fifty shades freed novel in Hindi
fifty shades freed novel in Hindi

fifty shades freed novel in Hindi: मैं अचानक ही झटके से उठ बैठी। मुझे अपना कामोत्तेजक सपना भूल गया था।

मैं अपनी पीठ के बल लेटी थी। “शायद नींद में ही मैंने करवट ले ली होगी।” मैं अपने बचाव में हौले से बोली

उसकी आंखें गुस्से से दहक रही थीं। वह आगे बढ़ा, अपनी कुर्सी से मेरी बिकनी उठाई और मेरी ओर उछाल दी।

“इसे पहनो।” वह दांत पीसकर बोला

“क्रिस्टियन! कोई नहीं देख रहा!”

“मेरा भरोसा करो। वे लोग देख रहे हैं। मुझे पक्का यकीन है कि टेलर और बाकी सिक्योरिटी वाले भी इस नज़ारे का मज़ा ले रहे हैं।” वह झपटा।

हाय ये क्या हो गया! मैं उन लोगों के बारे में भूल कैसे जाती हूं? मैंने दोनों हाथों से अपनी नंगी छातियों को ढकने का प्रयत्न किया। जब से चार्ली टैंगो वाली घटना हुई है, तब से ये सिक्योरिटी साए की तरह हमारे साथ लगी रहती है।

“हां, कोई सिरफिरा दीवाना चोरी से तस्वीर खींच सकता था। क्या तुम स्टार पत्रिका का कवर पेज बनना चाहती हो। वह भी बिना कपड़ों के?”

शिट! चोरी से फोटो…मैं झट से टॉप पहनने लगी और चेहरा पीला पड़ गया। मैंने कंधे झटके। मुझे याद आ गया कि पहले भी हम इसका शिकार हो चुके हैं। ये सब क्रिस्टियन ग्रे की जिंदगी का ही हिस्सा है।

उसने पास से निकलती बैरा युवती को फ्रेंच में पुकारा और मुझसे बोला, “हम यहां से चल रहे हैं।”

“अभी?”

“हां, अभी।”

“ओह! इससे बहस करना ही बेकार है।”

उसने झट से गीले कपड़ों पर ही पजामा पहना और टी-शर्ट डाल ली। तभी वह युवती कार्ड और बिल ले आई। मैंने भी बेमन से अपनी फिरोज़ी पोशाक पहनी और सैंडिल डाल लिए। जैसे ही वह वहां से गई। क्रिस्टियन ने अपना फोन और किताब उठाए और धूप का चश्मा पहन लिया। वह गुस्से और तनाव में दिख रहा है। मेरा दिल डूब गया। यहां तो हर औरत टॉप के बिना है। उल्टा, मैं टॉप पहन के अजीब दिख रही हूं। मैंने मन ही मन आह भरी। मुझे लगा कि काश क्रिस्टियन इस बात को हंसी मज़ाक में ले लेता पर अब तो ऐसे भी कोई आसार नहीं दिख रहे ।

“प्लीज़! मुझसे नाराज़ मत हो।” मैंने हौले से कहा और उसके हाथ का सामान अपने बैग में रख लिया।

उसने हौले से कहा, “इस बात के लिए बहुत देर हो गई। आओ।” उसने मेरा हाथ थामा और अचानक ही टेलर के साथ बाकी सिक्योरिटी वाले आ धमके। वे वहीं बरामदे में हमारा इंतज़ार कर रहे थे। मैं उनके बारे में भूल क्यों जाती हूं? टेलर अपने चश्मे में है और उसके चेहरे के भाव नहीं पढ़े जा सकते। लगता है कि वह भी मुझसे नाराज़ है। मैं अभी तक उसे शॉर्ट और काली पोलो शर्ट में देखने की आदी नहीं हुई। हमेशा सूट में ही देखा है।

क्रिस्टियन मुझे होटल में ले गया। वह इस दौरान एक शब्द भी नहीं बोला। बेशक गलती तो मेरी ही है। टेलर और उसकी टीम का साया हमारे साथ है।

“हम कहां जा रहे हैं?” मैंने पूछा

“नाव पर वापिस जाना है।” उसने कहा

मुझे समय का कोई अंदाजा नहीं है। शायद पांच या छह बजे होंगे। जब हम मरीना पर पहुंचे तो वह मुझे डॉक पर ले गया। जब वह जैट स्की को खोलने लगा तो मैंने अपना बैग टेलर को थमा दिया। मैं यही सोच कर खिसिया गई कि आज टेलर ने समुद्र तट पर क्या देखा होगा।

