आपके घर जल्दी ही एक नन्हा मेहमान आने वाला है, आप मम्मी बनने वाली हैं। आपकी ख्वाहिश है कि आप अपने नवजात शिशु के लिए खूबसूरती से कमरा सजाएं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि वास्तु शास्त्र इसमें आपकी मदद कर सकता है ताकि आपना नवजात शिशु स्वस्थ रहने के साथ ही बुद्धिमान भी बने।

इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है जब एक जोड़े को पता चलता है कि वे मम्मी- पापा बनने वाले हैं। शुरुआत से ही वे हर तरह की देखभाल करते हैं और अपने घर को इस तरह से तैयार करते हैं कि आने वाले नन्हे मेहमान को हर तरह की सुविधा मिल सके। यूं तो पेरेंट्स अपने डॉक्टर और बड़ों से भी हर तरह की टिप्स लेते रहे हैं लेकिन वास्तु शास्त्र भी नन्हे मेहमान के आगमन के लिए कुछ खास टिप्स बताता है ताकि आप नवजात शिशु के लिए एक पॉजिटिव माहौल तैयार कर सकें।

सूरज की रोशनी है जरूरी

नवजात शिशु जिस कमरे में सोयेगा, वहां पर्याप्त सूरज की रोशनी आनी चाहिए। खासकर सुबह- सुबह की धूप। सुबह की धूप पॉजिटिव एनर्जी लाती है और साथ ही बच्चे के कमरे के अधिकतर कीटाणुओं का खात्मा करती है। तो आपको यह सुनिश्चित करना है कि जहां भी आपका नवजात शिशु रहेगा, उस कमरे में पर्याप्त सूरज की रोशनी आए।

सोने की व्यवस्था   

नवजात शिशु के सोने की व्यवस्था उत्तर- पूर्व दिशा में हो तो बहुत अच्छा है। नवजात शिशु के बेडरूम के लिए, उत्तर, उत्तर- पूर्व और पूर्व दिशाएं परफेक्ट हैं।

नवजात शिशु का बेड

नवजात शिशु जिस पालने में सोयेगा, वह दीवार से दो- तीन फीट दूर कमरे के दक्षिण- पश्चिम दिशा में होना चाहिए। सोते समय नवजात शिशु का सिर दक्षिण या पश्चिम दिशा में होने से उसे गहरी नींद आती है।

संतुलन बनाए रखें

घर के उत्तर- पश्चिम क्षेत्र में सही संतुलन का होना जरूरी है, जो एयर एलीमेंट से जुड़ा है। यह नवजात शिशुओं में सांस संबंधी समस्या होने से रोकता है।

रॉक सॉल्ट का जादू

नवजात शिशु के कमरे में रॉ या रॉक सॉल्ट रखने से यह निगेटिव एनर्जी को अवशोषित कर लेता है। लेकिन इस सॉल्ट को बहुत जल्दी बदलते रहना चाहिए।

रंगों पर ध्यान

नवजात शिशु के कमरे में डार्क और हैवी रंगों से परहेज करना चाहिए। यह ध्यान देना चाहिए कि नन्हे मेहमान के कमरे में सॉफ्ट, लाइट और वाइब्रेंट रंग हों। यहां तक कि नवजात शिशु के खिलौने भी लाइट और वाइब्रेंट कलर्स में होने चाहिए।

मानसिक विकास है जरूरी

नवजात शिशु के कमरे में शांति, आध्यात्म और प्रेरणा से संबंधित तस्वीरें लगाएं। इससे उनके दिमाग का विकास ऐसा ही होगा। सूरजमुखी फूल की पेंटिंग विशेष तौर पर पिट्यूटरी ग्लैंड को एक्टिवेट करती है और इस तरह से उनके मानसिक विकास में मदद मिलता है।

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