Products for Newborn Baby: एक नवजात शिशु की त्वचा किसी भी वयस्क व्यक्ति की तुलना में 30 प्रतिशत तक पतली होती है, इसलिए जब वह हवा और पानी के संपर्क में आती है तो ड्राई होने लगती है। शिशु की त्वचा का पीएच भी तेजी से बदलता रहता है जिससे सूखापन और जलन होने का खतरा अधिक रहता है।
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पहले दिन से शिशु की देखभाल
नवजात शिशु की त्वचा मुलायम और कोमल होती है इसलिए उसे अतिरिक्त देखभाल की जरूरत पड़ती है। केवल इतना ही नहीं, शिशु को स्तनपान कराने से लेकर खाना खिलाने और नहलाने इत्यादि सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। शिशु की त्वचा को ध्यान में रखते हुए माता-पिता को उसके लिए प्रोडक्ट्स खरीदने चाहिए। शिशु के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स ऐसे होने चाहिए जिसका त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव न हो। पहले दिन से ही शिशु के लिए ऐसे प्रोडक्ट्स चुनें जिसमें त्वचा को कोमलता प्रदान करने वाली चीजों का प्रयोग किया गया हो!

डॉ. एमडी नूर आलम खान: (एमबीबीएस, डीसीएच (एएमयू), डीएनबी पीडिया (एम.ए.एम.सी.), पी.जी.पी.एन. (बोस्टन यूनिवर्सिटी, यूएसए), कंसल्टेंट्स पीडियाट्रिशियन)
खरीदें केमिकल फ्री बेबी प्रोडक्ट्स
बेबी प्रोडक्ट्स खरीदते समय ध्यान रखें कि वह बहुत ही माइल्ड और केमिकल फ्री हो ताकि बेबी की त्वचा पर दुष्प्रभाव न हो।
शिशु का डायपर: सफाई के लिए चुनें लोशन बेस्ड बेबी वाइप्स
अक्सर शिशु को डायपर पहनाने से उसे रैश हो जाते हैं जिससे वह पूरा दिन परेशान रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए डायपर को हर 2 से 3 घंटे में बदलते रहें। लगातार डायपर पहनने से शिशु की त्वचा हमेशा गीली रहती है जिससे उसे एलर्जी भी हो सकती है। इससे बचने के लिए डायपर उतारने के बाद शिशु की त्वचा को लोशन बेस्ड बेबी वाइप से साफ कर लें। यह माइल्ड होने के साथ अल्कोहल-फ्री भी होते हैं। यह शिशु की त्वचा में नमी बनाए रखते हैं।
नहलाना और मॉइस्चराइजिंग: पीएच संतुलित बेबी वॉश का इस्तेमाल करें
अक्सर शैंपू और क्लेंजर्स से शिशु की त्वचा का पीएच कहीं खो जाता है इसलिए जब भी आप उसके लिए कोई शैंपू इस्तेमाल कर रहे हों तो ध्यान रखें कि वह पीएच बैलेंस फॉर्मूला पर आधारित हो। उनमें किसी प्रकार का सल्फेट, पैराबिन, डाई और थैलेट्स नहीं होना चाहिए। शिशु को नहलाने के लिए ऐसे क्लेंजर का इस्तेमाल करें जिसमें बड़े मिस्सेल हो। मिस्सेल के बड़े मॉल्युकल्स होते हैं जो आसानी से शिशु की त्वचा के भीतर नहीं पहुंच पाते हैं जिससे वो केवल त्वचा की ऊपरी त्वचा की ही सफाई करता है। यदि आप हार्मफुल केमिकल युक्त क्लेंजर इस्तेमाल करते हैं तो यह शिशु के स्किन बैरियर को क्षति पहुंचा सकती है। स्किन बैरियर वो होते हैं जो त्वचा को बाहरी अशुद्धियों से बचाते हैं।
रोजाना के इस्तेमाल के लिए ऐसे शैंपू का प्रयोग करें जो शिशु के स्कैल्प का पीएच संतुलित रखे। हमेशा वही बेबी शैंपू इस्तेमाल करें जो नारियल और ग्लिसरीन युक्त हों। नहलाने के बाद शिशु की त्वचा को क्रीम या लोशन से मॉइस्चराइज करें। मिल्क प्रोटीन, केमोमाइल और नारियल तेल जैसी प्राकृतिक चीजों के एक्सट्रेक्ट वाले क्रीम या लोशन ही शिशु को लगाएं। यह शिशु की त्वचा को पोषण देने के साथ कोमल और मुलायम भी रखता है। शिशु के लिए ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट का प्रयोग करें जो माइल्ड होने के साथ जिसका पीडियाट्रिशियन द्वारा परिक्षण भी किया गया हो। इन प्रोडक्ट्स में हार्मफुल केमिकल नहीं होते हैं और यह पूरी तरह हाइपोएलर्जेनिक होते हैं। हाइपोएलर्जेनिक वो पदार्थ होते हैं जिन्हें खाने या लगाने से एलर्जी नहीं होती है।
बालों की देखभाल: ऐसे शैम्पू को चुने जो शिशु की आंखों में जलन न करें
सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि शिशु के बालों पर ऐसे शैंपू का इस्तेमाल करें जिससे उसकी आंखों में जलन न हो। अक्सर नवजात शिशु के स्कैल्प पर एक मोटी परत जमी होती है लेकिन कुछ दिनों में ये समस्या ठीक हो जाती है। हालांकि केमिकल युक्त शैंपू के इस्तेमाल से यह समस्या फिर से हो सकती है जिसे ‘क्रैडल कैप’ कहा जाता है। ऐसे में नियमित रूप से बच्चे को कॉम्ब और शैंपू करते रहें ताकि उसके स्कैल्प पर पपड़ी या मोटी परत न जमें। शिशु के बालों के लिए हमेशा माइल्ड शैंपू इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह उसके स्कैल्प को साफ रखने के साथ पोषण भी देता है। नवजात शिशु की त्वचा पर स्किन केयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते समय इन बातों का ध्यान रखें तो बेबी की त्वचा हमेशा कोमल और मुलायम बनी रहेगी।
स्टैमाटास, जी, एट अल। 2, एस.एल.: बाल चिकित्सा त्वचाविज्ञान, 2010, वॉल्यूम। 27, पृ.125-131