“मिसेज ग्रे! ये लीजिए।” उसने मुझे लाइफ जैकेट दी और मैंने झट-से पहन ली। मेरे लिए ही इसे पहनना क्यों जरूरी है। क्रिस्टियन ने टेलर को घूरा। क्या वह उससे भी नाराज़ है? क्रिस्टियन ने जैकेट की बीच वाली तनी कसी और मुझे देखे बिना कहा, “अब ठीक है।”

वह जैट स्की पर चढ़ा और मेरी ओर हाथ बढ़ाया। मैं उसके पीछे जा बैठी। बाकी लोग मोटर बोट में बैठे । क्रिस्टियन ने उसे किक मारी और जैट स्की पानी में उतर गई।

“पकड़ कर रखो।” उसने कहा तो मैंने उसकी कमर के आसपास अपने हाथों का घेरा और भी कस दिया। सफर के दौरान मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है। मैंने उसे कस कर थामा और अपने मुंह को उसकी पीठ से सटा दिया। मैं सोचने लगी कि एक वक्त ऐसा भी था, जब वह मेरी छुअन तक नहीं सह सकता था। उसके शरीर से क्रिस्टियनऔर सागर की गंध आ रही है। ओह क्रिस्टियन! मुझे माफ कर दो न।

उसने पानी में स्की की गति बढ़ा दी और मैं उसके इस रोमांच पर मुग्ध हो उठी। मैं उससे इतना सट गई कि उसकी पीठ की हर मांसपेशी को महसूस कर सकती थी।

टेलर अपनी मोटरबोट पास ले आया। क्रिस्टियन ने उसे देखा और स्की को अपनी बोट से भी आगे ले गया। वह अब खुले पानी में आ गया था।

हमारे चारों ओर समुद्र की फेनिल झाग है और मेरी पोनीटेल दीवानों की तरह झूल रही है। कितना मज़ा आ रहा है। काश इस सवारी से उसका मूड कुछ संभल जाए। मैं उसका चेहरा नहीं देख सकती पर अंदाजा लगा सकती हूं कि वह भी इसका पूरा आनंद ले रहा है। उसने एक आधा-सा गोल चक्कर काटा तो मुझे किनारे पर जमा भीड़ दिखाई दी। वहां की नावें, लोगों की भीड़, पृष्ठभूमि में दिख रहे ऑफिस और घर और उनके पीछे खड़े पर्वत। सब कुछ व्यवस्थित रूप में देखने की अभ्यस्त मेरी आंखों को ये प्राकृतिक नज़ारा बहुत ही प्यारा लगा। उसने मुझे मुड़कर देखा तो उसके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान दिखी।

“फिर चलें ।” वह इंजन के शोर के बीच चिल्लाया।

मैंने हामी दी और हम फिर से खुले समुद्र में चक्कर लगाने चल दिए। मुझे लगा कि शायद मुझे माफी मिल गई थी।

“तुम्हें सूरज की धूप ने सांवला कर दिया।” उसने मेरी जैकेट उतारते हुए कहा। मैंने बड़ी बेचैनी से उसका मूड भांपने की कोशिश की। हम अपनी नाव पर हैं और एक नौकर मेरी लाइफ जैकेट लेने के लिए खड़ा है।

“कुछ और लेंगे, सर?”

क्रिस्टियन ने अपना चश्मा टी-शर्ट में लटकाया और मुझसे पूछा

“एक ड्रिंक लेना चाहोगी?”

“क्या मुझे एक लेना चाहिए?”

“ऐसे क्यों बोल रही हो?”

“तुम जानते हो कि क्यों?”

उसने कुछ सोच कर भवें सिकोड़ीं

ओह, वह क्या सोच रहा है?

“दो जिन और टॉनिक प्लीज़। साथ ही थोड़े नट्स और ऑलिव भी लाओ ।” उसने हुक्म दिया।

“तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें सज़ा देने जा रहा हूं?”

“क्या तुम ऐसा करना चाहते हो?”

“हां!”

“कैसे?”

“पहले तुम कुछ पी लो। फिर मैं इस बारे में सोचूंगा।”

मैं इस सनसनीख़ेज़ धमकी से डर गई। भीतर बैठी लड़की सागर तट वाली घटना के बाद से सहमी हुई थी। उसे भी सुन कर जोश आ गया।

क्रिस्टियन ने एक बार फिर से भवें सिकोड़ीं।

“तुम भी करना चाहती हो?”

इसे कैसे पता चलता है। “हां, निर्भर करता है।” मैंने खिसियाकर कहा

“किस बात पर?” उसने अपनी मुस्कान छिपाई।

“इस बात पर कि तुम मुझे चोट पहुंचाना चाहते हो या नहीं?”

