fifty shades of grey novel in Hindi: अगले दिन मैंने काम से लौट कर, मॉम को फोन किया। क्लेटन में काफी शांत दिन रहा था इसलिए मुझे सोचने के लिए काफी समय मिल गया था। मैं मि. सनकी के साथ कल हुई मुठभेड़ के बाद से काफी घबराहट में हूं। कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं उस अनुबंध के बारे में कुछ ज्यादा ही नकारात्मक रही होऊं? हो सकता है कि वह इन बातों को यूं ही हवा में उड़ा दे।
मेरी मॉम ने बहुत सारी माफियों के साथ सफाई दी कि वे मेरी ग्रेजुएशन वाले कार्यक्रम में नहीं आ सकेंगी। बॉब के किसी लिगामेंट में कोई मोच आ गई है और मॉम को उसकी तीमारदारी के लिए रुकना होगा। ईमानदारी से कहूं तो बॉब भी मेरी तरह ही है। बहुत जल्दी चोटिल हो जाता है। बेशक आराम तो आ ही जाएगा पर इस वजह से उनका आना संभव नहीं होगा।
“एना, हनी! आई एम सॉरी! “मॉम फोन में ही कलपने लगीं।
“मॉम! कोई बात नहीं। रे वहां होंगे। “
“एना! तू कैसी थकी-थकी सी बोल रही है। सब ठीक है न बेटा?”
‘‘हां, मॉम! काश आप जान पातीं कि मैं इन दिनों एक ऐसे पैसे वाले सनकी के साथ हूं जो मुझसे बड़े ही अजीब से यौन संबंध बनाने की हामी चाहता है, जिसके बारे में मैं कोई अता-पता नहीं रखती।’’
“क्या तुम किसी से मिली हो?”
” नहीं मॉम! अभी ऐसी कोई बात करने का मूड नहीं है “
“अच्छा डार्लिंग! वीरवार को मुझे सारा दिन तुम्हारी ही याद आएगी। आई लव यू…..और तुम जानती हो डार्लिंग। “
मैंने अपनी आंखें बंद कीं और उनके शब्दों ने मुझे भीतर से रोशन कर दिया।
“लव यू टू मॉम! बॉब को मेरी ओर से हाय कहना। उम्मीद करती हूं कि वे जल्दी ही ठीक हो जाएंगे। “
“हां, हनी! कह दूंगी। बाय! “
“बाय! “
मैं फोन के साथ अपने बेडरूम में ही मंडरा रही थी। मैंने यूं ही मशीन ऑन की और ई-मेल प्रोग्राम खोल लिया। कल देर रात या आज अलसुबह क्रिस्टियन का ई-मेल आया हुआ है, आप चाहे जो भी समझ लें। मेरे दिल की धड़कन अचानक ही तेज़ हो गई। हाय……..कहीं उसने इंकार न कर दिया हो? हो सकता है कि उसने डिनर ही रद्द कर दिया हो। ये सोच ही कितनी पीड़ादायी है। मैंने इस सोच को दिमाग से झटका और ई-मेल खोला।
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: तुम्हारे मुद्दे
डेट: मई 24, 2011 01:27
टू: एनेस्टेसिया स्टील
डियर मिस स्टील,
यहां मैं तुम्हारे मुद्दों पर थोड़ा विस्तार से चर्चा करना चाहता हूं। क्या मैं तुम्हें सबमिसिव शब्द के कुछ अर्थ व परिभाषाएं बता सकता हूं
विनम्र सेवक, आसानी से वश में आने वाला, लचीला, घरेलू, पालतू, सहज अनुगामी, दब्बू, आज्ञाकारी, विनम्र, विनीत, आज्ञाकारिता, विनम्रतापूर्वक आदि।
विपरीत-विद्रोही या आज्ञा न मानने वाला
मूल-1580-90
तुम मेरी सेक्स गुलाम बनने के लिए हामी देने आ रही हो इसलिए इन शब्दों को ध्यान में रखना।
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स इंक
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट:
डेट: मई 24, 2011 18:29
टू: क्रिस्टियन ग्रे
सर! मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी कि आपने जो अर्थ दिए हैं। उनका मूल बहुत पुराना है और हम 2011 में जी रहे हैं। हम तब से बहुत प्रगति कर चुके हैं:
क्या मैं आपको अपनी अगली मुलाकात के लिए कुछ बता सकती हूं:
समझौता
दो लोगों के बीच आपसी रजामंदी से तय की गई बातें, आपसी मतभेदों को भुला कर तय किए गए मुद्दे, किसी रजामंदी का परिणाम, विभिन्न जान पड़ने वाली बातों के बीच तालमेल आदि…।
एना
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: मेरे मुद्दे
डेट: मई 24, 2011 18:32
टू: एनेस्टेसिया स्टील
मिस स्टील! हमेशा की तरह बढ़िया बात कही। मैं तुम्हें कल अपार्टमेंट से सात बजे ले लूंगा।
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स इंक
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट: 2011 – औरातें भी गाढ़ी चला सकती है
डेट: मई 24, 2011 18:40
टू: क्रिस्टियन ग्रे
सर,
मेरे पास एक कार है। मैं कार चला सकती हूं।
मैं आपसे कहीं मिलना चाहूंगी।
क्रिस्टियन ग्रे सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स इंककहां मिलने आऊं?
आपके होटल में सात बजे?
एना
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: अड़ियल नवयुवती
डेट: मई 24, 2011 18:43
टू: एनेस्टेसिया स्टील
डियर मिस स्टील,
मैं 24 मई 2011 को 1:27 पर भेजी गई मेल और उसमें दी गई परिभाषा का संदर्भ देना चाहूंगा
क्या तुमने कभी सोचा कि तुम वही कर पाओगी, जो तुमसे करने को कहा जाएगा?
