रा, री चित्रा‒2
रु, रे, रो, ता स्वाति‒3
ती, तू, ते विशाखा‒3
16 अगस्त से 23 अगस्त तक
दिनांक 16, 17, 18 को शुभफल प्राप्त होंगे। आपका उदारवादी दृष्टिकोण रहेगा। पुराने चल रहे विवाद समाप्त होंगे। अपने अनुभवों से प्रेरणा लेकर आप एक सुदृढ़ भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे। घरेलू और व्यावहारिक जीवन में बदलाव, नई उम्मीदें व लम्बे समय तक स्थायित्व लेकर आएगा। आपको इस समय कुछ नया सीखने को मिलेगा। मंगल+चंद्रमा की युति से परिश्रम व मेहनत ही आपका भाग्य बदल सकती है। 19 से 21 के मध्य समय ठीक नहीं है। आकस्मिक खर्च की स्थिति बनेगी। नौकरी में अधिकारी की डांट-फटकार सुननी पड़ सकती है। भागदौड़ व परिश्रम विफल ही रहेगा। 22, 23 को समय बहुत अच्छा है, अपने जरूरी कार्यों को निपटा लेंगे। ग्रह-स्थिति पक्ष में है। अतः सफलता मिलेगी। व्यापार में विस्तार होगा। आपका प्रभुत्व कायम रहेगा। काम की शुरुआत शानदार होगी।नववर्ष 2023 की शुभकामनाएं।
ग्रह स्थिति
मासारंभ में केतु तुला राशि का लग्न में, चंद्रमा मकर राशि का चतुर्थ भाव में, शनि कुम्भ राशि का पंचम भाव में, राहु+बृहस्पति मेष राशि का सप्तम भाव में, सूर्य कर्क राशि का दशम भाव में, मंगल+बुध+शुक्र सिंह राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।
तुला राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 10, 11, 12, 15, 16, 17, 19, 20 | 2, 3, 4, 13, 14, 22, 23, 30, 31 |
| फरवरी | 6, 7, 8, 12, 13, 16, 17 | 1, 9, 10, 18, 19, 26, 27, 28 |
| मार्च | 6, 7, 11, 12, 15, 16 | 9, 18, 19, 25, 26, 27 |
| अप्रैल | 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 4, 5, 6, 14, 15, 22, 23, 24 |
| मई | 1, 5, 6, 8, 9, 10, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 19, 20, 21, 30 |
| जून | 1, 2, 5, 6, 23, 24, 28, 29, 30 | 7, 8, 15, 16, 17, 26, 27 |
| जुलाई | 2, 3, 20, 21, 22, 26, 27, 30, 31 | 5, 6, 13, 14, 15, 23, 24 |
| अगस्त | 16, 17, 18, 22, 23, 26, 27 | 1, 2, 9, 10, 11, 19, 20, 29, 30 |
| सितम्बर | 13, 14, 18, 19, 20, 22, 23 | 5, 6, 7, 16, 17, 25, 26 |
| अक्टूबर | 10, 11, 15, 16, 17, 19, 20, 21 | 3, 4, 13, 14, 22, 23, 30, 31 |
| नवम्बर | 6, 7, 8, 12, 13, 16, 17 | 1, 9, 10, 18, 19, 20, 26, 27, 28 |
| दिसम्बर | 4, 5, 9, 10, 13, 14, 31 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
तुला राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह साल आपके लिए शानदार रहेगा। शनि की ढैय्या का प्रभाव इस वर्ष 17 जनवरी से हट | जाएगा। फलतः सोचे गए सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होंगे। स्वास्थ्य में धीमे-धीमे सुधार नजर आएगा। पुराने रोगों से इस साल छुटकारा मिलेगा। पांचवां शनि धन आगम व लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा। आप अपने स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देंगे। खान-पान व दिनचर्या की आदतों में बदलाव करके आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेंगे। शुक्र वर्षारंभ में चौथे स्थान में है। अतः इस साल भूमि, भवन, वाहन आदि खरीद के योग बनेंगे। चल-अचल सम्पत्ति में बढ़ोतरी के योग बन रहे हैं। हालांकि इस वर्ष आप ऊर्जा व जोश से लबरेज रहेंगे। ऊर्जा व जोश के सहारे आप बड़े से बड़ा काम आसानी से और चुटकियों में निपटा लेंगे। 22 अप्रैल तक बृहस्पति छठे भाव में स्थित है, सिरदर्द माईग्रेन, हाईपरटेंशन जैसी बीमारियां रखेगा। पेट से सम्बंधित व्याधि भी रखेगा। शत्रु व विरोधी तो रहेंगे, परन्तु अहित व हानि कुछ भी नहीं कर पाएंगे। धन आगम के प्रबल स्रोत बनेंगे। जिस काम को करने के लिए आप पिछले काफी समय से प्रयासरत थे, वह काम आपका हो जाएगा। व्यापार में शुरुआत में तो कुछ दिक्कतें आएंगी परन्तु धीमे-धीमे दिक्कतें व परेशानियां समाप्त भी हो जाएंगी। नौकरी में आप पूरी ईमानदारी, लग्न व सत्यनिष्ठा से काम करेंगे। जिसका परिणाम भी आपको मिलेगा। आर्थिक रूप से उत्तार-चढ़ाव चलते रहेंगे।
नौकरी में प्रयासरत विधार्थियों को विभागीय परीक्षा प्रमोशन से सम्बंधित परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल जाएगी। कोर्ट-केस व कानूनी विषयों में सफलता के योग बने हुए हैं। सम्पत्ति सम्बन्धी विवाद, बटवारे से सम्बंधित मसला आपसी सहमति व किसी की मध्यस्थता से हल हो जाएंगे। सप्तम भाव का राहु कुछ कलह का कारण बन सकता है। मकान, भूमि, भवन, वाहन आदि से सम्बंधित प्लानिंग कामयाब होगी। पति-पत्नी में आपसी सामंजस्य व तालमेल गजब का रहेगा। हालांकि 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में पत्नी का स्वास्थ्य गिर सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण व उन्नत सोच आपको आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करेंगे। बॉस व अधिकारी आप पर मेहरबान रहेंगे। वर्षारम्भ में राहु-शनि का योग है, अतः पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। पैसा आने से पहले जाने का रास्ता तैयार रहेगा। इस वर्ष कहीं-न-कहीं फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। शनि के पंचम भाव में परिभ्रमण के कारण आईडियाज व विचार काफी रचनात्मक आएंगे। परन्तु विचार व आइडियाज के कार्यरूप में परिणित होने का समय आ गया है। वाणी व क्रोध पर नियत्रंण रखें, बॉस व अधिकारी की हां में हां मिलाने में ही समझदारी है। करियर में बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। प्रेम-प्रसंगों व प्रेम संबंधों से कुछ दूरी बनाकर रखें। आपको बदनामी व अपयश का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कहीं न कहीं पारिवारिक तनाव का कारण भी बन सकता है। रोजी-रोजगार व काम-काज की बढ़ोतरी के लिए आप कुछ ठोस व महत्त्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जिसका लाभ व प्रतिफल दीर्घकालिक रहेंगे। इस वर्ष एक बार मन में जो ठान लेंगे, उसे पूरा करके ही दम लेंगे। मनोनुकूल तबादला, पदोन्नति व वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं।
तुला राशि–कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
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तुला राशि की चारित्रिक विशेषताएं