उसके चेहरे पर कड़ी रेखाएं आ गईं। वह आगे झुका और मेरा माथा चूम लिया।

“एनेस्टेसिया! तुम मेरी सेक्स बांदी नहीं बल्कि पत्नी हो। मैं तुम्हें कभी चोट पहुंचाने के बारे में सोच भी नहीं सकता। तुम्हें अब तक पता चल जाना चाहिए था। बस लोगों के सामने………अपने कपड़े मत उतारना प्लीज़! मैं नहीं चाहता कि लोग तुम्हें इस तरह रिकॉर्ड करके देखें। बेशक तुम्हारी मॉम और रे को भी यह पसंद नहीं आएगा।”

ओह! रे, मॉम को तो शायद दिल का दौरा ही पड़ जाएगा। मैं क्या सोच रही थी। मैंने खुद को कोसा।

तभी हमारे लिए खाने-पीने का सामान आ गया।

“बैठो।” उसने कहा। मैंने उसके कहे अनुसार ही किया। उसने मुझे जिन और टॉनिक पकड़ा दिया।

“चीयर्स मिसेज ग्रे!”

“चीयर्स मि. ग्रे!” ओह! एक घूंट भरते ही स्वाद आ गया। प्यास भी बुझने लगी। वह मुझे एकटक निहार रहा था। एक तो इसके मूड का कुछ पता नहीं चलता। कब क्या करेगा, कब क्या कहेगा, कौन जाने? मैंने ध्यान भटकाओ वाली तकनीक अपनाई।

“इस बोट का मालिक कौन है?”

“एक ब्रिटिश नाईट है। कोई सर, फलाना-फलाना है। उसके परदादा ने एक राशन के स्टोर से काम शुरू किया था। उसकी बेटी यूरोप के एक शाही राजकुमार से ब्याही गई।”

“ओह। सुपर रिच?”

“हां।”

“तुम्हारी तरह।”

“नहीं, हमारी तरह।”

मैं सुन कर दंग रह गई। उसने गलत तो नहीं कहा था।

मेरा जो कुछ भी है, सब तुम्हारा ही तो है। उसके कहे शब्द मेेरे कानों में गूंज उठे।

सब कुछ मेरा है? मैं ‘कुछ नहीं’ से ‘सब कुछ’ की श्रेणी में आ गई हूं।

“तुम इसकी आदी हो जाओगी।”

“मुझे नहीं लगता कि मैं कभी इसकी आदत डाल सकूंगी।”

टेलर डैक पर आ कर बोला, “सर आपका फोन है।”

“ग्रे!” क्रिस्टियन ने फोन ले कर कहा और एक ओर चला गया।

वह रॉस से बात कर रहा था । मैंने हाल ही में कितने अमीर आदमी से शादी की है। अचानक ही मेरे दिमाग में कुछ दिन पहले की बात कौंध गई। उसके जन्मदिन के बाद वाला रविवार था और हम सब नाश्ते की मेज पर थे। इलियट, केट, ग्रेस, सभी तो वहीं थे। मैं बेकन बनाम सॉसेज की चर्चा में मग्न थी। क्रिस्टियन व कैरिक का पूरा ध्यान संडे पेपर में था।


“ये देखो।” ईया ने किचन टेबल पर अपनी नोटबुक रखी व चहकते हुए कहा

“सिएटल की नूज़ वेबसाइट पर भाई की शादी के बारे में खबर छपी है।”

“अच्छा।” ग्रेस ने हैरानी से कहा। फिर अचानक ही उनके माथे पर बल पड़ गए। क्रिस्टियन को भी सुनकर बहुत अच्छा नहीं लगा।

ईया ने खबर पढ़ी, “हमें पता चला है कि सिएटल का सबसे मशहूर कुंआरा शादी करने जा रहा है पर क्रिस्टियन ग्रे की किस्मत वाली दुल्हनिया कौन है? नूज़ खोजबीन कर रही है। पर सुनने में आया है कि वह लड़की पहले से ही ग्रे के साथ रह रही है।”

ईया ने भाई को देखा तो उसकी हंसी थम गई। ग्रे की रसोई का माहौल भारी हो गया।

ओह नहीं! मेेरे बारे में लोगों की ऐसी राय! मेरे चेहरे का रंग उतर गया। हे धरती! मैं तेरी गोद में समा जाना चाहती हूं।