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स इंक
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट: हठी इंसान
डेट: मई 24, 2011 18:49
टू: क्रिस्टियन ग्रे मि. ग्रे मैं ड्राइव करना चाहूंगी।
प्लीज़
एना
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: खिझाऊ इंसान
मई 24, 2011 18:52
डेट: टू: एनेस्टेसिया स्टील
अच्छा। मेरे होटल में शाम सात बजे। मैं तुम्हें मार्बल बार में मिलूंगा।
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स इंक
फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील
सब्जैक्ट: इंसान इतना हठी भी नही है
डेट: मई 24, 2011 18:55
टू: क्रिस्टियन ग्रे धन्यवाद
एना
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: खिझाऊ युवती
डेट: मई 24, 2011 18:59
टू: एनेस्टेसिया स्टील
तुम्हारा स्वागत है।
क्रिस्टियन ग्रे
सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स इंक
मैंने रे को फोन किया तो वह साल्टे लेक सिटी की किसी सॉकर टीम के सांउडर्स को खेलते देख रहे थे इसलिए हमारी बातचीत काफी छोटी रही। वे वीरवार को ग्रेजुएशन समारोह के लिए आने वाले हैं। वे उसके बाद मुझे खाने के लिए कहीं बाहर ले जाना चाहते हैं। रे से बात करके अचानक ही दिल भारी हो आया और गले में कुछ अटक सा गया। मॉम के रोमानी तमाशों के बीच वे हमेशा मेरा सहारा बन कर खड़े रहे हैं। हम दोनों का नाता बहुत ही खास है। भले ही वे मेरे सौतेले पिता हैं पर उन्होंने हमेशा मुझे अपनी बेटी से बढ़कर चाहा है। मुझसे तो उन्हें देखे बिना रहा नहीं जा रहा। बहुत समय पहले मुलाकात हुई थी। इस समय मुझे उनके साथ और दुलार की सख्त जरूरत है। हो सकता है कि मैं अपने भीतरी रे को कल की मुलाकात के लिए दिशा दे सकूं।
केट और मैंने रेड वाइन के साथ पैकिंग पर ध्यान दिया। जब हम बिस्तर पर गए तो मेरे कमरे का तकरीबन सामान पैक हो गया था, मैंने खुद को शांत महसूस किया। हर चीज़ को पैक करने के काम ने मन को अच्छे से उलझाए रखा और अब मैं थकान महसूस कर रही हूं। मैं पूरी रात की भरपूर नींद चाहती हूं। मैं बिस्तर में घुसी और जल्द ही सो गई।
पॉल न्यूयॉर्क में किसी फाइनेंसिंग कंपनी में अपनी इंटर्नशिप शुरू करने से पहले प्रिंसटन लौट आया है। आज वह सारा दिन स्टोर में मेरे पीछे घूम-घूम कर डेट के लिए पूछता रहा। उसने तो खिझा कर रख दिया।
“पॉल! मैं तुमसे सैकड़ों बार कह चुकी हूं कि आज तुम्हारे साथ जाना संभव नहीं है। आज मेरी किसी और के साथ डेट है। “नहीं, तुम झूठ कह रही हो। तुम मुझे बहकाने के लिए ऐसा कह रही हो। तुम्हारी कोई डेट नहीं है। तुम हमेशा मुझसे ऐसे ही पेश आती हो। “
‘‘हां…शुक्र है कि तुम्हें अंदाज़ा हो गया।’’
“पॉल! मुझे नहीं लगा कि बॉस के भाई के साथ डेट पर जाने में कोई अक्लमंदी होगी। “
“शुक्रवार को तो तुम यह जगह छोड़ ही रही हो। तुम कल से यहां काम नहीं करोगी। “
“और मैं शनिवार को सिएटल में मिलूंगी। तुम जल्द ही न्यूयॉर्क चले जाओगे। कोशिश करने पर भी इससे ज्यादा दूर नहीं हो सकते। वैसे भी आज शाम मेरी डेट है। “
“जोस के साथ?”
“नहीं “
“किसके साथ?”
“पॉल…… “ओह! ये तो जान नहीं छोड़ने वाला। ‘क्रिस्टियन ग्रे’। “मैं अपने सुर की खीझ दबा नहीं पाई पर ये तरीका कारगर रहा। पॉल का मुंह खुला का खुला रह गया। वह हैरानी से मुझे ताकने लगा। ओह! यहां तक कि उसका नाम ही लोगों को हैरत में डाल देने के लिए काफी है।
“तुम क्रिस्टियन ग्रे के साथ डेट कर रही हो?” उसने सदमे से उबर कर पूछा। उसकी आवाज़ में छिपा अविश्वास भांपा जा सकता था।
“हां “
अच्छा। पॉल दंग था और मेरे भीतर बैठी लड़की ने उसे गंदे व अश्लील तरीके से ईशारा करते हुए मुस्कान दी।
इसके बाद उसने मुझे अनदेखा किया और मैं पूरे पांच बजे वहां से बाहर थी।
केट ने मुझे आज और कल के समारोह के लिए दो जोड़ी पोशाक और जूते उधार दिए थे। काश! मैं भी अपने कपड़ों की खरीददारी पर ध्यान दे पाती पर ये सब मेरे बस की बात नहीं है। तो तुम्हारे बस में क्या है? एनेस्टेसिया? क्रिस्टियन ग्रे का प्यार से पूछा गया सवाल मेरे दिमाग में कौंधने लगा। मैंने गर्दन झटक कर अपनी घबराहट पर काबू पाया। आज शाम के लिए मैरून रंग की कॉकटेल ड्रेस चुनी है, बेशक दिखने में थोड़ा व्यावसायिक लुक देती है पर मैं भी तो एक अनुबंध पर सौदेबाज़ी करने ही जा रही हूं।
मैं नहाई, अपनी टांगें व बगलें शेव कीं और सिर धो कर बालों को सुखाने में पूरा आधा घंटा लगाया ताकि उसकी लटें मेरी छातियों और पीठ पर लहरा जाएं। फिर बालों को चेहरे के एक ओर ले जाते हुए कंघी से अटका दिया। थोड़ा सा मस्कारा और लिपग्लॉस लगाया। मैं कभी मेकअप नहीं करती, मुझे इससे डर लगता है। मेरी कोई भी साहित्यिक नायिका कभी मेकअप नहीं करती थी-अगर वे करतीं तो शायद मुझे भी इस बारे में काफी जानकारी होती। मैंने पोशाक से मेल खाते उंची एड़ी के सैंडिल पहने और छह बज कर तीस मिनट तक तैयार हो गई।
“कैसी लग रही हूं?” मैंने केट से पूछा
उसने दांत दिखाए।
“वाह! एना तू तो चमक गई। “उसने गर्दन हिलाई। हॉट लग रही है।
“हॉट! मैं तो बिज़नेस वूमन दिखना चाह रही थी। “
“हां, वह भी लग रही है पर ये पोशाक और रंग तुझ पर सूट कर रहे हैं और ये तेरे शरीर से कुछ ज्यादा ही चिपकी हुई है। “उसने कहा
“केट!” मैंने फटकारा
“एना! सच बोल रही हूं। कुल मिलाकर सारा पैकेज मस्त है। समझ, वह तो तेरे काबू आ गया। “
मेरे चेहरे पर गंभीर रेखाएं खिंच गईं। ओह! तू क्या जाने केट कि आज क्या होने वाला है।
मुझे अपनी शुभकामनाएं दे। “
“तुझे डेट के लिए शुभकामनाएं चाहिए?” उसने हैरानी से भवें नचाईं।
“हां, केट। “
“अच्छा-गुडलक! “उसने मुझे गले से लगाया और मैं गेट से बाहर आ गई।
मुझे अपनी वांडा-सीब्ल्यू बीटल को नंगे पांव ही चलाना होगा क्योंकि इसे हील पहन कर नहीं चलाया जा सकता। मैं छह बज कर अट्ठावन मिनट पर हीथमैन पहुंची और कार की चाबियां पार्किंग के लिए दीं। उसने मेरी बीटल को बड़ी हैरानी से देखा पर मैंने अनदेखा कर दिया। मैंने एक गहरी सांस ली और हिम्मत बटोरते हुए होटल में कदम रखा।
क्रिस्टियन यूं ही बार के पास झुका खड़ा है। उसके हाथ में व्हाइट वाइन का एक गिलास है। उसने काली जींस, काली टाई व काली जैकेट के साथ सफेद लिनन की कमीज़ पहनी हुई है। बाल हमेशा की तरह बिखरे हुए हैं। मैंने आह भरी। मैं कुछ सेकेंड तक वहीं खड़ी उसे निहारती रही। उसने घबराहट से प्रवेश द्वार की ओर झांका और अचानक मुझे देखते ही स्थिर हो आया। पहले दो बार पलकें झपकाईं और फिर एक अलसाई सी मीठी मुस्कान से मुझे वश में कर लिया। मैंने पूरी कोशिश की अपना होंठ न काटूं। मैं आगे बढ़ी और मुझेपता था कि आज अबड़खाबड़ देश की रानी एनेस्टेसिया स्टील हाई हील में है इसलिए सोचकर कदम रखना था। वह अपने सधे अंदाज़ में आगे आया।
“तुम तो कमाल दिख रही हो। मिस स्टील! कहना ही पड़ेगा। “उसने मेरी बांह थामी
और एक कोने में ले गया। उसने वहीं से वेटर को संकेत किया।
“तुम क्या लेना चाहोगी?”
