Overview: सिर छुपाने के लिए शहरों में बढ़ रही है होबोसेक्सुअलिटी, जानें क्या है ये
होबोसेक्सुअलिटी एक ऐसी प्रवृत्ति है, जिसमें व्यक्ति प्यार की आड़ में सिर छुपाने के लिए डेटिंग करता है। यह रिश्ता भावनात्मक और आर्थिक बोझ बन जाता है।
Hobo Sexuality Trend: आधुनिक शहरों में रहन-सहन का खर्च आसमान छू रहा है। किराए की बढ़ती कीमतों और आर्थिक दबाव ने एक नई सामाजिक प्रवृत्ति को जन्म दिया है, जिसे ‘होबोसेक्सुअलिटी’ कहा जाता है। यह शब्द सुनने में अटपटा लग सकता है, लेकिन यह आज की शहरी जिंदगी का ये एक कड़वा सच है। होबोसेक्सुअलिटी क्या है और इसका चलन शहरों में क्यों बढ़ रहा है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है होबोसेक्सुअलिटी

जब कोई व्यक्ति रोमांटिक रिश्ते की आड़ में सिर्फ रहने की जगह पाने के लिए डेटिंग करता है तो उसे होबोसेक्सुअलिटी कहा जाता है। होबोसेक्सुअल व्यक्ति आपके साथ इसलिए रिश्ता बनाता है, ताकि उसे मुफ्त में रहने की जगह मिल सके, न कि सच्चे प्यार के लिए। ये लोग अक्सर ‘सीरियल डेटर्स’ होते हैं, जिनका कोई दीर्घकालिक रिश्ते का इरादा नहीं होता।
भारत में बढ़ रहा है चलन
भारत में बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में रहना आसान नहीं है। इन शहरों में किराए के मकानों की कीमत इतनी अधिक है कि आप जो कमाते हैं वह सारा किराए में ही खर्च कर देते हैं। इसके साथ ही एक खास जीवनशैली बनाए रखने का दबाव इस आर्थिक बोझ को और बढ़ा देता है। ऐसे माहौल में, कुछ लोग ऐसा आसान रास्ता अपनाते हैं जो सस्ता और किफायती हो, जिनमें से एक है होबोसेक्सुअलिटी। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां लोग प्यार की आड़ में रहने की जगह पाने के लिए रिश्ते बनाते हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
लॉइट की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 50% से अधिक मिलेनियल्स और जेन-जेड कर्मचारी अपनी तनख्वाह से घर खर्च नहीं चला पाते। मुंबई में एक व्यक्ति अपनी आय का 48% हिस्सा केवल किराए पर खर्च करता है। ऐसे में कुछ लोग डेटिंग को सिर छुपाने का आसान रास्ता मानते है। वही दूसरा, आधुनिक डेटिंग संस्कृति भी इसके लिए जिम्मेदार है। लव बमिंग, तेजी से बढ़ती नजदीकियां और दिखावटी कमजोरी रिश्तों को भ्रामक बना रही है।
बेरोजगार ढूंढते हैं आशियाना
होबोसेक्सुअल लोग आमतौर पर बेरोजगार होते हैं या उनकी आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं होता। वे धीरे-धीरे आपके घर में घुसपैठ करते हैं। पहले दिन वह आपके घर में एक शर्ट छोड़ते हैं, फिर टूथब्रश और एक दिन आप पाते हैं कि वे आपके घर में बिना आपकी इच्छा के रहने लगते हैं।
होबोसेक्सुअलिटी के संकेत

– होबोसेक्सुअल लोग शुरुआत में बहुत आकर्षक और प्यार करने वाले लगते हैं।
– समय के साथ रिश्ते और जिम्मेदारियों का बोझ एक व्यक्ति को उठाना पड़ता है।
– ऐसे रिश्तों में एक असंतुलन होता है, जहां एक पार्टनर को ज्यादा फायदा होता है। यह प्यार नहीं, बल्कि सुविधा का रिश्ता होता है।
– पार्टनर आपके साथ रहने के लिए आपकी हर बात पर हां में हां मिलाता है।
– खर्च करने के नाम पर बहाने बनाता है।
– आपकी हर चीज पर अपना हक जताने लगता है।
होबोसेक्सुअलिटी का प्रभाव
– होबोसेक्सुअलिटी भावनात्मक और आर्थिक नुकसान का कारण बनती है। यह रिश्ता शुरू में प्यार भरा लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह जिम्मेदारी बन जाता है।
– इससे पार्टनर में तनाव, चिंता और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। साथ ही, आर्थिक बोझ भी बढ़ता है, क्योंकि एक व्यक्ति को किराया, बिल और अन्य खर्च अकेले उठाने पड़ते हैं।
– पार्टनर आप पर पूरी तरह डिपेंडेंट हो जाता है जिससे रिश्ते में प्यार और अपनापन कम होने लगता है।
इससे बचने के उपाय
रेड फ्लैग्स पहचानें: अगर आपका पार्टनर आर्थिक रूप से योगदान नहीं देता या बार-बार बहाने बनाता है, तो सतर्क रहें।
सीमाएं तय करें: रिश्ते की शुरुआत में ही जिम्मेदारियों को स्पष्ट करें ताकि रिश्ता बोझ न लगने लगे।
खुद को प्राथमिकता दें: रिश्ते में समानता और सम्मान को महत्व दें। खुद की जरूरतों और प्राथमिकता को समझें।
जागरूकता बढ़ाएं: अपने दोस्तों और परिवार से सलाह लें, ताकि आप भावनात्मक शोषण से बच सकें।
