हर क्षेत्र में खुद को बेहतर साबित करने की दौड़ के कारण अक्सर महिलाएं सुपरवुमन सिंड्रोम की शिकार हो जाती हैं। ऐसे में अकसर उनके पास खुद के समय नहीं होता, न ही एनर्जी होती है। वे दोहरी जिम्मेदारी संभालती हैं। वे हर क्षेत्र में खुद को साबित करना चाहती हैं और ऐसे में जाने अनजाने इस सिंड्रोम की शिकार हो जाती हैं।
