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बंद घड़ी का सही टाइम

Hindi Kahani – बंद घड़ी का सही टाइम Hindi kahani : अपनी टीचर के दिखाए सपनों की छांव में संध्या अपने भविष्य को तराशने निकल पड़ी थी। उसकी दिन-रात की मेहनत रंग लाई। उसे आई.आई.टी. एन्ट्रेंस में इतना अच्छा रैंक मिला कि उसे आई.आई.टी. दिल्ली में एडमिशन के साथ स्कालरशिप भी मिल गई थी… अपनी […]

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सब्जी का ठेला – गृहलक्ष्मी की कहानियां

कहानी प्रतियोगिता-
प्रिय पाठको, गृहलक्ष्मी के शब्दों से भरे भावभीने संसार को आपने दिया प्यार और सम्मान। आभारी हैं हम और अब बारी है हमारी। तो लीजिए, गृहलक्ष्मी जुटा लाई है आपके लिए एक अवसर अपनी छिपी प्रतिभा
बाहर लाने का, एक प्रभावपूर्ण कहानी के जरिए। कहानी का विषय कुछ भी हो, बस हो दिल छू लेने वाला और शालीन। शब्द संख्या 1000-1200 से ज्यादा न हो। रचना वापसी के लिए टिकट लगा लिफाफा साथ रखना न भूलें। कृपया अपनी कहानी की फोटोकापी संभालकर रखें। कहानी पर विचार करने पर लगभग 3 महीने का समय लगता है, अत: कहानी भेजने के 3 महीने बाद ही संपर्क करें। अगर आपकी
कहानी पुरस्कृत हो गई हो तो कृपया दुबारा न भेजें। याद रखें, अधिक शब्द संख्या वाली कहानियां नहीं चुनी जाएंगी।कॉन्टेस्ट में भाग लें और जीतें आकर्षक उपहार।

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जिन्न नहीं हूं ‘मैं ‘ – गृहलक्ष्मी कहानियां

‘मां आज नाश्ते में आलू के परांठे बना देना, नहीं मां आलू के नहीं प्याज़ के बनाना, रोहन-रिया की फरमाइश अभी सुन ही रही थी कि अजय कहने लगे, ‘क्या तुम लोग भी आलू प्याज करते रहते हो यह भी कोई परांठे हैं, खाने हैं तो गोभी या पनीर के खाओ, मज़ा आ जायेगा।

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पापा मुझे फिल्म देखने जाने दो

यह किस्सा उस समय का है जब मैं कक्षा 8वीं का विद्यार्थी हुआ करता था, चूंकि उस समय आठवीं कक्षा बोर्ड हुआ करती थी तो पढ़ाई का दबाव भी अधिक होता था। सुबह 7 से 12.30 तक स्कूल, फिर घर पर ही कुछ देर आराम करके मम्मी के साथ पढ़ने बैठना पड़ता था। उस समय जीटीवी नया-नया शुरू हुआ था। सिनेमा जाने की अनुमति थी नहीं।

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गृहलक्ष्मी की कहानियां – बहू के दाल के पराठें!!

“अरे! कितनी खूबसूरत, सुंदर, मनमोहक मुस्कान, बड़ी-बड़ी आंखों वाली यह किसकी लड़की है सरला”? किरण अपनी सहेली सरला से पूछती है।

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जवानी मस्तानी दीवानी – राजेन्द्र पाण्डेय भाग-4

Hot hindi Story – जवानी मस्तानी दीवानी Hot hindi Story : युवक का व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली था। चौड़ी छाती, भुजाएं गठी हुई, आंखों में गजब का यौन-आमंत्रण था। पुरुषोचित सौंदर्य से वह पूरी तरह लदा हुआ था। मैं उसके बारे में ही सोचती हुई सो गई। रात के कोई दो बजे बाहर घूम रही पुलिस […]

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एक हसीन चाहत – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 3

Hot Story Hindi – एक हसीन चाहत Hot Story Hindi : दूसरे दिन मैं स्कूल आई तो माधुरी गेट पर ही मिल गई। वह एक लड़के से हंस-हंसकर बातें कर रही थी। ‘मेरे संस्कार ही ऐसे थे, कि मैं जिस किसी स्त्री-पुरुष या लड़का-लड़की को हंसते बोलते देखती तो मैं उनके संबंधों को लेकर सशंकित […]

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प्रेम की प्यासी – राजेन्द्र पाण्डेय

Hindi Hot story : पराए पुरूष से लगाव Hindi Hot story : मेरा गोरा रंग, बोलती आंखें, कंधों तक बलखाते बाल, चौड़ी छाती, पतली कमर और चिकनी सुडौल जांघे सभी को लुभाती थी। पुरुष मेरे सौंदर्य को देखकर कहते-‘यह लड़की तो किसी रसगुल्ले से कम मुलायम और रसदार नहीं है। इसे देखने मात्र से ही […]

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प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 2

Hot Story in Hindi- प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय Hot Story in Hindi : दूसरे दिन पापा घर आ गए। उनके आते ही मम्मी ने मायके जाने का मन बना लिया। वह मुझे भी अपने साथ ले जाएगी, यह सोचकर मैं मन ही मन खुश हो रही थी। लेकिन वह मुझे अपने साथ नहीं […]

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पराए पुरूष से लगाव – राजेन्द्र पाण्डेय भाग-1

Hot Hindi Stories – पराए पुरूष से लगाव Hot Hindi Stories : मेरा गोरा रंग, बोलती आंखें, कंधों तक बलखाते बाल, चौड़ी छाती, पतली कमर और चिकनी सुडौल जांघे सभी को लुभाती थी। पुरुष मेरे सौंदर्य को देखकर कहते-‘यह लड़की तो किसी रसगुल्ले से कम मुलायम और रसदार नहीं है। इसे देखने मात्र से ही […]

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