गू, गे धनिष्ठा‒2
गो, सा, सी, सू शतभिषा‒4
से, सो, द पूर्वाभाद्रपद‒3
1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक
1 को पारिवारिक सुख-शांति में बढ़ोतरी होगी। माता-पिता घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। अधिकतर समय परिवार के साथ बिताएंगे। 2 व 3 को लम्बे समय से जो चिंता चली आ रही थी, वह समाप्त हो जाएगी। मानसिक रूप से आप बहुत ही शांत स्थिति में रहेंगे। ग्रह स्थितियां आपको नवीन अनुसंधान के लिए प्रेरित करेंगी। 4 व 5 सितम्बर को महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी। कहीं से रुका हुआ या अटका हुआ रुपया मिल जाएगा। मेहनत व परिश्रम से आपके स्रोतों में वृद्धि होगी। एक बार जो मन में ठान लेंगे, उसे पूरा करके ही दम लेंगे।। 6 व 7 को शत्रु व विरोधी सक्रिय होंगे। इस समय चंद्रमा चौथे स्थान में गतिशील है। अत: व्यावसायिक प्रतिद्वन्द्वियों व प्रतिस्पर्धियों से भी आपको सावचेत रहना चाहिए।
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में चंद्रमा+ शनि कुंभ राशि का लग्न में, राहु+बृहस्पति मेष राशि का तृतीय भाव में, शुक्र कर्क राशि का षष्ठम भाव में, सूर्य+बुध सिंह राशि का सप्तम भाव में, मंगल कन्या राशि का अष्टम भाव में, केतु तुला राशि का नवम भाव में चलायमान रहेंगे।
कुम्भ राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 1, 19, 20, 24, 25, 27, 28, 29 | 3, 4, 13, 14, 22, 30, 31 |
फरवरी | 16, 17, 20, 21, 24, 25 | 1, 9, 10, 11, 18, 19, 27, 28 |
मार्च | 15, 16, 20, 21, 23, 24 | 8, 9, 10, 18, 26, 27 |
अप्रैल | 11, 12, 16, 17, 20, 21 | 4, 5, 6, 14, 22, 23, 24 |
मई | 8, 9, 10, 13, 14, 17, 18 | 2, 3, 4, 11, 12, 20, 21, 29, 30, 31 |
जून | 5, 6, 9, 10, 11, 13, 14 | 7, 8, 16, 17, 25, 26, 27 |
जुलाई | 2, 3, 7, 8, 11, 12, 30, 31 | 5, 13, 14, 15, 23, 24, 25 |
अगस्त | 3, 4, 7, 8, 26, 27, 31 | 1, 2, 9, 10, 11, 19, 20, 21, 29 |
सितम्बर | 1, 3, 4, 22, 23, 27, 28 | 6, 7, 15, 16, 17, 25 |
अक्टूबर | 1, 2, 19, 20, 21, 24, 25, 28, 29 | 3, 4, 12, 13, 14, 22, 23, 31 |
नवम्बर | 16, 17, 21, 22, 24, 25 | 1, 9, 10, 11, 18, 19, 26, 27, 28 |
दिसम्बर | 13, 14, 18, 19, 22, 23 | 6, 7, 8, 16, 24, 25, 26 |
कुम्भ राशि का वार्षिक भविष्यफल

कुंभ राशि के जातकों के लिए यह साल बहुत ही उपलब्धियों से परिपूर्ण हो सकता है, लेकिन उपलब्धियों के साथ चुनौतियों के लिए भी आपको तैयार रहना के लिए चाहिए। शनि की साढेसाती आपकी राशि पर इस साल चल रही है। अतः स्वास्थ्य में कुछ परेशानियां व उतार-चढ़ाव रहेंगे, हालांकि शनि आपकी राशि के ही अधिपति हैं, अतः कुंभ राशि पर कोई ज्यादा दुष्प्रभाव शनि की साढ़ेसाती का नहीं रहता है। फिर भी आपको खान-पान योग, व्यायाम आदि के प्रति सजग रहना चाहिए। 17 जनवरी से शनि आपकी राशि में आ जाएंगे, अतः कार्यों में व्यवधान उपस्थित रहेंगे। हालांकि आप परिश्रम व बुद्धि का उपयोग-इस्तेमाल करके अपने सारे काम बना देंगे। भविष्य को लेकर कुछ असंमजस व चिंताएं रहेंगी। शत्रु व षड्यंत्र सक्रिय तो होंगे, परंतु आपका अहित कुछ नहीं कर पाएंगे। घर-परिवार के कामों को आप प्राथमिकता देंगे।
शनि 17 जनवरी से आपकी राशि में आकर परिश्रम व मेहनत को बढ़ाएंगे। प्रत्येक काम के लिए आपको पहले से अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। व्यापार व कारोबार के विस्तार की जो योजना व प्लांनिग पिछले काफी समय से चली आ रही थी, उसमें कुछ सकारात्मकता आएगी। धन आगम का स्रोत प्रबल होगा। हालांकि शुरुआत में आपको प्रत्येक कार्य में परेशानियां आएंगी, लेकिन धीमे-धीमे स्थितियां पक्ष में होती जाएंगी। पति-पत्नी व जीवनसाथी का सहयोग हर मोर्चे पर आपको मिलेगा। माता-पिता व बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। वही आपकी सबसे बड़ी ताकत भी होगी, उसी के सहारे आप बड़ी से बड़ी मुश्किल व चुनौती को चुटकियों में पार कर लेंगे।
