तकनीक के इस दौर में हमारे पास अपने विचार व्यक्त करने के लिए अनेक मीडियम मौजूद हैं। इनमें इंटरनेट की भूमिका बेहद अहम है। इंटरनेट के जहां अनेक फायदे हैं वहीं नुकसान भी कम नहीं हैं।इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के साथ-साथ भारत में युवक-युवतियों के बीच माहौल में खुलापन आया है। यह खुलापन एक सीमा तक तो सकारात्मक रहा लेकिन अब इसके अनेक दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं।सोशल साइटों के माध्यम से पुराने संबंधों को तलाशना और अनजान लोगों से नये-नये संबंध बनना जहां सकारात्मक पक्ष है वहीं नये संबंधों के जरिये धोखाधड़ी और किशोर लड़के-लड़कियों का सेक्स पार्टनर तलाशने के अलावा ब्लैकमेलिंग, फ्लर्टिंग, सेक्स चैट और विवाहेतर संबंधों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय बन रहा है। क्लासिफाइड लिस्टिंग साइट ‘क्रेग्सलिस्ट’ के मुताबिक, एक महीने में ऐसे 300 पुरुष और महिलाओं के मामले सामने आए, जो शादीशुदा होते हुए भी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ‘सेक्स’ की तलाश में थे। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि उनके पास आने वाले करीब दो-तिहाई बेवफाई के मामलों में सोशल साइट्स का अहम रोल होता है। लोग समझ नहीं कर पाते कि वो ऑनलाइन विवाहेतर संबंधों की चपेट में आ रहे हैं। इन नेटवर्किंग साइट्स की प्राइवेसी पॉलिसी के चलते उन्हें लगता है कि वो पकड़े नहीं जाएंगे।

फ्लर्टिंग

अनेक शादीशुदा लोग, जिनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा है और महिलाओं की संख्या कम, खुद को अविवाहित या तलाकशुदा दिखाकर अपना प्रोफाइल इंटरनेट की सोशल या मैरिज साइट्स पर डाल देते हैं और अलग-अलग लड़कियों के साथ फ्लर्टिंग करते रहते हैं। ऐसे लोग अपने घर पर इस बात का जरा भी पता नहीं लगने देते क्योंकि यह संबंध उनके लिए एक खेल के समान होते हैं जबकि लड़कियां उन्हें अपने भावी पति के रूप में देखते हुए सब कुछ समर्पित करने को तैयार हो जाती हैं।

विवाहेतर संबंध

आजकल अपनी शादीशुदा जिंदगी से नाखुश बहुत से लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर विवाहेतर संबंधों के लिए साथी की तलाश करते हैं और आश्चर्य की बात है कि जानते-बूझते हुए भी उन्हें ऐसे साथी मिल जाते हैं जो सिर्फ एक-दूसरे की खुशी के लिए कुछ समय के लिए सेक्स पार्टनर बनने को तैयार हो जाते हैं और एकदूसरे की शारीरिक जरूरतों के साथ-साथ मानसिक और भावनात्मक जरूरतें भी पूरी करते रहते हैं।

धोखाधड़ी

इंटरनेट की विभिन्न सोशल साइट्स पर अपनी पहचान छिपाकर प्रोफाइल डालना आम बात है। अक्सर पुरुष लड़के या लड़की के किसी काल्पनिक नाम से फ्रेंडशिप सोशल साइट्स या फिर मेट्रीमोनियल साइट्स पर अपना प्रोफाइल डाल देते हैं। इस आकर्षक से प्रोफाइल को देखकर अनेक रिस्पांस आते हैं और इंटरनेट पर दोस्ती वह व्यक्ति करके काफी समय तक दूसरी पार्टी को बेवकूफ बनाता रहता है। कई मामलों में यह गहन सेक्स संबंधों तक भी पहुंच जाता है जबकि कुछ मामलों में असलियत खुल जाती है। जहां विपरीत पार्टी कुछ समझदार होती है, वहां यह संबंध जल्द ही टूट जाता है क्योंकि इसका असल मकसद सिर्फ घूमना-फिरना और संबंध बनाना ही होता है।

ब्लैकमेलिंग

सोशल साइट्स पर पुरुष लड़़की बनकर अपना आकर्षक प्रोफाइल पोस्ट करते हैं। फिर वीडियो चैट पर किसी लड़की का पोर्न वीडियो इस तरह से दिखाया जाता है कि लगता है कि यह रिकॉर्डेड नहीं बल्कि लाइव हो रहा है, साथ ही सामनेवाले को भी ऐसा ही करने के लिए दबाव डालते हैं। जवाब में लड़के भी उसी तरंग में न्यूड होकर खुद को भी एक्सपोज़ कर देते हैं। बस उनका यही वीडियो बनता है ब्लैकमेलिंग का सबब। उन्हें उनका वीडियो भेजकर पैसे की मांग की जाती है और कहा जाता है कि यदि पैसा नहीं दिया तो यह वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट कर दिया जाएगा या फिर पुलिस को दे दिया जाएगा, इस आरोप के साथ कि वे किसी लड़की के सामने गलत हरकतें कर रहे थे। लोग अपनी बदनामी से डरकर ब्लैकमेल होते रहते हैं।

सेक्सटिंग

आजकल युवाओं सेक्सटिंग का चलन बढ़ रहा है। सेक्सटिंग का मतलब है सेक्सुअल तस्वीरें, वीडियो और मैसेज मोबाइल फोन से एक दूसरे को भेजना। एक दूसरे की देखा-देखी आज के दौर के युवक-युवतियां इसमें कुछ ज्यादा ही रुचि दिखा रहे हैं। कई बार अपने न्यूड फोटो भेजना किशोरों या युवाओं के लिए आगे चलकर बड़ी परेशानी का सबब भी बन जाता है क्योंकि अगर उनका बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड उनके प्रति गंभीर नहीं है तो वह उन्हें आने वाले समय में ब्लैकमेल भी कर सकता है।