ग्रे अपनी कुर्सी में पलटा और मेरी तरफ देखा।

कैरिक कुछ ही कहने ही लगे थे कि क्रिस्टियन बोला, “मैं इस बारे में कोई बहस नहीं चाहता।”

वह शब्दों के तीखे बाण चलाने के बाद फिर से अखबार देखने लगा। बाकी लोग बारी-बारी से हमें देख रहे थे।

मैंने हौले से कहा, “क्रिस्टियन! तुम और मि. ग्रे, मुझसे जिन भी कागजों पर साइन करवाना चाहें, मैं कर दूंगी।” ओह! मैं कौन सा कोई पहली बार उसके लिए साइन करने जा रही थी। उसने मुझे देखा और बोला-

“नहीं।”

“ये तुम्हारे बचाव के लिए है।”

“ग्रे और एना! तुम दोनों इस बारे में अकेले में बात करना।” ग्रेस ने फटकारा और फिर कैरिक व ईया को देखा। ओह! ऐसा लगा कि वे भी मुश्किल में पड़ने जा रहे थे।

“एना! ये सब तुम्हारी वजह से नहीं है। प्लीज़ तुम मुझे कैरिक ही कहो।”

क्रिस्टियन ने ठंडी निगाहों से अपने पिता को देखा और मैं जान गई कि वह बहुत गुस्से में था।

सारे बातचीत में मग्न हो गए। ईया व केट मेज समेटने लगीं।

“मैं सॉसेज ही पसंद करूंगा।” इलियट ने कहा

मैंने अपनी गुंथी अंगुलियों को देखा। कहीं मि. व मिसेज ग्रे, मेरे बारे में ऐसा तो नहीं सोचते कि मैं उनके बेटे के पैसे के पीछे आई हूं। क्रिस्टियन ने अपने एक हाथ में मेरे दोनों हाथ थाम लिए।

“बस करो।”

ओह! वह जानता है कि मैं क्या सोच रही थी।

“मेरे डैड की बात पर कान मत दो।” उसने धीरे से कहा। वे एलीना वाले मामले से खीझे हुए हैं। ये बातें मुझे सुनाने के लिए थीं। काश! मॉम ने अपना मुंह बंद रखा होता।”

मैं जानती हूं कि कल रात ही उन दोनों के बीच एलीना को लेकर बातचीत हुई थी।

“वे ठीक कह रहे हैं। क्रिस्टियन! तुम बहुत पैसे वाले हो और मैं अपने कर्जों के सिवा शादी में कुछ नहीं ला रही”।

“एनेस्टेसिया! अगर तुमने मुझे छोड़ा तो मेरा सब कुछ तो वैसे ही खत्म हो जाएगा। तुम एक बार जा चुकी हो और मैं जानता हूं कि मैंने उस समय क्या महसूस किया था।”

“ओह! वह तो अलग बात थी। पर कहीं तुम मुझे छोड़ना चाहो तो?”

“क्रिस्टियन! तुम जानते हो कि मैं कभी भी, कोई भी बेवकूफी कर देती हूं…”

“एना! अब इस बारे में और बात नहीं होगी। फिर वह मॉम की ओर घूमकर बोला,क्या हम यहां शादी कर सकते हैं।”


और फिर उस बात का जिक्र नहीं हुआ। वह मुझे इस बात का यकीन दिलाने का कोई मौका नहीं छोड़ता था कि उसकी हर चीज़ पर मेरा भी उतना ही हक था। ओह मैंने उसकी दीवानगी को याद करके अपने कंधे झटके। वह चाहता था कि मैं अपने हनीमून के लिए नीमन मारकस से खरीदारी करूं। मेरी बिकनी ही पांच सौ पचास डॉलर थी। बेशक सुंदर थी पर एक तिकोने कपड़े के टुकड़े की इतनी कीमत?

“तुम इसकी आदी हो जाओगी।” क्रिस्टियन ने मेरी सोच में बाधा दी।

“आदी हो जाऊंगी?”

“पैसे की।” उसने आंखें नचाई।

“ओह! हो सकता है कि आने वाले वक्त में ऐसा हो सके।” मैंने अपनी बात में हंसी का पुट लाने की कोशिश की।

“ज़रा जल्दी खत्म करो। हमें बिस्तर में जाना है।” उसने दुष्टता से एक आंख दबाई और अपने मुंह में बादाम डालते हुए कहा।

“क्या?”

