तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में शनि मकर राशि का तृतीय भाव में, बृहस्पति मीन राशि का पंचम भाव में, राहु मेष राशि का षष्ठम भाव में, मंगल वृषभ राशि का सप्तम भाव में, सूर्य+शुक्र सिंह राशि का दशम भाव में, बुध कन्या राशि का ग्यारहवें भाव में, केतु+चंद्रमा तुला राशि का बारहवें भाव में स्थित है।
1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक
दिनांक 1 व 2 सितम्बर को व्यर्थ की भागदौड़ अधिक रहेगी। उस दौड़ धूप के अनुपात में प्रतिफल कमजोर रहेंगे। पैसा हाथ में आता-आता रुक व अटक जाएगा। शत्रु व विरोधी सक्रिय रहेंगे। उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। 3 व 4 को संतुलित बजट के साथ आप उन्नति के मार्ग में दूर तक जाएंगे। जमीन-जायदाद से सम्बंधित विवाद प्रयास के बाद सुलझ जाएगा। आप काम को मिशन की तरह करेंगे। आप कमजोर व असहाय लोगों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाएंगे। 5 व 6 को चिंता से राहत मिलेगी। हालांकि, उपलब्धि कोई खास हासिल नहीं होगी। फिर भी मन में संतोष जरूर रहेगा। 7 को धन लाभ के योग बन रहे हैं। आपकी मेहनत आपका श्रम सार्थक रहेगा। आर्थिक रूप से सक्षम रहेंगे।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2022 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 3, 4, 5, 22, 23, 27, 28, 31 | 6, 7, 15, 16, 17, 25, 26 |
| फरवरी | 1, 19, 20, 24, 25, 27, 28 | 2, 3, 4, 11, 12, 13, 21, 22 |
| मार्च | 18, 19, 23, 24, 26, 27, 28 | 1, 2, 3, 11, 12, 13, 21, 29, 30 |
| अप्रैल | 14, 15, 19, 20, 23, 24 | 7, 8, 9, 17, 18, 25, 26, 27 |
| मई | 12, 13, 16, 17, 20, 21 | 4, 5, 6, 14, 15, 23, 24 |
| जून | 8, 9, 13, 14, 16, 17 | 1, 2, 3, 11, 19, 20, 28, 29, 30 |
| जुलाई | 5, 6, 7, 10, 11, 14, 15 | 8, 9, 16, 17, 25, 26, 27 |
| अगस्त | 2, 3, 7, 8, 10, 11, 29, 30 | 4, 5, 13, 14, 21, 22, 23 |
| सितम्बर | 3, 4, 7, 8, 25, 26, 30 | 1, 9, 10, 18, 19, 20, 28, 29 |
| अक्टूबर | 1, 4, 5, 22, 23, 24, 27, 28, 29 | 7, 8, 15, 16, 17, 25, 26 |
| नवम्बर | 1, 19, 20, 22, 24, 25, 27, 28 | 3, 4, 11, 12, 13, 22, 30 |
| दिसम्बर | 16, 17, 18, 21, 22, 25, 26 | 1, 9, 10, 11, 19, 20, 27, 28 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह साल वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभप्रद रहेगा। वर्षारंभ में आपकी राशि का स्वामी मंगल स्वगृही है। अतः आप इस वर्ष उत्तम स्वास्थ्य का लाभ तो लेंगे ही, साथ ही उपलब्धियों के हिसाब से भी आप शीर्ष पर रहेंगे। स्वास्थ्य में इस साल सुधार होगा। पुराना रोग व कष्ट जो चला आ रहा है उससे काफी हद तक आराम आएगा। दीर्घकालिक बीमारियां हार्ट डिजीज, डायबिटीज, ब्लडप्रेशर जैसी ज्यादा परेशान नहीं कर पाएंगी। मौसमी बीमारियों से कभी-कभार जरूर दिक्कत हो सकती है। व्यापार व काम-काज में नित नए प्रयोग नई उपलब्धियों को स्पर्श कराएंगे। नौकरी व करियर में इस साल प्रमोशन व पदोन्न्ति की संभावना है।