इस वर्ष योग, प्राणायाम, डाईट फूड, व्यायाम आदि से स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेंगे। देवगुरु बृहस्पति 22 अप्रैल के बाद तीसरे स्थान में आकर विद्याथियों के मन में भटकाव उपस्थित करेंगे। विभागीय परीक्षा, नौकरी हेतु परीक्षा, ग्रुप डिसक्शन, जॉब इंटरव्यू आदि में सफलता आसान नहीं होगी, काफी प्रयास करने पड़ेंगे। राहु तीसरे स्थान में 30 अक्तूबर तक रहेंगे। अतः भाइयों से बंटवारे व सम्पत्ति संबंधी विवाद लम्बा खिंचता नजर आ रहा है। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र स्थिति स्वास्थ्य में गम्भीर उतार-चढ़ावों का कारण बन सकती है। शारीरिक, थकान सिरदर्द, सर्दी, जुकाम, गैस की समस्या तो रहेगी, परंतु डायबिटीज, ब्लडप्रेशर आदि जैसी बीमारियों में नित्य अपने स्वास्थ्य का परीक्षण करवाते रहें।
व्यापार व कारोबार में इस साल ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता रहेगी। जिससे कार्यक्षेत्र में आपकी धाक व दबदबा विद्यमान रहेगा, जो योजना पिछले काफी समय से रुकी हुई व अटकी हुई थी, प्रयासों से उसे पूरा करने का समय अब आ गया है। व्यावसायिक प्रतिद्वन्दी व प्रतिस्पर्धी आपके सन्मुख बड़ी चुनौती व बड़ा लक्ष्य रख देंगे। इस साल 22 अप्रैल तक तो धन संचय के योग धनेश के स्वगृही होने के कारण बने हुए हैं, लेकिन 22 अप्रैल के बाद झटके से धन चला भी जाएगा।
शेयर्स, एनसीडीएक्स, सट्टा बाजार, तेजी-मन्दी से सम्बन्धित कामों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें। मशीनरी व व्यापार विस्तार की योजना पर भी धन का व्यय होगा। लेन-देन व रुपयों-पैसों से सम्बन्धित मामलों में सावधानी रखें। चिकनी चुपड़ी बातों में आकर धन का निवेश नहीं करें, किसी राजकीय परेशानी की स्थिति भी दिखलाई पड़ रही है। आयकर, कस्टम, सेल्स टैक्स, चुंगी व सर्विस टैक्स आदि से सम्बन्धित परेशानी पेश आ सकती है। इस साल 22 अप्रैल से पूर्व विद्यार्थियों के लिए सफलता के योग निर्मित हो रहे हैं। इंटरव्यू, साक्षात्कार आदि में सफलता के योग बने हुए हैं। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के योग तो हैं, परंतु दस्तावेजों की अच्छी तरह पड़ताल कर लें।
कुम्भ राशि –कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
कुंभ राशि के जातकों के लिए इस साल शारीरिक उतार-चढ़ाव चलते रहेंगे। इस वर्ष कुछ न कुछ बीमारियों जैसे बुखार, एलर्जी, चर्म रोग, उदर विकार (पेट से सम्बन्धित रोग) की स्थिति रहेगी। वहीं शनि की साढ़ेसाती इस साल आपकी राशि में है, अतः आपको क्रोनिकल डिजीज शुगर, ब्लडप्रेशर, हार्टडिजीज जैसी गंभीर बीमारियों में भी सतर्कता रखनी चाहिए। खान-पान का ध्यान रखें। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि आपकी राशि में ही वक्र स्थिति में आकर शल्य चिकित्सा का कारण बनेगा। बीमारी पर व स्वास्थ्य पर खर्चा भी होगा। घर के किसी वरिष्ठ सदस्य के गिरते हुए स्वास्थ्य को लेकर आपको अस्पताल भी जाना पड़ सकता है। स्त्री जातकों को 22 अप्रैल के पश्चात बृहस्पति के तीसरे स्थान में मेष राशि में आने के कारण स्त्री जनित रोगों से परेशानी रह सकती है। यात्रा में अपने खान-पान, व दवाइयों का विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य लाभ के लिए ‘ॐ हौं जूं सः’ की माला नित्य करें।
कुम्भ राशि –व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?