“हां।” उसने कहा

ओह! लगता है कि इसकी ये नज़रें ही पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को बढ़ा रही हैं। हाय वो हॉट लुक्स! हम दोनों लगातार एक-दूसरे को देख रहे थे। अचानक वह बोला-

“आज मैं तुम्हारे लिए कुछ नया करना चाहता हूं। बस तुम अभी मूत्र विसर्जन के लिए मत जाना।”

अरे, ये बात तो कुछ समझ नहीं आई पर अगर वह कुछ कह रहा है तो बात का कोई न कोई मतलब तो होगा ही।

मैंने कहा, “अच्छा।” मैं पूरी जिंदगी उस पर इसी तरह भरोसा करती रहूंगी। वैसे वह करना क्या चाहता है। मेरा दिल यही सोच कर तेज़ी से धड़कने लगा।

वह मुझे बोट के आलीशान रास्तों से ले जाते हुए, मास्टर केबिन तक ले गया।

केबिन की सफाई कर दी गई है। ये एक सुंदर कमरा है। इसे बहुत ही खूबसूरती से गहरे रंग के फर्नीचर से सजाया गया है और दीवारों पर हल्के क्रीम रंग की सफेदी है। उन पर लाल व सुनहरे रंग की सजावट की गई है।

क्रिस्टियन ने अपनी टी-शर्ट उतार कर कुर्सी पर डाल दी। उसने उसी फुर्ती से बाकी कपड़े भी शरीर से अलग कर दिए। ओह! क्या मैं कभी उसकी इस निर्वस्त्र सुंदरता को देखकर संतुष्ट हो पाऊंगी। इतना सुदर्शन पुरुष मेरा है। उसकी त्वचा चमक रही है। सूरज की धूप का असर उस पर भी हुआ है और उसके माथे पर खूबसूरत बालों का गुच्छा झूल रहा है। मैं कितनी किस्मत वाली हूं।

उसने मेरे होंठ को दांत की कैद से आज़ाद किया और बोला, “हां, अब ठीक है।”

उसने दराज से धातु बनी हथकड़ियां और एक आंखों पर लगाया जाने वाला मास्क निकाला

हथकड़ियां! हमने पहले तो कभी इनका इस्तेमाल नहीं किया। मैं थोड़ा घबराई और पलंग की तरफ देखा। वह इन्हें कहां बांधने जा रहा है।

वह मुड़ा और अपनी चमकती हुई आंखों से मुझे देखा।

“अगर तुम्हें इन पहनने के बाद हाथों को खींचोगी तो ये त्वचा को चुभ सकती हैं। पर मैं चाहता हूं कि तुम इन्हें मेरे लिए पहनो।”

हाय! मेरा मुंह सूख गया।

“क्या तुम इन्हें देखना चाहोगी?” उसने उन्हें मेरे हाथों में थमा दिया।

ठोस धातु की हथकड़ियां ठंडी थीं। मुझे सचमुच कभी इन्हें न पहनना पड़े।

वह मुझे गहराई से देख रहा था।

“इनकी चाबियां कहां हैं?” मेरा सुर कांप गया।

“उसने अपने हथेली में पड़ी धातु की चाबी दिखाई। ये दोनों के लिए काम आएगी।”

उसने अपनी अंगुली को मेरे गालों पर फिराया और होठों तक लाते हुए चूम लिया, “क्या तुम खेलना चाहोगी?”

“हां!” मैंने बेदम होते हुए कहा

“बढ़िया। तब तो हमें एक ‘सेफवर्ड’ रखना होगा।”

“क्या?”

“स्टॉप कहना ही काफी नहीं होगा क्योंकि हो सकता है कि वह शब्द तो यूं ही तुम्हारे मुंह से निकले। हमें कोई और शब्द खोजना होगा।”

हाय! इसके शब्दों का जादू…पता नहीं, ये कैसे ये सब कर लेता है।

“इससे कोई चोट नहीं आएगी। बस ये गहन होगा। बहुत ही गहन…क्योंकि मैं तुम्हें हिलने तक नहीं दूंगा। समझीं”

यह सुन कर ही मेरी सांसें थरथराने लगीं। ये सब कितना उत्तेजक लग रहा है। शुक्र है कि मैं इसकी ब्याहता हूं वरना ये सब सुन कर शर्मिंदगी हो सकती थी।

“अच्छा”

“एना! कोई शब्द चुनो।”

ओह

“एक सेफवर्ड”

“पॉप्सीकल।” मैंने हांफते हुए कहा

“हां”

“बहुत अच्छे। अपने बाजू ऊंचे करो।”

उसने पल भर में मेरी पोशाक उतार दी।

फिर उसने सारा सामान पलंग के पास रख कर, उसे हमारे खेल के लिए तैयार कर दिया।

उसने मेरे बाल खोले और मुझे अपनी ओर खींच लिया

“मिसेज ग्रे! आप अक्सर मेरा कहा नहीं मानतीं। आपका क्या किया जाए।”