मेरे होंठों पर एक छिपी मुस्कान खेल गई और मैं बूथ में बैठकर सोचने लगी कि शुक्र है आज कम से कम पूछ तो रहा है।
“मैं वही लूंगी, जो तुम ले रहे हो, प्लीज़। “देखा मैं कितने अच्छे तरीके से पेश आ सकती हूं। उसने मुग्ध भाव से एक और गिलास सैंसेरी का ऑर्डर दिया और मेरे साथ बैठ गया।
“यहां का वाइन सेलर ज़बरदस्त है। “उसने मेज पर कोहनियां रखते हुए अंगुलियों से अपनी चिबुक थाम ली। आंखों में कुछ अजीब से जीवंत भाव थे और अचानक मैं फिर से वही खिंचाव और आकर्षण महसूस करने लगी। मैं बेचैनी से अंदर ही अंदर पलटी। मुझे खुद को शांत रखना होगा।
“क्या तुम घबरा रही हो?” उसने प्यार से पूछा
“हां “
वह आगे झुका
“मैं भी! “वह धीरे से बोला। मेरी आंखें उसकी आंखों से टकराईं- क्रिस्टियन ग्रे और घबराहट? मैंने पलकें झपकाईं और वह मुस्कुराने लगा। वेटर एक प्लेट में मिक्स नट्स व ऑलिव के साथ मेरा ऑर्डर ले आया।
“तो हम यह सब कैसे तय करने जा रहे हैं?” मैंने अपने बिंदुओं पर नज़र मारते हुए पूछा
“मिस स्टील! आप हमेशा की तरह अधीर हैं। “
“वैसे मैं यह भी पूछ सकती हूं कि आज के मौसम के बारे में आपका क्या कहना है?”
वह मुस्कुराया और एक ऑलिव अपने मुंह में डाल लिया। उसके मुंह की ओर आंखें जाते ही जाने मैं लजा सी गई।
“मुझे तो लगा कि आज का मौसम बड़ा ही आम था। “
“मि. ग्रे क्या आप मेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं?”
“जी हां मिस स्टील! “
“क्या तुम जानते हो कि यह अनुबंध कानूनी रूप से मान्य नहीं है। “
“मिस स्टील! मुझे इस बारे में अच्छी तरह पता है। “
“क्या तुम मुझे ये बात अपने-आप बताते?”
उसने त्योरी चढ़ाईं- “तुम सोचती हो कि पहले तुम्हें मैं तुम्हारी मर्जी के खिलाफ उलझा लेता और फिर दिखावा करता कि तुम तो कानूनी रूप से बंधी हो?”
“हां “
“तो तुम मेरे बारे में कोई खास अच्छी राय नहीं रखतीं?”
“तुमने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया।
“एनेस्टेसिया! इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वह कानूनी तौर पर मान्य है या नहीं? यह हम दोनों के बीच तय की गई एक व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमें बताती है कि मैं तुमसे क्या चाहूंगा और तुम मुझसे क्या अपेक्षा रख सकती हो। यदि तुम्हें पसंद नहीं है तो तुम साइन मत करो। यदि साइन करने के बाद भी तुम्हें ये पसंद नहीं आता तो ऐसे कई रास्ते हैं, जिनके माध्यम से तुम अलग हो सकती हो। अगर ये कानूनी तौर पर लागू होता भी तो तुम्हें क्या लगता है कि मैं आगे जाकर तुम पर जबरदस्ती मनमानी करता और तुम्हें अदालत में घसीटता?”
मैंने शराब का एक लंबा घूंट लिया। भीतर बैठी लड़की ने कंधे पर थपकी दी। हिम्मत रख और दिमाग के ताले बंद मत होने देना। ज्यादा शराब भी मत पी।
“रिश्ते ईमानदारी और भरोसे की नींव पर टिकते हैं। अगर तुम मुझ पर भरोसा नहीं करती-तो मुझ पर भरोसा करो ताकि तुम जान सको मैं तुम पर किस तरह से असर डाल रहा हूं, मैं तुम्हारे साथ कितनी दूर तक जा सकता हूं, तुम्हें कितनी दूर तक ले जा सकता हूं-अगर तुम मेरे साथ ईमानदार नहीं हो सकतीं तो बेशक हम यह सब नहीं कर सकते। “
ओह! वह मुझे कितनी दूर तक ले जा सकता है।
“तो एनेस्टेसिया! बात बिल्कुल साफ है। तुम मुझ पर भरोसा करती हो या नहीं?” उसकी
आंखें तेजी से दहक रही थीं।
“क्या तुमने पिछली…पंद्रह के साथ भी ऐसी ही चर्चा की थी। “
“नहीं “
“क्यों नहीं?”
“क्योंकि वे सब पहले से इस काम से जुड़ी थीं। वे जानती थीं कि वे मुझसे इस रिश्ते में क्या चाहती थीं और मैं उनसे क्या अपेक्षा रख सकता था। उनके साथ तो बस थोड़ी-बहुत बातचीत और कोमल सीमाओं की चर्चा ही करनी पड़ती थी। “
“क्या तुम किसी स्टोर से उन्हें लाते थे “
वह हंसा- “नहीं, ऐसा तो नहीं है। “
“तो कैसे?”
“तुम यही सब चर्चा करना चाहती हो? या हम दूसरी बातों पर गौर कर लें? तुम्हारे
मुद्दे, जैसा कि तुमने कहा। “
ये उपन्यास ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ किताब से ली गई है, इसकी और उपन्यास पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – fifty shades of grey(फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे)
मैंने थूक निगला। क्या मैं उस पर भरोसा करती हूं? क्या यह सारी बात भरोसे पर टिकी हैं? बेशक यह दोतरफा होना चाहिए। मुझे याद है कि जब मैंने जोस को फोन किया था तो वह कैसे पेश आया था।
“क्या तुम्हें भूख लगी है?” उसने मेरी सोच को भंग कर दिया।
‘‘अरे नहीं……खाना’’
“नहीं “
“क्या आज कुछ खाया था?”
मैंने उसे घूरा। ईमानदारी………हाय! उसे मेरा जवाब पसंद नहीं आने वाला।
“नहीं!” मैंने छोटा सा उत्तर दिया।
“एनेस्टेसिया! तुम्हें खाना होगा। हम यहां या मेरे सुईट में खा सकते हैं। तुम क्या चाहोगी?”
