रा, री चित्रा‒2
रु, रे, रो, ता स्वाति‒3
ती, तू, ते विशाखा‒3
16 अगस्त से 23 अगस्त तक
दिनांक 16, 17, 18 को शुभफल प्राप्त होंगे। आपका उदारवादी दृष्टिकोण रहेगा। पुराने चल रहे विवाद समाप्त होंगे। अपने अनुभवों से प्रेरणा लेकर आप एक सुदृढ़ भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे। घरेलू और व्यावहारिक जीवन में बदलाव, नई उम्मीदें व लम्बे समय तक स्थायित्व लेकर आएगा। आपको इस समय कुछ नया सीखने को मिलेगा। मंगल+चंद्रमा की युति से परिश्रम व मेहनत ही आपका भाग्य बदल सकती है। 19 से 21 के मध्य समय ठीक नहीं है। आकस्मिक खर्च की स्थिति बनेगी। नौकरी में अधिकारी की डांट-फटकार सुननी पड़ सकती है। भागदौड़ व परिश्रम विफल ही रहेगा। 22, 23 को समय बहुत अच्छा है, अपने जरूरी कार्यों को निपटा लेंगे। ग्रह-स्थिति पक्ष में है। अतः सफलता मिलेगी। व्यापार में विस्तार होगा। आपका प्रभुत्व कायम रहेगा। काम की शुरुआत शानदार होगी।नववर्ष 2023 की शुभकामनाएं।
ग्रह स्थिति
मासारंभ में केतु तुला राशि का लग्न में, चंद्रमा मकर राशि का चतुर्थ भाव में, शनि कुम्भ राशि का पंचम भाव में, राहु+बृहस्पति मेष राशि का सप्तम भाव में, सूर्य कर्क राशि का दशम भाव में, मंगल+बुध+शुक्र सिंह राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।
तुला राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 10, 11, 12, 15, 16, 17, 19, 20 | 2, 3, 4, 13, 14, 22, 23, 30, 31 |
फरवरी | 6, 7, 8, 12, 13, 16, 17 | 1, 9, 10, 18, 19, 26, 27, 28 |
मार्च | 6, 7, 11, 12, 15, 16 | 9, 18, 19, 25, 26, 27 |
अप्रैल | 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 4, 5, 6, 14, 15, 22, 23, 24 |
मई | 1, 5, 6, 8, 9, 10, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 19, 20, 21, 30 |
जून | 1, 2, 5, 6, 23, 24, 28, 29, 30 | 7, 8, 15, 16, 17, 26, 27 |
जुलाई | 2, 3, 20, 21, 22, 26, 27, 30, 31 | 5, 6, 13, 14, 15, 23, 24 |
अगस्त | 16, 17, 18, 22, 23, 26, 27 | 1, 2, 9, 10, 11, 19, 20, 29, 30 |
सितम्बर | 13, 14, 18, 19, 20, 22, 23 | 5, 6, 7, 16, 17, 25, 26 |
अक्टूबर | 10, 11, 15, 16, 17, 19, 20, 21 | 3, 4, 13, 14, 22, 23, 30, 31 |
नवम्बर | 6, 7, 8, 12, 13, 16, 17 | 1, 9, 10, 18, 19, 20, 26, 27, 28 |
दिसम्बर | 4, 5, 9, 10, 13, 14, 31 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
तुला राशि का वार्षिक भविष्यफल

यह साल आपके लिए शानदार रहेगा। शनि की ढैय्या का प्रभाव इस वर्ष 17 जनवरी से हट | जाएगा। फलतः सोचे गए सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होंगे। स्वास्थ्य में धीमे-धीमे सुधार नजर आएगा। पुराने रोगों से इस साल छुटकारा मिलेगा। पांचवां शनि धन आगम व लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा। आप अपने स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देंगे। खान-पान व दिनचर्या की आदतों में बदलाव करके आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेंगे। शुक्र वर्षारंभ में चौथे स्थान में है। अतः इस साल भूमि, भवन, वाहन आदि खरीद के योग बनेंगे। चल-अचल सम्पत्ति में बढ़ोतरी के योग बन रहे हैं। हालांकि इस वर्ष आप ऊर्जा व जोश से लबरेज रहेंगे। ऊर्जा व जोश के सहारे आप बड़े से बड़ा काम आसानी से और चुटकियों में निपटा लेंगे। 22 अप्रैल तक बृहस्पति छठे भाव में स्थित है, सिरदर्द माईग्रेन, हाईपरटेंशन जैसी बीमारियां रखेगा। पेट से सम्बंधित व्याधि भी रखेगा। शत्रु व विरोधी तो रहेंगे, परन्तु अहित व हानि कुछ भी नहीं कर पाएंगे। धन आगम के प्रबल स्रोत बनेंगे। जिस काम को करने के लिए आप पिछले काफी समय से प्रयासरत थे, वह काम आपका हो जाएगा। व्यापार में शुरुआत में तो कुछ दिक्कतें आएंगी परन्तु धीमे-धीमे दिक्कतें व परेशानियां समाप्त भी हो जाएंगी। नौकरी में आप पूरी ईमानदारी, लग्न व सत्यनिष्ठा से काम करेंगे। जिसका परिणाम भी आपको मिलेगा। आर्थिक रूप से उत्तार-चढ़ाव चलते रहेंगे।
नौकरी में प्रयासरत विधार्थियों को विभागीय परीक्षा प्रमोशन से सम्बंधित परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल जाएगी। कोर्ट-केस व कानूनी विषयों में सफलता के योग बने हुए हैं। सम्पत्ति सम्बन्धी विवाद, बटवारे से सम्बंधित मसला आपसी सहमति व किसी की मध्यस्थता से हल हो जाएंगे। सप्तम भाव का राहु कुछ कलह का कारण बन सकता है। मकान, भूमि, भवन, वाहन आदि से सम्बंधित प्लानिंग कामयाब होगी। पति-पत्नी में आपसी सामंजस्य व तालमेल गजब का रहेगा। हालांकि 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में पत्नी का स्वास्थ्य गिर सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण व उन्नत सोच आपको आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करेंगे। बॉस व अधिकारी आप पर मेहरबान रहेंगे। वर्षारम्भ में राहु-शनि का योग है, अतः पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। पैसा आने से पहले जाने का रास्ता तैयार रहेगा। इस वर्ष कहीं-न-कहीं फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। शनि के पंचम भाव में परिभ्रमण के कारण आईडियाज व विचार काफी रचनात्मक आएंगे। परन्तु विचार व आइडियाज के कार्यरूप में परिणित होने का समय आ गया है। वाणी व क्रोध पर नियत्रंण रखें, बॉस व अधिकारी की हां में हां मिलाने में ही समझदारी है। करियर में बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। प्रेम-प्रसंगों व प्रेम संबंधों से कुछ दूरी बनाकर रखें। आपको बदनामी व अपयश का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कहीं न कहीं पारिवारिक तनाव का कारण भी बन सकता है। रोजी-रोजगार व काम-काज की बढ़ोतरी के लिए आप कुछ ठोस व महत्त्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जिसका लाभ व प्रतिफल दीर्घकालिक रहेंगे। इस वर्ष एक बार मन में जो ठान लेंगे, उसे पूरा करके ही दम लेंगे। मनोनुकूल तबादला, पदोन्नति व वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं।
तुला राशि–कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
इस वर्ष शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। नियमित व्यायाम, योग, प्राणायाम, खान-पान से आप स्वास्थ्य को संतुलित कर पाएंगे। बुरी आदतों, शराब, गुटका, तम्बाकू आदि का त्याग कर दें। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि वक्र स्थिति में चलायमान रहेंगे, अतः इस दरम्यान मौसमी बीमारी के संकेत मिल रहे हैं। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव के चलते आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
तुला राशि–व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?