तुला राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र तड़क-भड़क व सौंदर्य का कारक ग्रह है। तुला राशि के व्यक्ति नकारात्मकता व सकारात्मकता में संतुलन करते हैं।
इस राशि का राशि चिन्ह ‘तुला’ (तराजू) है। तराजू दो वस्तुओं के संतुलन का परीक्षण करते हुए हल्की व भारी वस्तु का बोध कराती है। अतः इस राशि वाले व्यक्ति की संतुलन शक्ति बड़ी गजब की होती है। अपनी फुर्तीली निर्णयात्मक शक्ति के कारण तुला राशि के लोग शीघ्र ही लोगों पर छा जाते हैं। ‘तराजू’ व्यापार का परिचायक है, इस राशि के लोग बड़े कुशल व्यापारी होते हैं तथा लोक व्यवहार में चतुर होने के कारण इनको व्यापारिक सफलता शीघ्र मिल जाती है।
तुला राशि, पुरुष जाति सूचक व क्रूर स्वभाव राशि मानी जाती है। सच्चा व खरा परीक्षण करने की क्षमता आप रखते हैं और सहज ही किसी व्यक्ति के छलावे में नहीं आते। आप राजनीति के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। जन्म कुंडली में यदि शुक्र की स्थिति अच्छी है, तो आप कुशल अभिनेता भी बन सकते हैं।
सामान्यतया तुला राशि में उत्पन्न जातक सुन्दर, स्वस्थ एवं सुदर्शन व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं। उनकी प्रवृत्ति हास्य प्रिय होती है तथा बच्चों के प्रति इनके मन में प्रबल स्नेह का भाव विद्यमान रहता है। सुन्दर दृश्यों एवं वस्तुओं के प्रति भी इनमें आकर्षण रहता है। स्वाभाविक रूप से ये अन्य जनों को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देते हैं तथा सबके साथ समानता का व्यवहार करते हैं, जिससे समाज में ये सम्मानित, प्रतिष्ठित तथा प्रसिद्ध होते हैं। कला के प्रति इनका भावनात्मक लगाव रहता है तथा अच्छे कार्यों से ये अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। नीति ज्ञान में ये चतुर होते हैं। अतः राजनीति के क्षेत्र में इनको नेतृत्व प्राप्त हो जाता है, परन्तु इनका कोई निश्चित सिद्धांत नहीं होता है।
तुला के प्रभाव से आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा, जो लोगों को प्रभावित करने में समर्थ होगा। आपकी प्रवृत्ति हास्यप्रिय होगी। बच्चों के प्रति आपके मन में स्नेह का भाव रहेगा तथा प्राकृतिक दृश्यों के प्रति आपके मन में आकर्षण रहेगा। साथ ही कला से आपका भावनात्मक संबंध रहेगा।
आप सभी लोगों से समानता का व्यवहार करेंगे तथा आपके मन में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रहेगा। अपने कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव रहेगा तथा आपके अधिकारी एवं सहयोगी आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। आप किसी नवीन सिद्धांत या ग्रंथ की भी रचना कर सकते हैं, जिससे आपको यश की प्राप्ति होगी।
आप अत्यंत बुद्धिमान होंगे तथा अपनी बुद्धिमत्ता से अपने सांसारिक कार्यों को सम्पन्न करेंगे। इनमें आपको इच्छित सफलताएं भी मिलती रहेंगी। आपकी प्रवृत्ति विलासी होगी तथा भौतिकता के प्रति अत्यधिक आकर्षण रहेगा। भ्रमणप्रिय होने के कारण समय-समय पर यात्रा भी करते रहेंगे। कला एवं संगीत में आप निपुण होंगे तथा कार्य करने में अत्यंत ही दक्ष होंगे।
शुक्र ऐश्वर्यशाली व विलासपूर्ण ग्रह है। गौर वर्ण, मध्यम कद तथा सुन्दर आकर्षक चेहरा इस राशि वाले जातक के प्रारम्भिक लक्षण हैं। यह राशि चर संज्ञक, वायु तत्व प्रधान व पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। प्राकृतिक स्वभाव वृषभ तुल्य होते हुए भी इस राशि वाले विचारशील, ज्ञान प्रिय, कुशल कार्य, सम्पादक व राजनीतिज्ञ होते हैं।
आपमें सहनशीलता का भाव विद्यमान होगा और धैर्यपूर्वक कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता की प्रतीक्षा करने में समर्थ होंगे। साथ ही सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आपको समय-समय पर धनार्जन होता रहेगा। आपमें शारीरिक बल की भी प्रचुरता रहेगी। फलतः परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करके आप जीवन में मनोवांछित सफलताओं को अर्जित करेंगे। जिससे समाज में आपका प्रभाव रहेगा तथा सभी लोग आपका आदर करेंगे। साथ ही यश भी दूर-दूर तक व्याप्त रहेगा। धर्म के प्रति आपके मन में पूर्ण श्रद्धा रहेगी तथा अवसरानुकूल आप धार्मिक कृत्यों को नियमपूर्वक सम्पन्न करेंगे, जिससे आपको वांछित लाभ एवं सहयोग मिलता रहेगा। विवाहोपरांत इनके जीवन में कुछ महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा सकते हैं। समुद्री-यात्रा आपके लिए कोई विशेष लाभप्रद नहीं है।
यदि आपका जन्म तुला राशि में ‘चित्रा नक्षत्र’ 3 व 4 चरण (रा, री) में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, पाया-चांदी, प्रथम तीन चरण का वर्ग-हिरण तथा अंतिम चरण का वर्ग-सर्प है। स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोग अति उत्साही, बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं।
यदि आपका जन्म तुला राशि में ‘विशाखा नक्षत्र’ के तीन चरणों (ती, तू, ते) में हैं, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति विरोधियों का सफाया बहुत चतुराई से करते हैं।
शुक्र एक विलासी, शीतल व सौम्य ग्रह है। यह रात्रि को हल्की श्वेत झलकदार किरणें बिखेरता है। अतः श्वेत रंग व साफ-सुथरी, ऐश्वर्य प्रधान वस्तुओं का व्यापार आपके अनुकूल कहा जा सकता है। आपके लिए अनुकूल रत्न ‘हीरा’ है।
तुला राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का ओपेल रत्न ‘शुक्र यंत्र’ में जड़वाकर धारण करें। सुगंधित द्रव्यों का प्रयोग करें। घर की महिलाओं, यथा-पत्नी, बहन, बच्ची व माता का सम्मान करें। रविवार व मंगलवार के अलावा पीपल को सींचे। गाय की सेवा करें। सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
तुला राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ तुला
- राशि चिह्न ‒ तराजू
- राशि स्वामी ‒ शुक्र
- राशि तत्त्व ‒ वायु तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ पश्चिम
- राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष, रजोगुणी
- राशि जाति ‒ शुक्र
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
- राशि का अंग ‒ गुप्तांग
- अनुकूल रत्न ‒ हीरा
- अनुकूल उपरत्न ‒ अमेरिकन डायमंड, ओपल
- अनुकूल धातु ‒ प्लेटिनम, चांदी
- अनुकूल रंग ‒ सफेद
- शुभ दिवस ‒ शुक्रवार
- अनुकूल देवता ‒ मां लक्ष्मी/संतोषी माता
- व्रत, उपवास ‒ शुक्रवार
- अनुकूल अंक ‒ 6
- अनुकूल तारीखें ‒ 6/15/24