“मुझे लगता है कि हमें लोगों के बीच या उनके आसपास ही खाना चाहिए। “
उसके चेहरे पर उदासी से भरी मुस्कान तिर आई।
“क्या तुम्हें लगता है कि ऐसा होने पर मैं रुक जाऊंगा?” उसने मुझे बड़े ही उत्तेजक तरीके से चेतावनी दी।
मेरी आंखें फैल गईं और मैंने फिर से थूक निगला।
“उम्मीद तो यही है। “
“आओ! मैंने एक निजी डाइनिंगरूम बुक किया है। वहां लोग नहीं होंगे। “उसने एक मुस्कान के साथ बूथ से बाहर आते हुए मेरी तरफ हाथ बढ़ा दिया।
“अपनी वाइन ले लो। “वह हौले से बोला
मैं अपना हाथ उसके हाथ में देकर उठ गई और दूसरे हाथ में अपना गिलास थाम लिया। वह मुझे बार के पीछे से जा रही सीढ़ियों से मीज़ेन अ लोर तक ले गया। वहां हीथमैन का एक आदमी हमारे स्वागत के लिए खड़ा था।
“मि. ग्रे! इस ओर से आएं। “
हम उसके पीछे चलते-चलते एक छोटे से डाइनिंग रूम तक पहुंचे। बस एक ही मेज लगा था। कमरा छोटा पर आलीशान था। चमचमाते फानूस के नीचे फैले मेज पर लिनन, क्रिस्टल के गिलास, चांदी की कटलरी और सफेद गुलाबों का गुलदस्ता देखते ही बन रहे थे। लकड़ी के पैनल वाले कमरे में मानो किसी पुराने युग का सौंदर्य लौट आया हो। वेटर ने मेरी कुर्सी खींची और मैं बैठ गई। उसने नैपकिन मेरी गोद में रख दिया। क्रिस्टियन मेरे सामने बैठा तो मैंने उसे कनखियों से देखा।
“अपना होंठ मत काटो। “वह हौले से बोला।
“हाय! मुझे पता ही नहीं कि मैं कब अपना होंठ काटने लगी। “
“मैंने पहले से ही ऑर्डर कर दिया है। उम्मीद करता हूं कि तुम बुरा नहीं मानोगी। “
“सच कहूं तो अच्छा ही लगा। मैं उस समय किसी भी तरह के निर्णय लेने की मन:स्थिति में नहीं थी।
“नहीं! ठीक है। “मैंने कहा।
“जानकर अच्छा लगा कि तुम ऐसा बर्ताव भी कर सकती हो। तो हम कहां थे?”
वहीं छोटी-मोटी बातें। मैंने एक घूंट भरा। ये सचमुच स्वादिष्ट है। क्रिस्टियन ग्रे को वाइन की गहरी समझ है। मुझे अपने पलंग पर उसके मुंह से मिला शराब का घूंट याद आ गया और मेरा चेहरा लाल हो गया।
“हां, तुम्हारे मुद्दे। “उसने जैकेट की जेब से कागज का एक टुकड़ा निकाला। वह तो मेरा ई-मेल था।
“क्लाज़ नंबर 2। मैं सहमत हूं। यह हम दोनों के फायदे के लिए है। मैं इसे ठीक करवा दूंगा। “
मैंने पलकें झपकाईं। हाय! क्या हम एक-एक कर सारे बिंदुओं पर इसी तरह चर्चा करेंगे। मुझे नहीं लगता कि मैं इतनी बहादुर हूं। यह तो पूरी तरह से तैयार लग रहा है। मैंने एक और घूंट भरा…तभी क्रिस्टियन बोला
“मेरा यौन स्वास्थ्य। वैसे मेरे पिछले सभी साथियों ने रक्त की जांच करवाई थी और मैं स्वयं हर छह माह सभी संभावित रोगों से बचाव के लिए सारे टेस्ट करवाता हूं। मेरे सारे टेस्ट बिल्कुल ठीक थे। मैंने आज तक नशे की दवाएं नहीं लीं। दरअसल मैं उनके बुरी तरह से खिलाफ हूं। मेरी अपने कर्मचारियों से भी यही उम्मीद रहती है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगे। कोई भी नशा करता पाया गया तो उसके साथ कोई सहानुभूति नहीं रखी जाएगी। समय-समय पर मैं उनकी जांच भी करवाता रहता हूं। “
वाउ!………सबको नियंत्रण में रखने वाला सनकी पगला गया है……मैंने सदमे में आकर पलकें झपकाईं।
“मैंने आज तक ब्लड ट्रांसफ्यूज न नहीं करवाया। क्या तुम्हें तुम्हारे सवाल का जवाब मिल गया?”
मैंने हामी भरी।
“तुम्हारे अगले बिंदु के बारे में मैं पहले ही कह चुका हूं। एनेस्टेसिया! तुम किसी भी समय छोड़कर जा सकती हो। मैं तुम्हें रोकूंगा नहीं। अगर तुम जाती हो तो सब वहीं खत्म हो जाएगा। बस! “
“ओ.के.। “मैंने धीरे से कहा। मेरे जाते ही सब खत्म हो जाएगा। यह सोच ही पीड़ादायी थी।
वेटर हमारे पहले कोर्स के साथ आ गया। मैं खा कैसे सकती हूं? उसने बर्फ की परत पर ऑयस्टर ऑर्डर किए हैं।
“उम्मीद करता हूं कि तुम्हें अच्छे लगेंगे। “उसने कहा।
“मैंने पहले कभी नहीं खाए। कभी नहीं। “
“सच्ची! उसने एक उठाया। देखो, बस इसे मुंह में डालो और निगलो। मुझे लगता है कि तुम ऐसा कर सकती हो। “उसने कहा और मैं मन ही मन यह सोचकर पानी-पानी हो गई कि वह किसी ओर इशारा कर रहा था। उसने खीसें निपोरीं और एक और ऑयस्टर पर नींबू का रस छिड़क कर उसे मुंह में डाल लिया।
“हम्म! स्वादिष्ट। समुद्र का ताज़ा स्वाद। “
“तुम भी खा
ओ न। “उसने हौंसला बढ़ाया।
“तो, मुझे इसे चबाना नहीं है?”
“नहीं एनेस्टेसिया! “उसकी आंखों में एक अलग सी चमक दिखी।
मैंने अपने होंठ काटे और वह मुझे सख्ती से देखने लगा। मैंने झट से एक ऑयस्टर उठा लिया……अब भी कुछ नहीं बिगड़ा। उस पर नींबू का रस छिड़का और झट से निगल लिया। वह सीधा मेरे गले से उतरता चला गया। समुद्र का पानी, नमक, नींबू का तीखा रस और मांस का स्वाद…ओह! मैंने अपने होंठ चाटे और वह मुझे गहरी आंखों से देख रहा है।
“कैसा लगा?”
“एक और लूंगी। “मैंने कहा।
“अच्छी बच्ची! “उसने गर्व से कहा।
“क्या तुमने जान कर इन्हें चुना है? क्या ये अपनी कामोत्तेजक विशेषता के लिए नहीं जाने जाते?”
“नहीं! ये मेन्यू की पहली आइटम थे। मुझे तुम्हारे पास आने के बाद ऐसी चीजें लेने की जरूरत नहीं पड़ती। मुझे पता है कि तुम जानती हो। मेरे पास आकर तुम्हारा भी यही हाल होता है। “उसने कहा।
“तो कहां थे हम?” वह मेरा ई-मेल देखने लगा तो मैंने एक और ऑयस्टर उठा लिया।
उसका भी मेरे जैसा हाल होता है। मैं उस पर असर डाल सकती हूं……वाउ! “
“हर बात में मेरा हुक्म मानना। हां, मैं चाहता हूं कि तुम ऐसा ही करो। तुम्हें ऐसा करना ही होगा। एनेस्टेसिया! इसे एक रोल-प्ले की तरह लो। “
“पर मुझे चिंता है कि तुम मुझे चोट पहुंचाओगे। “
“तुम्हें चोट पहुचाअंगा कैसे?”
