में खुजली, लाली और सूजन।

8. कैंडिडा

यह एक यीस्ट संक्रमण हैं। इस संक्रमण में भी शुरू में कोई लक्षण नज़र नहीं आते। इसके लक्षण हैं-

  • यूरीन या सेक् स करते समय दर्द।
  • खुजली, रैश और सूजन,
  • वैजाइना के आस-पास जलन,
  • योनि से गाढ़ा और बदबू स्राव

9. वाटर वार्ट्स

यह संक्रमण वायरस से होता हैं और त्‍वचा पर बुरा असर डालता है। इसके लक्षण हैं-

  • पानी से भरे फफोले जननांगों, गुदा, जांघों और धड़ पर।

10. एक्टोपैरासिटिक

यह संक्रमण छोटे परजीवी कीड़े या जूं के कारण होते हैं। ये बालों या त्वचा को प्रभावित करते हैं। इसके लक्षण हैं-

  • तीव्र खुजली और शरीर पर नजर आने वाले चकत्ते

11. इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी)

एड्स का कारण बनने वाला वायरस एचआईवी कहलाता है। यह रक्त, वैजाइना, स्तन के दूध के माध्यम से फैल सकता है। इसके लक्षण हैं-

  • मांसपेशी में दर्द
  • हल्का बुखार
  • थकान
  • वजन घटना

(डॉ. मालती सक्सेना, सीनियर कंसलटेंट एंड गाइनो, मानसी नॄसग होम से बातचीत पर आधारित।)

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