व्यापार व व्यवसाय के लिए समय परिश्रम का है, साथ ही धन का भी है। परिश्रम व मेहनत से इस साल आप वह सबकुछ प्राप्त कर लेंगे, जिसकी आपने कभी महत्त्वाकांक्षा या अभिलाषा की थी। व्यापारिक, व्यक्तिगत व पारिवारिक जीवन में बेहतर तालमेल स्थापित करने में आप सफल व सक्षम रहेंगे। नई मशीन, नई तकनीक, नया हुनर व ज्ञान का प्रयोग आप अपने व्यापार में करेंगे, हालांकि शुरुआत में इतने ठोस व सकारात्मक परिणाम नहीं आएंगे। नए-नए लोगों के साथ व्यापारिक अनुबन्धन व करार होंगे। मार्केटिंग पर आपका पूरा फोकस रहेगा। शनि आपकी राशि पर ही स्थित है। अतः क्वांटिटी की बजाय क्वालिटी पर ध्यान देने की आवश्यकता है। काम-काज को बहुत ही गम्भीरता व संजीदगी से अन्जाम दें। छोटी से छोटी चीज को अच्छे से चैक करने की आवश्कता है। इस वर्ष के मध्य में किसी परिचित के माध्यम से आपको कोई बड़ा ऑर्डर प्राप्त होगा। व्यावसायिक प्रतिद्वन्दी व प्रतिस्पर्धी आपसे काफी आगे निकल जाएंगे, जिससे कभी-कभार मन में निराशा व अवसाद के भाव आएंगे। इस समय शत्रु आपकी कहीं पर शिकायत कर सकते हैं। सरकारी नीतियों में बार-बार आ रहे बदलाव के कारण व्यापार करने में भी दिक्कतें आएंगी। भूमि, भवन, वाहन आदि चल अचल सम्पत्ति की खरीद के योग हैं। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य किसी पर भी रुपयों-पैसों के मामले में भरोसा नहीं करें। ऑन लाईन फ्रॉड होने की संभावना है। अत: बहुत ही सावधानी व सतर्कता रखें। वक्री शनि के कारण हाथ जरा-सा तंग रहेगा।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
माता-पिता का स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण बनेगा। घर-परिवार के लोगों का विशेष सहयोग मिलेगा। जीवन साथी का सहयोग व प्रेम मिलेगा। पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर उसके अनुरूप आचरण व व्यवहार करेंगे। ग्रह स्थितियां विपरीत चल रही हैं, अतः परिवार के लोग अपने खर्चों में कटौती करेंगे। संतान की शिक्षा, अध्ययन, रोजगार को लेकर मन में चिंता व असंमजस रहेगा। रिश्तेदारों से कोई खास सहयोग की अपेक्षा नहीं है। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद व स्नेह मिलेगा। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव 22 अप्रैल के बाद मिलेंगे।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
माता-पिता का स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण बनेगा। घर-परिवार के लोगों का विशेष सहयोग मिलेगा। जीवन साथी का सहयोग व प्रेम मिलेगा। पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर उसके अनुरूप आचरण व व्यवहार करेंगे। ग्रह स्थितियां विपरीत चल रही हैं, अतः परिवार के लोग अपने खर्चों में कटौती करेंगे। संतान की शिक्षा, अध्ययन, रोजगार को लेकर मन में चिंता व असंमजस रहेगा। रिश्तेदारों से कोई खास सहयोग की अपेक्षा नहीं है। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद व स्नेह मिलेगा। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव 22 अप्रैल के बाद मिलेंगे।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
पंचम भाव का अधिपति बुध लाभ स्थान में है। अतः प्रेम-प्रसंगों के प्रस्ताव आपको मिलेंगे। प्रेमी-प्रेमिका में व्याप्त गलत फहमियों व मतभेदों का निराकरण हो जाएगा। प्रेम प्रसंग कहीं न कहीं बदनामी व अपयश का कारण बन सकते हैं। इस वर्ष सच्चे व अच्छे मित्रों की कमी आपको अखरेगी। नए-नए मित्र बनेंगे।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