“शारीरिक रूप से। “
…और भावनात्मक रूप से भी।
“क्या तुम्हें सचमुच लगता है कि मैं ऐसा करूंगा। तुम्हारी सीमा से परे जाकर तुम्हें चोट पहुंचाअंगा। “
“तुमने एक बार कहा था कि तुमने किसी को चोट पहुंचाई थी। “
“हां, पर वह तो बहुत पहले की बात है। “
“तुमने वह कैसे किया था?”
“मैंने उसे अपने प्लेरूम की छत से टांग दिया था। दअरसल वह तुम्हारे सवालों में से एक है। प्लेरूम में वे खूंटियां इसलिए ही लगाई गई हैं। रोप प्ले। रस्सियों में से एक रस्सी बहुत कस कर बांधी गई थी। “
मैंने अपना हाथ उठाकर उसे चुप रहने की विनती की।
“मैं और नहीं जानना चाहती। तो क्या तुम मेरे साथ भी ऐसा करोगे?”
“नहीं! अगर तुम न चाहो तो ऐसा नहीं होगा। तुम इसे एक कठोर सीमा बना सकती हो। “
“ओ.के.। “
“तो आज्ञा मानना, तुम्हें लगता है कि तुम कर लोगी?”
उसने मुझे घूरा।
“मैं कोशिश कर सकती हूं। “मैंने कहा।
“गुड। अब समय की बारी है। तीन महीने की बजाए एक महीने की कोई तुक नहीं बनती। खासतौर पर तब, जब तुम मुझसे पहले ही महीने में एक वीकएंड अपने लिए मांग रही हो। मुझे नहीं लगता कि मैं तुमसे इतने लंबे समय तक अलग रह सकूंगा। मैं अब यह सब नहीं सह सकता। “
वह मुझसे दूर नहीं रह सकता। क्या?
“अगर हर महीने तुम्हें एक वीकएंड में एक दिन मिले तो कैसा रहेगा, पर उस सप्ताह में, मैं सप्ताह के बीच वाली एक रात भी लूंगा। “
“ओ. के.। “
“और प्लीज़। इसे तीन महीने का करने की कोशिश करो। अगर तुम्हें अच्छा न लगे तो तुम कभी भी जा सकती हो। “
तीन महीने? मैंने खुद को संभालने के लिए एक घूंट शराब और ऑयस्टर का सहारा लिया। मैं इन्हें पसंद करना सीख सकती थी।
“मालिकाना हक वाली बात, वह तो बस यूं ही लिखा गया है। इसका मतलब बस यही है कि अगर तुम एक सेक्स गुलाम के रूप में मेरी सीमाएं लांघोगी तो मैं वही करूंगा, जो मैं चाहूंगा। तुम्हें उसे स्वेच्छा से स्वीकारना होगा। तभी तो मैं चाहता हूं कि तुम मुझ पर भरोसा करो। मैं कहीं भी, कभी भी, किसी भी तरह तुमसे शारीरिक संबंध बना सकता हूं। मैं तुम्हें अनुशासन में रखूंगा ताकि तुम्हें सिखा सकूं कि तुम मुझे खुश कैसे रख सकती हो। “
“पर मैं जानता हूं कि तुमने आज से पहले यह सब कभी नहीं किया इसलिए पहले-पहल हम सब कुछ सहज भाव से धीरे-धीरे करेंगे और मैं तुम्हारी मदद करूंगा। मैं चाहता हूं कि तुम मेरा भरोसा करो पर मैं यह भी जानता हूं कि मुझे तुम्हारा भरोसा जीतना होगा और मैं जीत ही लूंगा। “
वह इस समय कितने जुनून और आवेग से भरा दिखाई दे रहा है। बेशक ये उसका जुनून है…वह ऐसा ही है…। मैं उस पर से अपनी आंखें नहीं हटा पा रही। उसने बोलना बंद किया और मुझे घूरने लगा।
“क्या तुम मुझे सुन रही हो “? उसने उन्हीं नज़रों के बीच अपनी वाइन से एक घूंट भरा।
वेटर दरवाजे के पास आया और उसका संकेत पाते ही मेज खाली कर दी।
“क्या तुम और वाइन लेना चाहोगी?”
“मुझे गाड़ी चला कर जाना है। “
“तो थोड़ा पानी?”
“हां “
“सादा या स्पार्क्लिंग?”
“स्पार्क्लिंग प्लीज़। “
वेटर चला गया।
“तुम बहुत चुप हो। “क्रिस्टियन बोला।
“और तुम बहुत बोल रहे हो। “
वह मुस्कुराया।
“अनुशासन। एनेस्टेसिया! आनंद और पीड़ा के बीच की विभाजक रेखा बहुत बारीक होती है। वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। किसी एक के बिना, दूसरे का अस्तित्व हो ही नहीं सकता। मैं तुम्हें दिखा सकता हूं कि पीड़ा भी कितनी आनंददायी हो सकती है। तुम अभी मुझ पर भरोसा नहीं करतीं पर मैं भरोसे की बात बार-बार इसलिए करता हूं। वहां पीड़ा तो होगी पर ऐसा कुछ नहीं होगा, जिसे तुम सह न सको। सब भरोसे की बात है। एना! तुम्हें मुझ पर भरोसा है?”
“एना! “
“हां! मैं भरोसा करती हूं। “मैंने बिना सोचे-समझे जवाब दे दिया क्योंकि यह सच था-मुझे उस पर भरोसा था।
ऐसा लगा कि उसे सुन कर अच्छा लगा। “बाकी बातें तो बस यूं ही हैं। “
“नहीं, वे भी महत्त्व रखती हैं। “
“ठीक है, उनके बारे में भी बात कर लेते हैं। “
मेरा सिर उसके शब्दों से चकरा रहा है। मुझे केट का डिजीटल रिकॉर्डर साथ लाना चाहिए था ताकि उसकी बातें दोबारा सुन सकूं। यहां इतनी सूचना मिल रही है कि एक साथ पचानी भारी हो रही है। वेटर दोबारा प्रकट हो गया। इस बार वह ब्लैक कॉड, अस्पारागस व हॉलंडेस सॉस के साथ मसले हुए आलू लाया था।
“उम्मीद करता हूं कि तुम्हें मछली पसंद आएगी। “क्रिस्टियन ने कहा।
मैंने अपने पानी से एक घूंट भरा और मन ही मन सोचा कि काश वह वाइन होती।
“नियम! चलो उनकी बात कर लें। भोजन के ऊपर मामला बिगड़ सकता है?”
“हां। “
“क्या मैं थोड़ा परिवर्तन करते हुए कह सकता हूं कि तुम दिन में कम से कम तीन बार खाओगी?”
“नहीं! मैं इस मामले में कुछ नहीं सुनना चाहती। मुझे क्या खाना चाहिए, यह किसी को बताने का हक नहीं है। हां, बेशक मेरे शरीर पर तुम्हारा हक होगा पर मेरी भूख पर… कभी नहीं! “
उसने होंठ भींचे। “मुझे पता होना चाहिए कि तुम भूखी नहीं हो। “
मैंने त्योरी चढ़ाई। “क्यों? तुम्हें मुझ पर भरोसा करना होगा। “
वह मुझे एक पल तक घूरता रहा और फिर शांत हो गया।
“मिस स्टील। मैं तुम्हें खाने और सोने के मामले में छूट देता हूं। “
“मैं तुम्हें देख क्यों नहीं सकती?”
