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Parvarish: डांट कर नहीं डट कर करें बच्चों की सही परवरिश

Parvarish: “जिन पौधों की परवरिश,हमेशा छांव में होती हैवह अक्सर कमजोर होते हैं,और जिन पौधों की परवरिशधूप में होती है वो हरमौसम को झेल लेते हैं” मतलब की आप अपने बच्चों को जैसी परवरिश देंगे वे वैसे ही होंगे। कहते हैं न की बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। सिर्फ़ बच्चों को […]

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परवरिश

बीस साल बाद नंदनी अपनी बेटी के साथ भारत आई, भानू और भाभी ने दिल से स्वागत किया। नंदनी के साथ आई उसकी बेटी तृष्णा। डॉ. तृष्णा को देखकर सब हैरान थे।

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बच्चों को सिखाएं अपनी भावनाएं व्यक्त करना

बच्चे काफी बड़े होने तक अक्सर अपनी भावनाएं ठीक प्रकार से व्यक्त नहीं कर पाते हैं और अगर कोई उनकी बात समझ नहीं पाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगता है। ऐसे में उन्हें अपनी बात को अभिव्यक्त करना सिखाना अभिभावकों का ही दायित्व होता है।