इस वर्ष वाहन पर बार-बार खर्च होगा। नये वाहन के योग बने हुए हैं। खासकर फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करें। अन्यथा खर्चों को व्यवस्थित करने के लिए आपको ऋण लेना पड़ सकता है। वाहन चलाते समय पूरी सावधानी रखें, वाहन का रखरखाव समय-समय पर करवाते रहें। तथा शराब आदि पीकर वाहन नहीं चलाएं। जहां तक शुभ कार्य की बात है, वर्ष के आरम्भ होते ही किसी शुभ व मांगलिक कार्य की रूपरेखा बन जाएगी।
कुम्भ राशि वाले कैसे बचे हानि, कर्ज व अनहोनी से?
इस वर्ष कोई खास हानि की संभावना नहीं है। व्यापार में किसी को उधार नहीं दें, अन्यथा हानि हो सकती है। अपरिचित व अजनबी व्यक्तियों पर रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भरोसा नहीं करें। अगर आप सरकारी नौकरी में हैं, तो षड्यंत्र व साजिश का शिकार हो सकते हैं। किसी रिश्तेदार मित्र या सम्बन्धी के साथ अनहोनी की संभावना है।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?
इस वर्ष यात्राओं के प्रबल योग हैं। परिवार के साथ छोटी-मोटी यात्राएं हो सकती हैं। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है।
कैसे बनाये कुम्भ राशि वाले 2023 को लाभकारी ?
वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए कटैला युक्त शनियंत्र धारण करें। कीड़ी नगरा सींचें। शनिवार को शनि मंदिर में तिल व तेल चढ़ाएं।7 प्रकार के अनाज व दालों को मिश्रित करके पक्षियों को चुगाएं।
कुम्भराशि की चारित्रिक विशेषताएं
आपकी राशि का स्वामी शनि है। शनि के कारण कुंभ राशि का जातक प्रायः मेहनती तथा स्वाभिमानी होता है, अपने स्वयं की मेहनत व परिश्रम के बलबूते पर आगे बढ़ता है।
शनि पापग्रह है तथा इनका रंग काला है। कुंभ राशि वाला व्यक्ति प्रायः मध्यम कद, गेहुएं वर्ण, सिर गोल, फूले हुए नथुने व गाल, दीर्घकाय, तोंदयुक्त, गंभीर वाणी बोलने वाला व्यक्ति होता है। यह राशि पुरुष जाति सूचक, स्थिर संज्ञक व वायु तत्व प्रधान होती है। इस राशि वाले पुरुष का प्राकृतिक स्वभाव विचारशील, शांत चित्त, धर्मभीरु तथा नवीन आविष्कारों का प्रजनन है।
कुंभ राशि का चिह्न ‘जल से परिपूर्ण घट लिए हुए स्त्री’ है। अतः इस राशि वाले पुरुष की आकृति घड़े के समान गोल व घट के समान गंभीर व गहरी होती है। ऐसे व्यक्ति प्रायः बाहरी दिखावे में ज्यादा विश्वास रखते हैं। ये पूर्णतया रहस्यवादी व्यक्ति होते हैं। व्यापारिक क्षेत्र में अपनी पूंजी का फैलाव सही पूंजी से कई गुना अधिक करते हैं। इनकी वास्तविकता को पहचान पाना बड़ा ही कठिन है। ये बड़े-से-बड़ा जोखिम लेने में भी नहीं हिचकिचाते।
कुंभ राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ, बलवान एवं चंचल होते हैं, इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है, जिससे अन्य जन इनसे प्रभावित रहते हैं। ये स्वभाव से ही प्रगतिशील एवं क्रान्तिकारी विचारधारा से युक्त होते हैं तथा पुराने रीति-रिवाजों को कम ही स्वीकार करते हैं। अन्य जनों के प्रति इनके मन में स्नेह एवं सहानुभूति का भाव विद्यमान रहता है। धार्मिकता की भावना कम एवं आधुनिकता से परिपुष्ट विचारों के होते हैं। साहित्य एवं कला में रुचि के साथ-साथ ये उत्तम वक्ता भी होते हैं।