“ये तो मालिक/गुलाम वाली बात है। तुम्हें इसकी आदत हो जाएगी। “
क्या सच में ऐसा होगा?
“मैं तुम्हें छू क्यों नहीं सकती?”
“क्योंकि तुम नहीं छू सकतीं?”
उसके चेहरे पर कड़ी रेखाएं घिर आईं।
“क्या यह मिसेज रॉबिन्सन की वजह से है?”
उसने सवालिया निगाहों से देखा। तुम्हें ऐसा क्यों लगा? और अचानक वह समझ गया। “तुम्हें लगा कि उसने मुझे सताया होगा?”
मैंने हामी भरी।
“नहीं एनेस्टेसिया! वह इसका कारण नहीं है। वैसे भी वह मेरे साथ ऐसा कोई संबंध नहीं रखती थीं। “
ओह! पर मैं तो रखती हूं। मैंने होंठ फुलाए।
“तो इस बात से उनका कोई लेना-देना नहीं है। “
“नहीं और मैं नहीं चाहता कि तुम मुझे छुओ। “
“क्या? अरे हां, वह हस्तमैथुन वाला क्लॉज़… “
“बस यूं ही पूछ लिया……क्यों?”
“क्योंकि मैं तुम्हारे सारे आनंद पर अपना हक चाहता हूं। “उसने कड़े शब्दों में कहा।
ओह…मेरे पास कोई जवाब नहीं था। एक ओर तो वह मेरा होंठ काटना चाहता है और दूसरी ओर इतना स्वार्थी है। मैंने मछली का एक कौर लिया और मन ही मन सोचने लगी कि मुझे क्या-क्या छूट मिली। खाना और सोना। वह सारे मामले को धीरे-धीरे आगे ले जाएगा और अभी हमने कोमल सीमाओं की चर्चा नहीं की है। पर मुझे नहीं लगता कि मैं खाने के दौरान उनके बारे में बात कर सकूंगी।
“मैंने तुम्हें सोचने के लिए बहुत कुछ दे दिया, है न?”
“हां। “
“क्या तुम कोमल सीमाओं पर चर्चा करना चाहोगी?”
“खाना खाते हुए तो नहीं?”
वह मुस्कुराया।
“जी मितलाता है?”
“हां! कुछ ऐसा ही मान लो। “
“तुमने तो कुछ खाया ही नहीं।
“मैंने काफी खा लिया है।’’
“तीन ऑयस्टर, चार कौर मछली और एक छोटी गुच्छी अस्पारागस। न आलू, न मेवे, न ऑलिव; तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया हुआ था। तुम कहती हो कि मैं तुम पर भरोसा कर सकता हूूं। “
हे भगवान! ये तो पूरा हिसाब रखता है।
“क्रिस्टियन! प्लीज़ ये कोई रोज़मर्रा का आम दिन नहीं है। मैं रोज़ बैठकर इस तरह की बातचीत नहीं करती। “
“मैं चाहता हूं कि तुम पूरी तरह से सेहतमंद और फिट रहो। “
“मैं जानती हूं। “
“और अभी तुम्हें इस पोशाक से बाहर निकालना चाहता हूं। “
मैंने अपना थूक निगला। केट की पोशाक से बाहर। पेट में अजीब-सी खलबली होने लगी। वह फिर से अपना सबसे अच्छा हथियार मुझ पर आज़माना जा रहा है-सेक्स!
“मुझे तो ये कोई अच्छा उपाय नहीं लगता। हमने तो मीठे में भी कुछ नहीं खाया। “
“तुम कुछ मीठा खाना चाहती हो?” वह झपटा।
“हां। “
“वह तो तुम ही हो सकती थी। “
“मुझे नहीं लगता कि मैं इतनी मीठी हूं। “
“एनेस्टेसिया! तुम कितनी मीठी हो, यह तो मैं जानता हूं। “
“क्रिस्टियन! तुम सेक्स को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हो। “यह सही नहीं है।
मैंने अपने हाथों को घूरते हुए कहा और फिर सीधा उसकी आंखों में झांका।
उसने हैरानी से भवें उठाईं और मेरे शब्दों पर विचार करने लगा।
“तुमने ठीक कहा। मैं ऐसा ही करता हूं। एनेस्टेसिया! जीवन में आप वही तो करते हैं,
जो आप जानते हैं। इस तथ्य से इस बात पर कोई अंतर नहीं पड़ता कि मैं तुम्हें कितना चाहता हूं। यहीं और अभी! “
वह मुझे अपनी आवाज़ से ही किस तरह उत्तेजित कर लेता है? मैं पहले से ही हांफ रही हूं। नसों में खून तेजी से दौड़ रहा है और सारे स्नायु कांप रहे हैं।
“मैं कुछ आज़माना चाहूंगा। “उसने कहा मैंने त्योरी चढ़ाई। उसने हाल ही में इतनी कहानियां सुनाई हैं और अब यह सब करना चाहता है।
“अगर तुम मेरी ‘सब’ यानी सेक्स गुलाम होतीं तो तुम्हें यह सब सोचना न पड़ता। ये सब काफी आसान होता। वे सारे फैसले और सारी प्रकियाएं भुलाकर वही करो, जो मैं कहता हूं। भूल जाओ कि क्या होना चाहिए? क्या ये हो सकता है? तुम्हें किसी चीज़ के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं एक मालिक के तौर पर कह रहा हूं और मैं ये भी जानता हूं कि एनेस्टेसिया! इस समय तुम भी मुझे चाहती हो। “
मेरी भवें तिरछी हो आईं। वह यह सब कैसे कह सकता है?
“मैं कह सकता हूं क्योंकि… “
हाय! यह तो मेरे बिना कहे सवाल का भी जवाब दे रहा है। क्या ये मन की बातें भी जान लेता है……।
“तुम्हारा शरीर ही सब कह जाता है…तुम अपनी जांघें दबा रही हो। तुम घबरा रही हो और सांस भी उथली हो गई है। “
ओह! अब तो अति हो गई।
‘‘तुम्हें मेरी जांघों के बारे में कैसे पता?” मैंने हौले से पूछा। वे तो मेज के नीचे हैं। उसे कैसे पता?
“मैंने मेज के कपड़े को हिलते देखा और अंदाज़ा लगा लिया। मुझे बरसों का अनुभव भी तो है। मैं ठीक हूं न?”
मैंने घबराकर अपने हाथ देखने शुरू कर दिए। मैं तो कभी इस खेल में इससे जीत ही नहीं सकती। वही इस खेल के सारे नियम समझता है। मैं बिल्कुल ही नौसिखिया और अनाड़ी हूं। मैं केट से ही इस बारे में पूछ सकती हूं और वह मर्दों से ऐसे रिश्ते नहीं रखती। बाकी सारे संदर्भ तो काल्पनिक हैं। मेरी नायिकाएं कैसी प्रतिक्रियाएं देतीं?
“मैंने अभी खाना खत्म नहीं किया। “
“तुम मेरे बजाय ठंडी मछली खाना चाहती हो?”
