‘‘मुझे अभी तक शिशु की हलचल महसूस नहीं हुई क्या कुछ गलत हो सकता है? या शायद मुझे इस हलचल को पहचानना नहीं आ रहा। ”

वे सारे टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, पेट का उभार,शिशु के दिल की धड़कन वगैरह सब कुछ भूल जाएँ। केवल शिशु की हलचल ही उस बात का सच्चा सबूत देती है कि आप माँ बनने वाली हैं। अब आपको इसे महसूस करना है। आमतौर पर कई माँओं को इस हलचल का पता चौथे महीने से चलता है जबकि एम्ब्रियो सांतवे सप्ताह से हलचल शुरू कर देता है। मां को उन नन्हीं टांगों व हाथों की हलचल पता नहीं चल पाती। 14 से 26 सप्ताह के बीच अक्सर यह हलचल सुनाई देने लगती है लेकिन 18 से 22 सप्ताह में ज्यादा आसार होते हैं। पहले माँ बन चुकी महिला इस हलचल को जल्दी पहचान लेती है, उसके पेट व गर्भाशय की मांसपेशियाँ भी ढीली होती हैं इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं होती।

पहली बार माँ बननेवाली महिला यदि मोटी है तो उसे भी शिशु की हलचल इतनी जल्दी महसूस नहीं होगी। प्लेसेंटा की स्थिति से भी काफी असर पड़ता है। इसकी वजह से हलचल महसूस करने में कई सप्ताह का समय लग सकता है। कई बार गर्भावस्था की ड्यू डेट का गलत अंदाज होने से भी शिशु की हलचल महसूस नहीं हो पाती। कई बार माँ इसे गैस या पाचन संस्थान की गड़गड़ाहट समझ लेती हैं।इन आरंभिक हलचलों के बारे में कुछ कहना या इन्हें सुनना, दोनों ही काफी मुश्किल है। कई बार लगता है कि पेट में घबराहट सी हो रही है या कोई नन्हीं चीज पेट को बाहर की ओर धकेल रही है या फिर……क्योंकि हर माँ इस हलचल या एहसास को अपने ही तरीके से लेती है चाहे जो भी हो, इससे आपके चेहरे पर एक मुस्कान तो आ ही जाती है।

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