इनका सांसारिक दृष्टिकोण विशाल होता है तथा इनके हृदय में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं रहता है। अध्ययन के प्रति इनकी रुचि होती है तथा परिश्रमपूर्वक विभिन्न शास्त्रों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक मान-प्रतिष्ठा एवं सम्मान अर्जित करते हैं। अवसरानुकूल इनको नेतृत्व का भी अवसर प्राप्त हो जाता है। ये भावुकता से कोई भी कार्य नहीं करते तथा बुद्धिमत्तापूर्वक सोच-समझकर अपने कार्यों को पूर्ण करते हैं। धन, ऐश्वर्य, वैभव एवं भौतिक सुख-संसाधनों को अर्जित करके आनन्दपूर्वक इनका उपयोग करते हैं।
अतः इसके प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान होंगे, परन्तु मन में अस्थिरता का भाव होगा। आप अपनी विद्वता एवं बुद्धिमत्ता से शुभ एवं महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके इनमें सफलता अर्जित करेंगे, फलतः आपका उन्नति का मार्ग प्रशस्त रहेगा। आपकी दृष्टि भी सूक्ष्म रहेगी तथा अन्य जनों को प्रभावित करके उनके विषय में पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में समर्थ होंगे।
आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा तथा अन्य जन आपसे प्रभावित रहेंगे। आप में पराक्रम एवं तेजस्विता का भाव भी रहेगा। फलतः अपने सांसारिक महत्त्व के कार्य-कलापों को आप परिश्रम से सम्पन्न करेंगे तथा इनमें सफलता प्राप्त करेंगे। यदा-कदा उग्रता के प्रदर्शन से आपको अनावश्यक समस्याओं तथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक रूप से आपकी स्थिति सामान्यतया अच्छी रहेगी तथा आवश्यक मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करने में समर्थ होंगे। आप भ्रमणप्रिय होंगे और अवसरानुकूल भ्रमण तथा यात्रा आदि पर अपना काफी समय व्यतीत करेंगे। साथ ही व्यय भी आप मुक्त भाव से करेंगे, लेकिन उत्तम आय होने के कारण इनका कोई विशेष दुष्प्रभाव नहीं होगा।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा रहेगी, परन्तु धार्मिक कार्य-कलापों एवं अनुष्ठानों को आप अल्प मात्रा में ही सम्पन्न करेंगे। यदा-कदा तीर्थ यात्रा पर भी आप जा सकते हैं। इस प्रकार आप पराक्रमी, बुद्धिमान एवं परिश्रमी पुरुष होंगे तथा भौतिक सुखों का उपभोग करते हुए आनन्दपूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे।
कुंभ राशि शीर्षोदय तथा तमोगुणी राशि है। इस राशि वाले जातक गुस्सा कम करते हैं और करते हैं तो फिर गांठ बांध लेते हैं। आप एकान्तप्रिय व्यक्ति हैं तथा स्वार्थपूर्ण भावनाओं से परिपूर्ण हैं। अगर आपका जन्म ‘धनिष्ठा’ नक्षत्र में है तो आप सर्वदा सरल स्वभाव वाले, उदार हृदय व स्नेहयुक्त व्यवहार से कीर्ति पाने वाले व्यक्ति हैं। अगर आप व्यापारी वर्ग के व्यक्ति हैं, तो आपका ‘वाहन-योग’ 36 वर्ष की अवस्था में बनता है।
धनिष्ठाः- यदि आपका जन्म कुंभ राशि के ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ के तृतीय व चतुर्थ चरण (गू, गे) में हुआ है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-राक्षस, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-मध्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-बिलाव है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति निडर एवं निर्भीक होता है। ये संगीत प्रेमी होते हैं और समाज में इनकी बहुत प्रतिष्ठा होती है।
