Black and White Love: अभिनेता की ही तरह क्या कभी आपने अपने प्यार का इजहार कुछ इस अंदाज में किया है। क्या कभी आपने अपने प्रेमी या प्रेमिका को गुलाब का फूल दिया है और उस फूल को आपने अपनी किताब में छुपाकर रखा है! प्यार का ये अंदाजेबयां अब काफी बदल गया है।
प्रिय!…लिखकर!
नीचे लिख दूं नाम तुम्हारा!
कुछ जगह बीच में छोड़
नीचे लिख दूं सदा तुम्हारा!!
लिखा बीच मे क्या? ये तुमको पढ़ना है!
कागज पर मन की भाषा का अर्थ समझना है!
जो भी अर्थ निकालोगी तुम वो मुझको स्वीकार… मौन अधर…
कोरा कागज अर्थ सभी का प्यार!!
—आशुतोष राणा
(अभिनेता की पंक्तियां)

जमाना चाहें कोई भी क्यों न हो प्यार करने वाले लोग अपनों के लिए उसको खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। महंगे-महंगे गिफ्ट्स, डेट और न जाने क्या-क्या प्लान करते हैं। समय के साथ प्यार जाहिर करने का तरीका बदल गया है। हालांकि प्यार जताने के सभी के तरीके अलग हैं। प्यार…, जितना खूबसूरत शब्द है उतना ही प्यारा है उसका एहसास, जिसमें दिमाग नहीं दिल लगता है। जल्द ही प्यार का त्यौहार यानी वेलेंटाइन वीक शुरू होने जा रहा है। ऐसे में बहुत से प्रेमी-प्रेमिकाएं अपने पहले प्यार का इजहार करेंगे। जिसके लिए वे कई तरह की योजनाएं अभी से बनाना शुरू कर चुके होंगे और हो भी क्यों न, आखिर प्यार है ही इतना खूबसूरत एहसास। हालांकि प्यार के मायने सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। कोई भरी भीड़ में अपने प्यार का इजहार करता है तो कोई चोरी-चोरी तो कोई सिर्फ नजरों में। जैसे-जैसे समय बदला है प्यार करने का तरीका भी बदल गया है। आज भले ही प्यार को जगजाहिर करना लोगों को पसंद आता है लेकिन एक वो समय भी था जब प्यार सिर्फ दो लोगों के बीच रहकर हौले-हौले बढ़ता रहता था और दुनिया को उसकी कोई खबर नहीं रहती थी। आज के प्यार में ब्लैक एंड वाइट जमाने का वो धीमा-धीमा एहसास धुंधला हो गया है। इस लेख के जरिये हम आपको उस जमाने वाले प्यार के कुछ ऐसे एहसास से रूबरू करवा रहे हैं, जो शायद आपको आपके समय की मीठी यादों में ले जाए।
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अब किताबों में नहीं मिलते सूखे गुलाब

कॉलेज की किताबों में वो एक खास मोटी किताब, जिसकी भले ही क्लास न हो लेकिन बस्ते में हमेशा रहती थी। वजह उसमें रखा वो गुलाब का फूल होता था, जो भले ही सूखकर पीला पड़ चुका हो, भले उसकी खुशबू एक खास तरह की गंध में बदल चुकी हो लेकिन वो आज भी किताब में बड़ी शिद्दत के साथ रखा हुआ है। जब उसने अचानक कॉलेज की कॉरिडोर से गुजरते हुए चुपके से हाथ में फूल थमा दिया था। बहरहाल, आजकल भी प्रेमी-प्रेमिकाएं एक-दूसरे को गुलाब देते हैं लेकिन उस गुलाब के मुरझाने के बाद उसे फेंक दिया जाता है। वो किसी किताब में या अलमारी के कोने में नजर नहीं आता।
वो… खुशबू वाले खत
तेरी खुशबू में बसे खत मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुए खत मैं जलाता कैसे
राजेंद्र नाथ रहबर की वो मशहूर गज़ल जो सालों साल जगजीत सिंह की जुबान बनी रही, लाखों प्रेमियों का पसंदीदा ट्रैक रहा है। वाकई जो बात खत में है वो सामने नहीं!
इत्र में डूबे रंग-बिरंगे कागजों पर शब्दों में प्यार का इजहार किए वो खत जो कोई डाकिया नहीं आपका सबसे खास दोस्त, हमदर्द उस तक पहुंचाता है। इस काम के बदले में वो सिर्फ एक चाय और समोसे की ट्रीट लेते थे। लेकिन आजकल दो प्यार करने वालों के जज्बातों को एक-दूसरे तक पहुंचाने के लिए किसी दोस्त को ट्रीट नहीं देनी पड़ती।
कुछ खास पल

कॉलेज में सालाना जलसे के बहाने या फिर घर की शादी में रस्मों के बहाने एक-दूसरे के साथ कुछ खास पल बिताना जिंदगी में रंग भर देता था। समाज और दुनिया से बचकर बिताए उन पलों को याद करते हुए मुस्कुराना एक ऐसा एहसास है जैसे उन पलों को दोबारा जीना।
नुक्कड़ की छोटी-छोटी मुलाकातें
नुक्कड़ पर चाय की टपरी पर दोस्तों के साथ खड़े होकर बतियाना लेकिन उसके आते ही सांसों का थम जाना या फिर सहेलियों के साथ बाजार निकलते हुए उसका अचानक दिख जाना। इन दोनों ही स्थितियों में दोनों तरफ की धड़कने बढ़ने लगती हैं। ये धड़कने तब रफ्तार पकड़ लेती थीं जब किसी न किसी बहाने वो बातचीत करने की कोशिश की शुरुआत होती थी।
वो नजरों का चोरी-चोरी मिलना

अक्सर मां के साथ हाट-बाजार जाते हुए रास्ते में उनका अचानक दिख जाना और फिर नजरों का झुक कर, चोरी-चोरी मिलना। या फिर गली में आते जाते नजरों का टकराना और फिर बढ़ती धड़कनों को काबू करते हुए एक-दूसरे के सामने से निकल जाना। यही तो छोटे-छोटे जज्बात आज के प्यार में कहीं गुम हो गए हैं।
गाने गुनगुनाते हुए मुस्कुराना
आजकल जब लोग प्यार में पड़ते हैं तो दुनिया भूलकर सिर्फ मोबाइल फोन में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन ब्लैक एंड वाइट जमाने में जब कोई जवानी की देहलीज पर पहुंचकर प्यार में पगला जाता था तो सिर्फ किशोर कुमार के प्यार भरे गानों को गुनगुनाते हुए भी मुस्कुराते रहते थे। अरे रहें भी क्यों न, आखिर वो प्यार ही क्या जो अकेले में मुस्कुराने न दे।
छोटी-छोटी निशानियां
किसी खास मौके पर एक-दूसरे के लिए कुछ छोटी-छोटी चीजें लेकर आना। जैसे- मफलर, कान की बालियां, पसंदीदा सिंगर के गानों की कैसेट, चश्मा आदि। अपने प्यार द्वारा दी गई इन छोटी-छोटी चीजों का खुद से भी ज्यादा ख्याल रखना ऐसा एहसास देता था जैसे आप सच में इन उपहारों को देने वाले ख्याल रख रहे हैं। वरना आजकल तो प्यार में एक-दूसरे को गाड़ी और घर जैसी चीजें उपहार में दे देते हैं, जिसकी कद्र नहीं नुमाइश की जाती है।