“मैंने सोचा कि तुम्हें अच्छा लगेगा। “
“मिस स्टील! इस समय मुझे तुम्हारे खाने की परवाह नहीं है। “
“क्रिस्टियन! तुुम सही नहीं कर रहे। “
“मैं जानता हूं। मैं कभी नहीं करता। “
मेरे भीतर बैठी लड़की ने त्योरी चढ़ाई। तुम ऐसा कर सकती हो। उसने बहलाया-इस सेक्स गॉड से उसका ही खेल, खेल कर दिखा। क्या मैं कर सकती हूं? ओ.के.। क्या करूं? मैंने झट से एक गुच्छी अस्पारागस उठाकर मुंह में धर ली और उसे चूसा।
क्रिस्टियन की आंखें हल्की सी सिकुड़ीं।
“एनेस्टेसिया! तुम क्या कर रही हो?”
मैंने खाते हुए कहा।
“अपना खाना खा रही हूं। “
क्रिस्टियन अपनी ही सीट में पलटा।
“मुझे लगता है कि तुम मुझसे खेल रही हो। “
“नहीं, मि. ग्रे! मैं तो खाना खा रही हूं। “
वेटर भी अचानक बिना पूछे अंदर आ गया। पहले तो क्रिस्टियन ने आंख दिखाई लेकिन फिर उसे मेज खाली करने की इजाजत दे दी। वेटर प्लेेटें उठाने लगा और उसका जादू टूट गया। मैंने उसी पल में तय किया कि अब जाना ही होगा। अगर मैं यहां रुक गई तो यह मुलाकात एकतरफा ही रह जाएगी। मुझे ऐसी गहरी बातचीत के बाद अपने लिए थोड़ा समय चाहिए। बेशक मेरा शरीर उसके स्पर्श के लिए तड़प रहा है पर मन बगावत पर उतारू है। मुझे उसकी बातों पर गौर करने के लिए थोड़ी दूरी चाहिए। मैंने अभी कोई फैसला नहीं किया और उसके इस कामुक आकर्षण व शक्ति के आगे तो बाकी सब और भी मुश्किल हो जाएगा।
“क्या तुम मीठे में कुछ लेना चाहोगी?” क्रिस्टियन ने भले मानस की तरह पूछा पर उसकी आंखें अब भी दहक रही हैं।
“नहीं, धन्यवाद! “मेरे हिसाब से मुझे चलना चाहिए।
“जाना है?” वह अपने आश्चर्य को छिपा नहीं पाया।
वेटर हड़बड़ाहट में निकल गया।
हां। यही सही फैसला है। अगर मैं यहां रही तो इसके साथ शारीरिक संबंध बनाने होंगे। मैं कुछ सोचकर खड़ी हो गई। “कल हम दोनों को ग्रेजुएशन समारोह में जाना है। “
क्रिस्टियन भी अपनी सभ्यता का तकाज़ा छोड़ नहीं पाया और साथ ही खड़ा हो गया।
“मैं नहीं चाहता कि तुम जाओ…। “
“प्लीज़……मुझे जाना होगा। “
“क्यों?”
“क्योंकि तुमने मुझे कई तरह के विचारों से लाद दिया है……और मुझे कुछ दूरी चाहिए। “
“मैं तुम्हें आसानी से रोक सकता हूं। “उसने धमकी दी।
“हां, मैं जानती हूं पर चाहती नहीं कि तुम ऐसा करो। “
उसने मुझे ध्यान से देखते हुए बालों में हाथ फिराए।
“पता है, जब तुम पहली बार मेरे ऑफिस में आई थीं तो तुम्हारे मुंह से ‘जी सर’,
‘नहीं सर’ के सिवा कुछ निकल ही नहीं रहा था। मुझे लगा कि तुममें तो गुलामों वाली आदतें जन्मजात हैं। पर सही कहूं तो एनेस्टेसिया! किसी के हुक्म पर चलना तुम्हारे खून में ही नहीं है। “वह कहते हुए आगे बढ़ा। उसकी आवाज़ भारी हो गई थी।
“हो सकता है कि तुम ठीक कह रहे हो। “मैंने सांस ली।
“मैं तुम्हारी संभावना के अन्वेषण का अवसर चाहता हूं। वह मुझे घूरते हुए हौले से बोला। “फिर आगे आकर मेरे निचले होंठ पर अपना अंगूठा फिराने लगा। “एनेस्टेसिया! मुझे कोई और तरीका नहीं आता। मैं ऐसा ही हूं। “
“मैं जानती हूं। “
वह मुझे चूमने के लिए झुका पर पहले मानो उसकी आंखें मुझसे इजाजत मांगने लगीं। मैंने भी अपने होंठ आगे कर दिए और उसने उन्हें चूम लिया। पता नहीं क्यों, ऐसा लगा कि
कभी उसे दोबारा चूम भी पाऊंगी या नहीं?” मैंने अपने हाथों को उसके बालों में जाकर घूमने की छूट दे दी और उसकी पकड़ भी कड़ी होती चली गई। वह लगातार चूम रहा था।
“मैं तुम्हें यहां ठहरने के लिए लुभा नहीं सका। “उसने चुंबनों की बौछार के बीच कहा।
“नहीं! “
“मेरे साथ एक रात बिताओ। “
“और तुम्हें हाथ भी न लगाऊं। क्यों?”
वह कराहा।
“तुम बड़ी ही ज़बरदस्त लड़की हो। “उसने मुझे फिर से घूरा।
“मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि तुम मुझसे हमेशा के लिए विदा ले रही हो। “
“क्योंकि मैं अब जा रही हूं। “
“मेरा यह मतलब नहीं था और तुम भी यह जानती हो। “
“क्रिस्टियन! मुझे इस बारे में सोचना होगा। पता नहीं, मैं तुम्हारे साथ इस तरह का कोई संबंध चाहती भी हूं या नहीं। “
उसने आंखें बंद कर, मेरे माथे से अपना माथा सटा दिया और हम दोनों को ही सांस लेने का मौका मिल गया। फिर उसने मेरा माथा चूमकर गहरी सांस ली, मेरे बालों में अपनी नाक घुसाते हुए हाथ हटाए और कदम पीछे ले लिया।
“मिस स्टील! जैसा तुम चाहो।” उसका चेहरा भावहीन था। मैं तुम्हें लॉबी तक छोड़ दूंगा। उसने अपना हाथ आगे किया। मैंने झुक कर पर्स उठाया और हाथ उसके हाथों में दे दिया। ओह! यह ऐसा भी कर सकता है। मैं चुपचाप उसके साथ लॉबी तक आई। अगर मैंने न कहने का फैसला लिया तो बेशक यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। जैसे मेरे दिल को कोई भीतर ही भीतर ऐंठ रहा था। यह सब कितना पीड़ादायी होता है।
“क्या तुम्हारे पास वालेट टिकट है?”
मैंने क्लच पर्स में हाथ डाला और उसने उसे दरबान को दे दिया। मैंने उसे कनखियों से देखा।
“डिनर के लिए थैंक्स! “
“मिस स्टील! ये मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। “उसने विनम्रता से कहा। हालांकि वह अपने ही विचारों में पूरी तरह से खोया और भटका हुआ था। मैंने उसे कनखियों से देखा और उसके सुंदर चेहरे को आंखों में भर लिया। यह सोचकर ही कलेजा दरक रहा था कि शायद दोबारा उससे नहीं मिल सकूंगी। वह अचानक मुड़कर मुझे घूरने लगा और चेहरे के भाव गहरा गए।
“तुम इस वीकएंड पर सिएटल जा रही हो। अगर तुमने सही फैसला लिया तो क्या हम इतवार को मिल सकते हैं?” उसने हिचकते हुए पूछा।
“मैं देखती हूं। “हो सकता है। पल भर के लिए जैसे उसे चैन आ गया और फिर चेहरे के भाव गंभीर हो गए।
“बाहर ठंड है। क्या तुम्हारे पास जैकेट नहीं है?”