शतभिषाः- यदि आपका जन्म कुुंभ राशि के ‘शतभिषा नक्षत्र’ (गो, सा, सी, सू) में हुआ है, तो आपका जन्म 18 वर्ष की राहु की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-अश्व, गण-राक्षस, वर्ण-शुद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-आद्य, पाया-तांबा, प्रथम चरण का वर्ग-बिलाव तथा अंतिम तीनों चरणों का वर्ग-मेढ़ा है। इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति कूटनीतिज्ञ होते हैं। दूसरों को चकमा देकर अपना काम कराने में सिद्धहस्त होते हैं।
पूर्वाभाद्रपदः- यदि आपका जन्म कुंभ राशि के ‘पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र’ के प्रथम चरण (से, सो, द) में हुआ है, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-मनुष्य, वर्ण-शूद्र, हंसक-वायु, नाड़ी-आद्य, पाया-लोहा, प्रथम व द्वितीय का वर्ग-मेढ़ा तथा तृतीय चरण का वर्ग-सर्प है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक छोटी-छोटी बातों से उद्विग्न व तनावग्रस्त हो जाते हैं। इनमें स्वाभिमान की मात्रा विशेष होती है।
कुंभ राशि द्विबली व पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। इस राशि से पेट के भीतरी भागों पर विचार किया जाता है। आपका स्वभाव मृदु, सरल एवं सद्गुणों से परिपूर्ण है, परन्तु संकोचशीलता आपकी कमी है। आपको प्रतिपल एक वहम-सा रहता है। आप ऐसा सोचते हैं कि अन्य जन आप से ईर्ष्या कर रहे हैं और आप अकारण उनसे उलझ पड़ते हैं। यदि आप में यह आदत विद्यमान है, तो यह कभी भी खतरनाक साबित हो सकती है। यदि आपको किसी प्रकार के दुःस्वप्न आते हैं, अकारण खिन्नता महसूस होती है एवं बनते कार्यों में दिक्कत एवं रुकावटें आती हैं तो फौरन ‘शनि मुद्रिका’ धारण करें। शनि मुद्रिका काले घोड़े के पैर की घुड़नाल से बनाई जाती है। यह लोहे की होती है। शनि का रत्न ‘नीलम’ भी आपके लिए अत्यधिक अनुकूल व लाभप्रद रहेगा।
कुम्भ राशि वालों के लिए उपाय
नीलम रत्न 4 1/4 रत्ती का धारण करें। शनिवार को शनि मंदिर में तिल व तेल चढ़ाएं। बैंगनी रंग का सुगन्धित रूमाल पास में रखें। नीलम के अभाव में काकानीली या कटैला रत्न धारण करें। काले उड़द जल में प्रवाहित करें। रोटी पर सरसों का तेल लगाकर कुत्ते या कौवे को खिलाएं। चींटियों को खाना खिलाएं।
कुम्भ राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ कुंभ
- राशि चिह्न ‒ जल से भरा घड़ा लिए हुए स्त्री
- राशि स्वामी ‒ शनि
- राशि महत्त्व ‒ वायु तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ स्थिर
- राशि दिशा ‒ पश्चिम
- राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष, तमोगुणी
- राशि जाति ‒ शूद्र
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
- राशि का अंग ‒ पैर
- अनुकूल रत्न ‒ नीलम
- अनुकूल उपरत्न ‒ काकानीली, कटैला
- अनुकूल धातु ‒ लोहा, त्रिलोह
- अनुकूल रंग ‒ नीला, आसमानी, काला
- शुभ दिवस ‒ शनिवार, शुक्रवार
- अनुकूल देवता ‒ शनिदेव
- व्रत, उपवास ‒ शनिवार
- अनुकूल अंक ‒ 8
- अनुकूल तारीखें ‒ 8/17/26
- मित्र राशियां ‒ मीन, वृषभ, मकर
- शत्रु राशियां ‒ कर्क, मेष, सिंह
- व्यक्तित्व ‒ अवधूत, योगी, साधक, तपस्वी, सत्यखोजी, अन्वेषक, यशस्वी
- सकारात्मक तथ्य ‒ संवेदनशील, समाजप्रिय, कुटुम्ब प्रेमी
- नकारात्मक तथ्य ‒ निरन्तर विचार बदलने की प्रवृत्ति