उसके गुदगुदाते चुंबनों के बीच हमारी बातचीत जारी रही।

“आपको इसी बर्ताव की आदत डाल लेनी चाहिए।”

“ओह! मिसेज ग्रे! हमेशा की तरह…”

वह मुझे चूमते हुए मुस्कराने लगा।

उसने मेरे खुले बातों की चोटी गूंथी और मुझे अपनी ओर खींचकर बोला

“आज मैं तुम्हें सबक सिखाने जा रहा हूं।”

वह पीछे खिसका और मुझे अपनी ओर खींचा।

फिर वह पलंग पर बैठकर मेरी जांघ पर अंगुली फिराने लगा। मेरे बदन का रोयां-रोयां कांप उठा।

“मिसेज ग्रे! क्या आप जानती हैं कि आप कितनी सुंदर हैं?”

उसने कोने में पड़ी हथकड़ियां उठाईं, मेरी बाईं टांग पकड़ी और एक हथकड़ी मेरे टखने में बांध दी।

ओह! फिर उसने मेरी दाईं टांग उठाई और इसी प्रक्रिया को दोहराया। इस तरह मेरे दोनों टखनों में हथकड़ियां बंध गईं। मुझे अब भी समझ नहीं आ रहा था कि वह उन्हें कहां बांधने जा रहा है।

“उठो।” उसने कहा। मैंने झट से कहा माना।

“अब दोनों हाथों से घुटनों को लपेट लो।”

मैंने अपनी टांगें मोडीं और दोनों हाथ घुटनों पर बांध लिए। उसने मेरी आंखों पर पट्टी बांधने से पहले, मुझे एक चुंबन दिया और इसके बाद मुझे कुछ भी दिखाई देना बंद हो गया। अब मैं उखड़ती सांसों के सिवा कुछ नहीं सुन पा रही थी। मुझे अब भी पता नहीं था कि वह हथकड़ियों को कहां बांधने वाला था।

“एना! सेफवर्ल्ड क्या है?”

“पॉप्सीकल!”

“ठीक है!”

फिर उसने मेरी बाईं कलाई को बाएं टखने की हथकड़ी से और दाईं कलाई को दाएं टखने की हथकड़ी में जकड़ दिया।

अब मैं अपनी टांगें सीधी नहीं कर सकती।

“अब मैं तुम्हारे साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। उसने कहा

हैं!!!!! मेरी तो जान ही निकल गई।

उसने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया। मेरे पास मुड़ी टांगों के साथ लेटने के सिवा कोई उपाय नहीं बचा था। अगर टांगों को खींचती तो हथकड़ियां चमड़ी में चुभती थीं। उसने ठीक कहा था……मैंने ज्यादा खींचतान की तो दर्द होगा। ये सब बड़ा ही अजीब लग रहा था। मैं एक नाव में पूरी तरह से असहाय पड़ी थी। उसने मेरे टखने अलग किए तो मैंने आह भरी।

उसने मेरी जांघों के अंदरूनी हिस्से को चूमा तो मेरा बाकी शरीर भी सिहर उठा पर मैं चाहकर भी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे सकी। मैं अपने नितंब तक नहीं हिला सकती। मेरे पांव लटक रहे हैं। मैं हिल भी नहीं सकती।

“एना! तुम्हें ये सारा आनंद लेना ही होगा। बस तुम हिल-डुल नहीं सकतीं।” वह हौले से बोला और मेरी बिकनी के निचले हिस्सों के पास से चूमता चला गया। उसने बिकनी की तनियां खोलीं और वह ढेर हो गई। फिर वह मेरी नाभि को अपने दांतों से काटने और चूसने लगा।

ओह! मैं कराही……ये सब बहुत मुश्किल होने वाला है। मैं इस समय निर्वस्त्र हूं और पूरी तरह से उसके रहमोकरम पर हूं। अब वह मेरे वक्षस्थल से भी वही खेल खेल रहा है।

आह…..