व्यापार व कारोबार की दृष्टि से इस साल नवीन उपलब्धियां हासिल होंगी। आप जम कर मेहनत करेंगे। जो पिछले समय में नुक्सान की स्थिति रही है, कहीं-न-कहीं इसकी भरपाई का विचार रहेगा। इस वर्ष शनि पांचवें स्थान में गतिशील हैं, अतः किसी बड़े व महत्त्वपूर्ण आदमी से मुलाकात आपके व्यापार के लिए महत्त्वपूर्ण रहेगी। आप पूरी ऊर्जा व जोश से अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगे। मेहनत व परिश्रम के पश्चात आपको सफलता मिल जाएगी। व्यापार में नई संभावनाओं को तलाशेंगे। नई तकनीक, नया हुनर व नया प्रयोग आपके भाग्य व कारोबार दोनों को चमका सकता है। आर्थिक रूप से आप काफी सुदृढ़ व सक्षम स्थिति में रहेंगे। खर्च की भी प्रबलता रहेगी। आपको कहीं न कहीं अपनी वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। 22 अप्रैल के पश्चात बृहस्पति सातवें स्थान में आकर व्यापार विस्तार की योजना पर काम करवाएंगे। परन्तु 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य पैसा कहीं रुक व अटक सकता है। वक्री शनि प्रतिकूलताप्रद स्थिति देगा। इस दरम्यान व्यापार में कोई ऐसी गलती हो जाएगी, जिसका मलाल आपको रह सकता है। आपके हाथ से कोई बड़ा ऑर्डर निकल सकता है, साख पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों व प्रतिस्पर्धियों के हर गतिविधि व कार्यकलाप पर नजर रखें। संम्पत्ति व धन के रख-रखाव पर खर्चा होगा। निवेश से पूर्व पूरी सावधानी रखें। अच्छी तरह जांच-पड़ताल करके ही काम शुरू करें। आपके साधनों में इजाफा व वृद्धि होगी। उधार देने में जरूर थोड़ा-सा परहेज रखें, अन्यथा आपका पैसा फंस सकता है। व्यापार में अगर उधार देना आवश्यक हो तो वापिसी की गारंटी सुनिश्चित करें।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
पारिवारिक परिस्थितियां इतनी अनुकूल नहीं रहेंगी। दाम्पत्य सम्बन्धों में किसी तीसरे व्यक्ति के हस्तक्षेप से कुछ कटुता आएगी। संतान व घर के वरिष्ठ सदस्यों को लेकर तनाव उपस्थित हो सकता है। 17 जनवरी के बाद शनि पांचवें स्थान में आकर संतान की शिक्षा, करियर, अध्ययन व विवाह आदि को लेकर मन में चिंता रहेगी। जहां तक परिवार की बात है, भूमि, भवन व संपत्ति के बटवारे से सम्बंधित विषय किसी की मध्यस्थता या आपसी सहमति से सुलझ जाएगा। प्रेम-प्रसंगों व सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखें, अन्यथा प्रेम-प्रसंग पारिवारिक तनाव का कारण तो बनेंगे ही साथ ही बदनामी व अपयश के भी कारण बन सकते हैं। जहां तक रिश्तदारी का प्रश्न है, आप रिश्तेदारों की हर सम्भव मदद के लिए तैयार रहेंगे। देवरानी, जेठानी, ननद-भोजाई के बीच में 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य गुरु के वक्रत्व काल के कारण नोंक-झोंक हो सकती है।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
नौकरी व काम-काज में आपको बेहतर व नवीन अवसर सुलभ होंगे। बॉस व अधिकारी आपके काम से खुश रहेंगे। जिससे कार्यक्षेत्र में आपकी जबर्दस्त प्रतिष्ठा व धाक रहेगी। आप अध्ययन व शिक्षा के प्रति पहले से ज्यादा फोकस करेंगे। शनि पंचम स्थान में 17 जनवरी को आकर अध्ययन के प्रति ज्यादा संजीदगी व गम्भीरता लाएंगे। आप मेहनत व परिश्रम करके अनूकूल परिणाम प्राप्त कर ही लेंगे। कानूनी पढ़ाई, सी.ए. व तकनीक पॉलिटेक्नीक से जुड़े विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा है। सोशल मीडिया, व्हाट्सअप्प, फेसबुक से थोड़ी दूरी बना कर रखें। प्रेम-प्रसंगों को अपने करियर व अध्ययन पर हावी नहीं होने दें।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
इस वर्ष शनि महाराज आपकी राशि से पंचम स्थान में रहेंगे, अतः पति-पत्नी में प्रेम बहुत अच्छा रहेगा। वहीं प्रेमी-प्रेमिका वाले अवसर भी इस वर्ष प्राप्त होंगे। शनि पाप ग्रह का प्रभाव प्रेम के भाव में है, अतः बदनामी, अपयश व कलंक के प्रति सावधान रहें। प्रेम-प्रसंग व प्रेम-संबंध उजागर होने का खतरा है। जिसका प्रभाव पारिवारिक सुख-शांति पर पड़ सकता है। मित्रों का दायरा बढ़ेगा। किसी जरूरतमंद मित्र की आप सहायता करेंगे व मित्र भी वक्त-बेवक्त आपकी सहायता करेंगे।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
इस वर्ष घर में किसी शुभ व मांगलिक कार्य की रूपरेखा व प्लानिंग बन सकती है। वाहन पर इस वर्ष खर्चा होगा। बार-बार वाहन की रिपेयरिंग करवा कर आप परेशान हो कर नए वाहन की खरीद भी कर सकते हैं। खर्च से आप परेशान रहेंगे। बढ़े हुए खर्च से पर नियंत्रण करना भी आवश्यक है। जहां तक शुभ कार्य का प्रश्न है, इस वर्ष के मध्य में किसी शुभ कार्य की रूपरेखा हो सकती है। अविवाहितों के विवाह की सम्भावना है। घर में किसी नवीन वस्तु की खरीददारी में भी खर्च होगा। दैनिक व रोजमर्रा के उपभोग की वस्तु खरीदेंगे। मोबाइल, लैपटॉप या किसी इलेक्ट्रोनिक उत्पाद, किसी व्यापारिक वस्तु की खरीदी पर व्यय होगा।
तुलाराशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
जहां तक धन हानि की बात है, इस वर्ष कोई खास हानि की सम्भावना नहीं है। अपनी सूझ-बूझ, अक्ल व होशियारी से होने वाले नुकसान को भी आप लाभ में परिवर्तित कर लेंगे। जहां तक कर्ज व ऋण का प्रश्न है, 22 अप्रैल के बाद गुरु सातवें स्थान में आकर ऋण की स्थिति बना देगा। लेकिन धीमे-धीमे वह ऋण व कर्ज भी चुकता हो जाएगा। जहां तक अनहोनी की बात है, 17 जून से नवम्बर के मध्य वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। कोई दुर्घटना या अप्रिय घटना घटित होने की सम्भावना है। शराब, गुटका, बीड़ी, सिगरेट आदि नशे से दूरी बना कर रखें। क्रोध, वाणी व आवेश से बना-बनाया काम बिगड़ सकता है।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?
इस वर्ष व्यापार व कारोबार को लेकर यात्राएं काफी होंगी। हालांकि यात्राओं से धन व लाभ की अपेक्षा कम ही है। धार्मिक व आध्यात्मिक यात्राओं का योग परिवार के साथ 17 जून से 4 नवबर के मध्य बनेंगे।
कैसे बनाये तुला राशि वाले 2022 को लाभकारी ?
वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए शुक्रवार को देवी मंदिर के दर्शन करें। सुगन्धित द्रव्यों का प्रयोग करें। ओपेल युक्त शुक्र यंत्र गले में धारण करें। ‘ॐ श्री श्रियै नमः’ व “शुं शुक्राय नमः’ की माला नित्य करें। शुक्रवार को नहाने के पानी में कच्चा दूध डालकर नहाएं। स्त्रियों का विशेष रूप से सम्मान करें।
तुला राशि की चारित्रिक विशेषताएं
तुला राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र तड़क-भड़क व सौंदर्य का कारक ग्रह है। तुला राशि के व्यक्ति नकारात्मकता व सकारात्मकता में संतुलन करते हैं।
इस राशि का राशि चिन्ह ‘तुला’ (तराजू) है। तराजू दो वस्तुओं के संतुलन का परीक्षण करते हुए हल्की व भारी वस्तु का बोध कराती है। अतः इस राशि वाले व्यक्ति की संतुलन शक्ति बड़ी गजब की होती है। अपनी फुर्तीली निर्णयात्मक शक्ति के कारण तुला राशि के लोग शीघ्र ही लोगों पर छा जाते हैं। ‘तराजू’ व्यापार का परिचायक है, इस राशि के लोग बड़े कुशल व्यापारी होते हैं तथा लोक व्यवहार में चतुर होने के कारण इनको व्यापारिक सफलता शीघ्र मिल जाती है।
तुला राशि, पुरुष जाति सूचक व क्रूर स्वभाव राशि मानी जाती है। सच्चा व खरा परीक्षण करने की क्षमता आप रखते हैं और सहज ही किसी व्यक्ति के छलावे में नहीं आते। आप राजनीति के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। जन्म कुंडली में यदि शुक्र की स्थिति अच्छी है, तो आप कुशल अभिनेता भी बन सकते हैं।
सामान्यतया तुला राशि में उत्पन्न जातक सुन्दर, स्वस्थ एवं सुदर्शन व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं। उनकी प्रवृत्ति हास्य प्रिय होती है तथा बच्चों के प्रति इनके मन में प्रबल स्नेह का भाव विद्यमान रहता है। सुन्दर दृश्यों एवं वस्तुओं के प्रति भी इनमें आकर्षण रहता है। स्वाभाविक रूप से ये अन्य जनों को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देते हैं तथा सबके साथ समानता का व्यवहार करते हैं, जिससे समाज में ये सम्मानित, प्रतिष्ठित तथा प्रसिद्ध होते हैं। कला के प्रति इनका भावनात्मक लगाव रहता है तथा अच्छे कार्यों से ये अपनी आजीविका अर्जित करते हैं। नीति ज्ञान में ये चतुर होते हैं। अतः राजनीति के क्षेत्र में इनको नेतृत्व प्राप्त हो जाता है, परन्तु इनका कोई निश्चित सिद्धांत नहीं होता है।
तुला के प्रभाव से आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा, जो लोगों को प्रभावित करने में समर्थ होगा। आपकी प्रवृत्ति हास्यप्रिय होगी। बच्चों के प्रति आपके मन में स्नेह का भाव रहेगा तथा प्राकृतिक दृश्यों के प्रति आपके मन में आकर्षण रहेगा। साथ ही कला से आपका भावनात्मक संबंध रहेगा।
आप सभी लोगों से समानता का व्यवहार करेंगे तथा आपके मन में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रहेगा। अपने कार्यक्षेत्र में आपका प्रभाव रहेगा तथा आपके अधिकारी एवं सहयोगी आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। आप किसी नवीन सिद्धांत या ग्रंथ की भी रचना कर सकते हैं, जिससे आपको यश की प्राप्ति होगी।
आप अत्यंत बुद्धिमान होंगे तथा अपनी बुद्धिमत्ता से अपने सांसारिक कार्यों को सम्पन्न करेंगे। इनमें आपको इच्छित सफलताएं भी मिलती रहेंगी। आपकी प्रवृत्ति विलासी होगी तथा भौतिकता के प्रति अत्यधिक आकर्षण रहेगा। भ्रमणप्रिय होने के कारण समय-समय पर यात्रा भी करते रहेंगे। कला एवं संगीत में आप निपुण होंगे तथा कार्य करने में अत्यंत ही दक्ष होंगे।
शुक्र ऐश्वर्यशाली व विलासपूर्ण ग्रह है। गौर वर्ण, मध्यम कद तथा सुन्दर आकर्षक चेहरा इस राशि वाले जातक के प्रारम्भिक लक्षण हैं। यह राशि चर संज्ञक, वायु तत्व प्रधान व पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। प्राकृतिक स्वभाव वृषभ तुल्य होते हुए भी इस राशि वाले विचारशील, ज्ञान प्रिय, कुशल कार्य, सम्पादक व राजनीतिज्ञ होते हैं।
