गृहलक्ष्मी दोपहर का सीजन-3 इन दिनों दिल्ली एन.सी.आर, पंजाब, हरियाणा समेत अलग-अलग जगाहों पर धूम मचा रहा है। इसी कड़ी में 25 नवम्बर को गृहलक्ष्मी का कारवां पहुँचा फरीदाबाद। यहां क्लब की महिलाओं ने गृहलक्ष्मी के साथ हर एक्टिविटी में खूब बढ़-चढ़ कर भाग लिया, साथ ही अलग-अलग एक्टिविटीज में हिस्सा लेकर जीते ढेरो इनाम। […]
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बिना छांव का दरख़्त – गृहलक्ष्मी कहानियां
अनु जरा जल्दी जल्दी हाथ चला, मुझे देर हो रही है। हां मम्मी, बस काम खत्म होने वाला है , मैंने सब्जी काट दी और किचेन का सारा काम भी निबटा दिया है।
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जज़्बा
राधिका को क्या पता था कि एक दिन यह नौबत आ जाएगी। जिस बेटी को पद्मा ने बोझ मानकर पैदा होते ही त्याग दिया था, आज एक मुकाम पर पहुंच चुकी थी। जिया ने उन्हें अपना रोल मॉडल माना था, वो उन्हीं से ट्राफी लेना चाहती
थी। क्या अपनी मां से अनजान बेटी उन्हें माफ कर सकेगी?
