बात तब की है जब मैं 12 वर्ष की थी। मेरी छोटी बहन 10 वर्ष की थी। हम गर्मी की छुट्टियां बिताने ननिहाल गए। वहां मेरे मामाजी का जड़ीबूटियों व औषधियों का व्यापार था। हमारे घर में ही एक गोदाम था, जहां पर जाने से मामाजी ने मना किया था। वहां हम उम्र बच्चे थे। एक दिन हम सभी […]
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दादी की मिली सीख
तब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। गरमी की छुट्टियों में मेरी कॉलोनी की सहेलियां मेरे घर खेलने आया करती थी। मेरी दादी मां छुट्टियों में चावल और उड़द के पापड़ बना छत पर सुखाती थी। एक दिन मम्मी ऑफिस गई हुई थी। दादी मां ने चावल के पापड़ बनाए थे। मेरी सहेली सुप्रिया बोली, ‘मुझे चावल के पापड़ […]
तेरे हाथ का पानी मीठा
घटना तब की है जब मेरी आयु लगभग 9-10 वर्ष की रही होगी। मेरे मामाजी छुट्टियों में आए हुए थे। वे हमेशा मेरे हाथ से ही पानी मंगवा कर पीते थे। पानी मांगते वक्त मुझे बहलाने के लिए वे कहते थे, ‘सोनिका तेरे हाथ का पानी मीठा लगता है, तू ही मुझे पानी लाकर पिलाया कर। ये सुनकर […]
गोटा लेने की जिद
मैं तब लगभग तीन वर्ष की थी और शब्दों को स्पष्ट नहीं बोल पाती थी। मुझे बर्फ का गोला बहुत पसंद था। एक दिन मैं पापा से बोली, ‘मुझे ‘गोटा (बर्फ का गोला) चाहिए। बहुत जिद करने पर पापा मेरे लिए गोटा (हनुमान जी वाला गोटे का खिलौना) ले आए। उसे देखकर मैं और ज्यादा […]
आइब्रो का मुंडन
बात है पुरानी लेकिन मन की गहराई में उतर कर आज भी मुझे गुदगुदाती है। मेरी उम्र होगी आठ या नौ साल, बचपन में नानी-मामा के यहां अपरिहार्य कारणों से रही। एक दिन मेरे मामाजी शेव करके ब्रश साफ करने बाथरूम गए, रेजर में ब्लेड लगा हुआ था। जब मामाजी शेव कर रहे थे, मैं उनको बहुत गौर से […]
मम्मी पापा की चटनी बना रही हैं
मैं छह सात साल का था। मेरे पापा को खाने के साथ अदरक धनिये की चटनी बहुत पसंद थी। एक दिन भी अगर मम्मी चटनी नहीं बना पाती तो पापा सारा घर सर पर उठा लेते थे और मम्मी को डांटते हुए कहते, ‘तुम्हारे पास इतना भी समय नहीं रहता कि तुम चटनी बना सको, […]
अच्छे दिन आएंगे
बचपन में अक्सर पिताजी भाई से कहा करते थे, ‘पढ़ोगे-लिखोगे तो अच्छे दिन आएंगे। उस समय मैं सोचती थी, अच्छे दिन का पढ़ाई से क्या मतलब है। तभी मेरे बड़े भैया ने पढ़-लिख कर अच्छी सी नौकरी कर ली। इसके बाद उनकी शादी के लिए बात चलने लगी तो मुझे लगा कि इसे ही कहते हैं अच्छे दिन। एक […]
दादाजी की दाढ़ी-मूंछें काट डाली
तब मैं बहुत छोटी थी। मेरी दादी को मेरे दादाजी का दाढ़ी-मूंछें रखना बिल्कुल पसंद नहीं था। अक्सर बातचीत के दौरान वे दादाजी से इस बात का जिक्र किया करती थी। मुझे दादी से बहुत लगाव था, क्योंकि वे मुझे बहुत प्यार करती थी। मैं उन्हें खुश रखना चाहती थी। एक दिन जब दादाजी रात को गहरी नींद […]
मैं अपनी मम्मी को बूढ़ी नहीं होने दूंगा
बात अब से 22-23 साल पहले की है। हम संयुक्त परिवार में रहते थे। मेरे बेटे को मुझ से बहुत ज्यादा प्यार था इसलिए वह हमेशा मेरे आसपास रहता था। उसकी दादी, बुआ आदि उसे छेड़ती, ‘तुम्हारी मम्मी अच्छी नहीं है, तुम्हें प्यार भी नहीं करती। बेटा कहता, ‘मेरी मम्मी बहुत अच्छी है, आप तो […]
फ्रिज में सेब का पेड़
बात तब की है जब मैं चार वर्ष का था। मुझे सेब बहुत अच्छे लगते थे। मैंने पापा से कहा, पापा क्यों न हम अपने बाग में सेब का एक पेड़ लगवा लें। पापा ने कहा कि सेब सिर्फ ठंडे स्थानों पर ही फलता है, यहां गर्मी में नहीं। यह सुनते ही मैंने कहा, तो क्यों नहीं हम इसे […]