“नहीं “
उसने खीझ कर सिर हिलाया और अपनी जैकेट उतार दी।
“ये लो। मैं नहीं चाहता कि तुम्हें सर्दी लग जाए। “
मैंने उसे देखकर पलकें झपकाईं और उसने जैकेट को मेरे कंधों पर डाल दिया। मुझे उससे पहली मुलाकात याद आ गई। तब भी उसने मुझे मेरी जैकेट इसी तरह दी थी। वही खिंचाव आज तक बरकरार है बल्कि पहले से भी ज्यादा गहरा गया है। उसकी जैकेट गर्म है……काफी बड़ी पर इसमें से उसकी महक आ रही है……उम्म यम्मी!
मेरी कार बाहर आ गई।
मेरी कार देखकर क्रिस्टियन का मुंह खुला का खुला रह गया।
“तुम यह चला कर आई हो?” वह हतप्रभ था। वह मेरा हाथ पकड़कर बाहर ले गया। दरबान ने बाहर आकर चाबियां मुझे दे दीं। क्रिस्टियन ने उसके हाथ पर कुछ पैसे धर दिए।
“क्या ये सड़क पर चलने लायक है? उसने खीसें निपोरीं।
“हां “
“क्या यह सिएटल जाएगी?”
“हां! जाएगी। “
“सुरक्षित रूप से?”
“हां। माना ये पुरानी है पर मेरी है और सड़क पर चलने के लायक है। मेरे सौतेले पिता ने इसे मेरे लिए खरीदा था। “
“ओह एनेस्टेसिया! मुझे लगता है कि हम इससे बेहतर प्रबंध कर सकते हैं। “
“कहना क्या चाहते हो? तुम मुझे कार खरीद कर नहीं दे रहे हो। “
उसने मुझे घूरा और जबड़े सख्त हो गए।
“देखेंगे। “
उसने ड्राइवर वाला दरवाजा खोला और मुझे अंदर जाने दिया। मैंने हील उतारीं और शीशा नीचे किया। वह बड़ी हैरानी से मुझे देख रहा है।
“ध्यान से जाना। “
“गुडबाय क्रिस्टियन! “मेरी आवाज़ छिपाए गए आंसुओं से भर्रा रही है। ओह! मैं आऊंगी नहीं! मैंने उसे छोटी-सी मुस्कान दी।
जैसे ही गाड़ी चली तो आंसू रोकना भारी हो गया और मैं सुबकियां भरने लगी। समझ नहीं आ रहा था कि मैं रो क्यों रही हूं? मैं तो अपनी बात पूरी करके आई थी। उसने सब कुछ साफ-साफ समझा दिया। वह मुझे चाहता है पर सच्चाई यह है कि मैं और भी ज्यादा चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि वह भी मुझे उसी तरह चाहे, जैसे मैं चाहती हूं। अंदर ही अंदर मैं यह भी जानती हूं कि यह कभी संभव नहीं हो सकता। मैं भावुक हो उठी हूं।
मैं तो ये भी नहीं जानती कि उसे किस श्रेणी में रखूं? अगर यह सब करती हूं तो क्या वह मेरा ब्यायफ्रेंड कहलाएगा…? क्या मैं उसे दोस्तों से मिला सकूंगी? उसके साथ बार, सिनेमा और बाउलिंग गेम के लिए जा सकूंगी? सच तो यह है कि मैं शायद ऐसा कुछ नहीं कर सकूंगी। वह मुझे खुद को छूने तक नहीं देगा और मेरे साथ सोएगा नहीं। मैं जानती हूं कि अब तक यह नहीं हुआ पर मैं आने वाले समय के लिए तो सब चाहती हूं। और उसका आने वाला कल ऐसा नहीं है।
अगर मैंने हां कहा और उसने तीन महीने बाद न बोल दिया तो? अगर वह मुझे बदलने में नाकामयाब रहा तो? मैं कैसा महससू करूंगी? मैं उन सब बातों में तीन महीने भावनात्मक रूप से भी लगा दूंगी, जिन्हें मैं शायद सही नहीं मानती? अगर तब उसने मुझे नकार दिया तो क्या मैं यह कष्ट सह सकूंगी? शायद यही बेहतर होगा कि मैं अपनी बचा-खुचा स्वाभिमान समेट कर पैर पीछे हटा लूं।
पर उसे दोबारा न देख पाने या उससे न मिल पाने की सोच भी तो कितनी पीड़ादायी है। वह कितनी आसानी से मेरी रूह में समा गया है। यह सिर्फ सेक्स का असर तो नहीं हो सकता…… क्या ऐसा हो सकता है? मैंने आंसुओं को उमड़ने दिया और मैं अपनी भावनाओं को उसके लिए परखना भी नहीं चाहती। डरती हूं कि अगर जान गई तो क्या होगा? मैं क्या करने जा रही हूं?
मैंने घर के बाहर गाड़ी पार्क की। बत्तियां बंद हैं। इसका मतलब है कि केट बाहर गई हुई है। अच्छा ही है, मैं नहीं चाहती कि वह मुझे दोबारा रोता देखे। मैंने कपड़े बदलते हुए लैप ऑन कर दिया। वहां क्रिस्टियन का ई-मेल इंतज़ार में था।
फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे
सब्जैक्ट: आज रात
डेट: मई 25, 2011 22:01
टू: एनेस्टेसिया स्टील
डियर मिस स्टील,
मैं समझ नहीं सका कि तुम आज शाम भाग क्यों आईं? मैं उम्मीद करता हूं कि मैंने पूरी ईमानदारी से तुम्हारे सभी सवालों के जवाब दिए हैं। बेशक तुम्हें बहुत कुछ सोचना होगा और उम्मीद करता हूं कि तुम मेरे प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करोगी। मैं सचमुच इस रिश्ते को कारगर बनाना चाहता हूं। हम सब कुछ सहज भाव से लेंगे।
भरोसा करो! क्रिस्टियन ग्रे सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक उसका ई-मेल पढ़कर तो मैं और भी रोई। मैं कोई जायदाद नहीं हूं। मैंने उसे जवाब भी नहीं दिया। समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या कहूं। मैं बिस्तर में लेटकर उन सारी परिस्थितियों के बारे में सोचने लगी, जब उसने मुझे खुद से दूर रहने को कहा था।
एनेस्टेसिया! तुम्हें मुझसे दूर रहना चाहिए। मैं तुम्हारे लिए नहीं बना हूं।
मैं गर्लफ्रेंड वगैरह में यकीन नहीं रखता।
मैं रोमानी किस्म के लोगों में से नहीं हूं मैं प्यार नहीं करता।
मैं तो बस यही जानता हूं।
जब मैं तकिए में मुंह दिए रो रही थी तो दिमाग में आखिरी बात यही आई। मैं भी यही जानती हूं। शायद हम दोनों मिलकर कोई नया रास्ता तय कर सकें।
