इस संसार में प्रेम ही एक ऐसी निधि है जिसे हर कोई पाना चाहता है मनुष्य तो क्या पशु-पक्षियों को भी प्रेम की चाहत होती है इस संसार में आप सब कुछ शक्ति एवं सार्मथ्य से अर्जित कर सकते हो परन्तु प्रेम पाने के लिए ह्रदय की पात्रता को उत्तीर्ण करना होता है प्रेम वही कर सकता है जिसका ह्रदय बड़ा साफ-सुथरा हो जहां न वासना की खिड़की हो, न स्वार्थ का दरवाजा, न ही ऐसा आकर्षण जो ऊपरी दिखावे का हो प्रेम वह है जो मनुष्य को मनुष्यता सिखा दे।
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कबीर के ये 10 दोहे करते हैं जिंदगी की कड़वी सच्चाई को बयां
“कबीरा खड़ा बाजार में मांगे सब की खैर, ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर!” ऐसे ही जीवन के प्रति सीख देने वाले कबीर के दोहे सभी के लोकप्रिय हैं। कबीर दास जैसा व्यक्तित्व शायद ही किसी और अन्य हिन्दी साहित्यकार का होगा। कबीर को पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं मिला था लेकिन वह हमेशा विद्वानों की ही सानिध्य में वे खूब रहे। उनके लिखे दोहे उनकी शब्दावली इतनी सरल थी कि आज तक सभी के जबानों पर रटी है। वे अपनी बड़ी-बड़ी बातों, विचारों को अपने दोहों के माध्यम से बड़ी सरलता से समझा देते थे। यहां हम आपको तस्वीरों के माध्यम से बताने जा रहे हैं ऐसे ही कबीर जी के 10 लोकप्रिय दोहे जो जीवन की सच्चाई को बयां करते हैं –
