Phishing Attack Meaning and Tips

Phishing Attack: आधुनिक जमाना टेक्नोलॉजी का है, जिसका उदाहरण हर काम के लिए डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल है। बिज़नेस शुरू करने से लेकर बिज़नेस चलाने तक का काम आप घर बैठे कर सकते हैं। हालांकि टेक्नोलॉजी जितना अधिक विकसित होती जा रही है उतने ही साइबर अपराध भी बढ़ते जा रहे है। साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए रोजाना नए-नए तरीके डेवलप कर रहे हैं। उनके ठगी के इन तरीकों के बारे में हम अक्सर खबरों में पढ़ते या देखते हैं।
समस्त साइबर अपराधों में फिशिंग अटैक भी शामिल है।

जिस तरह मछली को पकड़ने के लिए फिशिंग किया जाता है ठीक उसी तरह ठग लोगों के साथ धोखाधड़ी के लिए गोपनीय जानकारी को चुराने के लिए फिशिंग करते हैं। और कई लोग इसका शिकार भी बन चुके हैं। खाकर वह जिन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल की कम जानकारी है। हम आपको इसी साइबर अपराध के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको फिशिंग अटैक कहा जाता है और साइबर अपराध की दुनिया में ये काफी लोकप्रिय भी है।

क्या होता है फिशिंग अटैक?

फिशिंग अटैक वो साइबर क्राइम है, जिसमें हैकर्स आपकी निजी जानकारियां जैसे-बैंक अकाउंट इनफार्मेशन, सोशल मीडिया अकाउंट लॉगिन इनफार्मेशन, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स आदि चुरा लेते हैं। इसमें हैकर्स आपको मैसेज, ईमेल और फेसबुक के जरिए लिंक भेजते हैं। जिसके बाद अपराधी यूजर को लिंक पर क्लिक करके अपने गोपनीय जानकारी को दर्ज करने के लिए कहते हैं।


उदाहरण के तौर पर, हैकर्स यूजर को मैसेज या ईमेल के जरिए लिंक भेजते हैं और KYC या अन्य किसी भी डॉक्युमेंट को लिंक करने के लिए कहते हैं। यूजर्स द्वारा ऐसा नहीं करने पर बैंक अकाउंट ब्लॉक होने की चेतावनी दी जाती है। ऐसी स्थिति में यूजर्स उस लिंक पर क्लिक कर अपनी निजी जानकारी साझा कर देते हैं। और यहीं पर यूजर की एक गलती या लापरवाही उसको बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा देती है।

यह भी देखे-पब्लिक प्लेस पर फोन ना करें चार्ज, एक गलती से गंवा सकते हैं जिंदगी भर की कमाई

फिशिंग अटैक से कैसे बचें?

Phising Attacks Tips
Phising Attacks Tips
  • आपको कभी भी बिना वेरिफिकेशन के किसी भी अनजान स्त्रोत से आए हुए लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी अनजान के साथ अपनी निजी जानकारी को साझा ना करें।
  • किसी भी अनजान लिंक के जरिए KYC अपडेट करने से पहले अपने बैंक की होम ब्रांच या रिलेशनशिप मैनेजर से KYC स्टेटस को लेकर परामर्श जरूर करें।
  • स्कैम का शिकार होने पर देरी ना करते हुए पीड़ित को नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर सूचित करना चाहिए।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...