ड्रेनेज सिस्टम करें बेहतर
माना कि पौधों के लिए पानी अच्छा है लेकिन तेज़ बारिश या गमलों व क्यारी में पानी भरने से पौधे नष्ट भी हो जाते हैं। दरअसल पानी भरने से पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा धीरे-धीरे मुरझा जाता है इसलिए बरसात के बाद इस पानी को निकाल दें या पहले से पानी निकलने की व्यवस्था कर लें जिससे बरसात का पानी इकट्ठा न हो। गमलों को भी अच्छी तरह चेक करें कि एक्स्ट्रा पानी निकल रहा है या नहीं।
ट्रिमिंग ज़रूर करें
इस मौसम में पौधे व पेड़ तेजी से बढ़ते हैं इसलिए इनकी टहनियों को काटते रहें। आप चाहें तो इस मौसम में बोनसाई तकनीक का सहारा भी ले सकती हैं। इसकी मदद से पौधे छोटे रह जाते है पर फल-फूल बडे पेडों की तरह ही देते है। जंगली पौधों और बेलों को हटाते रहें ताकि वे अन्य पौधों को नुकसान न पहुंचा सकें।
छोटी-छोटी क्यारियां बनाएं
पौधे लगाने से पहले क्यारियां बना लें। ऐसा करने से पौधे व्यवस्थित व सुंदर दिखेंगे। नए पौधे लगाने के बाद उन्हें लकड़ी या किसी स्टैंड का सहारा दें ताकि वे टूटने से बच सकें। (और पढ़ें-रिमझिम फुहारों में त्वचा रहे जवां)
घरेलू खाद का करें उपयोग
पौधों को पूरी तरह पोषण मिलता रहे, इसके लिए एक महीने में कम से कम दो बार खाद डालें। चाय की पत्ती, चावल का पानी, सब्ज़ियों के छिलके आदि को आप खाद की तरह प्रयोग कर सकती हैं। खाद के प्रयोग से जड़ें मज़बूत होंगी।
केंचुओं से भी दें पोषण
मानसून में पनपने वाले केंचुओं के मिट्टी में चलने से नाइट्रेशन की प्रक्रिया होती है और साथ ही हवा का प्रवाह भी होता है। यदि आपको अपने बगीचे के किसी हिस्से में केंचुए अधिक मात्रा में दिखें तो उन्हें gardening gloves पहन कर सारे बगीचे में फैला दें ताकि सभी पौधों को बराबर पोषण मिले।
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