- मित्र राशियां ‒ मिथुन, मकर, कुंभ, धनु, कर्क
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ अन्वेषक, खोजी, मास्टर माइंड
- सकारात्मक तथ्य ‒ आत्मविश्वासी, आकर्षक वाणी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्या, घमंड, अति धूर्तता
तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
1 जनवरी से 7 जनवरी तक
वर्षारम्भ बहुत ही अच्छा रहेगा। 1, 2 को मान-सम्मान की वृद्धि होगी। नए साल का प्रारम्भ आप अपनी रूचि के अनुसार करेंगे जैसे कि पसंदीदा खाना, घुमना-फिरना, पूजा-पाठ आदि। इस समय कोई नए व शुभ समाचार प्राप्त होंगे। 3, 4 को सर्वलाभकारी समय है। चारों तरफ से लाभ की प्राप्ति होगी। आप अपने बच्चों की शिष्टता सिखाएंगे। आप उन्हें हर उत्तम वस्तु उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे। बच्चों से ज्यादा नम्रता से पेश आना कभी-कभी उन्हें बिगाड़ भी सकता है। बैलेंस रखें। 5 से 7 के मध्य समय कठिनता से परिपूर्ण रहेगा। आपका चिड़चिड़ाकर बोलना, पीड़ा देना सामने वाले को और परिवार में अशान्ति का वातावरण बनेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।
ग्रह स्थिति
वर्षारम्भ में शुक्र+ बुध वृश्चिक राशि का लग्न में, सूर्य+ मंगल धनु राशि का द्वितीय भाव में, शनि कुभ राशि का चतुर्थ भाव में, राहु मीन राशि का पंचम भाव में, बृहस्पति मेष राशि का षष्टम भाव में, चंद्रमा सिंह राशि का दशम भाव में, केतु कन्या राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 2, 3, 4, 8, 9, 12, 13, 30, 31 | 5, 6, 14, 15, 22, 23, 24 |
| फरवरी | 4, 5, 8, 9, 26, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 18, 19, 20, 29 |
| मार्च | 2, 3, 4, 6,7,8,24,25, 26,30,31 | 9, 10, 17, 18, 19, 27, 28 |
| अप्रैल | 3, 4, 21, 22, 26, 27, 30 | 5, 6, 13, 14, 15, 24 |
| मई | 1, 18, 19, 23,24,25, 27,28 | 3, 4, 11, 12, 21, 22, 30, 31 |
| जून | 14, 15, 16, 20, 21, 24, 25 | 7, 8, 9, 17, 18, 26, 27 |
| जुलाई | 11, 12, 13, 17, 18, 21, 22 | 4, 5, 6, 14, 15, 24, 25 |
| अगस्त | 8, 9, 13, 14, 15, 17, 18, 19 | 1, 2, 11, 12, 20, 21, 28, 29, 30 |
| सितम्बर | 4, 5, 6, 10, 11, 14, 15 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
| अक्टूबर | 1, 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 4, 5, 14, 15, 21, 22, 23 |
| नवम्बर | 3, 4, 5, 7, 8, 9, 25, 26, 30 | 1, 2, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29 |
| दिसम्बर | 1,2, 5, 6, 22, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 9, 15, 16, 17, 25, 26 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह साल वृश्चिक राशि के लोगों के परेशानियों से भरा हुआ रहेगा। वर्ष पर्यंत शनि का परिभ्रमण चौथे स्थान में रहेगा। शनि की ढैÕया का प्रभाव आपकी राशि पर वर्ष पर्यंत रहेगा। इस वर्ष शत्रु
जनित परेशानी वृश्चिक राशि के जातकों को रहेगी। एक ओर स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। भीषण उतार-चढ़ाव रहेंगे। साथ ही में किसी गम्भीर व घातक बीमारी के प्रति आपको आगाह करना चाहूंगा, बुरी आदतों, नशे का परित्याग कर लें। वर्ष के मध्य में मौसमी बीमारियों, सर्दी, खांसी, जुकाम, लू, दस्त आदि की संभावना व आशंका है। खान-पान का विशेष ध्यान रखें। योग, व्यायाम, प्राणायाम जैसी चीजों पर ध्यान देने के साथ-साथ दिनचर्या को व्यवस्थित रखें। काम-काज की गाड़ी पटरी पर लाने के लिए पुरजोर कोशिश रहेगी, लेकिन कोशिश कोई रंग नहीं ला पायेगी। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर विश्वास करने से विश्वासघात ही होगा, एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें। 1 मई तक बृहस्पति छठे स्थान में स्थित है तथा गोचर का बृहस्पति घर के किसी वरिष्ठ सदस्य
या घनिष्ठ रिश्तेदार को लेकर चिंता की स्थिति रह सकती है। तथा उनके स्वास्थ्य के उतार-चढ़ाव को लेकर अस्पताल तक जाना पड़ सकता है। नई संभावनाओं को आप व्यापार व काम-काज में तलाशेंगे परंतु सकारात्मक सफलता आंशिक ही मिल पायेगी।
इस साल व्यापारिक अनुबंधन होंगे, कोई बड़ी डील
या करार पर आप हस्ताक्षर कर सकते हैं, परंतु सावधान बिना पढ़े किसी भी कागजाद पर हस्ताक्षर नहीं करें। व्यपार में विस्तार की योजना लंबित होगी। लाटरी, जुआ सट्टा से नुकसान के योग हैं। पैसा कहीं पर अटक जायेगा बॉस व
अधिकारी की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। कोई महत्वपूर्ण पदभार या महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट नौकरी में आपको सौंपा जा सकता है। लेन-देन व रुपयों-पैसों के मामले में मकर राशि के जातकों को सावधानी रखनी चाहिए। शनि चौथे स्थान में स्थित है। अतः माता के स्वास्थ्य में एक ओर जहाँ परेशानी रहेगी। वहीं सरकारी पक्ष राजकीय मामलों में परेशानी रह सकती है। आप अपनी क्षमताओं व योग्यतों का इस्तेमाल व यास-परिहास में पड़कर अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ व समझौता नहीं करें। सम्पत्ति संबंधी जो विवाद आपका चल रहा है। उसे बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास करें। इस साल वर्ष पर्यंत शनि चौथे स्थान में चलायमान रहेगें। अतः ढैÕया का प्रभाव पूरे साल भर रहेगा। परंतु 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि चौथे स्थान में वक्री रहेंगे। अतः निवेश किया हुआ। रुपया डूब सकता है, वाहन सावधानी पूर्वक चलावें, अन्यथा कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती हैं, किसी रिश्तेदार से संबंधित कोई अप्रिय समाचार भी मिल सकता है, रुपया किसी को भी उधार नहीं दें, अन्यथा आपके साथ कोई विश्वासघात या धोखा हो सकता है, काम
बनते-बनते रूक व अटक जायेंगे।
शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्यः- इस वर्ष शारीरिक सुख में मामलों में आपकी आदतें, आपका दुव्यर्वसन आपका दुश्मन हो सकता है। बुरी आदतों, शराब, गुटका, तम्बाकु सिगरेट आदि का त्याग कर दें, अन्यथा यह आपके लिए घोर नुकसान का कारण बन सकती है। 1 मई तक छठे गुरु के कारण घर के वरिष्ठ सदस्य माता-पिता आदि का स्वास्थ्य चिंता का कारण बन सकता है। खान-पान, दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें, 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य वाहन सावधानी पूर्वक चलावें कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। खान-पान दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें, 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य वाहन सावधानी पूर्वक चलायें कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। पुराने रोगों से परेशानी तो रहेगी वहीं मौसमी बीमारियों से भी कष्ट रहेगा। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ¬मृत्युंजयाय नमः मंत्र की 51 आवृत्ति रोज करें।