आपमें सहनशीलता का भाव विद्यमान होगा और धैर्यपूर्वक कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता की प्रतीक्षा करने में समर्थ होंगे। साथ ही सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आपको समय-समय पर धनार्जन होता रहेगा। आपमें शारीरिक बल की भी प्रचुरता रहेगी। फलतः परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करके आप जीवन में मनोवांछित सफलताओं को अर्जित करेंगे। जिससे समाज में आपका प्रभाव रहेगा तथा सभी लोग आपका आदर करेंगे। साथ ही यश भी दूर-दूर तक व्याप्त रहेगा। धर्म के प्रति आपके मन में पूर्ण श्रद्धा रहेगी तथा अवसरानुकूल आप धार्मिक कृत्यों को नियमपूर्वक सम्पन्न करेंगे, जिससे आपको वांछित लाभ एवं सहयोग मिलता रहेगा। विवाहोपरांत इनके जीवन में कुछ महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा सकते हैं। समुद्री-यात्रा आपके लिए कोई विशेष लाभप्रद नहीं है।
यदि आपका जन्म तुला राशि में ‘चित्रा नक्षत्र’ 3 व 4 चरण (रा, री) में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, पाया-चांदी, प्रथम तीन चरण का वर्ग-हिरण तथा अंतिम चरण का वर्ग-सर्प है। स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोग अति उत्साही, बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं।
यदि आपका जन्म तुला राशि में ‘विशाखा नक्षत्र’ के तीन चरणों (ती, तू, ते) में हैं, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति विरोधियों का सफाया बहुत चतुराई से करते हैं।
शुक्र एक विलासी, शीतल व सौम्य ग्रह है। यह रात्रि को हल्की श्वेत झलकदार किरणें बिखेरता है। अतः श्वेत रंग व साफ-सुथरी, ऐश्वर्य प्रधान वस्तुओं का व्यापार आपके अनुकूल कहा जा सकता है। आपके लिए अनुकूल रत्न ‘हीरा’ है।
तुला राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का ओपेल रत्न ‘शुक्र यंत्र’ में जड़वाकर धारण करें। सुगंधित द्रव्यों का प्रयोग करें। घर की महिलाओं, यथा-पत्नी, बहन, बच्ची व माता का सम्मान करें। रविवार व मंगलवार के अलावा पीपल को सींचे। गाय की सेवा करें। सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
तुला राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ तुला
- राशि चिह्न ‒ तराजू
- राशि स्वामी ‒ शुक्र
- राशि तत्त्व ‒ वायु तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ पश्चिम
- राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष, रजोगुणी
- राशि जाति ‒ शुक्र
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
- राशि का अंग ‒ गुप्तांग
- अनुकूल रत्न ‒ हीरा
- अनुकूल उपरत्न ‒ अमेरिकन डायमंड, ओपल
- अनुकूल धातु ‒ प्लेटिनम, चांदी
- अनुकूल रंग ‒ सफेद
- शुभ दिवस ‒ शुक्रवार
- अनुकूल देवता ‒ मां लक्ष्मी/संतोषी माता
- व्रत, उपवास ‒ शुक्रवार
- अनुकूल अंक ‒ 6
- अनुकूल तारीखें ‒ 6/15/24
- मित्र राशियां ‒ मिथुन, मकर, कुंभ, धनु, कर्क
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ अन्वेषक, खोजी, मास्टर माइंड
- सकारात्मक तथ्य ‒ आत्मविश्वासी, आकर्षक वाणी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्या, घमंड, अति धूर्तता
तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
1 जनवरी से 7 जनवरी तक
नववर्ष की शुरुआत सुखद समाचारों के साथ होगी। 1, 2 को उन्नतिकारक समय है। निजी जिन्दगी में कुछ अच्छा व अलग तरह का सोचेंगे। अपनी शारीरिक फिटनेस, कपड़े, शौक आदि निश्चित ही पूर्ण होंगे। साझेदारी व निजी जिन्दगी में अच्छा व अलग तरह का खोजेंगे। काम का मीठा फल मिलेगा। 3, 4 को समय सुख-शांतिदायक रहेगा। आप ध्यान प्रार्थना की तरफ आकर्षित करेंगे। सभी काम समय पर पूरे हो जाएंगे जिसके लिए आपकी पीठ थपथपाई जाएगी। आप सामाजिक दावतों में शामिल होंगे। ये समय कुछ अच्छा व नया करने का रहेगा। इसकी तमाम संभावनाएं हैं। 5, 6, 7 को समय घातक रहेगा। कहीं से अशुभ समाचार प्राप्त होंगे। आपका कोई अहित करेगा। काम के परिणाम घातक होंगे। मुसीबत मुंह उठाए खड़ी होगी।
ग्रह स्थिति
वर्षारम्भ में सूर्य+बुध धनु राशि का द्वितीय भाव में, शुक्र+शनि मकर राशि का तृतीय भाव में, बृहस्पति मीन राशि का पंचम भाव में, चंद्रमा+राहु मेष राशि का षष्ठम भाव में, मंगल वृषभ राशि का सप्तम भाव में, केतु तुला राशि का बारहवें भाव में चलायमान है।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 13, 14, 18, 19, 21, 22 | 5, 6, 7, 15, 16, 24, 25 |
फरवरी | 9, 10, 14, 15, 18, 19 | 1, 2, 3, 12, 13, 20, 21] 28 |
मार्च | 8, 9, 13, 14, 17, 18 | 1, 2, 3, 11, 12, 20, 21, 28, 29, 30 |
अप्रैल | 4, 5, 6, 9, 10, 11, 13, 14 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
मई | 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 5, 13, 14, 22, 23 |
जून | 3, 4, 7, 8, 25, 26, 27 | 1, 2, 9, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29 |
जुलाई | 1, 2, 4, 5, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 15, 16, 17, 26 |
अगस्त | 1, 2, 19, 20, 24, 25, 28, 29 | 3, 4, 11, 12, 13, 22, 23, 31 |
सितम्बर | 15, 16, 17, 21, 22, 24, 25 | 1, 8, 9, 10, 18, 19, 27, 28 |
अक्टूबर | 12, 13, 14, 18, 19, 22, 23 | 5, 6, 7, 15, 16, 24, 25 |
नवम्बर | 9, 10, 14, 15, 18, 19 | 1, 2, 3, 12, 13, 21, 22, 29, 30 |
दिसम्बर | 6, 7, 8, 11, 12, 13, 15, 16 | 1, 9, 10, 18, 19, 26, 27, 28 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह साल चुनौतियों से परिपूण रहेगा। हालांकि वर्षारंभ में राशिपति मंगल आपकी राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है, अतः आपको ऊर्जावान व क्रियाशील बनाए रखेगा। इस साल आप पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा मेहनत करेंगे। जिसका प्रभाव कहीं न कहीं आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इस वर्ष 17 जनवरी के बाद से शनि आपकी राशि से चौथे स्थान में आकर शनि की ढैय्या आरम्भ करेंगे। अतः इस साल स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज जैसी दीर्घकालिक बीमारियों में नियमित परीक्षण करवाते रहें। पहले से जिस रोग की स्थिति चली आ रही है उसमें भी बार-बार समस्याएं उत्पन्न होंगी। इधर मौसम में बदलाव से मौसमी बीमारियां भी आपको जल्द ही गिरफ्त में ले लेंगी। कमर के नीचे का रोग, पैर का रोग भी आपको परेशान कर सकता है, नियमित रूप से पैदल चलें, योग-व्यायाम जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या, जीवन का हिस्सा बनाएं।
इस वर्ष आप पहले से अधिक ऊर्जावान व जोश से लबरेज रहेंगे। मेहनत भी खूब करेंगे। धन कमाएंगे भी लेकिन खर्चा भी जमकर ही होगा। कुछ अप्रत्याशित खर्च भी होंगे। स्वास्थ्य पर अस्पताल पर खर्चा हो सकता है। घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ेंगे। व्यापार में नए-नए प्रयोग अमल में लाएंगे। नई तकनीक, नई स्टाइल व नया हुनर का प्रयोग करेंगे। व्यापार में विस्तार सम्बन्धी कुछ नवीन आईडियाज भी आएंगे, जिसका प्रयोग व उपयोग आपको त्वरित लाभ भी देगा। आर्थिक रूप से धन की आई-चलाई रहेगी। नौकरी में वातावरण अच्छा रहेगा। कभी-कभार बॉस व अधिकारी से छोटी-मोटी बातों पर, रोजमर्रा की बातों पर तनाव व रस्सा-कस्सी की स्थिति बनेगी। सहकर्मी आपके काम में आपको सहयोग करेंगे। हालांकि काम के मामले में आप सभी से आगे रहेंगे। आपके शत्रु व प्रतिद्वन्द्वी भी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य कामों में वक्री शनि के कारण अवरोध पैदा होंगे। कोई षड्यंत्र या गुप्त योजना आपके विरुद्ध कारित हो सकती है।
इस वर्ष 22 अप्रैल तक बृहस्पति पंचम स्थान में स्वग्रही रहेंगे। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई व अध्ययन पर फोकस करेंगे। परन्तु 22 अप्रैल के पश्चात छठे गुरु के कारण कहीं न कहीं अध्ययन से भटकाव हो सकता है। प्रतिफल इतने ठोस व सकारात्मक नहीं मिलेंगे। विषय का चयन कॉलेज में दाखिला आदि को लेकर मन में असमंजस व अनिर्णय बना रहेगा। छठे भाव में चन्द्रमा राहु की युति के कारण षड्यंत्र भी आपके विरुद्ध सक्रिय रहेंगे। रुपयों-पैसों व लेन-देन के मामले में सावधानी रखने की आवश्यकता है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। 22 अप्रैल, 2023 के बाद छठा गुरु शोक का कारक है, किसी निकट रिश्तेदार या खास व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी या हादसा हो सकता है। अकारण चिंताएं हावी होंगी। वर्षारम्भ में चंद्रमा+राहु की युति के कारण कई बार मन में निराशाजनक व नकारात्मक विचार आएंगे।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है। आपको अपना काम पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा व गंभीरता से करना चाहिए। दो नम्बर के अनुचित कार्यों को फिलहाल बंद रखें, अन्यथा आप ट्रैप भी हो सकते हैं। विभागीय परीक्षा, नौकरी के लिए दी गयी परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम पक्ष में आएगा। व्यापार में लचीला रुख व उदारवादी दृष्टिकोण हानि का कारण बन सकता है।
वृश्चिक राशि–कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
इस वर्ष शारीरिक स्वास्थ्य में वर्ष पर्यंत उतार-चढ़ाव रहेंगे। शनि महाराज चौथे स्थान में रहेंगे। गंभीर व घातक बीमारी के योग बने हुए हैं। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। नियमित रूप से योग, व्यायाम, शारीरिक श्रम, प्राणायाम, खान-पान व दवाइयों का ध्यान रखें। इसे अपनी दिनचर्या व जीवन का हिस्सा बना लें। रक्तचाप, मधुमेह व हृदय सम्बन्धी बीमारियों में लापरवाही घातक रहेगी। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति वाहन द्वारा क्षति करवा सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। वाहन अधिक गति में नहीं चलावें। 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य वक्री गुरु के कारण परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है।
वृश्चिक राशि–व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?
