वैवाहिक जीवन में कई बार ऐसे पल आते हैं जब दो लोगों को लगता है कि उन्हें अलग हो जाना चाहिए और वो तलाक का निर्णय ले कर अलग हो जाना ही बेहतर समझते हैं। शादी से असंतुष्ट हो कर तलाक ले लेना बेशक उस समय किसी बंधन से मुक्त होना लगे, लेकिन बाद में जीवन आसान की जगह और ज्यादा मुश्किल हो जाता है। इसलिए तलाक लेने से पहले इन बिंदुओं पर विचार अवश्य कर लेना चाहिए। 

अपना परीक्षण करें 

तलाक लेने से पहले इस  बात पर ज़रूर गौर करना चाहिए कि  ऐसी  कौन सी बातें हैं जो आप को परेशान कर रही हैं। एक बार इस बात का परीक्षण जरूर कर लें कि हो सकता है उन बातों को सुधारा जा सके जिनकी वजह से तलाक की नौबत आई  है।  फिर यह निश्चित करें कि क्या वास्तव में आप उनमें बदलाव लाना चाहती हैं? अपने विवाह के साथ  आपको अपना भी एक बार मूल्यांकन करना चाहिए कि क्या आप इस विवाह को बचाना चाहती हैं? हो सकता है आपका ये विचार आपको तलाक के फैसले से बचा ले। 

बदलाव से हो सकता है नुकसान 

तलाक का अर्थ ही है बदलाव और यह समझ लें कि किसी भी तरह के बदलाव का सामना करना आसान नहीं होता है। जब पति -पत्नी तलाक का निर्णय लेते हैं तो ये सिर्फ उन दोनों को ही प्रभावित नहीं करता है बल्कि इससे उनके बच्चे भी प्रभावित होते हैं। इससे बच्चों के भविष्य के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है। इसके अलावा दोनों की मंथली इनकम भी प्रभावित होती क्योंकि जो खर्चे दोनों मिलकर उठाते थे वो दोनों को अलग-अलग उठाने पड़ते हैं जैसे घर का किराया , बिजली ,ग्रॉसरी आदि। 

कारणों पर विचार करें 

तलाक लेने के कारणों की एक सूची बनाएं। अपने रिश्ते के अच्छे व बुरे दोनों पक्षों के बारे में सोचें और लिखें। अपने पार्टनर की ख़मियों के बारे में न सोचकर कुछ खूबियों पर विचार करें। हो सकता है आपको पार्टनर की कोई ऐसी अच्छी बात याद आ जाए जो आपको पार्टनर से तलाक लेने से रोक दे। अपने करीबी मित्रों व रिश्तेदारों से सपोर्ट लेने से कभी हिचकिचाएं नहीं। हो सकता है कोई ख़ास मित्र आपको सही सलाह दे सके। 

खुद से प्रश्न करें 

तलाक के निर्णय से पहले खुद से कुछ सवाल ज़रूर करने चाहिए। जैसे क्या आप अपने साथी के प्रति अभी भी मन में भावनाएं रखते हैं? क्या आप सिर्फ इसलिए साथ में रह रहे हैं क्योंकि समाज का दबाव आपको ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहा है?क्या आप सच में तलाक लेना चाहती हैं ? क्या आप शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व भावनात्मक रूप से इसके लिए तैयार हैं? क्या आप ने इसके नकारात्मक परिणामों के बारे में सोच लिया है? इन प्रश्नों के जवाब सोचकर ही आप तलाक का निर्णय लें।