व्यापार, व्यवसाय व धनः- वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल व्यापार में किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। रुपयों-पैसों के मामले में जिस पर भी भरोसा करेंगे, अंततः विश्वासघात ही होगा। व्यापार में इस साल उतार-चढ़ाव चलते रहेंगे। जगकर मेहनत व परिश्रम करेंगे। व्यापार में बेहतरी के लिए आप नए-नए प्रयोग करेंगे। उनका थोड़ा बहुत असर आयेगा भी, लेकिन फिर जाकर बात वहीं की वहीं रह जायेगी। व्यापार व कारोबार में आपको प्रतिद्वंदीयों व प्रतिस्पर्धियों से कड़ी चुनौती मिल सकती है। व्यापारिक विवाद संयम व धैर्य से निपटाएं। पैसा संचय नहीं हो पायेगा। धन आने से पूर्व जाने का रास्ता तैयार रहेगा। कोई बड़ी डील या बडा आर्डर आपके हाथ से निकल सकता है। भागीदार आपके काम में आपका सहयोग करेंगे, परंतु अधीनस्थ कर्मचारियों व सहकर्मियों की गतिविधियों हरकतों पर नजर रखें, वे कोई महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर सकते हैं। जमीन, लोहे, तेल के व्यापार व कमीशन से जुड़े हुए व्यापारियों को इस साल मुनाफा हो सकता है। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि वक्र रूप में गतिशीत होंगे। कारोबार में कुछ अप्रत्याशित खर्चे होंगे, कोई मशीनरी अचानक खराब होगी, जिससे प्रॉडक्शन प्रभावित होगा। आर्थिक मामले अटक जायेंगे। नौकरी में बॉस व अधिकारियों की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। इच्छा के विपरीत कार्यभार स्थानांतरण की तलवार लटकी हुई है। लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पायेंगे। शनि की शांति के उपाय आवश्यक हैं। शनि मुद्रिका धाण करें।
घर परिवार संतान व रिश्तेदारः- इस वर्ष आप यह महसूस करेंगे कि मुश्किल समय परिवार का हर व्यक्ति आपके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े हैं। वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल भावुकता से निर्णय लेने के बचना चाहिए। दिल की बजाय दिमाग से निर्णय लें। शनि-चौथे स्थान में वर्ष पर्यंत रहेंगे। अतः जीवनसाथी से यदा-कदा छोटी-मोटी बात पर कहासुनी हो सकती है। माता का स्वास्थ्य इस साल कुछ कमजोर ही रहेगा। सम्पति व बँटवारें संबंधी विवाद तो होगा, परंतु समय रहते विवाद सुलझ भी जायेगा। पाँचवे स्थान
में राहु का वर्ष पर्यंत योग के फलस्वरूप संतान की गतिविधि, दिनचर्या व व्यवहार आपकी चिंता का कारण भी बनेगा। संतान के कैरियर, विवाह, अध्ययन को लेकर चिंता की स्थितियां हावी रहेंगी। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में घर के किसी सदस्य को लेकर अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। इतने सबके बावजूद आप किसी मुसीबत में उलझे रिश्तेदार की तरफ मदद का हाथ बढ़ायेंगे। सामाजिक कार्यों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, आपकी आलोचना या निंदा हो सकती है। आप पर कोई फालतू का आरोप प्रत्यारोपण लग सकता है।
विद्याध्यन पढ़ाई व कैरियरः- इस वर्ष वृश्चिक राशि के जातकों को पढ़ाई में परिणाम थोड़े कमजोर ही आयेंगे। पढ़ाई में एकाग्रचित्तता नहीं बन पायेगी। विदेश में जाकर अध्ययन करने के इच्छुक विद्यार्थियों को कागजाद, वीजा, पासपोर्ट से संबंधित परेशानी रहेगी। प्रेम-प्रसंगों व संबंधों से थोड़ी सी दूरी बनाकर रखें, अन्यथा आप अपनी पढ़ाई व कैरियर को चौपट कर सकते हैं, कैरियर व नौकरी में तयशुदा लक्ष्यों को हासिल करने का दबाव बना रहेगा। कैरियर में प्रस्ताव व ऑफर्स तो मिलेंगे, परंतु उनकी परिपक्वत्ता में कहीं न कहीं अवरोध स्पष्ट
रूप से देखा जा सकता है। कभी कभार मन में गम्भीरता व संजीदगी के साथ अध्ययन करने का भी विचार दिमाग में आयेगा। देवगुरु बृहस्पति 1 मई तक तो छठे स्थान में है, परंतु 1 मई के बाद कैरियर व अध्ययन को लेकर थोड़ी सी संजीदगी आयेगी।
प्रेम-प्रसंग व मित्रः- पचंम भाव का राहु प्रेम प्रसंग व प्रेम सम्बन्धों की स्थिति को रखेगा, परंतु कहीं न कहीं प्रेम संबंध बदनामी व अपयश का कारण बन सकते हैं। प्रेम संबंधों को आप गुप्त नहीं रख पायेंगे, उससे परिवार में तनाव का वातावरण बनेगा। विवाहोत्तर प्रेम सम्बधों से आपको बचना चाहिए। कभी कभार प्रेमी प्रेमिका के मध्य गलत फहमियों की दीवार उत्पन्न हो सकती है। जहाँ तक मित्रें का संबंध है। मित्र हर प्रकार से आपकी हर संभव सहायता के लिए तैयार व तत्पर रहेंगे। किसी पुराने मित्र से आपकी अकस्मात
मुलाकात से मन प्रसन्न होगा। हालांकि इस दौरान शत्रुओं से जरूर सावधान रहें।
वाहन, खर्च व शुभकार्यः- इस वर्ष वाहन पर बार-बार खर्चा होगा, जिससे आप परेशान हो जायेंगे। वाहन इस साल सावधानीपूर्वक चलावें, तथा वाहन चलाते समय सुरक्षा नियमों हैलमेट, सीटवेल्ट जैसे नियमों का पालन करें। भूमि, भूखण्ड, प्लॉट आदि के रख रखाव पर हुए खर्चों से आप परेशान हो जायेंगे। खर्च की इस साल प्रबलता रहेगी व 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में खर्चों की प्रबलता रहेगी, कुछ अप्रत्याशित व फिजुल के खर्चों से आपका आर्थिक बजट डावाडोल हो जायेगा। इस वर्ष किसी शुभ व महत्वपूर्ण कार्य की स्थिति नहीं न पायेगी। आसार बनेंगे, लेकिन उसमें बार-बार अवरोध भी रहेंगे।
हानि, फर्ज व अनहोनीः- व्यापार व कारोबार में इस साल हानि की नुकसान की संभावना है। व्यापार में एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें, रुपया तो किसी को भी उधार नहीं दे अन्यथा वापस निकलवाने में आपको पसीने आ सकते हैं। इस साल शनि की ढैÕया के कारण आपको रोजमर्रा के खर्चों, बच्चों की फीस आदि के लिए भी ऋण लेना पड़ सकता है, जहाँ तक अनहोनी का प्रश्न है इस वर्ष 30 जुन से 15 नवम्बर के मध्य किसी रिश्तेदार के साथ कोई अनहोनी घटना
घटित हो सकती है।
यात्रएंः- इस साल कोई खास उल्लेखनीय उपलब्धि के
योग नहीं हैं, छोटी-मोटी यात्रएं काम-काज को लेकर होंगी, परंतु उसमें भी आपको कोई उल्लेखनीय उपलब्धि या सफलता नहीं मिल पायेगी।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है।
वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति
तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
1 जनवरी से 7 जनवरी तक
वर्षारम्भ बहुत ही अच्छा रहेगा। 1, 2 को मान-सम्मान की वृद्धि होगी। नए साल का प्रारम्भ आप अपनी रूचि के अनुसार करेंगे जैसे कि पसंदीदा खाना, घुमना-फिरना, पूजा-पाठ आदि। इस समय कोई नए व शुभ समाचार प्राप्त होंगे। 3, 4 को सर्वलाभकारी समय है। चारों तरफ से लाभ की प्राप्ति होगी। आप अपने बच्चों की शिष्टता सिखाएंगे। आप उन्हें हर उत्तम वस्तु उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे। बच्चों से ज्यादा नम्रता से पेश आना कभी-कभी उन्हें बिगाड़ भी सकता है। बैलेंस रखें। 5 से 7 के मध्य समय कठिनता से परिपूर्ण रहेगा। आपका चिड़चिड़ाकर बोलना, पीड़ा देना सामने वाले को और परिवार में अशान्ति का वातावरण बनेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।
ग्रह स्थिति
वर्षारम्भ में शुक्र+ बुध वृश्चिक राशि का लग्न में, सूर्य+ मंगल धनु राशि का द्वितीय भाव में, शनि कुभ राशि का चतुर्थ भाव में, राहु मीन राशि का पंचम भाव में, बृहस्पति मेष राशि का षष्टम भाव में, चंद्रमा सिंह राशि का दशम भाव में, केतु कन्या राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 2, 3, 4, 8, 9, 12, 13, 30, 31 | 5, 6, 14, 15, 22, 23, 24 |
| फरवरी | 4, 5, 8, 9, 26, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 18, 19, 20, 29 |
| मार्च | 2, 3, 4, 6,7,8,24,25, 26,30,31 | 9, 10, 17, 18, 19, 27, 28 |
| अप्रैल | 3, 4, 21, 22, 26, 27, 30 | 5, 6, 13, 14, 15, 24 |
| मई | 1, 18, 19, 23,24,25, 27,28 | 3, 4, 11, 12, 21, 22, 30, 31 |
| जून | 14, 15, 16, 20, 21, 24, 25 | 7, 8, 9, 17, 18, 26, 27 |
| जुलाई | 11, 12, 13, 17, 18, 21, 22 | 4, 5, 6, 14, 15, 24, 25 |
| अगस्त | 8, 9, 13, 14, 15, 17, 18, 19 | 1, 2, 11, 12, 20, 21, 28, 29, 30 |
| सितम्बर | 4, 5, 6, 10, 11, 14, 15 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
| अक्टूबर | 1, 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 4, 5, 14, 15, 21, 22, 23 |
| नवम्बर | 3, 4, 5, 7, 8, 9, 25, 26, 30 | 1, 2, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29 |
| दिसम्बर | 1,2, 5, 6, 22, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 9, 15, 16, 17, 25, 26 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह साल वृश्चिक राशि के लोगों के परेशानियों से भरा हुआ रहेगा। वर्ष पर्यंत शनि का परिभ्रमण चौथे स्थान में रहेगा। शनि की ढैÕया का प्रभाव आपकी राशि पर वर्ष पर्यंत रहेगा। इस वर्ष शत्रु
जनित परेशानी वृश्चिक राशि के जातकों को रहेगी। एक ओर स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। भीषण उतार-चढ़ाव रहेंगे। साथ ही में किसी गम्भीर व घातक बीमारी के प्रति आपको आगाह करना चाहूंगा, बुरी आदतों, नशे का परित्याग कर लें। वर्ष के मध्य में मौसमी बीमारियों, सर्दी, खांसी, जुकाम, लू, दस्त आदि की संभावना व आशंका है। खान-पान का विशेष ध्यान रखें। योग, व्यायाम, प्राणायाम जैसी चीजों पर ध्यान देने के साथ-साथ दिनचर्या को व्यवस्थित रखें। काम-काज की गाड़ी पटरी पर लाने के लिए पुरजोर कोशिश रहेगी, लेकिन कोशिश कोई रंग नहीं ला पायेगी। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर विश्वास करने से विश्वासघात ही होगा, एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें। 1 मई तक बृहस्पति छठे स्थान में स्थित है तथा गोचर का बृहस्पति घर के किसी वरिष्ठ सदस्य
या घनिष्ठ रिश्तेदार को लेकर चिंता की स्थिति रह सकती है। तथा उनके स्वास्थ्य के उतार-चढ़ाव को लेकर अस्पताल तक जाना पड़ सकता है। नई संभावनाओं को आप व्यापार व काम-काज में तलाशेंगे परंतु सकारात्मक सफलता आंशिक ही मिल पायेगी।
इस साल व्यापारिक अनुबंधन होंगे, कोई बड़ी डील
या करार पर आप हस्ताक्षर कर सकते हैं, परंतु सावधान बिना पढ़े किसी भी कागजाद पर हस्ताक्षर नहीं करें। व्यपार में विस्तार की योजना लंबित होगी। लाटरी, जुआ सट्टा से नुकसान के योग हैं। पैसा कहीं पर अटक जायेगा बॉस व
अधिकारी की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। कोई महत्वपूर्ण पदभार या महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट नौकरी में आपको सौंपा जा सकता है। लेन-देन व रुपयों-पैसों के मामले में मकर राशि के जातकों को सावधानी रखनी चाहिए। शनि चौथे स्थान में स्थित है। अतः माता के स्वास्थ्य में एक ओर जहाँ परेशानी रहेगी। वहीं सरकारी पक्ष राजकीय मामलों में परेशानी रह सकती है। आप अपनी क्षमताओं व योग्यतों का इस्तेमाल व यास-परिहास में पड़कर अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ व समझौता नहीं करें। सम्पत्ति संबंधी जो विवाद आपका चल रहा है। उसे बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास करें। इस साल वर्ष पर्यंत शनि चौथे स्थान में चलायमान रहेगें। अतः ढैÕया का प्रभाव पूरे साल भर रहेगा। परंतु 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि चौथे स्थान में वक्री रहेंगे। अतः निवेश किया हुआ। रुपया डूब सकता है, वाहन सावधानी पूर्वक चलावें, अन्यथा कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती हैं, किसी रिश्तेदार से संबंधित कोई अप्रिय समाचार भी मिल सकता है, रुपया किसी को भी उधार नहीं दें, अन्यथा आपके साथ कोई विश्वासघात या धोखा हो सकता है, काम
बनते-बनते रूक व अटक जायेंगे।
शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्यः- इस वर्ष शारीरिक सुख में मामलों में आपकी आदतें, आपका दुव्यर्वसन आपका दुश्मन हो सकता है। बुरी आदतों, शराब, गुटका, तम्बाकु सिगरेट आदि का त्याग कर दें, अन्यथा यह आपके लिए घोर नुकसान का कारण बन सकती है। 1 मई तक छठे गुरु के कारण घर के वरिष्ठ सदस्य माता-पिता आदि का स्वास्थ्य चिंता का कारण बन सकता है। खान-पान, दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें, 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य वाहन सावधानी पूर्वक चलावें कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। खान-पान दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें, 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य वाहन सावधानी पूर्वक चलायें कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। पुराने रोगों से परेशानी तो रहेगी वहीं मौसमी बीमारियों से भी कष्ट रहेगा। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ¬मृत्युंजयाय नमः मंत्र की 51 आवृत्ति रोज करें।
व्यापार, व्यवसाय व धनः- वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल व्यापार में किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। रुपयों-पैसों के मामले में जिस पर भी भरोसा करेंगे, अंततः विश्वासघात ही होगा। व्यापार में इस साल उतार-चढ़ाव चलते रहेंगे। जगकर मेहनत व परिश्रम करेंगे। व्यापार में बेहतरी के लिए आप नए-नए प्रयोग करेंगे। उनका थोड़ा बहुत असर आयेगा भी, लेकिन फिर जाकर बात वहीं की वहीं रह जायेगी। व्यापार व कारोबार में आपको प्रतिद्वंदीयों व प्रतिस्पर्धियों से कड़ी चुनौती मिल सकती है। व्यापारिक विवाद संयम व धैर्य से निपटाएं। पैसा संचय नहीं हो पायेगा। धन आने से पूर्व जाने का रास्ता तैयार रहेगा। कोई बड़ी डील या बडा आर्डर आपके हाथ से निकल सकता है। भागीदार आपके काम में आपका सहयोग करेंगे, परंतु अधीनस्थ कर्मचारियों व सहकर्मियों की गतिविधियों हरकतों पर नजर रखें, वे कोई महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर सकते हैं। जमीन, लोहे, तेल के व्यापार व कमीशन से जुड़े हुए व्यापारियों को इस साल मुनाफा हो सकता है। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि वक्र रूप में गतिशीत होंगे। कारोबार में कुछ अप्रत्याशित खर्चे होंगे, कोई मशीनरी अचानक खराब होगी, जिससे प्रॉडक्शन प्रभावित होगा। आर्थिक मामले अटक जायेंगे। नौकरी में बॉस व अधिकारियों की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। इच्छा के विपरीत कार्यभार स्थानांतरण की तलवार लटकी हुई है। लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पायेंगे। शनि की शांति के उपाय आवश्यक हैं। शनि मुद्रिका धाण करें।
घर परिवार संतान व रिश्तेदारः- इस वर्ष आप यह महसूस करेंगे कि मुश्किल समय परिवार का हर व्यक्ति आपके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े हैं। वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल भावुकता से निर्णय लेने के बचना चाहिए। दिल की बजाय दिमाग से निर्णय लें। शनि-चौथे स्थान में वर्ष पर्यंत रहेंगे। अतः जीवनसाथी से यदा-कदा छोटी-मोटी बात पर कहासुनी हो सकती है। माता का स्वास्थ्य इस साल कुछ कमजोर ही रहेगा। सम्पति व बँटवारें संबंधी विवाद तो होगा, परंतु समय रहते विवाद सुलझ भी जायेगा। पाँचवे स्थान
में राहु का वर्ष पर्यंत योग के फलस्वरूप संतान की गतिविधि, दिनचर्या व व्यवहार आपकी चिंता का कारण भी बनेगा। संतान के कैरियर, विवाह, अध्ययन को लेकर चिंता की स्थितियां हावी रहेंगी। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में घर के किसी सदस्य को लेकर अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। इतने सबके बावजूद आप किसी मुसीबत में उलझे रिश्तेदार की तरफ मदद का हाथ बढ़ायेंगे। सामाजिक कार्यों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, आपकी आलोचना या निंदा हो सकती है। आप पर कोई फालतू का आरोप प्रत्यारोपण लग सकता है।
विद्याध्यन पढ़ाई व कैरियरः- इस वर्ष वृश्चिक राशि के जातकों को पढ़ाई में परिणाम थोड़े कमजोर ही आयेंगे। पढ़ाई में एकाग्रचित्तता नहीं बन पायेगी। विदेश में जाकर अध्ययन करने के इच्छुक विद्यार्थियों को कागजाद, वीजा, पासपोर्ट से संबंधित परेशानी रहेगी। प्रेम-प्रसंगों व संबंधों से थोड़ी सी दूरी बनाकर रखें, अन्यथा आप अपनी पढ़ाई व कैरियर को चौपट कर सकते हैं, कैरियर व नौकरी में तयशुदा लक्ष्यों को हासिल करने का दबाव बना रहेगा। कैरियर में प्रस्ताव व ऑफर्स तो मिलेंगे, परंतु उनकी परिपक्वत्ता में कहीं न कहीं अवरोध स्पष्ट
रूप से देखा जा सकता है। कभी कभार मन में गम्भीरता व संजीदगी के साथ अध्ययन करने का भी विचार दिमाग में आयेगा। देवगुरु बृहस्पति 1 मई तक तो छठे स्थान में है, परंतु 1 मई के बाद कैरियर व अध्ययन को लेकर थोड़ी सी संजीदगी आयेगी।
प्रेम-प्रसंग व मित्रः- पचंम भाव का राहु प्रेम प्रसंग व प्रेम सम्बन्धों की स्थिति को रखेगा, परंतु कहीं न कहीं प्रेम संबंध बदनामी व अपयश का कारण बन सकते हैं। प्रेम संबंधों को आप गुप्त नहीं रख पायेंगे, उससे परिवार में तनाव का वातावरण बनेगा। विवाहोत्तर प्रेम सम्बधों से आपको बचना चाहिए। कभी कभार प्रेमी प्रेमिका के मध्य गलत फहमियों की दीवार उत्पन्न हो सकती है। जहाँ तक मित्रें का संबंध है। मित्र हर प्रकार से आपकी हर संभव सहायता के लिए तैयार व तत्पर रहेंगे। किसी पुराने मित्र से आपकी अकस्मात
मुलाकात से मन प्रसन्न होगा। हालांकि इस दौरान शत्रुओं से जरूर सावधान रहें।
वाहन, खर्च व शुभकार्यः- इस वर्ष वाहन पर बार-बार खर्चा होगा, जिससे आप परेशान हो जायेंगे। वाहन इस साल सावधानीपूर्वक चलावें, तथा वाहन चलाते समय सुरक्षा नियमों हैलमेट, सीटवेल्ट जैसे नियमों का पालन करें। भूमि, भूखण्ड, प्लॉट आदि के रख रखाव पर हुए खर्चों से आप परेशान हो जायेंगे। खर्च की इस साल प्रबलता रहेगी व 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में खर्चों की प्रबलता रहेगी, कुछ अप्रत्याशित व फिजुल के खर्चों से आपका आर्थिक बजट डावाडोल हो जायेगा। इस वर्ष किसी शुभ व महत्वपूर्ण कार्य की स्थिति नहीं न पायेगी। आसार बनेंगे, लेकिन उसमें बार-बार अवरोध भी रहेंगे।
हानि, फर्ज व अनहोनीः- व्यापार व कारोबार में इस साल हानि की नुकसान की संभावना है। व्यापार में एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें, रुपया तो किसी को भी उधार नहीं दे अन्यथा वापस निकलवाने में आपको पसीने आ सकते हैं। इस साल शनि की ढैÕया के कारण आपको रोजमर्रा के खर्चों, बच्चों की फीस आदि के लिए भी ऋण लेना पड़ सकता है, जहाँ तक अनहोनी का प्रश्न है इस वर्ष 30 जुन से 15 नवम्बर के मध्य किसी रिश्तेदार के साथ कोई अनहोनी घटना
घटित हो सकती है।
यात्रएंः- इस साल कोई खास उल्लेखनीय उपलब्धि के
योग नहीं हैं, छोटी-मोटी यात्रएं काम-काज को लेकर होंगी, परंतु उसमें भी आपको कोई उल्लेखनीय उपलब्धि या सफलता नहीं मिल पायेगी।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है।
वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति
तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
1 जनवरी से 7 जनवरी तक
वर्षारम्भ बहुत ही अच्छा रहेगा। 1, 2 को मान-सम्मान की वृद्धि होगी। नए साल का प्रारम्भ आप अपनी रूचि के अनुसार करेंगे जैसे कि पसंदीदा खाना, घुमना-फिरना, पूजा-पाठ आदि। इस समय कोई नए व शुभ समाचार प्राप्त होंगे। 3, 4 को सर्वलाभकारी समय है। चारों तरफ से लाभ की प्राप्ति होगी। आप अपने बच्चों की शिष्टता सिखाएंगे। आप उन्हें हर उत्तम वस्तु उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे। बच्चों से ज्यादा नम्रता से पेश आना कभी-कभी उन्हें बिगाड़ भी सकता है। बैलेंस रखें। 5 से 7 के मध्य समय कठिनता से परिपूर्ण रहेगा। आपका चिड़चिड़ाकर बोलना, पीड़ा देना सामने वाले को और परिवार में अशान्ति का वातावरण बनेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।
ग्रह स्थिति
वर्षारम्भ में शुक्र+ बुध वृश्चिक राशि का लग्न में, सूर्य+ मंगल धनु राशि का द्वितीय भाव में, शनि कुभ राशि का चतुर्थ भाव में, राहु मीन राशि का पंचम भाव में, बृहस्पति मेष राशि का षष्टम भाव में, चंद्रमा सिंह राशि का दशम भाव में, केतु कन्या राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 2, 3, 4, 8, 9, 12, 13, 30, 31 | 5, 6, 14, 15, 22, 23, 24 |
| फरवरी | 4, 5, 8, 9, 26, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 18, 19, 20, 29 |
| मार्च | 2, 3, 4, 6,7,8,24,25, 26,30,31 | 9, 10, 17, 18, 19, 27, 28 |
| अप्रैल | 3, 4, 21, 22, 26, 27, 30 | 5, 6, 13, 14, 15, 24 |
| मई | 1, 18, 19, 23,24,25, 27,28 | 3, 4, 11, 12, 21, 22, 30, 31 |
| जून | 14, 15, 16, 20, 21, 24, 25 | 7, 8, 9, 17, 18, 26, 27 |
| जुलाई | 11, 12, 13, 17, 18, 21, 22 | 4, 5, 6, 14, 15, 24, 25 |
| अगस्त | 8, 9, 13, 14, 15, 17, 18, 19 | 1, 2, 11, 12, 20, 21, 28, 29, 30 |
| सितम्बर | 4, 5, 6, 10, 11, 14, 15 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
| अक्टूबर | 1, 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 4, 5, 14, 15, 21, 22, 23 |
| नवम्बर | 3, 4, 5, 7, 8, 9, 25, 26, 30 | 1, 2, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29 |
| दिसम्बर | 1,2, 5, 6, 22, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 9, 15, 16, 17, 25, 26 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह साल वृश्चिक राशि के लोगों के परेशानियों से भरा हुआ रहेगा। वर्ष पर्यंत शनि का परिभ्रमण चौथे स्थान में रहेगा। शनि की ढैÕया का प्रभाव आपकी राशि पर वर्ष पर्यंत रहेगा। इस वर्ष शत्रु
जनित परेशानी वृश्चिक राशि के जातकों को रहेगी। एक ओर स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। भीषण उतार-चढ़ाव रहेंगे। साथ ही में किसी गम्भीर व घातक बीमारी के प्रति आपको आगाह करना चाहूंगा, बुरी आदतों, नशे का परित्याग कर लें। वर्ष के मध्य में मौसमी बीमारियों, सर्दी, खांसी, जुकाम, लू, दस्त आदि की संभावना व आशंका है। खान-पान का विशेष ध्यान रखें। योग, व्यायाम, प्राणायाम जैसी चीजों पर ध्यान देने के साथ-साथ दिनचर्या को व्यवस्थित रखें। काम-काज की गाड़ी पटरी पर लाने के लिए पुरजोर कोशिश रहेगी, लेकिन कोशिश कोई रंग नहीं ला पायेगी। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर विश्वास करने से विश्वासघात ही होगा, एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें। 1 मई तक बृहस्पति छठे स्थान में स्थित है तथा गोचर का बृहस्पति घर के किसी वरिष्ठ सदस्य
या घनिष्ठ रिश्तेदार को लेकर चिंता की स्थिति रह सकती है। तथा उनके स्वास्थ्य के उतार-चढ़ाव को लेकर अस्पताल तक जाना पड़ सकता है। नई संभावनाओं को आप व्यापार व काम-काज में तलाशेंगे परंतु सकारात्मक सफलता आंशिक ही मिल पायेगी।
इस साल व्यापारिक अनुबंधन होंगे, कोई बड़ी डील
या करार पर आप हस्ताक्षर कर सकते हैं, परंतु सावधान बिना पढ़े किसी भी कागजाद पर हस्ताक्षर नहीं करें। व्यपार में विस्तार की योजना लंबित होगी। लाटरी, जुआ सट्टा से नुकसान के योग हैं। पैसा कहीं पर अटक जायेगा बॉस व
अधिकारी की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। कोई महत्वपूर्ण पदभार या महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट नौकरी में आपको सौंपा जा सकता है। लेन-देन व रुपयों-पैसों के मामले में मकर राशि के जातकों को सावधानी रखनी चाहिए। शनि चौथे स्थान में स्थित है। अतः माता के स्वास्थ्य में एक ओर जहाँ परेशानी रहेगी। वहीं सरकारी पक्ष राजकीय मामलों में परेशानी रह सकती है। आप अपनी क्षमताओं व योग्यतों का इस्तेमाल व यास-परिहास में पड़कर अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ व समझौता नहीं करें। सम्पत्ति संबंधी जो विवाद आपका चल रहा है। उसे बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास करें। इस साल वर्ष पर्यंत शनि चौथे स्थान में चलायमान रहेगें। अतः ढैÕया का प्रभाव पूरे साल भर रहेगा। परंतु 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि चौथे स्थान में वक्री रहेंगे। अतः निवेश किया हुआ। रुपया डूब सकता है, वाहन सावधानी पूर्वक चलावें, अन्यथा कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती हैं, किसी रिश्तेदार से संबंधित कोई अप्रिय समाचार भी मिल सकता है, रुपया किसी को भी उधार नहीं दें, अन्यथा आपके साथ कोई विश्वासघात या धोखा हो सकता है, काम
बनते-बनते रूक व अटक जायेंगे।
शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्यः- इस वर्ष शारीरिक सुख में मामलों में आपकी आदतें, आपका दुव्यर्वसन आपका दुश्मन हो सकता है। बुरी आदतों, शराब, गुटका, तम्बाकु सिगरेट आदि का त्याग कर दें, अन्यथा यह आपके लिए घोर नुकसान का कारण बन सकती है। 1 मई तक छठे गुरु के कारण घर के वरिष्ठ सदस्य माता-पिता आदि का स्वास्थ्य चिंता का कारण बन सकता है। खान-पान, दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें, 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य वाहन सावधानी पूर्वक चलावें कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। खान-पान दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें, 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य वाहन सावधानी पूर्वक चलायें कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। पुराने रोगों से परेशानी तो रहेगी वहीं मौसमी बीमारियों से भी कष्ट रहेगा। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ¬मृत्युंजयाय नमः मंत्र की 51 आवृत्ति रोज करें।
