Cardamom Uses and Benefits: इलायची का उपयोग खान-पान, खीर, चाय, श्रीखंड जैसी दूध से बनी मिठाइयों और शरबत में किया जाता है। मुख शुद्धि के लिए भी यह खाई जाती है। इसकी दो मुख्य जातियां होती हैं। छोटी, जो एक सेंटीमीटर लंबी होती है और बड़ी ढ़ाई से तीन सेंटीमीटर की होती है। इसके दाने भी बड़े आकार के होते हैं। बड़ी की अपेक्षा छोटी इलायची सुगंध एवं स्वाद में अधिक तेज होती है। गुण भी छोटी इलायची में ज्यादा हैं। औषधि के रूप में छोटी इलायची ही प्रयोग में लाई जाती है।
ये हैं गुण –
- इलायची सुगंधित, पचने में आसान तथा उत्तेजक होती है।
- यह भूख बढ़ाती है, खाना पचने में मदद करती है और वायु का अनुलोपन करती है।
- मुख के बेस्वादपन व अरुचि को दूर करती है।
- यह वायु, कफ के दोष से निजात दिलाती है।
- खांसी, दमा, कंठरोग, खुजली, अश्मीरी, अर्श, प्रज, मूत्रकृच्छ आदि व्याधियों में भी उपयोगी है।
छोटी इलायची का उपयोग
- पेट में मरोड़ तथा आंव के साथ दस्त हो तो मक्खन व इलायची का चूर्ण दें।
- गुर्दे में दर्द की शिकायत हो या अश्मरी पथरी हो तो खरबूजे के बीज के साथ इसका चूर्ण दें।
- आखों को ठंडक देने के लिए इलायची का बारीक चूर्ण काजल में मिलाकर आंखों में लगाएं।
- गले में खराश, खांसी हो तो इलायची के चूर्ण में सेंधा नमक, घी, शहद मिलाकर चाटें।
- मुंह में छाले पड़ जाने पर इलायची का चूर्ण फिटकरी के चूर्ण के साथ मुंह में रखें, इससे चिपचिपा पानी बह कर मुख शुद्ध हो जाये तो मुंह को पानी से साफ कर लें।
- उल्टी की स्थिति में इलायची के छिलके जलाकर उसकी राख को शहद में मिलाकर चटायें।
- चक्कर आते हों तो छिलके सहित इलायची कूटकर पानी में उसका काढ़ा बनाकर पिलाएं।
- अधिक केले खाने पर पेट भारी हो जाये तो इलायची चबा कर खाएं।
- दांत में कीड़ा लग जाने से दर्द हो तो इलायची का एक दाना और उतना ही कपूर दांत के खोल में रखने से दर्द कम होता है।
- खांसी में इलायची के दाने और शक्कर मुंह में रखकर चूसें लाभ मिलेगा।
(साभार – शशिकांत सदैव, साधना पथ)
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