कारोबार व कर्म में चुनौतियां तो रहेंगी। परन्तु हर मुश्किल हर चुनौती का मुकाबला बड़ी ही निडरता व मजबूती से करेंगे। इस साल परिस्थितियां काफी विरोधाभासी रहेंगी। आप अपनी क्षमताओं व योग्यता का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। आपका मुनाफा बढ़ जाएगा। परन्तु साथ ही साथ खर्च में भी बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। आपका पूरा फोकस मार्कटिंग पर रहेगा, लेकिन फिर भी चीजें हाथ से फिसलती हुई नजर आएंगी। चन्द्रमा राहु की छठे स्थान में स्थिति के कारण व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी व प्रतिस्पर्धी आपके सामने बड़ा लक्ष्य रख देंगे। जिसे पार करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कारोबार में विस्तार की योजनाएं तो बनेंगी, परन्तु उसे कार्य रूप में परिणित करने के लिए आपको काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। व्यापार में नया अनुबंध सोच-विचार कर अमल में लायें, किसी दस्तावेज व कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले अच्छी तरह से पढ़ लें। भूमि, वाहन, भवन फ्लैट आदि की खरीद की योजना बनेगी। इस वर्ष व्यापार में कुछ कानूनी पेचीदगी भी पेश आ सकती है, इसके लिए आप किसी विधिक विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। 17 जनवरी से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण कोई बड़ा ऑर्डर या कॉट्रेक्ट हाथ से निकल सकता है। क्वालिटी कंट्रोल पर भी पूरी नजर रखें। हल्की सी चूक से बड़ा नुकसान हो सकता है। अतिविश्वास में आपके साथ कोई आर्थिक चोट या धोखा-ध ड़ी हो सकती है। सेल्समैन, इन्कमटैक्स जी.एस.टी. या उच्च सरकारी विभाग से सम्बंधित परेशानी पेश आ सकती है। इस साल घर में किसी इलेक्ट्रोनिक उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। व्यापार में किसी ग्राहक या पार्टी के साथ हल्की-फुल्की नोंक-झोंक या विवाद हो सकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।ार में इस वर्ष नवीन उपलब्धियां रहेंगी। आप जमकर मेहनत करेंगे। पिछले साल जो नुकसान की स्थिति रही है, कहीं न कहीं उसकी भरपाई करने का विचार रहेगा। इस वर्ष शनि तीसरे स्थान में स्वगृही है, किसी बड़े व प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होगी तथा उससे आपके कामकाज को नई दिशा मिलेगी। आप पूरी ऊर्जा और पूरे जोश से अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगे। मेहनत व परिश्रम के पश्चात् सफलताएं साफ रूप से दृष्टिगोचर हो रही हैं। व्यापार में नई तकनीक, नए हुनर व नया प्रयोग आपके काम को शिखर पर पहुंचा देगा। कर्मचारी व अधीनस्थ व्यक्ति भी आपके प्रति पूर्ण रूपेण समर्पित रहेंगे। हालांकि भागीदार व पार्टनर के कार्यकलाप व गतिविधि पर नजर आवश्यक है। इस वर्ष वर्षारंभ में मंगल अपनी ही राशि में चलायमान हैं। अतः कामकाज में मेहनत व परिश्रम अधिक रहेगी। जो रुपया पिछले काफी समय से रुका हुआ था, उसके प्राप्त होने का योग भी इस साल के अंत में बन रहा है। निवेश से पूर्व सावधानी व सतर्कता आवश्यक है। नौकरी में आपका दबदबा व रुतबा बरकरार रहेगा। सहकर्मी व अधीनस्थ भी आपकी कार्यशैली के कायल रहेंगे। प्रमोशन व पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपके आय के साधनों में वृद्धि होगी। व्यावसायिक प्रतिद्वंदियों व प्रतिस्पर्धियों के सामने आप बहुत बड़ा लक्ष्य रख देंगे। सम्पत्ति व धन के रख-रखाव पर खर्चा होगा। आर्थिक रूप से आप इस वर्ष सक्षम रहेंगे।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
आप यह महसूस करेंगे कि हर परिस्थिति में परिवार का हर सदस्य आपके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर साथ में खड़े हैं। वर्षारम्भ में सातवें स्थान में मंगल की स्थिति है। अतः दाम्पत्य सम्बन्धों में जरूर कभी-कभार कड़वाहट या मतभेद का जहर घुल सकता है। स्वभाव में उद्विग्नता रहेगी, जिसका प्रभाव पारिवारिक जीवन पर पड़ेगा। पांचवें स्थान में बृहस्पति के कारण संतान सम्बन्धी चिंता, करियर, विवाह सम्बन्धी चिंता का समाधान होगा। जीवन साथी आपकी भावनाओं को समझकर उसके अनुरूप आचरण व व्यवहार करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण घर के किसी वरिष्ठ सदस्य, माता-पिता व रिश्तेदार का स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। परिवार के लोग भी अपने-अपने खर्चों में कटौती करके आपको सहायता व सहयोग करेंगे। ससुराल वालों से 23 जुलाई से 4 सितम्बर के मध्य मतभेद रहेंगे। स्त्री जातकों का जेठानी, ननद व सास से कहासुनी या बोलचाल हो सकती है।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
अध्ययन व करियर की दृष्टि से 22 अप्रैल तक का समय तो अनुकूल है, आप गम्भीरता व संजीदगी से लक्ष्य की दिशा में जुट जाएंगे। करियर में काम की अधिकता रहेगी। नौकरी में वातावरण इतना अनुकूल नहीं रहेगा। आप नए अवसरों को तलाशने की दिशा में काम शुरू करेंगे। बॉस व सहकर्मी से व्यवहार सामान्य ही रहेगा। मेडिकल, लीगल से जुडे विद्यार्थियों के लिए ग्रह स्थिति ठीक है। आपकी योग्यता व क्षमताएं खुलकर लोगों के सामने आएंगी। विभागीय परीक्षा, करियर सम्बन्धी परीक्षा इंटरव्यू आदि का परिणाम पक्ष में आएगा। नौकरी में आपको ज्यादा सावधान व सतर्क रहना चाहिए। 17 जून से 4 वम्बर के मध्य अपरिचित लोगों से रुपयों-पैसों का व्यवहार करने से बचें। आप किसी साजिश, गुप्त योजना या षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। आपको ट्रैप किया जा सकता है। विद्यार्थियों को प्रेम-प्रसंगों से उचित दूरी बना कर ही रहना चाहिए। विद्याध्ययन में बेहतर फलों की प्राप्ति के लिए ‘ॐ विद्यानिधये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
इस वर्ष प्रेम-प्रसंगों में ग्रह स्थिति के अनुसार साल के पूर्वार्द्ध (आरम्भिक छः माह) में सफ. लता दृष्टिगोचर हो रही है। प्रेम प्रस्ताव प्राप्त होंगे। परन्तु प्रेम सम्बन्धों के विषय में बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। गुप्त प्रेम सम्बन्ध उजागर हो सकता है, जिससे आपकी छवि व प्रतिष्ठा पर गहरा आघात लग सकता है। सीमाविहीन व अमर्यादित प्रेम सम्बन्धों से बचना चाहिए। जरूरतमंद मित्र की सहायता के लिए आप तत्पर रहेंगे। मित्रों की भीड़ में सही व सच्चे मित्र आपको मिल जाएंगे।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
वर्षारम्भ में मंगल आपकी राशि को देख रहे हैं। अतः इस वर्ष नवीन वाहन का योग बन रहा है। 16 नवम्बर के बाद वाहन के योग और प्रबलता से बन रहे हैं। जब राशिपति स्वयं आपकी राशि में ही गोचरवश परिभ्रमण करेंगे। जहां तक शुभ कार्य व मांगलिक प्रसंग की बात है, इस वर्ष के अंत में घर-परिवार में किसी मांगलिक प्रसंग व शुभ आयोजन की स्थिति रहेगी। परिवार के किसी सदस्य से सम्बन्धित शुभ आयोजन हो सकता है। खर्च की प्रबलता रहेगी। शनि की ढैय्या का प्रभाव वर्ष पर्यंत है, अतः कहीं न कहीं खर्चों को नियमित करने की आवश्यकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण कर आप अपनी आर्थिक स्थिति को संतुलित कर सकते हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल नहीं चलाएं तथा पीकर वाहन नहीं चलाएं, अन्यथा आप दुर्घटना को निमंत्रण दे सकते हैं।
वृश्चिक राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
व्यापार में धन हानि के योग हैं। वर्ष पर्यंत 30 अक्टूबर तक राहु छठे स्थान में रहेंगे। अतः रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर अधिक विश्वास हानि का कारण बन सकता है। भागीदार व कर्मचारी की गतिविधि पर नजर रखें, आपकी व्यापारिक सूचनाएं व अन्य जानकारियां लीक हो सकती हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। जो बाद में धीमे-धीमे चुकता भी हो जाएगा। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। मई से जुलाई के मध्य किसी अनहोनी की आशंका व सम्भावना है। कर्क राशि का मंगल धनहानि की स्थिति भी मई से जुलाई के मध्य रखेगा। आपके हाथों से कोई ऐसा काम होगा, जिससे बदनामी या अपयश हो सकता है।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?
इस वर्ष 30 अक्टूबर तक यात्राओं की स्थिति छठे राहु के कारण रहेगी। परिवार के साथ घूमने-फिरने या तीर्थ यात्रा का कार्यक्रम बना सकते हैं। जहां तक काम-काज व व्यापार से सम्बन्धित यात्राओं का प्रश्न है, कोई खास उपलब्धि नहीं नजर आएगी
कैसे बनाये वृश्चिक राशि वाले 2023 को लाभकारी ?
वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए मूंगा 4/4 रत्ती का (त्रिकोणा) अनामिका अंगुली में ताम्बे में जड़वाकर धारण करें। मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर के दर्शन करें। बंदरों को गुड़-चने खिलाएं। अनार के पौधे को नित्य सींचें। हनुमान चालीसा या संकटमोचन स्त्रोत्र का नित्य पाठ करें।
वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति
तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
1 जनवरी से 7 जनवरी तक
नववर्ष की शुरुआत सुखद समाचारों के साथ होगी। 1, 2 को उन्नतिकारक समय है। निजी जिन्दगी में कुछ अच्छा व अलग तरह का सोचेंगे। अपनी शारीरिक फिटनेस, कपड़े, शौक आदि निश्चित ही पूर्ण होंगे। साझेदारी व निजी जिन्दगी में अच्छा व अलग तरह का खोजेंगे। काम का मीठा फल मिलेगा। 3, 4 को समय सुख-शांतिदायक रहेगा। आप ध्यान प्रार्थना की तरफ आकर्षित करेंगे। सभी काम समय पर पूरे हो जाएंगे जिसके लिए आपकी पीठ थपथपाई जाएगी। आप सामाजिक दावतों में शामिल होंगे। ये समय कुछ अच्छा व नया करने का रहेगा। इसकी तमाम संभावनाएं हैं। 5, 6, 7 को समय घातक रहेगा। कहीं से अशुभ समाचार प्राप्त होंगे। आपका कोई अहित करेगा। काम के परिणाम घातक होंगे। मुसीबत मुंह उठाए खड़ी होगी।
ग्रह स्थिति
वर्षारम्भ में सूर्य+बुध धनु राशि का द्वितीय भाव में, शुक्र+शनि मकर राशि का तृतीय भाव में, बृहस्पति मीन राशि का पंचम भाव में, चंद्रमा+राहु मेष राशि का षष्ठम भाव में, मंगल वृषभ राशि का सप्तम भाव में, केतु तुला राशि का बारहवें भाव में चलायमान है।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 13, 14, 18, 19, 21, 22 | 5, 6, 7, 15, 16, 24, 25 |
फरवरी | 9, 10, 14, 15, 18, 19 | 1, 2, 3, 12, 13, 20, 21] 28 |
मार्च | 8, 9, 13, 14, 17, 18 | 1, 2, 3, 11, 12, 20, 21, 28, 29, 30 |
अप्रैल | 4, 5, 6, 9, 10, 11, 13, 14 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
मई | 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 5, 13, 14, 22, 23 |
जून | 3, 4, 7, 8, 25, 26, 27 | 1, 2, 9, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29 |
जुलाई | 1, 2, 4, 5, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 15, 16, 17, 26 |
अगस्त | 1, 2, 19, 20, 24, 25, 28, 29 | 3, 4, 11, 12, 13, 22, 23, 31 |
सितम्बर | 15, 16, 17, 21, 22, 24, 25 | 1, 8, 9, 10, 18, 19, 27, 28 |
अक्टूबर | 12, 13, 14, 18, 19, 22, 23 | 5, 6, 7, 15, 16, 24, 25 |
नवम्बर | 9, 10, 14, 15, 18, 19 | 1, 2, 3, 12, 13, 21, 22, 29, 30 |
दिसम्बर | 6, 7, 8, 11, 12, 13, 15, 16 | 1, 9, 10, 18, 19, 26, 27, 28 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह साल चुनौतियों से परिपूण रहेगा। हालांकि वर्षारंभ में राशिपति मंगल आपकी राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है, अतः आपको ऊर्जावान व क्रियाशील बनाए रखेगा। इस साल आप पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा मेहनत करेंगे। जिसका प्रभाव कहीं न कहीं आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इस वर्ष 17 जनवरी के बाद से शनि आपकी राशि से चौथे स्थान में आकर शनि की ढैय्या आरम्भ करेंगे। अतः इस साल स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज जैसी दीर्घकालिक बीमारियों में नियमित परीक्षण करवाते रहें। पहले से जिस रोग की स्थिति चली आ रही है उसमें भी बार-बार समस्याएं उत्पन्न होंगी। इधर मौसम में बदलाव से मौसमी बीमारियां भी आपको जल्द ही गिरफ्त में ले लेंगी। कमर के नीचे का रोग, पैर का रोग भी आपको परेशान कर सकता है, नियमित रूप से पैदल चलें, योग-व्यायाम जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या, जीवन का हिस्सा बनाएं।
इस वर्ष आप पहले से अधिक ऊर्जावान व जोश से लबरेज रहेंगे। मेहनत भी खूब करेंगे। धन कमाएंगे भी लेकिन खर्चा भी जमकर ही होगा। कुछ अप्रत्याशित खर्च भी होंगे। स्वास्थ्य पर अस्पताल पर खर्चा हो सकता है। घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ेंगे। व्यापार में नए-नए प्रयोग अमल में लाएंगे। नई तकनीक, नई स्टाइल व नया हुनर का प्रयोग करेंगे। व्यापार में विस्तार सम्बन्धी कुछ नवीन आईडियाज भी आएंगे, जिसका प्रयोग व उपयोग आपको त्वरित लाभ भी देगा। आर्थिक रूप से धन की आई-चलाई रहेगी। नौकरी में वातावरण अच्छा रहेगा। कभी-कभार बॉस व अधिकारी से छोटी-मोटी बातों पर, रोजमर्रा की बातों पर तनाव व रस्सा-कस्सी की स्थिति बनेगी। सहकर्मी आपके काम में आपको सहयोग करेंगे। हालांकि काम के मामले में आप सभी से आगे रहेंगे। आपके शत्रु व प्रतिद्वन्द्वी भी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य कामों में वक्री शनि के कारण अवरोध पैदा होंगे। कोई षड्यंत्र या गुप्त योजना आपके विरुद्ध कारित हो सकती है।
इस वर्ष 22 अप्रैल तक बृहस्पति पंचम स्थान में स्वग्रही रहेंगे। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई व अध्ययन पर फोकस करेंगे। परन्तु 22 अप्रैल के पश्चात छठे गुरु के कारण कहीं न कहीं अध्ययन से भटकाव हो सकता है। प्रतिफल इतने ठोस व सकारात्मक नहीं मिलेंगे। विषय का चयन कॉलेज में दाखिला आदि को लेकर मन में असमंजस व अनिर्णय बना रहेगा। छठे भाव में चन्द्रमा राहु की युति के कारण षड्यंत्र भी आपके विरुद्ध सक्रिय रहेंगे। रुपयों-पैसों व लेन-देन के मामले में सावधानी रखने की आवश्यकता है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। 22 अप्रैल, 2023 के बाद छठा गुरु शोक का कारक है, किसी निकट रिश्तेदार या खास व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी या हादसा हो सकता है। अकारण चिंताएं हावी होंगी। वर्षारम्भ में चंद्रमा+राहु की युति के कारण कई बार मन में निराशाजनक व नकारात्मक विचार आएंगे।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है। आपको अपना काम पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा व गंभीरता से करना चाहिए। दो नम्बर के अनुचित कार्यों को फिलहाल बंद रखें, अन्यथा आप ट्रैप भी हो सकते हैं। विभागीय परीक्षा, नौकरी के लिए दी गयी परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम पक्ष में आएगा। व्यापार में लचीला रुख व उदारवादी दृष्टिकोण हानि का कारण बन सकता है।
वृश्चिक राशि–कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
इस वर्ष शारीरिक स्वास्थ्य में वर्ष पर्यंत उतार-चढ़ाव रहेंगे। शनि महाराज चौथे स्थान में रहेंगे। गंभीर व घातक बीमारी के योग बने हुए हैं। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। नियमित रूप से योग, व्यायाम, शारीरिक श्रम, प्राणायाम, खान-पान व दवाइयों का ध्यान रखें। इसे अपनी दिनचर्या व जीवन का हिस्सा बना लें। रक्तचाप, मधुमेह व हृदय सम्बन्धी बीमारियों में लापरवाही घातक रहेगी। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति वाहन द्वारा क्षति करवा सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। वाहन अधिक गति में नहीं चलावें। 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य वक्री गुरु के कारण परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है।
वृश्चिक राशि–व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?
कारोबार व कर्म में चुनौतियां तो रहेंगी। परन्तु हर मुश्किल हर चुनौती का मुकाबला बड़ी ही निडरता व मजबूती से करेंगे। इस साल परिस्थितियां काफी विरोधाभासी रहेंगी। आप अपनी क्षमताओं व योग्यता का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। आपका मुनाफा बढ़ जाएगा। परन्तु साथ ही साथ खर्च में भी बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। आपका पूरा फोकस मार्कटिंग पर रहेगा, लेकिन फिर भी चीजें हाथ से फिसलती हुई नजर आएंगी। चन्द्रमा राहु की छठे स्थान में स्थिति के कारण व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी व प्रतिस्पर्धी आपके सामने बड़ा लक्ष्य रख देंगे। जिसे पार करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कारोबार में विस्तार की योजनाएं तो बनेंगी, परन्तु उसे कार्य रूप में परिणित करने के लिए आपको काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। व्यापार में नया अनुबंध सोच-विचार कर अमल में लायें, किसी दस्तावेज व कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले अच्छी तरह से पढ़ लें। भूमि, वाहन, भवन फ्लैट आदि की खरीद की योजना बनेगी। इस वर्ष व्यापार में कुछ कानूनी पेचीदगी भी पेश आ सकती है, इसके लिए आप किसी विधिक विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। 17 जनवरी से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण कोई बड़ा ऑर्डर या कॉट्रेक्ट हाथ से निकल सकता है। क्वालिटी कंट्रोल पर भी पूरी नजर रखें। हल्की सी चूक से बड़ा नुकसान हो सकता है। अतिविश्वास में आपके साथ कोई आर्थिक चोट या धोखा-ध ड़ी हो सकती है। सेल्समैन, इन्कमटैक्स जी.एस.टी. या उच्च सरकारी विभाग से सम्बंधित परेशानी पेश आ सकती है। इस साल घर में किसी इलेक्ट्रोनिक उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। व्यापार में किसी ग्राहक या पार्टी के साथ हल्की-फुल्की नोंक-झोंक या विवाद हो सकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।ार में इस वर्ष नवीन उपलब्धियां रहेंगी। आप जमकर मेहनत करेंगे। पिछले साल जो नुकसान की स्थिति रही है, कहीं न कहीं उसकी भरपाई करने का विचार रहेगा। इस वर्ष शनि तीसरे स्थान में स्वगृही है, किसी बड़े व प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होगी तथा उससे आपके कामकाज को नई दिशा मिलेगी। आप पूरी ऊर्जा और पूरे जोश से अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगे। मेहनत व परिश्रम के पश्चात् सफलताएं साफ रूप से दृष्टिगोचर हो रही हैं। व्यापार में नई तकनीक, नए हुनर व नया प्रयोग आपके काम को शिखर पर पहुंचा देगा। कर्मचारी व अधीनस्थ व्यक्ति भी आपके प्रति पूर्ण रूपेण समर्पित रहेंगे। हालांकि भागीदार व पार्टनर के कार्यकलाप व गतिविधि पर नजर आवश्यक है। इस वर्ष वर्षारंभ में मंगल अपनी ही राशि में चलायमान हैं। अतः कामकाज में मेहनत व परिश्रम अधिक रहेगी। जो रुपया पिछले काफी समय से रुका हुआ था, उसके प्राप्त होने का योग भी इस साल के अंत में बन रहा है। निवेश से पूर्व सावधानी व सतर्कता आवश्यक है। नौकरी में आपका दबदबा व रुतबा बरकरार रहेगा। सहकर्मी व अधीनस्थ भी आपकी कार्यशैली के कायल रहेंगे। प्रमोशन व पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपके आय के साधनों में वृद्धि होगी। व्यावसायिक प्रतिद्वंदियों व प्रतिस्पर्धियों के सामने आप बहुत बड़ा लक्ष्य रख देंगे। सम्पत्ति व धन के रख-रखाव पर खर्चा होगा। आर्थिक रूप से आप इस वर्ष सक्षम रहेंगे।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