इस वर्ष शनि तीसरे स्थान में तथा चौथे स्थान में चलायमान रहेंगे। आंशिक रूप से शनि की ढैय्या का प्रभाव आपकी राशि पर रहेगा। 29 जुलाई से 12 जुलाई के मध्य सावधान रहें। वाहन द्वारा क्षति संभव है। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं तथा वाहन चलाते समय शराब आदि से दूर रहें। मोबाइल का उपयोग भी नहीं करें।
इस वर्ष व्यापार व कारोबार में नई तकनीक, नये प्रयोग, नए हुनर का प्रयोग आपके भाग्य को तथा कारोबार दोनों को चमका सकता है। नौकरी में काम का वातावरण काफी अनुकूल रहेगा। बॉस व अधिकारी आपके काम से खुश रहेंगे। आपको आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। 12 अप्रैल से राहु गोचरवश छठे भाव में आ जाएंगे। गुप्त शत्रु व षड्यंत्र सक्रिय रहेंगे। आपको कदम-कदम पर सावधान रहना चाहिए। आर्थिक मामले में किसी पर भी भरोसा नहीं करें। कार्य विस्तार की जो योजना पिछले काफी समय से लम्बित चली आ रही थी, वह इस वर्ष पूरी हो जाएगी। वर्षारंभ में देवगुरु चौथे स्थान में शनि की राशि का है। चल-अचल संपत्ति में वृद्धि के योग स्पष्टतः दिखला रहा है। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद हो सकती है। इस वर्ष धन तो प्राप्त होगा, परंतु जितनी तीव्रता से धन आएगा उतनी ही तीव्रता से खर्च भी हो जाएगा।
इस वर्ष कोर्ट-केस के विवाद व अन्य सरकारी काम शुरूआत में थोड़े उलझेंगे। परंतु बाद में वे आपके पक्ष में जाएंगे। सम्पत्ति सम्बंधी विवाद व बंटवारे सम्बंधी विषय अंततः सुलझ जाएंगे। हालांकि इस वर्ष ससुराल पक्ष के साथ किसी बात को लेकर तनातनी हो सकती है। संतान आपकी आज्ञा में रहेगी। संतान से सम्बंधित कोई शुभ प्रसंग शादी-विवाह, सगाई आदि की बात जम सकती है। नौकरी में प्रमोशन से सम्बंधित परीक्षा, इंटरव्यू, विभागीय परीक्षा में सफलता मिलेगी। आप लक्ष्य को निर्धारित कर उस दिशा में आगे बढ़ेंगे, तो सफलता निश्चय ही आपके कदम चूमेगी। सहकर्मी व अधीनस्थ लोग आपके बॉस व अधिकारी के कान भरेंगे। लेकिन आपका अहित कुछ भी नहीं कर पाएंगे। 13 अप्रैल के बाद गुरु पंचम स्थान में स्वगृही होंगे। विद्यार्थी अपने अध्ययन के प्रति पहले से अधिक गम्भीर होंगे। तकनीकी शिक्षा, कानूनी शिक्षा, शोध अनुसंधान, विज्ञान व वाणिज्य से सम्बंधित विद्यार्थियों को इस वर्ष सफलता मिल जाएगी। शनि की ढैय्या का प्रभाव इस वर्ष आपकी राशि पर रहेगा। अतः रुपया उधार किसी को नहीं दें। अन्यथा वापस निकलवाने में आपको पसीने आ सकते हैं। भागीदारी के काम में सावधानी रखें। इस वर्ष 28 जुलाई से 23 नवम्बर के मध्य बृहस्पति के वक्रत्वकाल में ऐसी कोई गलती आपसे हो जाएगी जिसका मलाल आपको रहेगा।
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वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति
