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मैटरनिटी लीव लेने से पहले बनाएं टू-डू लिस्‍ट, इन बातों का रखें ध्‍यान: Maternity Leave

ऐसे में कामकाजी महिलाओं को ऑफिस की ओर से 6 महीने की मैटरनिटी लीव की सुविधा भी दी जाती है, ताकि वे खुद का और बच्‍चे का विशेष ध्‍यान रख सकें।

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प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए: Physical Relation to get Pregnant

ऐसा माना जाता है मासिक धर्म चक्र का सबसे फर्टाइल समय ओव्यूलेशन के आसपास का होता है। जानिए प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए

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Facts About Pregnancy: प्रेगनेन्सी से जुड़ी कुछ भ्रांतियां और वास्तविकताएं

आप गर्भवती हुई नहीं कि ज़माने भर का ज्ञान आपके सामने उड़ेलना शुरू कर देंगी महिलाएं। इनमें से कुछ तो वाकई काम की होंगी, लेकिन कई बातें सिर्फ और सिर्फ भ्रांतियां होगी। इन बातों में कितनी सच्चाई और कितनी भ्रांति है, इसे लेकर आपको सचेत होना जरूरी है।

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पहली प्रेगनेंसी के बाद दूसरे शिशु की ऐसे करें तैयारी

कितना अच्छा होता अगर हम अपनी मर्जी से पूरी जिंदगी को प्लान कर पाते। अक्सर हमारी बनी-बनाई योजनाओं के पुल मिनटों में टूट कर बिखर जाते हैं और हम उन पर जरा भी नियंत्रण नहीं कर पाते।कितना अच्छा होता कि हम पूरी योजना से गर्भधारण करते और शिशु को जन्म देते,इस तरह हमें जीवनशैली में आवश्यक सुधार लाने का भी पूरा मौका मिल जाता लेकिन ऐसी सुविधा कितनी महिलाओं को मिल पाती है। मासिक धर्म की गड़बड़ी व बर्थ कंट्रोल के उपाय वगैरह कारणों से ऐसा करना संभव नहीं हो पाता। इस किताब में भी गर्भधारण से पूर्व की तैयारी पर जोर दिया गया है हालांकि सभी महिलाएँ शुरूआत से ही इतना ध्यान न रख पाने के बावजूद स्वस्थ शिशुओं को जन्म देती हैं। वैसे अब तो परिवार नियोजन की तकनीकें काफी कारगर होती जा रही हैं इसलिए आप बड़े आराम से अपनी प्रेगनेंसी की पूरी योजना बना सकती हैं। ज्यों ही इस बारे में सचेत हो,उसी दिन से अपने शरीर पर ध्यान देना शुरू कर दें। इस समय की गई देखभाल न केवल आपकी संतान, बल्कि उसकी संतान के लिए भी फायदेमंद होगी। भावी माता-पिता कई तरह से प्रजनन क्षमता बढ़ा सकते हैं ताकि भावी शिशु पूरी तरह स्वस्थ हो। यदि आप पहले से ही गर्भवती हो चुकी हैं, तो भी घबराएँ नहीं, बस यह अध्याय छोड़ कर पहले अध्याय से पढ़ना शुरू कर दें। गर्भधारण करने से पहले माँ क्या करे संपूर्ण शारीरिक जांच :- अपने पारिवारिक डॉक्टर से मिलें। पूरी जांच से पता चल जाएगा कि पहले से ही किसी इलाज की जरूरत तो नहीं है। दंत चिकित्सक से मिलें :- जी हाँ डेंटिस्ट से मिल कर दांतों की अच्छी तरह जांच करवाएँ।एक्स-रे, फिलिंग, दाँत की सर्जरी वगैरह, जो भी करवाना हो इसी समय करवा लें क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह सब नहीं हो पाएगा।आपके मसूड़े भी स्वस्थ होने चाहिए। अध्ययनों से पता चला है कि मसूड़ों की बीमारी से प्रीटर्मबर्थ का खतरा बढ़ जाता है। घर में ही दाँतों व मसूड़ों की पूरी देखभाल शुरू कर दें। डॉक्टर से मिल कर गर्भधारण से पूर्व जांच करवाएँ :- इस समय हड़बड़ाहट नहीं है इसलिए आसानी से डॉक्टर चुना जा सकता है।अपने आसपास तलाशें कि कौन सा डॉक्टर आपके लिए बेहतर चुनाव हो सकता है। फिर उनसे मुलाकात का समय लें चाहे आप किसी दाई से ही प्रसव क्यों न कराना चाहें, पर इस समय डॉक्टर से जाँच करा लेना आवश्यक है।यदि आप जांच के बाद हाई-रिस्क ग्रुप में नहीं आतीं तो अपनी मर्जी से डॉक्टर, दाई व प्रसव का तरीका चुन सकती हैं। यदि आप हाई-रिस्क ग्रुप में हैं तो माँ-शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसी विशेषज्ञ की सेवाएँ लेना ही बेहतर होगा। अपनी प्रेगनेंसी हिस्ट्री पर नज़र डालें :- कहीं आपको पहले गर्भपात या समय से पहले प्रसवजैसी शिकायत तो नहीं रही? या फिर गर्भावस्था में कोई दूसरी जटिलता तो नहीं आई थी।डॉक्टर से पूछें कि इस विषय में क्या-क्या सावधानी बरती जा सकती है। अपनी माँ की प्रेगनेंसी हिस्ट्री पर नज़र डालें :- पता लगाएँ कि आप भी डैश बेबी तो नहीं। 1971 तक गर्भपात रोकने के लिए डाईथाईइज़टिलसेजिसट्रल नामक जो दवा दी जाती थी वह प्रजनन अंगों को नुकसान पहुँचा सकती थी। यदि आप की मम्मा ने वो दवा ली थी तो आपको भी योनि और गर्भाशय मुख की कोलोपोस्कोपी करा लेनी चाहिए। टेस्ट करवाएँ :-  गर्भधारण से पूर्व निम्नलिखित टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है। हीमोलोबिन या हीमेटोक्रिट (अनिमिया की जांच) आर4 फैक्टर, यदि आप निगेटिव है तो साथी की जॉच होगी। यदि वे भी नेगेटिव हुए तो फिर ज्यादा सोचने की कोई बात ही नहीं है। रुबेला टिटर बैरीमेला टिटर मधुमेह की जाँच के लिए मूत्र ट्यूबरक्लोस्थिति हेपेटाइटिस बी‒यदि आप हाई रिस्क समूह में आती हैं। साइटोमिगेलो वायरस-एंट्टीबॉज़ (यदि यह समझाया हो तो इलाज के छः माह बाद ही गर्भधारण करें ) टॉमनोप्लाज़मोसिस टिटर (अगर आपकी बिल्ली कच्चा माँस खाती है या आप दस्तानों के बिना बागवानी करती हैं अथवा पॉश्चराइज़ फ्री दूध लेती है, इस पुस्तक में पहले चर्चित सुझावों पर अम्ल करें। थायराइड (इससे गर्भावस्था व संतान की मानसिक क्षमता प्रभावित हो सकती है।गर्भधारण से पूर्व इसकी जाँच अवश्य कराएँ । यदि परिवार में किसी को पहले यह रोग हो चुका है, तब तो यह और भी जरूरी हो जाता है। एस. टी. डी. (यौनजनित रोग) सभी गर्भवती महिलाओं को एस. टी. डी. जाँच करानी चाहिए, जिनमें सिफलिस, गोनास्यि क्लामीडिया, हर्मीज, ध्यूमन पैपीलोमा वायरस, वैक्टीरियल बैंजीनेसिस, गारडनरेलावैजनीटिस व एच. आई. वी शामिल हैं।चाहे आप अपने लिए ऐसा सोच भी नहीं सकतीं, फिर भी जाँच कराना बेहतर होगा। इलाज कराएँ :- अगर टेस्ट में किसी रोग का पता चले तो इलाज कराने में देर न करें। किसी भी तरह की सर्जरी या मेडीकल इलाज से न हिचकिचाएँ। अब आपको जननांगों से जुड़ी छोटी सी भी तकलीफ का भी इलाज करा लेना चाहिए; जैसे‒  यूटेराइन पोलिप्स, फायब्राइस, सिस्ट, ट्यूमर एंडोमैट्रिओसिस पेल्विक से जुड़े रोग मूत्राशय संक्रमण यौन जनित रोग यदि किसी भी मामले में सर्जरी करानी पड़े तो उसके छः माह बाद ही गर्भधारण करें। टीकाकरण पूरा कराएँ :- यदि आपने पिछले दस वर्षों में टिटनेस‒डिपथीरिया बूस्टर नहीं लिया तो अवश्य लें। एम.एम.आर. वैक्सीन लें तो गर्भधारण से पूर्व तीन महीने तक इंतजारकर लें। हैपाटाइटिस की के बारे में भी सचेत रहें व सही समय पर चिकित्सा कराएँ। यह भी पढ़ें –डिलीवरी के बाद मां को हो सकता है संक्रमण

