कन्या पूजन के बाद कलश का क्या करें? जान लीजिए पूजा के समापन का सही नियम: What To Do With Kalash
What To Do With Kalash

Overview: कन्या पूजन के बाद कलश का क्या करें?

What to do with Kalash water after pooja: नवरात्रि का त्यौहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इन 9 दिनों में माता की सेवा की जाती है और उनके विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसे तो साल में 4 नवरात्रि आती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का अपना एक खास महत्व है। चैत्र नवरात्रि के दौरान ऐसी मान्यताएं हैं कि माता दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का अंत किया था। ऐसे में इस दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त विधि-विधान के साथ माता रानी की पूजा करते हैं।

What to do with Kalash water after pooja(What To Do With Kalash): नवरात्रि का त्यौहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इन 9 दिनों में माता की सेवा की जाती है और उनके विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसे तो साल में 4 नवरात्रि आती है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का अपना एक खास महत्व है। चैत्र नवरात्रि के दौरान ऐसी मान्यताएं हैं कि माता दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का अंत किया था। ऐसे में इस दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त विधि-विधान के साथ माता रानी की पूजा करते हैं।

इस दौरान कलश स्थापना भी की जाती है। लोग कलश तो स्थापित कर लेते हैं, लेकिन पूजा खत्म होने पर उसका क्या करना चाहिए इसकी जानकारी बहुत से लोगों को नहीं है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कन्या पूजन के बाद कलश का क्या करना चाहिए?

Also read: दुर्गा पूजा में इन 10 परंपराओं का है खास महत्व, इसके बिना अधूरी है मां दुर्गा की पूजा: Durga Puja Worship Tips

कलश स्थापना का है महत्व

What To Do With Kalash
Importance of establishing Kalash

चैत्र नवरात्रि में कलश की स्थापना भी की जाती है। इस दौरान अखंड ज्योति भी प्रज्वलित की जाती है, जो पूरे 9 दिनों तक जलती है। पूजा के 9 दिन कन्या पूजन के बाद इन सभी चीजों का क्या करना चाहिए। इसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते। कई बार लोग इन चीजों को पूजा के बाद पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे छोड़ देते हैं, जो कि सही नहीं है। यह गलती आपकी पूजा को विफल कर सकती है।

नवरात्रि में कलश का विसर्जन कब करना चाहिए

नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने पर रामनवमी के दिन कलश और पूजा की अन्य सामग्री को अपने स्थान से हटाना चाहिए। इन्हें हटाने के बाद इनका विसर्जन सही प्रकार से करना चाहिए। इस बात का खास ख्याल रखें कि कलश विसर्जन हमेशा कन्या पूजन के बाद ही करना चाहिए।

कलश विसर्जन की सही विधि क्या है?

Kalash Flower Rangoli
What is the correct method of immersing the urn?

नवमी तिथि को कन्या पूजन के बाद ही आपको कलश को विसर्जित करना चाहिए। इसकी अपनी पूरी एक विधि है।

  • इसके लिए सबसे पहले सारी पूजन सामग्री को एक साफ कपड़े या थैले में बांधे लें।
  • इसके बाद कलश के ऊपर रखे नारियल और चुनरी को अलग-अलग कर लें।
  • इसके बाद दशमी के दिन कलश को किसी भी जगह पर बहते जल में प्रवाहित कर दें। ध्यान रहे जल स्वच्छ होना चाहिए।
  • इसके अलावा इस बात का भी ख्याल रखें कि कलश विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। तभी आपको पूजा का पूरा फल मिलेगा।

कलश पर रखे नारियल का क्या करें?

पूजा का समापन होने के बाद कलश के ऊपर रखे नारियल को आप प्रसाद के तौर पर लाल कपड़े में बांधकर अपने धन वाले स्थान या तिजोरी में रख सकते हैं। इसके बाद किसी भी शुभ दिन आप इसे नदी में प्रवाहित कर दें।

कलश में रखे हुए जल का पूजा के बाद क्या करें?

 Kalash
What to do with the water kept in the Kalash after worship?

पूजा होने के बाद कलश में रखे जल को आप पूरे घर में छिड़क सकते हैं। इसके बाद जो भी जल बचता है उसे गमले में डाल दें। इसे किसी गंदी जगह जैसे नाली या वॉश बेसिन में बहाने की गलती बिल्कुल ना करें।

मेरा नाम निक्की कुमारी है। मैं पिछले 2 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मैंने अब तक कई बड़े मीडिया हाउस के साथ फ्रीलांसर के तौर पर काम किया है। मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मुझे...