Why is the knot of marriage loosening?
Why is the knot of marriage loosening?

Marriage Bond: अमेरिका के मशहूर लेखक एच. जैक्सन ब्रा ने लिखा है कि विवाह को सफल बनाने के लिए आपको हर सुबह नए सिरे से शुरुआत करनी होती है। विवाह एक खूबसूरत अहसास है, जो दो नए लोगों को नये स्तर से जीवन जीने का मौका देता है।

शादी का मतलब है- सुख-दु:ख में एक-दूसरे का साथ देना। लेकिन वर्तमान में शादी कुछ लोगों के लिए बोझ बन जाती है कि जिससे वो जल्द से जल्द निकलना चाहते हैं। अखबार, टीवी और इंटरनेट में तलाक की, खबरों की भरमार सी लगी रहती है। शादी के कुछ महीने बाद ही सेलेब्स से लेकर
आम आदमी तक तलाक लेकर अपना जीवन बिता रहे हैं। हमारे भारतीय समाज में आज भी तलाक को सही नहीं माना जाता है। तलाक की खबरें अभी भी दबी हुई जुबान से लोगों को बताई जाती है। अभी जो तलाक के खबरें सामने आ रहे हैं उसमें कई अलग-अलग कारण हैं, केरल में जो एक मामला सामने आया है, उसमें लड़की दहेज की समस्या से परेशान होकर अपने शौहर से तलाक लेकर घर लौट आई। शादी के सात साल बाद साइना नेहवाल ने पति से अलग होने की घोषणा को लेकर लोगों को चौंका दिया। हालांकि ये दोनों दोबारा साथ आ गए हैं। महिला पहलवान दिव्या काकरन भी पति से अलग हो गईं। आंकड़ों की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक
साल 2005 में तलाक लेने की दर 0.6 प्रतिशत थी वहीं 2019 में 1.1 प्रतिशत हो गई है। शहर और गांव दोनों ही जगह तलाक के मामले बढ़ गए हैं।

व्यस्त जीवनशैली

किसी भी रिश्ते की नींव बातचीत होती है। शहरों में पति और पत्नी दोनों नौकरी करते हैं ऐसे में दोनों के पास समय नहीं होता है। आपसी बातचीत नहीं होने के कारण दोनों के बीच गलतफहमियां बढ़ने लगती है जिसकी वजह से रिश्तों में खटास आने लगती है। आजकल लड़कियों के भी सपने होते हैं
जिन्हें पूरा करने के लिए वो जी जान लगा देती हैं। सफलता हमेशा आपका 100 प्रतिशत मांगता है। बहुत कम ही लोग होते हैं जो सबकुछ संभाल लेते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य के कारण टूट रहे रिश्ते

Relationships are falling apart due to mental health
Relationships are falling apart due to mental health

करियर, परिवार की टेंशन और बच्चों के परवरिश की उलझन में पति-पत्नी ऐसे उलझ जाते हैं कि उनके रिश्ते के बीच खटास आने लगती है जिसकी वजह से उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने की वजह से भी लोगों के बीच आपस में खटपट होती रहती है और ये खटपट एक दिन तलाक तक पहुंच जाती है।

अत्यधिक संघर्ष और बहस

संयुक्त परिवार में सास-ससुर के साथ रहने से भी कई बार पार्टनर के साथ अनबन होती रहती है। एडजस्मेंट करते-करते जब दोनों थक जाते हैं तो आपसी समझ से तलाक ले लेते हैं। घरेलू हिंसा, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, रिश्ते को कमजोर करती है और तलाक का कारण बन सकती है।

विवाहेतर संबंध

शहरों में विवाहेतर संबंध के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लड़के हो या लड़कियां उन्हें जब घर से ज्यादा प्यार या मोहब्बत बाहर वाले से मिलने लगता है तो वो धीरे-धीरे उनके मोह में फंसकर अपने पूर्व पति या पत्नी से दूर होने लगते हैं। जानकारों की मानें तो शादीशुदा जोड़ों के बीच रोमांस की कमी, सेक्सुअल डिजायर पूरी न कर पाना, भावनात्मक रिश्ता मजबूत नहीं होना और वित्तीय तौर पर मजबूत न होना भी शामिल हो सकता है। अफेयर की वजह से भी तलाक के मामले बढ़ रहे हैं।