आप यह महसूस करेंगे कि हर परिस्थिति में परिवार का हर सदस्य आपके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर साथ में खड़े हैं। वर्षारम्भ में सातवें स्थान में मंगल की स्थिति है। अतः दाम्पत्य सम्बन्धों में जरूर कभी-कभार कड़वाहट या मतभेद का जहर घुल सकता है। स्वभाव में उद्विग्नता रहेगी, जिसका प्रभाव पारिवारिक जीवन पर पड़ेगा। पांचवें स्थान में बृहस्पति के कारण संतान सम्बन्धी चिंता, करियर, विवाह सम्बन्धी चिंता का समाधान होगा। जीवन साथी आपकी भावनाओं को समझकर उसके अनुरूप आचरण व व्यवहार करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण घर के किसी वरिष्ठ सदस्य, माता-पिता व रिश्तेदार का स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। परिवार के लोग भी अपने-अपने खर्चों में कटौती करके आपको सहायता व सहयोग करेंगे। ससुराल वालों से 23 जुलाई से 4 सितम्बर के मध्य मतभेद रहेंगे। स्त्री जातकों का जेठानी, ननद व सास से कहासुनी या बोलचाल हो सकती है।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
अध्ययन व करियर की दृष्टि से 22 अप्रैल तक का समय तो अनुकूल है, आप गम्भीरता व संजीदगी से लक्ष्य की दिशा में जुट जाएंगे। करियर में काम की अधिकता रहेगी। नौकरी में वातावरण इतना अनुकूल नहीं रहेगा। आप नए अवसरों को तलाशने की दिशा में काम शुरू करेंगे। बॉस व सहकर्मी से व्यवहार सामान्य ही रहेगा। मेडिकल, लीगल से जुडे विद्यार्थियों के लिए ग्रह स्थिति ठीक है। आपकी योग्यता व क्षमताएं खुलकर लोगों के सामने आएंगी। विभागीय परीक्षा, करियर सम्बन्धी परीक्षा इंटरव्यू आदि का परिणाम पक्ष में आएगा। नौकरी में आपको ज्यादा सावधान व सतर्क रहना चाहिए। 17 जून से 4 वम्बर के मध्य अपरिचित लोगों से रुपयों-पैसों का व्यवहार करने से बचें। आप किसी साजिश, गुप्त योजना या षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। आपको ट्रैप किया जा सकता है। विद्यार्थियों को प्रेम-प्रसंगों से उचित दूरी बना कर ही रहना चाहिए। विद्याध्ययन में बेहतर फलों की प्राप्ति के लिए ‘ॐ विद्यानिधये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
इस वर्ष प्रेम-प्रसंगों में ग्रह स्थिति के अनुसार साल के पूर्वार्द्ध (आरम्भिक छः माह) में सफ. लता दृष्टिगोचर हो रही है। प्रेम प्रस्ताव प्राप्त होंगे। परन्तु प्रेम सम्बन्धों के विषय में बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। गुप्त प्रेम सम्बन्ध उजागर हो सकता है, जिससे आपकी छवि व प्रतिष्ठा पर गहरा आघात लग सकता है। सीमाविहीन व अमर्यादित प्रेम सम्बन्धों से बचना चाहिए। जरूरतमंद मित्र की सहायता के लिए आप तत्पर रहेंगे। मित्रों की भीड़ में सही व सच्चे मित्र आपको मिल जाएंगे।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
वर्षारम्भ में मंगल आपकी राशि को देख रहे हैं। अतः इस वर्ष नवीन वाहन का योग बन रहा है। 16 नवम्बर के बाद वाहन के योग और प्रबलता से बन रहे हैं। जब राशिपति स्वयं आपकी राशि में ही गोचरवश परिभ्रमण करेंगे। जहां तक शुभ कार्य व मांगलिक प्रसंग की बात है, इस वर्ष के अंत में घर-परिवार में किसी मांगलिक प्रसंग व शुभ आयोजन की स्थिति रहेगी। परिवार के किसी सदस्य से सम्बन्धित शुभ आयोजन हो सकता है। खर्च की प्रबलता रहेगी। शनि की ढैय्या का प्रभाव वर्ष पर्यंत है, अतः कहीं न कहीं खर्चों को नियमित करने की आवश्यकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण कर आप अपनी आर्थिक स्थिति को संतुलित कर सकते हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल नहीं चलाएं तथा पीकर वाहन नहीं चलाएं, अन्यथा आप दुर्घटना को निमंत्रण दे सकते हैं।
वृश्चिक राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
व्यापार में धन हानि के योग हैं। वर्ष पर्यंत 30 अक्टूबर तक राहु छठे स्थान में रहेंगे। अतः रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर अधिक विश्वास हानि का कारण बन सकता है। भागीदार व कर्मचारी की गतिविधि पर नजर रखें, आपकी व्यापारिक सूचनाएं व अन्य जानकारियां लीक हो सकती हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। जो बाद में धीमे-धीमे चुकता भी हो जाएगा। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। मई से जुलाई के मध्य किसी अनहोनी की आशंका व सम्भावना है। कर्क राशि का मंगल धनहानि की स्थिति भी मई से जुलाई के मध्य रखेगा। आपके हाथों से कोई ऐसा काम होगा, जिससे बदनामी या अपयश हो सकता है।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?
इस वर्ष 30 अक्टूबर तक यात्राओं की स्थिति छठे राहु के कारण रहेगी। परिवार के साथ घूमने-फिरने या तीर्थ यात्रा का कार्यक्रम बना सकते हैं। जहां तक काम-काज व व्यापार से सम्बन्धित यात्राओं का प्रश्न है, कोई खास उपलब्धि नहीं नजर आएगी
कैसे बनाये वृश्चिक राशि वाले 2023 को लाभकारी ?
वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए मूंगा 4/4 रत्ती का (त्रिकोणा) अनामिका अंगुली में ताम्बे में जड़वाकर धारण करें। मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर के दर्शन करें। बंदरों को गुड़-चने खिलाएं। अनार के पौधे को नित्य सींचें। हनुमान चालीसा या संकटमोचन स्त्रोत्र का नित्य पाठ करें।
वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति
तो विशाखा‒1
ना, नी, नू, ने अनुराधा‒4
नो, या, यी, यू ज्येष्ठा‒2
1 जनवरी से 7 जनवरी तक
नववर्ष की शुरुआत सुखद समाचारों के साथ होगी। 1, 2 को उन्नतिकारक समय है। निजी जिन्दगी में कुछ अच्छा व अलग तरह का सोचेंगे। अपनी शारीरिक फिटनेस, कपड़े, शौक आदि निश्चित ही पूर्ण होंगे। साझेदारी व निजी जिन्दगी में अच्छा व अलग तरह का खोजेंगे। काम का मीठा फल मिलेगा। 3, 4 को समय सुख-शांतिदायक रहेगा। आप ध्यान प्रार्थना की तरफ आकर्षित करेंगे। सभी काम समय पर पूरे हो जाएंगे जिसके लिए आपकी पीठ थपथपाई जाएगी। आप सामाजिक दावतों में शामिल होंगे। ये समय कुछ अच्छा व नया करने का रहेगा। इसकी तमाम संभावनाएं हैं। 5, 6, 7 को समय घातक रहेगा। कहीं से अशुभ समाचार प्राप्त होंगे। आपका कोई अहित करेगा। काम के परिणाम घातक होंगे। मुसीबत मुंह उठाए खड़ी होगी।
ग्रह स्थिति
वर्षारम्भ में सूर्य+बुध धनु राशि का द्वितीय भाव में, शुक्र+शनि मकर राशि का तृतीय भाव में, बृहस्पति मीन राशि का पंचम भाव में, चंद्रमा+राहु मेष राशि का षष्ठम भाव में, मंगल वृषभ राशि का सप्तम भाव में, केतु तुला राशि का बारहवें भाव में चलायमान है।
वृश्चिक राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 13, 14, 18, 19, 21, 22 | 5, 6, 7, 15, 16, 24, 25 |
फरवरी | 9, 10, 14, 15, 18, 19 | 1, 2, 3, 12, 13, 20, 21] 28 |
मार्च | 8, 9, 13, 14, 17, 18 | 1, 2, 3, 11, 12, 20, 21, 28, 29, 30 |
अप्रैल | 4, 5, 6, 9, 10, 11, 13, 14 | 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
मई | 2, 3, 7, 8, 11, 12, 29, 30 | 5, 13, 14, 22, 23 |
जून | 3, 4, 7, 8, 25, 26, 27 | 1, 2, 9, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29 |
जुलाई | 1, 2, 4, 5, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 15, 16, 17, 26 |
अगस्त | 1, 2, 19, 20, 24, 25, 28, 29 | 3, 4, 11, 12, 13, 22, 23, 31 |
सितम्बर | 15, 16, 17, 21, 22, 24, 25 | 1, 8, 9, 10, 18, 19, 27, 28 |
अक्टूबर | 12, 13, 14, 18, 19, 22, 23 | 5, 6, 7, 15, 16, 24, 25 |
नवम्बर | 9, 10, 14, 15, 18, 19 | 1, 2, 3, 12, 13, 21, 22, 29, 30 |
दिसम्बर | 6, 7, 8, 11, 12, 13, 15, 16 | 1, 9, 10, 18, 19, 26, 27, 28 |
वृश्चिक राशि का वार्षिक भविष्यफल

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह साल चुनौतियों से परिपूण रहेगा। हालांकि वर्षारंभ में राशिपति मंगल आपकी राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है, अतः आपको ऊर्जावान व क्रियाशील बनाए रखेगा। इस साल आप पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा मेहनत करेंगे। जिसका प्रभाव कहीं न कहीं आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इस वर्ष 17 जनवरी के बाद से शनि आपकी राशि से चौथे स्थान में आकर शनि की ढैय्या आरम्भ करेंगे। अतः इस साल स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज जैसी दीर्घकालिक बीमारियों में नियमित परीक्षण करवाते रहें। पहले से जिस रोग की स्थिति चली आ रही है उसमें भी बार-बार समस्याएं उत्पन्न होंगी। इधर मौसम में बदलाव से मौसमी बीमारियां भी आपको जल्द ही गिरफ्त में ले लेंगी। कमर के नीचे का रोग, पैर का रोग भी आपको परेशान कर सकता है, नियमित रूप से पैदल चलें, योग-व्यायाम जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या, जीवन का हिस्सा बनाएं।
इस वर्ष आप पहले से अधिक ऊर्जावान व जोश से लबरेज रहेंगे। मेहनत भी खूब करेंगे। धन कमाएंगे भी लेकिन खर्चा भी जमकर ही होगा। कुछ अप्रत्याशित खर्च भी होंगे। स्वास्थ्य पर अस्पताल पर खर्चा हो सकता है। घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ेंगे। व्यापार में नए-नए प्रयोग अमल में लाएंगे। नई तकनीक, नई स्टाइल व नया हुनर का प्रयोग करेंगे। व्यापार में विस्तार सम्बन्धी कुछ नवीन आईडियाज भी आएंगे, जिसका प्रयोग व उपयोग आपको त्वरित लाभ भी देगा। आर्थिक रूप से धन की आई-चलाई रहेगी। नौकरी में वातावरण अच्छा रहेगा। कभी-कभार बॉस व अधिकारी से छोटी-मोटी बातों पर, रोजमर्रा की बातों पर तनाव व रस्सा-कस्सी की स्थिति बनेगी। सहकर्मी आपके काम में आपको सहयोग करेंगे। हालांकि काम के मामले में आप सभी से आगे रहेंगे। आपके शत्रु व प्रतिद्वन्द्वी भी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य कामों में वक्री शनि के कारण अवरोध पैदा होंगे। कोई षड्यंत्र या गुप्त योजना आपके विरुद्ध कारित हो सकती है।