व्यापार, व्यवसाय व धनः- वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल व्यापार में किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। रुपयों-पैसों के मामले में जिस पर भी भरोसा करेंगे, अंततः विश्वासघात ही होगा। व्यापार में इस साल उतार-चढ़ाव चलते रहेंगे। जगकर मेहनत व परिश्रम करेंगे। व्यापार में बेहतरी के लिए आप नए-नए प्रयोग करेंगे। उनका थोड़ा बहुत असर आयेगा भी, लेकिन फिर जाकर बात वहीं की वहीं रह जायेगी। व्यापार व कारोबार में आपको प्रतिद्वंदीयों व प्रतिस्पर्धियों से कड़ी चुनौती मिल सकती है। व्यापारिक विवाद संयम व धैर्य से निपटाएं। पैसा संचय नहीं हो पायेगा। धन आने से पूर्व जाने का रास्ता तैयार रहेगा। कोई बड़ी डील या बडा आर्डर आपके हाथ से निकल सकता है। भागीदार आपके काम में आपका सहयोग करेंगे, परंतु अधीनस्थ कर्मचारियों व सहकर्मियों की गतिविधियों हरकतों पर नजर रखें, वे कोई महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर सकते हैं। जमीन, लोहे, तेल के व्यापार व कमीशन से जुड़े हुए व्यापारियों को इस साल मुनाफा हो सकता है। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि वक्र रूप में गतिशीत होंगे। कारोबार में कुछ अप्रत्याशित खर्चे होंगे, कोई मशीनरी अचानक खराब होगी, जिससे प्रॉडक्शन प्रभावित होगा। आर्थिक मामले अटक जायेंगे। नौकरी में बॉस व अधिकारियों की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। इच्छा के विपरीत कार्यभार स्थानांतरण की तलवार लटकी हुई है। लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पायेंगे। शनि की शांति के उपाय आवश्यक हैं। शनि मुद्रिका धाण करें।
घर परिवार संतान व रिश्तेदारः- इस वर्ष आप यह महसूस करेंगे कि मुश्किल समय परिवार का हर व्यक्ति आपके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े हैं। वृश्चिक राशि के जातकों को इस साल भावुकता से निर्णय लेने के बचना चाहिए। दिल की बजाय दिमाग से निर्णय लें। शनि-चौथे स्थान में वर्ष पर्यंत रहेंगे। अतः जीवनसाथी से यदा-कदा छोटी-मोटी बात पर कहासुनी हो सकती है। माता का स्वास्थ्य इस साल कुछ कमजोर ही रहेगा। सम्पति व बँटवारें संबंधी विवाद तो होगा, परंतु समय रहते विवाद सुलझ भी जायेगा। पाँचवे स्थान
में राहु का वर्ष पर्यंत योग के फलस्वरूप संतान की गतिविधि, दिनचर्या व व्यवहार आपकी चिंता का कारण भी बनेगा। संतान के कैरियर, विवाह, अध्ययन को लेकर चिंता की स्थितियां हावी रहेंगी। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में घर के किसी सदस्य को लेकर अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। इतने सबके बावजूद आप किसी मुसीबत में उलझे रिश्तेदार की तरफ मदद का हाथ बढ़ायेंगे। सामाजिक कार्यों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, आपकी आलोचना या निंदा हो सकती है। आप पर कोई फालतू का आरोप प्रत्यारोपण लग सकता है।
विद्याध्यन पढ़ाई व कैरियरः- इस वर्ष वृश्चिक राशि के जातकों को पढ़ाई में परिणाम थोड़े कमजोर ही आयेंगे। पढ़ाई में एकाग्रचित्तता नहीं बन पायेगी। विदेश में जाकर अध्ययन करने के इच्छुक विद्यार्थियों को कागजाद, वीजा, पासपोर्ट से संबंधित परेशानी रहेगी। प्रेम-प्रसंगों व संबंधों से थोड़ी सी दूरी बनाकर रखें, अन्यथा आप अपनी पढ़ाई व कैरियर को चौपट कर सकते हैं, कैरियर व नौकरी में तयशुदा लक्ष्यों को हासिल करने का दबाव बना रहेगा। कैरियर में प्रस्ताव व ऑफर्स तो मिलेंगे, परंतु उनकी परिपक्वत्ता में कहीं न कहीं अवरोध स्पष्ट
रूप से देखा जा सकता है। कभी कभार मन में गम्भीरता व संजीदगी के साथ अध्ययन करने का भी विचार दिमाग में आयेगा। देवगुरु बृहस्पति 1 मई तक तो छठे स्थान में है, परंतु 1 मई के बाद कैरियर व अध्ययन को लेकर थोड़ी सी संजीदगी आयेगी।
प्रेम-प्रसंग व मित्रः- पचंम भाव का राहु प्रेम प्रसंग व प्रेम सम्बन्धों की स्थिति को रखेगा, परंतु कहीं न कहीं प्रेम संबंध बदनामी व अपयश का कारण बन सकते हैं। प्रेम संबंधों को आप गुप्त नहीं रख पायेंगे, उससे परिवार में तनाव का वातावरण बनेगा। विवाहोत्तर प्रेम सम्बधों से आपको बचना चाहिए। कभी कभार प्रेमी प्रेमिका के मध्य गलत फहमियों की दीवार उत्पन्न हो सकती है। जहाँ तक मित्रें का संबंध है। मित्र हर प्रकार से आपकी हर संभव सहायता के लिए तैयार व तत्पर रहेंगे। किसी पुराने मित्र से आपकी अकस्मात
मुलाकात से मन प्रसन्न होगा। हालांकि इस दौरान शत्रुओं से जरूर सावधान रहें।
वाहन, खर्च व शुभकार्यः- इस वर्ष वाहन पर बार-बार खर्चा होगा, जिससे आप परेशान हो जायेंगे। वाहन इस साल सावधानीपूर्वक चलावें, तथा वाहन चलाते समय सुरक्षा नियमों हैलमेट, सीटवेल्ट जैसे नियमों का पालन करें। भूमि, भूखण्ड, प्लॉट आदि के रख रखाव पर हुए खर्चों से आप परेशान हो जायेंगे। खर्च की इस साल प्रबलता रहेगी व 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में खर्चों की प्रबलता रहेगी, कुछ अप्रत्याशित व फिजुल के खर्चों से आपका आर्थिक बजट डावाडोल हो जायेगा। इस वर्ष किसी शुभ व महत्वपूर्ण कार्य की स्थिति नहीं न पायेगी। आसार बनेंगे, लेकिन उसमें बार-बार अवरोध भी रहेंगे।
हानि, फर्ज व अनहोनीः- व्यापार व कारोबार में इस साल हानि की नुकसान की संभावना है। व्यापार में एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें, रुपया तो किसी को भी उधार नहीं दे अन्यथा वापस निकलवाने में आपको पसीने आ सकते हैं। इस साल शनि की ढैÕया के कारण आपको रोजमर्रा के खर्चों, बच्चों की फीस आदि के लिए भी ऋण लेना पड़ सकता है, जहाँ तक अनहोनी का प्रश्न है इस वर्ष 30 जुन से 15 नवम्बर के मध्य किसी रिश्तेदार के साथ कोई अनहोनी घटना
घटित हो सकती है।
यात्रएंः- इस साल कोई खास उल्लेखनीय उपलब्धि के
योग नहीं हैं, छोटी-मोटी यात्रएं काम-काज को लेकर होंगी, परंतु उसमें भी आपको कोई उल्लेखनीय उपलब्धि या सफलता नहीं मिल पायेगी।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है।
वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति
