Video Game Effects: मानसिक विकास-मोबाइल फोन अब बड़ों के साथ ही बच्चों की जिंदगी का भी अहम हिस्सा बन गए हैं। बच्चे हों या बड़े औसतन दिन के दो से चार घंटे सभी मोबाइल पर बिता रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की होती है कि बच्चे मोबाइल पर गेम्स खेलते हैं। अक्सर माना जाता है कि वीडियो गेम या मोबाइल गेम्स खेलने से बच्चों के सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाती है, उनका वाहन मानसिक विकास रुक जाता है, वे किसी भी बात पर ध्यान देना बंद कर देते हैं, कुछ समझ नहीं पाते और वे पढ़ाई से दूर हो जाते हैं।
लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में इन सभी दावों को गलत बताया है। ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी की एक शोध का दावा है कि दावों के उलट वीडियो गेम खेलने वाले बच्चों का मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है। नेशनल साइंस फाउंडेशन की इस रिसर्च में सामने आया कि वीडियो गेम खेलने से बच्चों के सोचने समझने की क्षमता पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके उल्ट वे जल्द फैसला ले पाते हैं।
ऐसे किया गया शोध

यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी झांग के अनुसार इस रिसर्च में 160 शहरों के बच्चों को शामिल किया गया। इन बच्चों में हर आयु और आय वर्ग के बच्चे सम्मिलित किए गए। शोध में शामिल कुल बच्चों में से 70 फीसदी कम आय वाले परिवारों के बच्चों थे। इन बच्चों में से अधिकांश प्रतिदिन औसतन ढाई घंटे वीडियो गेम खेलने में व्यतीत करते थे। वहीं कुछ बच्चे साढ़े चार घंटे वीडियो गेम खेलते थे। इन बच्चों के अध्ययन के बाद सभी का कॉग्निटिव एबिलिटी टेस्ट लिया गया।
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ये आया टेस्ट का परिणाम

शोधकर्ताओं के अनुसार कॉग्निटिव एबिलिटी टेस्ट के परिणाम चौंकाने वाले थे। इसमें ओरल टेस्ट और क्वांटिटेटिव सवाल किए गए। हर बच्चे के टेस्ट के लिए एक ही स्टैंडर्ड तरीका अपनाया गया। इसके बाद अलग-अलग कैटेगरी के गेम्स और उन्हें खेलने के समय के अनुसार नतीजे तैयार किए गए। इस कॉग्निटिव एबिलिटी टेस्ट में शामिल बच्चों का मानसिक विकास अच्छा पाया गया। वहीं कुछ गेम्स ने बच्चों की लर्निंग क्षमता बढ़ाने में मदद भी की।
ऐसी सूरत में उठाने चाहिए कदम

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर बच्चा सिर्फ गेम्स पर ही ध्यान दे रहा है तो पेरेंट्स को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। क्योंकि गेमिंग लिमिट में ही बच्चे के लिए सही है। अगर बच्चे के बिहेवियर में बदलाव आ रहे हैं तो आपको इसका ध्यान रखना होगा। बच्चों को वीडिया या मोबाइल गेम्स हमेशा निगरानी में ही खिलने दें। हालांकि एक सीमा तक गेम खेलना बच्चे के लिए हानिकारक नहीं है। बच्चों को ऐसे वीडियो गेम और मोबाइल गेम डाउनलोड करके दें, जिससे उन्हें कुछ सीखने का मौका मिले।