इस वर्ष 22 अप्रैल तक बृहस्पति पंचम स्थान में स्वग्रही रहेंगे। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई व अध्ययन पर फोकस करेंगे। परन्तु 22 अप्रैल के पश्चात छठे गुरु के कारण कहीं न कहीं अध्ययन से भटकाव हो सकता है। प्रतिफल इतने ठोस व सकारात्मक नहीं मिलेंगे। विषय का चयन कॉलेज में दाखिला आदि को लेकर मन में असमंजस व अनिर्णय बना रहेगा। छठे भाव में चन्द्रमा राहु की युति के कारण षड्यंत्र भी आपके विरुद्ध सक्रिय रहेंगे। रुपयों-पैसों व लेन-देन के मामले में सावधानी रखने की आवश्यकता है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। 22 अप्रैल, 2023 के बाद छठा गुरु शोक का कारक है, किसी निकट रिश्तेदार या खास व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी या हादसा हो सकता है। अकारण चिंताएं हावी होंगी। वर्षारम्भ में चंद्रमा+राहु की युति के कारण कई बार मन में निराशाजनक व नकारात्मक विचार आएंगे।
रुपयों-पैसों से सम्बंधित मामलों में आपको सावधान रहना चाहिए। किसी को रुपया उधार नहीं दें। आपकी बढ़ती हुई लोकप्रियता व प्रतिष्ठा आपके शत्रुओं को विचलित व डावांडोल कर सकती है। आपको अपना काम पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा व गंभीरता से करना चाहिए। दो नम्बर के अनुचित कार्यों को फिलहाल बंद रखें, अन्यथा आप ट्रैप भी हो सकते हैं। विभागीय परीक्षा, नौकरी के लिए दी गयी परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम पक्ष में आएगा। व्यापार में लचीला रुख व उदारवादी दृष्टिकोण हानि का कारण बन सकता है।
वृश्चिक राशि–कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
इस वर्ष शारीरिक स्वास्थ्य में वर्ष पर्यंत उतार-चढ़ाव रहेंगे। शनि महाराज चौथे स्थान में रहेंगे। गंभीर व घातक बीमारी के योग बने हुए हैं। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। नियमित रूप से योग, व्यायाम, शारीरिक श्रम, प्राणायाम, खान-पान व दवाइयों का ध्यान रखें। इसे अपनी दिनचर्या व जीवन का हिस्सा बना लें। रक्तचाप, मधुमेह व हृदय सम्बन्धी बीमारियों में लापरवाही घातक रहेगी। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति वाहन द्वारा क्षति करवा सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। वाहन अधिक गति में नहीं चलावें। 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य वक्री गुरु के कारण परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है।
वृश्चिक राशि–व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?
कारोबार व कर्म में चुनौतियां तो रहेंगी। परन्तु हर मुश्किल हर चुनौती का मुकाबला बड़ी ही निडरता व मजबूती से करेंगे। इस साल परिस्थितियां काफी विरोधाभासी रहेंगी। आप अपनी क्षमताओं व योग्यता का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। आपका मुनाफा बढ़ जाएगा। परन्तु साथ ही साथ खर्च में भी बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। आपका पूरा फोकस मार्कटिंग पर रहेगा, लेकिन फिर भी चीजें हाथ से फिसलती हुई नजर आएंगी। चन्द्रमा राहु की छठे स्थान में स्थिति के कारण व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी व प्रतिस्पर्धी आपके सामने बड़ा लक्ष्य रख देंगे। जिसे पार करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कारोबार में विस्तार की योजनाएं तो बनेंगी, परन्तु उसे कार्य रूप में परिणित करने के लिए आपको काफी पापड़ बेलने पड़ेंगे। व्यापार में नया अनुबंध सोच-विचार कर अमल में लायें, किसी दस्तावेज व कागज पर हस्ताक्षर करने से पहले अच्छी तरह से पढ़ लें। भूमि, वाहन, भवन फ्लैट आदि की खरीद की योजना बनेगी। इस वर्ष व्यापार में कुछ कानूनी पेचीदगी भी पेश आ सकती है, इसके लिए आप किसी विधिक विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर सकते हैं। 17 जनवरी से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण कोई बड़ा ऑर्डर या कॉट्रेक्ट हाथ से निकल सकता है। क्वालिटी कंट्रोल पर भी पूरी नजर रखें। हल्की सी चूक से बड़ा नुकसान हो सकता है। अतिविश्वास में आपके साथ कोई आर्थिक चोट या धोखा-ध ड़ी हो सकती है। सेल्समैन, इन्कमटैक्स जी.एस.टी. या उच्च सरकारी विभाग से सम्बंधित परेशानी पेश आ सकती है। इस साल घर में किसी इलेक्ट्रोनिक उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। व्यापार में किसी ग्राहक या पार्टी के साथ हल्की-फुल्की नोंक-झोंक या विवाद हो सकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।ार में इस वर्ष नवीन उपलब्धियां रहेंगी। आप जमकर मेहनत करेंगे। पिछले साल जो नुकसान की स्थिति रही है, कहीं न कहीं उसकी भरपाई करने का विचार रहेगा। इस वर्ष शनि तीसरे स्थान में स्वगृही है, किसी बड़े व प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होगी तथा उससे आपके कामकाज को नई दिशा मिलेगी। आप पूरी ऊर्जा और पूरे जोश से अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगे। मेहनत व परिश्रम के पश्चात् सफलताएं साफ रूप से दृष्टिगोचर हो रही हैं। व्यापार में नई तकनीक, नए हुनर व नया प्रयोग आपके काम को शिखर पर पहुंचा देगा। कर्मचारी व अधीनस्थ व्यक्ति भी आपके प्रति पूर्ण रूपेण समर्पित रहेंगे। हालांकि भागीदार व पार्टनर के कार्यकलाप व गतिविधि पर नजर आवश्यक है। इस वर्ष वर्षारंभ में मंगल अपनी ही राशि में चलायमान हैं। अतः कामकाज में मेहनत व परिश्रम अधिक रहेगी। जो रुपया पिछले काफी समय से रुका हुआ था, उसके प्राप्त होने का योग भी इस साल के अंत में बन रहा है। निवेश से पूर्व सावधानी व सतर्कता आवश्यक है। नौकरी में आपका दबदबा व रुतबा बरकरार रहेगा। सहकर्मी व अधीनस्थ भी आपकी कार्यशैली के कायल रहेंगे। प्रमोशन व पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपके आय के साधनों में वृद्धि होगी। व्यावसायिक प्रतिद्वंदियों व प्रतिस्पर्धियों के सामने आप बहुत बड़ा लक्ष्य रख देंगे। सम्पत्ति व धन के रख-रखाव पर खर्चा होगा। आर्थिक रूप से आप इस वर्ष सक्षम रहेंगे।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
आप यह महसूस करेंगे कि हर परिस्थिति में परिवार का हर सदस्य आपके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर साथ में खड़े हैं। वर्षारम्भ में सातवें स्थान में मंगल की स्थिति है। अतः दाम्पत्य सम्बन्धों में जरूर कभी-कभार कड़वाहट या मतभेद का जहर घुल सकता है। स्वभाव में उद्विग्नता रहेगी, जिसका प्रभाव पारिवारिक जीवन पर पड़ेगा। पांचवें स्थान में बृहस्पति के कारण संतान सम्बन्धी चिंता, करियर, विवाह सम्बन्धी चिंता का समाधान होगा। जीवन साथी आपकी भावनाओं को समझकर उसके अनुरूप आचरण व व्यवहार करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण घर के किसी वरिष्ठ सदस्य, माता-पिता व रिश्तेदार का स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। परिवार के लोग भी अपने-अपने खर्चों में कटौती करके आपको सहायता व सहयोग करेंगे। ससुराल वालों से 23 जुलाई से 4 सितम्बर के मध्य मतभेद रहेंगे। स्त्री जातकों का जेठानी, ननद व सास से कहासुनी या बोलचाल हो सकती है।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
अध्ययन व करियर की दृष्टि से 22 अप्रैल तक का समय तो अनुकूल है, आप गम्भीरता व संजीदगी से लक्ष्य की दिशा में जुट जाएंगे। करियर में काम की अधिकता रहेगी। नौकरी में वातावरण इतना अनुकूल नहीं रहेगा। आप नए अवसरों को तलाशने की दिशा में काम शुरू करेंगे। बॉस व सहकर्मी से व्यवहार सामान्य ही रहेगा। मेडिकल, लीगल से जुडे विद्यार्थियों के लिए ग्रह स्थिति ठीक है। आपकी योग्यता व क्षमताएं खुलकर लोगों के सामने आएंगी। विभागीय परीक्षा, करियर सम्बन्धी परीक्षा इंटरव्यू आदि का परिणाम पक्ष में आएगा। नौकरी में आपको ज्यादा सावधान व सतर्क रहना चाहिए। 17 जून से 4 वम्बर के मध्य अपरिचित लोगों से रुपयों-पैसों का व्यवहार करने से बचें। आप किसी साजिश, गुप्त योजना या षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। आपको ट्रैप किया जा सकता है। विद्यार्थियों को प्रेम-प्रसंगों से उचित दूरी बना कर ही रहना चाहिए। विद्याध्ययन में बेहतर फलों की प्राप्ति के लिए ‘ॐ विद्यानिधये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
इस वर्ष प्रेम-प्रसंगों में ग्रह स्थिति के अनुसार साल के पूर्वार्द्ध (आरम्भिक छः माह) में सफ. लता दृष्टिगोचर हो रही है। प्रेम प्रस्ताव प्राप्त होंगे। परन्तु प्रेम सम्बन्धों के विषय में बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। गुप्त प्रेम सम्बन्ध उजागर हो सकता है, जिससे आपकी छवि व प्रतिष्ठा पर गहरा आघात लग सकता है। सीमाविहीन व अमर्यादित प्रेम सम्बन्धों से बचना चाहिए। जरूरतमंद मित्र की सहायता के लिए आप तत्पर रहेंगे। मित्रों की भीड़ में सही व सच्चे मित्र आपको मिल जाएंगे।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
वर्षारम्भ में मंगल आपकी राशि को देख रहे हैं। अतः इस वर्ष नवीन वाहन का योग बन रहा है। 16 नवम्बर के बाद वाहन के योग और प्रबलता से बन रहे हैं। जब राशिपति स्वयं आपकी राशि में ही गोचरवश परिभ्रमण करेंगे। जहां तक शुभ कार्य व मांगलिक प्रसंग की बात है, इस वर्ष के अंत में घर-परिवार में किसी मांगलिक प्रसंग व शुभ आयोजन की स्थिति रहेगी। परिवार के किसी सदस्य से सम्बन्धित शुभ आयोजन हो सकता है। खर्च की प्रबलता रहेगी। शनि की ढैय्या का प्रभाव वर्ष पर्यंत है, अतः कहीं न कहीं खर्चों को नियमित करने की आवश्यकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण कर आप अपनी आर्थिक स्थिति को संतुलित कर सकते हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल नहीं चलाएं तथा पीकर वाहन नहीं चलाएं, अन्यथा आप दुर्घटना को निमंत्रण दे सकते हैं।
वृश्चिक राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
व्यापार में धन हानि के योग हैं। वर्ष पर्यंत 30 अक्टूबर तक राहु छठे स्थान में रहेंगे। अतः रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर अधिक विश्वास हानि का कारण बन सकता है। भागीदार व कर्मचारी की गतिविधि पर नजर रखें, आपकी व्यापारिक सूचनाएं व अन्य जानकारियां लीक हो सकती हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। जो बाद में धीमे-धीमे चुकता भी हो जाएगा। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। मई से जुलाई के मध्य किसी अनहोनी की आशंका व सम्भावना है। कर्क राशि का मंगल धनहानि की स्थिति भी मई से जुलाई के मध्य रखेगा। आपके हाथों से कोई ऐसा काम होगा, जिससे बदनामी या अपयश हो सकता है।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?