“चुप्प………एना! तुम कितनी सुंदर हो।”

मैंने कुंठित हो कर सिसकारी भरी। अगर मैं सामान्य मुद्रा में होती तो बेशक अपने नितंबों को हिला कर पूरी प्रतिक्रिया देती पर अब तो मैं हिल तक नहीं सकती मैंने खीझते हुए अपने बंधनों पर जोर मारा। धातु मेरी त्वचा को काटने लगा।

आह! मैं चिल्लाई। पर मुझे आज इस बात की परवाह नहीं है।

“तुम मुझे दीवाना कर देती हो। आज मैं भी वही करने जा रहा हूं।” अब उसके शरीर का भार मुझ पर है, उसने फिर से अपना पूरा ध्यान मेरे वक्षस्थल पर लगा दिया है। वह मेरे स्तनों को अपने हाथों के स्पर्श से दीवाना बना रहा है। मैं भी दीवानीगी में झूम रही हूं। ओह प्लीज़! मत करो। रुक जाओ।

क्रिस्टियन! मैं उसके आगे गिड़गिड़ाई। उसने अपने उभार को मेरे बदन से सटाते हुए विजयी मुस्कान दी।

“क्या मैं तुम्हें इस तरह चरम सुख की सीमा तक ले जाऊं?” उसने हौले से कहा।

“तुम जानती हो कि मैं ऐसा कर सकता हूं।” उसने मेरे स्तनों को जोर से काटा और मैं आनंदातिरेक में चिल्ला उठी। मैंने इसी सनसनाहट के बीच अपनी हथकड़ियां भी झटक दीं।

“हां।” मैंने थरथराते हुए कहा

“ओह बेबी! ऐसे तो सब बहुत आसान हो जाएगा।”

ओह……प्लीज!!!

उसने मुझे चूमा और हमारे होंठ एक गहरी प्यास के साथ एक-दूसरे के होठों से जा मिले उसके मुंह से ठंडी जिन, ग्रे और समुद्री हवा की महक आ रही है। फिर उसने मेरे सिर को सही जगह पर टिकाने के लिए चिबुक थाम ली।

“बेबी! हिलो मत। मैं चाहता हूं कि तुम स्थिर रहो।” वह मुंह के पास आ कर बुदबुदाया।

“मैं तुम्हें देखना चाहती हूं।”

“अरे नहीं एना! इस तरह तुम ज्यादा गहराई तक एहसास ले सकती हो।” उसने धीरे-धीरे अपने बदन को हिलाना शुरू किया। सामान्यतः तो मैं भी ऐसी ही प्रतिक्रिया देती पर अभी तो शरीर का एक भी अंग हिलाना मुश्किल है।

“ओह क्रिस्टियन प्लीज!”

“फिर से कहो।”

“क्रिस्टियन!!!”

उसने थोड़ा और जोर दिखाया।

“क्या तुम मुझे चाहती हो?”

“हां।” मैं गिड़गिड़ाई।

“जल्दी बोलो!!!!!! ”

“मैं तुम्हें चाहती हूं।” मैंने थरथराते हुए कहा

“और मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा एना!”

जैसे ही वह मेरे भीतर समाया। मैं सिर पीछे कर चिल्ला उठी। मेरा पूरा शरीर एक मीठे और अनजाने से दर्द से घिरा है। ये एक अलग-सा एहसास है, जिसे बयां नहीं कर सकती।

“एना, तुम मुझे नीचा क्यों दिखाती हो?”

“क्रिस्टियन, बस करो!”

उसने मेरी बात को अनसुना किया और अपना काम जारी रखा।

“बताओ, ऐसा क्यों करती हो?” मैंने अंदाजा लगाया कि उसने ये बात भिंचे दांतों के साथ कही होगी।

मेरे मुंह से एक अजीब-सा सुर निकला। ये तो हद हो गई।

“बताओ।”

“क्या क्रिस्टियन?”

बोलो, मैं जानना चाहता हूं। उसने एक बार फिर से ज़ोर दिखाया और मैं जाने कहां पहुंचने लगी…… ये एहसास कितना गहरा है… इसने मेरे शरीर के हर अंग और रोम-रोम को जागृत कर दिया है। अब मुझे अपने अंगों को काट रही हथकड़ी की भी सुध नहीं है।

“मैं नहीं जानती”। मैं चिल्लाई “……क्योंकि मैं ऐसा कर सकती हूं। क्योंकि मैं तुमसे प्यार करती हूं क्रिस्टियन!”