महिला सशक्तीकरण

महिलाएं अब पहले की तरह सब कुछ बर्दाशत करके नहीं रह रही हैं। वो पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर हो गई हैं।

पहले की तरह अब तलाक को गलत नहीं समझा जा रहा है। लोग खुशी-खुशी भी तलाक ले रहे हैं और मिलकर बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। सामाजिक मानदंडों में अब बदलाव होने की वजह से लोगों के तलाक अब बहुत सामान्य हो गया है। आजकल लोग शादी को पूरे जीवन भर की
प्रतिबद्धता नहीं मान रहे हैं अगर शादी सही नहीं चल रही है तो लोग तलाक ले रहे हैं। सुजैन और रितिक रोशन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। पिछले साल एक महिला ने अपनी तलाक को
भी सेलिब्रेट किया था।

आत्मनिर्भरता की वजह से महिलाओं को जब लगता है कि चीजें बदतर हो रही हैं या वो एडजस्ट नहीं करती हैं तो वह खराब रिश्ते से बाहर निकलना ही बेहतर समझती हैं।

महिला हो या पुरुष हर किसी को अपने पार्टनर से शादी के बाद कई तरह की अपेक्षाएं रहती हैं। शादी के बाद लाइफ में कई बदलाव आ जाते हैं। इस बदलाव को कई कपल एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं।
अतिव्यापी अपेक्षाओं को पूरा नहीं हो पाना भी तलाक का कारण बन रहा है।

समय के साथ-साथ पति-पत्नी के लक्ष्य और उनकी जिंदगी में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं जिसे शादीशुदा जोड़े स्वीकार नहीं कर पाते हैं। मूल्यों और रुचियों में आए बदलाव की वजह से भी जोड़े अलग रहना शुरू कर देते हैं।

किसी भी बुरे संबंध में रहने से अच्छा है कि आप अकेले रहें। पूर्व सिविल सेवक, शिक्षक, लेखक और व्याख्याता विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि 25 से 35 साल की उम्र में सबसे ज्यादा तलाक होते हैं। इस उम्र में तलाक बढ़ने की सबसे बड़ी वजह होती है कि जोड़े बड़े हसीन सपने लेकर शादी करते
हैं लेकिन कुछ महीने बाद ही जिम्मेदारी बढ़ने की वजह से परेशान हो जाते हैं। इस उम्र में वो लोग तवे की तरह गरम रहते हैं थोड़ा-सा कुछ होता है वो फट जाते हैं।
40 की उम्र में या उसके बाद जो तलाक होता है वह शांत माहौल में होता है। बच्चों के बड़े होने के बाद ये लोग चुपचाप अलग हो जाते हैं क्योंकि लोगों को लगता है कि अब तो कुछ ही दिन बचें, इसे अच्छे से जी लिया जाए। अगर दो लोग जिंदगी ढो रहे हैं तो इससे अच्छा है कि अपने आपको अच्छे संबंध में रहें। जिंदगी में हर गलती के लिए एक माफी मिलती है, अगर कोई गलत संबंध में बंध गया है तो उसे पूरा अधिकार है कि वह इस रिश्ते से निकल जाए।

Don't take the decision of divorce in haste
Don’t take the decision of divorce in haste

भावना में या जल्दबाजी में आकर तलाक लेने का फैसला नहीं लेना चाहिए, ये बहुत बड़ा फैसला होता है। मनोवैज्ञानिक और अच्छे वकील से राय और विमर्श करके ही फैसला लें। अगर जरूरी है तो ही तलाक लें।

Don't take the decision of divorce in haste
Don’t take the decision of divorce in haste

अभिनेत्री पवलीन गुजराल ने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में महिलाओं को हर क्षेत्र में अवसर मिल रहे हैं जिसका फायदा उठाकर वह अपने आपको सशक्त बना रही हैं। पुरुषों के पास महिलाओं के जितने विकल्प नहीं है। आत्मनिर्भरता की वजह से महिलाएं पहले की तरह अब गलत
चीज बर्दाशत नहीं कर रही हैं। इस वजह से भी तलाक के मामले समाज में बढ़ रहे हैं।

सपना झा गृहलक्ष्मी पत्रिका में बतौर सोशल मीडिया मैनेजर और सीनियर सब एडिटर के रूप में साल 2021 से कार्यरत हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में ग्रेजुएशन और गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता...