एक बार मुझे प्रतियोगी परीक्षा के लिए इलाहाबाद जाना था। मेरे पिता जी की मृत्यु हो चुकी थी और मेरी बड़ी बहन शादीशुदा थी। जीजा जी रेलवे में कार्यरत थे। मम्मी ने जीजा जी से कहा कि पुष्पा के साथ आप चले जाइए वो अकेली कैसे जाएगी। उनके पास रेलवे का पास था, उन्होंने मुझे अच्छी तरह से समझा दिया कि टीटी से क्या बोलना है। उस समय तो मैं जीजा जी के समझाने पर समझ गई लेकिन थोड़ी नर्वस भी थी। जब ट्रेन में टीटी टिकट चेक करने आया तो टीटी को देखकर मैं घबरा गई, जब उसने मुझसे पूछा कि आप इनकी कौन हैं तो घबराहट में मेरे मुंह से निकल गया, मैं इनकी पत्नी हूं। टीटी थोड़ी देर मुझे देख कर चुप हो गया फिर बोल पड़ा आप इनकी पत्नी हैं? फिर मैंने बोला नहीं मैं इनकी साली हूं। फिर मुझे जीजा जी की बात याद आई और मैं बोल पड़ी नहीं मैं पत्नी हूं। टीटी मुझे घबराया हुआ देखकर बोल पड़ा कि आप इनकी पत्नी हों या साली आराम से बैठिए। मुझे देखकर आसपास बैठे सभी लोग हंस पड़े और मैं शर्म से मुंह झुकाकर बैठ गई।
रीना माथुर, (चंडीगढ़)
रीना माथुर, (चंडीगढ़)