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गर्भावस्था में जरुरी नहीं मॉर्निंग सिकनेस

अध्ययनों से पता चला है कि करीब 75 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं, मॉर्निंग सिकनेस से होने वाली मिचली व उलटियों से परेशान होती हैं।

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गर्भावस्था में शराब का सेवन भ्रूण के लिए ख़तरनाक

गर्भावस्था के दौरान शराब गर्भ में पल रहे शिशु केे लिए हानिकारक है। चाहे आप कितनी भी कम शराब पीएं, यह आपकी रक्त नलिकाओं के जरिये आपके शिशु तक पहुंचती ही है। इसलिए, सुरक्षा के लिहाज से गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन न करना ही सबसे सुरक्षित है।

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गर्भावस्था के दौरान व्यायाम है ज़रूरी

शादी के बाद एक लड़की के लिए मां बनने का मतलब है एक नई दुनिया में प्रवेश करना, नई जिम्मेदायों से रु-ब-रु होना। लेकिन सबसे पहले ज़रूरी है कि गर्भावस्था के दौरान महिला व्यायाम करे, जिससे प्रसव के समय कोई परेशानी नहीं हो और बच्चा स्वस्थ पैदा हो।

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जानें गर्भावस्था के संभावित व सकारात्मक लक्षण के बारे में

गर्भावस्था के लक्षण स्‍त्रियों मेंअलग-अलग प्रकार के होते हैं। गर्भधारण करने पर जहां कुछ स्‍त्रियों को लक्षण साफ दिखाई देते हैं, वहीं शुरूआती समय में गर्भधारण के लक्षणों को महिलाएं समझ नहीं पाती।
क्या है गर्भावस्था के संभावित व सकारात्मक लक्षण आइए जानें-