इस वर्ष 30 अक्टूबर तक यात्राओं की स्थिति छठे राहु के कारण रहेगी। परिवार के साथ घूमने-फिरने या तीर्थ यात्रा का कार्यक्रम बना सकते हैं। जहां तक काम-काज व व्यापार से सम्बन्धित यात्राओं का प्रश्न है, कोई खास उपलब्धि नहीं नजर आएगी
कैसे बनाये वृश्चिक राशि वाले 2023 को लाभकारी ?
वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए मूंगा 4/4 रत्ती का (त्रिकोणा) अनामिका अंगुली में ताम्बे में जड़वाकर धारण करें। मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर के दर्शन करें। बंदरों को गुड़-चने खिलाएं। अनार के पौधे को नित्य सींचें। हनुमान चालीसा या संकटमोचन स्त्रोत्र का नित्य पाठ करें।
वृश्चिक राशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी मंगल है। मंगल पुरुषार्थ व परिश्रम को परिलक्षित करता है। मंगल से प्रभावित जातक साहसी, कर्मठ, परिश्रमी व जुझारू प्रवृत्ति का होता है, ऐसा व्यक्ति परिस्थितियों की मार के सामने भी कभी नहीं झुकता है। मंगल तेजोमय व अग्नि तत्त्व प्रधान है। इसका प्राकृतिक स्वभाव दंबंग, क्रोध युक्त, दंभी, हठी, दृढ़ प्रतिज्ञ व स्पष्टवादी पुरुषों का प्रजनन है।
वृश्चिक राशि का राशि चिह्न ‘डंकदार बिच्छू’ है। बिच्छू के करीब 21 नेत्र शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर होते हैं। इसलिए इस राशि का जातक किसी वस्तु का समस्त अवलोकन करने के बाद विषय की बारीकी को सहज ही पकड़कर अपने काम की वस्तु उसमें से ग्रहण कर लेता है। बिच्छू बड़ा ही तेज स्वभाव का व शीघ्र डंक मारने वाला प्राणी है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की असावधानी से शीघ्र फायदा उठाने के लिए तत्पर रहते हैं। इस राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के पूर्वार्द्ध साधारण तथा जीवन के अंतिम दिनों में भरे-पूरे व सर्व प्रभुत्व-संपन्न बन जाते हैं।
वृश्चिक राशि स्त्री जाति सूचक, जल तत्त्व प्रधान व रात्रि बली होती है। इस राशि के जातक रात्रि में अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं। यदि आप क्रोधित हो जाएं, तो फिर आप क्षमा करना नहीं जानते। मन में क्रोधाग्नि भीतर-ही-भीतर धधकती रहती है। यद्यपि बाहर से ज्ञात होता है कि आप शांत हो गए, परन्तु प्रतिहिंसा की भावना आपके अंदर और भी भयानक रूप धारण कर लेती है। आप प्रतिद्वंद्वी को निर्दयता से हानि पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। ये शत्रु को धर दबोचने वाले, झगड़ालू व उन्मत व्यवहार के व्यक्ति होते हैं।
सामान्यता इस राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ एवं बलवान होते हैं तथा परिश्रम एवं लगन के द्वारा अपने शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनको विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है तथा एक विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। कुल या परिवार में ये श्रेष्ठ रहते हैं तथा मित्र एवं बंधु वर्ग के मध्य सम्माननीय रहते हैं। आत्मशक्ति की इनमें प्रबलता रहती है। इनकी महत्त्वाकांक्षा भी तीव्र होती है। धन-संग्रह के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा धनार्जन में नैतिक सीमा का अनुपालन कम ही करते हैं। इनमें अल्प भावुकता रहती है तथा बुद्धि के द्वारा ही अधिकांश कार्यों को संपन्न करते हैं, साथ ही विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में ये ख्याति अर्जित करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं परिश्रम से सांसारिक कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। इससे आपके उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा जीवन में धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुखपूर्वक इनका उपभोग करेंगे। आप में निर्भयता तथा लग्नशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। फलतः कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली होंगे तथा उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
आप एक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहेंगे। धन-संग्रह के प्रति भी आपकी रुचि रहेगी, परन्तु इससे आपके समीपस्थ लोग यदा-कदा असुविधा की अनुभूति करेंगे। भावुकता से आप जीवन में कम ही कार्य करेंगे, फलतः प्रसन्नतापूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
आप एक सहनशील स्वभाव के व्यक्ति होंगे तथा धैर्यपूर्वक अपने सांसारिक कार्यकलापों को सम्पन्न करके उनमें वांछित सफलता प्राप्त करेंगे। सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से आप नित्य आर्थिक लाभ अर्जित करेंगे तथा इनसे आपको सहयोग भी मिलता रहेगा, जिससे आपके अन्य कार्य भी यथासमय सिद्ध होंगे।
आपके स्वभाव में दया एवं उदारता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों को सुख-दुःख में सेवा तथा सहयोग प्रदान करेंगे। इससे अन्य लोग आपसे प्रसन्न तथा संतुष्ट रहेंगे। साथ ही सत्कर्मों को करने में आपकी रुचि रहेगी तथा यत्नपूर्वक उन्हें सम्पन्न करके मान-सम्मान एवं यश में अभिवृद्धि करेंगे।
धनैश्वर्य एवं भौतिक सुखों के प्रति आपके मन में तीव्र लालसा रहेगी तथा इनकी प्राप्ति में आप अत्यधिक परिश्रम एवं पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी तथा समय-समय पर धार्मिक कार्यकलापों या तीर्थ-यात्राओं को मानसिक शांति के लिए सम्पन्न करेंगे। मित्र वर्ग में भी आप श्रेष्ठ एवं आदरणीय रहेंगे तथा उनसे इच्छित लाभ एवं सहयोग प्राप्त करेंगे। इस प्रकार आप परिश्रमी, संग्रहकर्ता एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति होंगे तथा धनैश्वर्य से युक्त होकर अपना समय व्यतीत करेंगे।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘विशाखा नक्षत्र’ के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपका नाम ‘तो’ अक्षर पर है, तो आपका जन्म 16 वर्षों वाली बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-अन्त्य, वश्य-द्विपद, पाया-तांबा, वर्ग-सर्प है। विशाखा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति सौम्य होते हैं तथा अपने शत्रुओं का सफाया बड़ी चतुरता से करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘अनुराधा नक्षत्र’
(ना, नी, नू, ने) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष वाली शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-देव, वर्ण-विप्र, युज्जा-मध्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि-सर्प है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गुप्त व्यसनों के आदी होते हैं। फिर भी अपने बुद्धि-चातुर्य से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि ‘ज्येष्ठ नक्षत्र’ (नो, या, यी, यू) में है, तो आपका जन्म 17 वर्ष वाली बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मृग, गण-राक्षस, वर्ण-विप्र, युज्जा-अन्त्य, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, योनि प्रथम चरण की-सर्प एवं बाकी तीनों चरण की-हिरण है। ज्येष्ठ नक्षत्र को ‘गण्डमूल’ कहा गया है। इसमें जन्मे व्यक्ति बहुत तेजस्वी तथा अत्यधिक पराक्रमी होते हैं।
बिच्छू की आयु कम होती है, अतः वृश्चिक राशि वाले अल्पायु को प्राप्त होते देखे गए हैं। अचानक आक्रमण, दुर्घटना तथा घटनाचक्र के मोड़ से यह शीघ्र ही काबू में आ जाते हैं। इनको प्रायः तिक्त (खट्टा) स्वाद पसंद होता है तथा खाना खाते वक्त नींबू का प्रयोग ज़्यादा करते हैं।
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय
4 1/4 रत्ती का मूंगा ‘मंगल यंत्र’ से जड़वाकर धारण करें। बंदरों को भोजन व फल खिलाएं। मंगलवार को हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ताम्रपात्र में रात्रि में जल भरकर रखें व प्रातःकाल उस जल को पिएं। लाल रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें।
वृश्चिक राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ वृश्चिक
- राशि चिह्न ‒ बिच्छू
- राशि स्वामी ‒ मंगल
- राशि तत्त्व ‒ जल-तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पीठ (गुदा)
- अनुकूल रंग ‒ लाल
- शुभ दिवस ‒ मंगलवार
- अनुकूल देवता ‒ शिवजी, भैरव, हनुमान
- व्रत, उपवास ‒ मंगलवार
- अनुकूल रत्न ‒ मूंगा
- अनुकूल उपरत्न ‒ तामड़ा
- अनुकूल धातु ‒ तांबा
- अनुकूल अंक ‒ 9
- अनुकूल तारीखें ‒ 9/18/27
- मित्र राशियां ‒ कर्क, मीन
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ कानूनबाज, गणक, संत, समीक्षक
- सकारात्मक तथ्य ‒ बुद्धिमान, निडर, प्रकृति प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ ईर्ष्यालु प्रवृत्ति