उसने जोर से एक आह भरी और अपने काम में तेज़ी ले आया। मैं इस आनंद को महसूस करते हुए, कहीं खोती जा रही हूं। मेरा मन मेरे बस में नहीं रहा……मेरा शरीर मेरे बस में नहीं रहा। मैं इस सुख को पाने के लिए अपनी टांगें फैलाना चाहती हूं, पर ऐसा नहीं कर सकती…मैं बिल्कुल असहाय हुई पड़ी हूं । मैं अभी उसकी मर्जी पर हूं……उसकी दया पर हूं……मेरी आंखों से आंसू छलक उठे। यह सब बहुत गहन है। मैं उसे रोक नहीं सकती, मैं उसे रोकना नहीं चाहती……मैं चाहती हूं………मैं चाहती हूं………अरे नहीं। ये तो हद…….. हो गई।

“इस एहसास को…… महसूस करो बेबी!” क्रिस्टियन बोला।

मैं अपने चरम सुख के बीच झूल रही हूं और उसे महसूस करते हुए जोरों से चिल्लाती हूं। वह एक आग की तरह मेरे पूरे जिस्म में फैल गया है। मैं बुरी तरह से पस्त हूं, आंखों से आंसू बह रहे हैं- मेरा पूरा बदन कांप रहा है, थरथरा रहा है।

और मैं जानती हूं कि वह अब भी मेरे भीतर ही है। उसने एक झटके से मुझे अपनी गोद में खींच लिया। उसने एक हाथ से मेरे सिर को जकड़ा और दूसरे हाथ से उसे सहारा दिया। इसके बाद वह बड़े ही उग्र रूप से अपना काम करने लगा। मेरा शरीर अब भी अपने सुख के बीच झूम रहा है, कांप रहा है। ये पूरी तरह से पस्त होता जा रहा है। ओह……यही तो जन्नत है……यही तो जहन्नुम है। ये कैसी दीवानगी है……।

उसने आंखों का मास्क उतारा और मुझे चूमने लगा। उसने मेरी आंखें, नाक और गाल चूमे। उसने दोनों हाथों से मेरा चेहरा थामकर आंसू पोंछ दिए।

“मिसेज ग्रे! मैं तुमसे प्यार करता हूं।” उसने उखड़ी सांसों के बीच कहा

“बेशक! तुम मुझे दीवाना बना देती हो। मैं तुम्हारे साथ से बहुत जीवंत महसूस करता हूं। मेरे अंदर इतनी जान भी नहीं रही कि आंखें खोल दूं या उसे कुछ कहूं। उसने धीरे से मुझे बिस्तर पर लिटाया और बाहर आ गया।

मैंने कुछ कहना चाहा पर कह न सकी। उसने वे हथकड़ियां खोल दीं और धीरे-धीरे मेरी कलाईयों व टखनों को मलने लगा। फिर बिस्तर पर साथ लेट कर मुझे बांहों के घेरे में ले लिया। मैंने टांगें फैला दीं। ओह!!! कितना सुकून मिला। बेशक, मैंने आज से पहले इतना सुख कभी नहीं पाया था, ये तो जैसे हद ही हो गई थी।…हम्म… क्रिस्टियन ग्रे का सज़ा देने का अनूठा तरीका

मुझे तो निश्चित रूप से इस तरह का दुर्व्यवहार करते रहना चाहिए।

अचानक ही बाथरूम जाने की तीव्र इच्छा के साथ आंख खुली। जब मैंने आंखें खोलीं तो अचकचा गई। बाहर अंधेरा हो गया था। मैं कहां हूं? लंदन? पेरिस? ओह- नाव पर? मैंने नाव चलने की आवाज़ सुनी और हिचकोलों से अपने अनुमान को पक्का किया। क्रिस्टियन मेरे पास बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा है। उसने सफेद लिनन की कमीज़ के साथ ट्राउज़र पहन रखी है। उसके पांव नंगे हैं। बदन से बॉडी वाश की महक आ रही है और बाल गीले हैं। हम्म..

“हाय।” उसने अपनी प्यार भरी नज़रों से देख कर कहा

“हाय।” मैं अचानक ही लजा गई।

“मैं कब से सो रही हूं।”

“एक घंटे से ज्यादा हो गया।”

मैंने पिछली रात की सारी घटनाओं को मन ही मन दोहराया।

मैंने उससे पूछा

“हम कहां जा रहे हैं?”

“केन्स”

“अच्छा।” मैंने अंगड़ाई लेते हुए बदन को फैलाया। क्लाड का कोई भी प्रशिक्षण मेरे बदन को आज की इस दोपहर के लिए तैयार नहीं कर सकता था।

मैं हौले से उठकर आगे बढ़ी। मैंने झट से रेशमी चोगा पहन लिया। मैं अब भी क्रिस्टियन की नज़रों की ताब नहीं ला पाती और शरमा जाती हूं।

जब मैं अपने हाथ धो रही थी तो अचानक ही चोगा आगे से खुल गया। हैं!!! ये क्या। मैं खुद को शीशे में देखकर सिहर उठी।

ये इसने मेरे साथ क्या किया???